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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Al-Qasas   Ayah:
فَلَمَّا جَآءَهُمْ مُّوْسٰی بِاٰیٰتِنَا بَیِّنٰتٍ قَالُوْا مَا هٰذَاۤ اِلَّا سِحْرٌ مُّفْتَرًی وَّمَا سَمِعْنَا بِهٰذَا فِیْۤ اٰبَآىِٕنَا الْاَوَّلِیْنَ ۟
फिर जब मूसा अलैहिस्सलाम उनके पास हमारी स्पष्ट निशानियाँ लेकर आए, तो उन लोगों ने कहा : यह तो केवल एक गढ़ा हुआ झूठ है, जिसे मूसा ने गढ़ लिया है। और हमने अपने पूर्वजों के बीच इसके बारे में कभी नहीं सुना।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَقَالَ مُوْسٰی رَبِّیْۤ اَعْلَمُ بِمَنْ جَآءَ بِالْهُدٰی مِنْ عِنْدِهٖ وَمَنْ تَكُوْنُ لَهٗ عَاقِبَةُ الدَّارِ ؕ— اِنَّهٗ لَا یُفْلِحُ الظّٰلِمُوْنَ ۟
तथा मूसा अलैहिस्सलाम ने फ़िरऔन को संबोधित करते हुए कहा : मेरा रब उस सत्यवान् को भली-भाँति जनता है, जो उस महिमावान के पास से मार्गदर्शन लेकर आया है, तथा वह उसे भी जनता है जिसका आख़िरत में परिणाम सराहनीय होगा।निःसंदेह अत्याचारी लोग उस चीज़ की प्राप्ति में सफल नहीं होते, जो वे चाहते हैं और न उस चीज़ से बच पाते हैं, जिससे वे डरते हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَقَالَ فِرْعَوْنُ یٰۤاَیُّهَا الْمَلَاُ مَا عَلِمْتُ لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرِیْ ۚ— فَاَوْقِدْ لِیْ یٰهَامٰنُ عَلَی الطِّیْنِ فَاجْعَلْ لِّیْ صَرْحًا لَّعَلِّیْۤ اَطَّلِعُ اِلٰۤی اِلٰهِ مُوْسٰی ۙ— وَاِنِّیْ لَاَظُنُّهٗ مِنَ الْكٰذِبِیْنَ ۟
फ़िरऔन ने अपनी जाति के प्रमुखों को संबोधित करते हुए कहा : ऐ प्रमुखो! मैं तुम्हारे लिए अपने सिवा कोई पूज्य नहीं जानता। अतः ऐ हामान! मेरे लिए मिट्टी पर आग जलाओ, यहाँ तक कि वह पक (कर ईंट बन) जाए। फिर उससे मेरे लिए एक ऊँचे भवन का निर्माण करो, ताकि मैं मूसा के पूज्य को देख सकूँ और उससे परिचित हो सकूँ। निश्चय मैं मूसा को अपने इस दावे में झूठा समझता हूँ कि वह अल्लाह की ओर से मेरी तथा मेरी जाति की ओर रसूल बनाकर भेजा गया है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاسْتَكْبَرَ هُوَ وَجُنُوْدُهٗ فِی الْاَرْضِ بِغَیْرِ الْحَقِّ وَظَنُّوْۤا اَنَّهُمْ اِلَیْنَا لَا یُرْجَعُوْنَ ۟
फ़िरऔन तथा उसके सैनिकों का अहंकार बढ़ गया और वे मिस्र की भूमि में बिना कारण के बड़े बन बैठे, तथा उन्होंने मृत्यु के पश्चात पुनः जीवित कर उठाए जाने का इनकार कर दिया और यह सोचा कि वे क़ियामत के दिन हिसाब-किताब और दंड के लिए हमारे पास नहीं लौटाए जाएँगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَاَخَذْنٰهُ وَجُنُوْدَهٗ فَنَبَذْنٰهُمْ فِی الْیَمِّ ۚ— فَانْظُرْ كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الظّٰلِمِیْنَ ۟
तो हमने उसको और उसके सैनिकों को पकड़ लिया और उन्हें समुद्र में डूबने के लिए फेंक दिया, यहाँ तक कि वे सभी नष्ट हो गए। अतः (ऐ रसूल!) आप ग़ौर करें कि अत्याचारियों का परिणाम और उनका अंत कैसा था। निश्चय उनका परिणाम और अंत विनाश था।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَجَعَلْنٰهُمْ اَىِٕمَّةً یَّدْعُوْنَ اِلَی النَّارِ ۚ— وَیَوْمَ الْقِیٰمَةِ لَا یُنْصَرُوْنَ ۟
और हमने उन्हें सरकश और गुमराह लोगों का अगुआ बना दिया, जो कुफ़्र और गुमराही फैलाकर लोगों को आग की ओर बुलाते हैं। क़ियामत के दिन उन्हें यातना से बचाकर उनकी सहायता नहीं की जाएगी। बल्कि बुरे कार्यों को रिवाज देने और गुमराही की ओर बुलाने के कारण, उनके लिए यातना दोगुनी कर दी जाएगी। उन्हें अपने कार्यों का बोझ और उन लोगों के कार्यों का भी बोझ उठाना पड़ेगा, जिन्होंने उन कार्यों के करने में उनका पालन किया।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاَتْبَعْنٰهُمْ فِیْ هٰذِهِ الدُّنْیَا لَعْنَةً ۚ— وَیَوْمَ الْقِیٰمَةِ هُمْ مِّنَ الْمَقْبُوْحِیْنَ ۟۠
और हमने इस दुनिया में उनके दंड के अलावा उनके पीछे अपमान और तिरस्कार लगा दिया, तथा क़ियामत के दिन वे अल्लाह की दया से दूर रखे गए निंदनीय लोगों में से होंगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا مُوْسَی الْكِتٰبَ مِنْ بَعْدِ مَاۤ اَهْلَكْنَا الْقُرُوْنَ الْاُوْلٰی بَصَآىِٕرَ لِلنَّاسِ وَهُدًی وَّرَحْمَةً لَّعَلَّهُمْ یَتَذَكَّرُوْنَ ۟
हमने मूसा अलैहिस्सलाम को तौरात प्रदान की, इसके पश्चात कि जब हमने पिछली जातियों की ओर अपने रसूल भेजे, लेकिन उन्होंने उन्हें झुठला दिया, तो हमने उन्हें झुठलाने के कारण उनका विनाश कर दिया। इसमें लोगों के लिए यह व्याख्या मौजूद है कि उनके लिए क्या लाभदायक है, कि वे उसपर अमल करें और उनके लिए क्या हानिकारक है, कि वे उसे छोड़ दें। तथा इसमें भलाई की ओर उनका मार्गदर्शन और दया है क्योंकि इसमें दुनिया एवं आख़िरत की भलाई है, ताकि वे अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों को याद करें और उसका शुक्र करें और उसपर ईमान लाएँ।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• رَدُّ الحق بالشبه الواهية شأن أهل الطغيان.
• निराधार संदेहों के द्वारा सत्य को रद्द कर देना सरकश लोगों का काम है।

• التكبر مانع من اتباع الحق.
• अहंकार सत्य का अनुसरण करने से रोकता है।

• سوء نهاية المتكبرين من سنن رب العالمين.
• अहंकारियों का बुरा अंत सर्व संसार के पालनहार का नियम है।

• للباطل أئمته ودعاته وصوره ومظاهره.
• असत्य के अपने अगुवा और प्रचारक तथा उसके रूप एवं दृश्य हैं।

 
Translation of the meanings Surah: Al-Qasas
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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