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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Āl-‘Imrān   Ayah:
وَسَارِعُوْۤا اِلٰی مَغْفِرَةٍ مِّنْ رَّبِّكُمْ وَجَنَّةٍ عَرْضُهَا السَّمٰوٰتُ وَالْاَرْضُ ۙ— اُعِدَّتْ لِلْمُتَّقِیْنَ ۟ۙ
अच्छे काम करने और विभिन्न प्रकार के नेकी के कामों के द्वारा अल्लाह की निकटता प्राप्त करने में जल्दी और पहल करो, ताकि तुम्हें अल्लाह की महान क्षमा मिल सके और तुम ऐसी जन्नत में प्रवेश कर सको, जिसकी चौड़ाई आकाशों और धरती के बराबर है, जिसे अल्लाह ने अपने डरने वाले बंदों के लिए तैयार किया है।
Arabic explanations of the Qur’an:
الَّذِیْنَ یُنْفِقُوْنَ فِی السَّرَّآءِ وَالضَّرَّآءِ وَالْكٰظِمِیْنَ الْغَیْظَ وَالْعَافِیْنَ عَنِ النَّاسِ ؕ— وَاللّٰهُ یُحِبُّ الْمُحْسِنِیْنَ ۟ۚ
अल्लाह से डरने वाले (तक़्वा वाले) वे लोग हैं, जो कठिनाई एवं आसानी की स्थिति में अपना धन अल्लाह के मार्ग में खर्च करते हैं, तथा बदला लेने की क्षमता होने के उपरांत भी अपने क्रोध को रोकने वाले और जिसने उनके साथ अन्याय किया है उसे क्षमा कर देने वाले हैं। और अल्लाह ऐसी नैतिकता से सुसज्जित परोपकारी लोगों से प्यार करता है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَالَّذِیْنَ اِذَا فَعَلُوْا فَاحِشَةً اَوْ ظَلَمُوْۤا اَنْفُسَهُمْ ذَكَرُوا اللّٰهَ فَاسْتَغْفَرُوْا لِذُنُوْبِهِمْ۫— وَمَنْ یَّغْفِرُ الذُّنُوْبَ اِلَّا اللّٰهُ ۪۫— وَلَمْ یُصِرُّوْا عَلٰی مَا فَعَلُوْا وَهُمْ یَعْلَمُوْنَ ۟
और वे ऐसे लोग हैं कि जब वे कोई बड़ा गुनाह कर बैठते हैं या छोटे गुनाह में पड़कर अपना भाग कम कर लेते हैं, तो अल्लाह को याद करते हैं, तथा अवज्ञाकारियों के लिए उसकी धमकी और आज्ञाकारियों के लिए उसके वचन को याद करते हैं, फिर वे अपने पालनहार से पश्चातापी (लज्जित) होकर अपने गुनाहों को छिपाने और उनपर पकड़ न करने की याचना करते हैं। क्योंकि गुनाहों को केवल अल्लाह ही क्षमा कर सकता है। और वे अपने गुनाहों पर अडिग नहीं रहते हैं, जबकि वे जानते हैं कि वे दोषी हैं और यह कि अल्लाह सभी गुनाहों को क्षमा कर देता है।
Arabic explanations of the Qur’an:
اُولٰٓىِٕكَ جَزَآؤُهُمْ مَّغْفِرَةٌ مِّنْ رَّبِّهِمْ وَجَنّٰتٌ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا ؕ— وَنِعْمَ اَجْرُ الْعٰمِلِیْنَ ۟ؕ
इन अच्छे गुणों और गौरवशाली विशेषताओं से सुसज्जित लोगों का बदला यह है कि अल्लाह उनके गुनाहों पर पर्दा डाल देगा और उन्हें क्षमा कर देगा। तथा उनके लिए आख़िरत में ऐसे बाग़ हैं, जिनके महलों के नीचे नहरें बहती होंगी, जिनमें वे हमेशा रहेंगे। और अल्लाह का आज्ञापालन करने वालों के लिए यह बदला क्या ही अच्छा है।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَدْ خَلَتْ مِنْ قَبْلِكُمْ سُنَنٌ ۙ— فَسِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَانْظُرُوْا كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُكَذِّبِیْنَ ۟
जब उहुद के दिन मोमिनों को उनपर उतरने वाली विपदा के द्वारा आज़माया गया, तो अल्लाह ने उन्हें सांत्वना देते हुए फ़रमाया : तुमसे पूर्व भी काफिरों के विनाश किए जाने तथा मोमिनों की परीक्षा के पश्चात उन का अंत सुमंगल होने के कई ईश्वरीय परंपराएं गुज़र चुकी हैं। अतः तुम धरती में चलो-फिरो और सीख प्राप्त करते हुए देखो कि अल्लाह और उसके रसूल को झुठलाने वालों का अंत कैसे हुआ। उनके घर उजड़ गए और उनका राज्य समाप्त हो गया।
Arabic explanations of the Qur’an:
هٰذَا بَیَانٌ لِّلنَّاسِ وَهُدًی وَّمَوْعِظَةٌ لِّلْمُتَّقِیْنَ ۟
यह क़ुरआन सभी लोगों के लिए सत्य का वर्णन और असत्य से चेतावनी है, तथा वह अल्लाह से डरने वालों (धर्मियों) के लिए मार्गदर्शन का संकेत और (बुराई का) प्रतिरोधक है। क्योंकि यही लोग उसके मार्गदर्शन और निर्देश से लाभ उठाने वाले हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلَا تَهِنُوْا وَلَا تَحْزَنُوْا وَاَنْتُمُ الْاَعْلَوْنَ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟
(ऐ ईमान वालो) तुम कमज़ोर न पड़ो और न ही उहुद के दिन पहुँचने वाली तक्लीफ पर शोक करो, और न ही तुम्हारे लिए ऐसा करना उचित है। क्योंकि अपने ईमान के कारण तुम ही सर्वोच्च हो, तथा अल्लाह की सहायता और उसकी मदद की आशा रखने के कारण तुम ही बुलंद हो, यदि तुम अल्लाह और उसके अपने सदाचारी बंदों से किए हुए वादे पर विश्वास रखने वाले हो।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنْ یَّمْسَسْكُمْ قَرْحٌ فَقَدْ مَسَّ الْقَوْمَ قَرْحٌ مِّثْلُهٗ ؕ— وَتِلْكَ الْاَیَّامُ نُدَاوِلُهَا بَیْنَ النَّاسِ ۚ— وَلِیَعْلَمَ اللّٰهُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَیَتَّخِذَ مِنْكُمْ شُهَدَآءَ ؕ— وَاللّٰهُ لَا یُحِبُّ الظّٰلِمِیْنَ ۟ۙ
(ऐ ईमान वालो) यदि उहुद के दिन तुम्हें घाव लगे हैं और तुम में से कुछ लोग शहीद हुए हैं, तो इसी प्रकार काफिरों को भी घाव लगे हैं और उनके भी लोग मारे गए हैं। और अल्लाह दिनों को मोमिनों और काफ़िरों के बीच जैसे चाहता है, विजय और पराजय के साथ फेरता (बदलता) रहता है; जिसके पीछे व्यापक हिकमतें हैं, जिनमें से एक यह है कि : सच्चे ईमान वाले, मुनाफ़िक़ों (पाखंडियों) से स्पष्ट हो जाएँ। तथा एक हिकमत यह भी है कि : अल्लाह जिसे चाहे अपने रास्ते में शहादत से सम्मानित करे। और अल्लाह अपने रास्ते में जिहाद को छोड़कर खुद पर अत्याचार करने वालों से प्यार नहीं करता।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• الترغيب في المسارعة إلى عمل الصالحات اغتنامًا للأوقات، ومبادرة للطاعات قبل فواتها.
• अवसरों का लाभ उठाते हुए और नेकियों का समय निकलने से पूर्व उनमें पहल करते हुए, अच्छे कार्यों के लिए जल्दी करने के लिए प्रोत्साहित करना।

• من صفات المتقين التي يستحقون بها دخول الجنة: الإنفاق في كل حال، وكظم الغيظ، والعفو عن الناس، والإحسان إلى الخلق.
• मुत्तक़ियों के कुछ गुण जिनके कारण वे स्वर्ग में प्रवेश करने के पात्र होंगे, ये हैं : हर हाल में खर्च करना, क्रोध पी जाना, लोगों को क्षमा कर देना और मख़लूक के साथ भलाई करना।

• النظر في أحوال الأمم السابقة من أعظم ما يورث العبرة والعظة لمن كان له قلب يعقل به.
• पिछले समुदायों की स्थितियों में मननचिंतन करना, समझ-बूझ वाला दिल रखने वाले के लिए, शिक्षा व सीख के महान कारणों में से है।

 
Translation of the meanings Surah: Āl-‘Imrān
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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