Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Qāf   Ayah:

सूरा क़ाफ़

Purposes of the Surah:
وعظ القلوب بالموت والبعث.
मृत्यु और मरणोपरांत पुनर्जीवन के द्वारा दिलों को उपदेश करना।

قٓ ۫— وَالْقُرْاٰنِ الْمَجِیْدِ ۟ۚ
{क़ाफ़} सूरतुल-बक़रा के आरंभ में इस प्रकार के अक्षरों के बारे में बात गुज़र चुकी है।। अल्लाह ने महान क़ुरआन की क़सम खाई है क्योंकि उसके अर्थ बहुत व्यापक तथा उसकी भलाइयाँ और बरकतें बहुत अधिक हैं; कि तुम क़ियामत के दिन हिसाब और बदले के लिए ज़रूर उठाए जाओगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
بَلْ عَجِبُوْۤا اَنْ جَآءَهُمْ مُّنْذِرٌ مِّنْهُمْ فَقَالَ الْكٰفِرُوْنَ هٰذَا شَیْءٌ عَجِیْبٌ ۟ۚ
उनके इनकार करने का कारण यह नहीं था कि वे आपसे झूठ बोलने की उम्मीद करते थे, क्योंकि वे आपकी सच्चाई जानते थे। बल्कि, उन्हें आश्चर्य हुआ कि उनके पास, फ़रिश्तों में से न होकर, उन्हीं में से एक डराने वाला रसूल आया। उन्होंने आश्चर्य चकित होकर कहा : एक मानव रसूल का हमारे पास आना बड़ी विचित्र बात है!
Arabic explanations of the Qur’an:
ءَاِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا ۚ— ذٰلِكَ رَجْعٌ بَعِیْدٌ ۟
क्या जब हम मर गए और मिट्टी हो गए, तो दोबारा जीवित करके उठाए जाएँगे?! यह दोबारा जीवित होना और हमारे शरीर में उनके सड़-गल जाने के बाद जीवन की वापसी एक असंभावित चीज़ है, यह नहीं हो सकता।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَدْ عَلِمْنَا مَا تَنْقُصُ الْاَرْضُ مِنْهُمْ ۚ— وَعِنْدَنَا كِتٰبٌ حَفِیْظٌ ۟
निश्चय हमें मालूम है कि उनकी मृत्यु के बाद धरती उनके शरीर का क्या खाती और नष्ट करती है, उसमें से कुछ भी हमसे छिपा नहीं है। तथा हमारे पास एक पुस्तक है, जो उन सभी चीज़ों को सुरक्षित रखने वाली है, जो अल्लाह उनके जीवन के दौरान और उनकी मृत्यु के बाद उनके लिए निर्धारित करता है।
Arabic explanations of the Qur’an:
بَلْ كَذَّبُوْا بِالْحَقِّ لَمَّا جَآءَهُمْ فَهُمْ فِیْۤ اَمْرٍ مَّرِیْجٍ ۟
बल्कि इन मुश्रिकों ने क़ुरआन को झुठला दिया, जब रसूल उसे उनके पास लेकर आए। अतः वे एक उलझी हुई स्थिति में हैं, उसके बारे में किसी एक चीज़ पर स्थिर नहीं हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
اَفَلَمْ یَنْظُرُوْۤا اِلَی السَّمَآءِ فَوْقَهُمْ كَیْفَ بَنَیْنٰهَا وَزَیَّنّٰهَا وَمَا لَهَا مِنْ فُرُوْجٍ ۟
क्या इन पुनर्जीवन का इनकार करने वालों ने अपने ऊपर फैले आकाश पर विचार नहीं किया कि हमने कैसे उसकी रचना की और उसे बनाया तथा उसे उन सितारों से सजाया, जो हमने उसमें रखे हैं, तथा उसमें कोई दरारें नहीं हैं, जो उसे दोषपूर्ण बनाती हों?! अतः जिसने इस आकाश को बनाया, वह मरे हुए लोगों को फिर से जीवित करने में असमर्थ नहीं है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَالْاَرْضَ مَدَدْنٰهَا وَاَلْقَیْنَا فِیْهَا رَوَاسِیَ وَاَنْۢبَتْنَا فِیْهَا مِنْ كُلِّ زَوْجٍ بَهِیْجٍ ۟ۙ
और हमने धरती को फैलाकर उसे रहने योग्य बनाया और उसमें मज़बूत पहाड़ गाड़ दिए, ताकि वह हिले-डुले नहीं, और उसमें हर प्रकार के अच्छी दृष्टि वाले पौधे और वृक्ष उगाए।
Arabic explanations of the Qur’an:
تَبْصِرَةً وَّذِكْرٰی لِكُلِّ عَبْدٍ مُّنِیْبٍ ۟
हमने यह सब हर उस बंदे को दिखाने और याद दिलाने के उद्देश्य से पैदा किया, जो आज्ञाकारिता के साथ अपने पालनहार की ओर लौटने वाला है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَنَزَّلْنَا مِنَ السَّمَآءِ مَآءً مُّبٰرَكًا فَاَنْۢبَتْنَا بِهٖ جَنّٰتٍ وَّحَبَّ الْحَصِیْدِ ۟ۙ
और हमने आकाश से बहुत लाभ और भलाई वाला पानी उतारा, फिर उस पानी से हमने बाग़ उगाए, तथा जौ आदि के दाने उगाए, जिन्हें तुम काटते हो।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَالنَّخْلَ بٰسِقٰتٍ لَّهَا طَلْعٌ نَّضِیْدٌ ۟ۙ
और उस पानी से लंबे-लंबे ऊँचे खजूर के पेड़ उगाए, जिनके गुच्छे गुथे हुए और एक दूसरे के ऊपर हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
رِّزْقًا لِّلْعِبَادِ ۙ— وَاَحْیَیْنَا بِهٖ بَلْدَةً مَّیْتًا ؕ— كَذٰلِكَ الْخُرُوْجُ ۟
हमने इसमें से जो कुछ उगाया, उसे बंदों की रोज़ी के लिए उगाया, जिससे वे खाते हैं। और इसके साथ हमने एक ऐसे शहर को पुनर्जीवित कर दिया जिसमें कोई वनस्पति नहीं है। जिस तरह हमने इस बारिश से एक वनस्पति रहित शहर को पुनर्जीवित किया, उसी तरह हम मरे हुए लोगों को पुनर्जीवित करेंगे। चुनाँचे वे जीवित होकर बाहर निकलेंगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
كَذَّبَتْ قَبْلَهُمْ قَوْمُ نُوْحٍ وَّاَصْحٰبُ الرَّسِّ وَثَمُوْدُ ۟ۙ
(ऐ रसूल!) आपको झुठलाने वाले इन लोगों से पहले भी कई समुदाय अपने नबियों को झुठला चुके हैं। चुनाँचे नूह की जाति, कुएँ वालों और समूद ने झुठलाया।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَعَادٌ وَّفِرْعَوْنُ وَاِخْوَانُ لُوْطٍ ۟ۙ
तथा आद, फ़िरऔन और लूत की जाति ने झुठलाया।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَّاَصْحٰبُ الْاَیْكَةِ وَقَوْمُ تُبَّعٍ ؕ— كُلٌّ كَذَّبَ الرُّسُلَ فَحَقَّ وَعِیْدِ ۟
शुऐब अलैहिस्सलाम की जाति 'ऐका' वालों ने और यमन के राजा तुब्ब' की जाति के लोगों ने (अपने रसूल को) झुठलाया। इन सभी जातियों के लोगों ने अल्लाह के उन रसूलों को झुठलाया जिन्हें उसने भेजा था। सो उनपर अल्लाह के अज़ाब का वादा साबित (प्रमाणित) हो गया।
Arabic explanations of the Qur’an:
اَفَعَیِیْنَا بِالْخَلْقِ الْاَوَّلِ ؕ— بَلْ هُمْ فِیْ لَبْسٍ مِّنْ خَلْقٍ جَدِیْدٍ ۟۠
क्या हम तुम्हें पहली बार पैदा करने में असमर्थ रहे थे कि तुम्हें दोबारा जीवित करने में असमर्थ रहेंगे?! बल्कि वे अपनी पहली रचना के बाद दूसरी रचना के बारे में संदेह में पड़े हुए हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• المشركون يستعظمون النبوة على البشر، ويمنحون صفة الألوهية للحجر!
• शिर्क करने वाले मनुष्य के नबी होने को बहुत बड़ा समझते हैं, जबकि पत्थर को देवत्व का गुण प्रदान करते हैं!

• خلق السماوات، وخلق الأرض، وإنزال المطر، وإنبات الأرض القاحلة، والخلق الأول: كلها أدلة على البعث.
• आकाशों की रचना, धरती की रचना, बारिश उतारना, बंजर भूमि से पेड़-पौधे उगाना और पहली बार पैदा करना : ये सभी पुनर्जीवन के प्रमाण हैं।

• التكذيب بالرسل عادة الأمم السابقة، وعقاب المكذبين سُنَّة إلهية.
• रसूलों को झुठलाना पिछले समुदायों की आदत रही है और झुठलाने वालों को सज़ा देना अल्लाह की परंपरा रही है।

وَلَقَدْ خَلَقْنَا الْاِنْسَانَ وَنَعْلَمُ مَا تُوَسْوِسُ بِهٖ نَفْسُهٗ ۖۚ— وَنَحْنُ اَقْرَبُ اِلَیْهِ مِنْ حَبْلِ الْوَرِیْدِ ۟
निःसंदेह हमने इनसान को पैदा किया और हम उन विचारों और ख़यालों से अवगत हैं, जो उसके दिल में आते हैं। और हम उससे उसके गले की उस नस से भी अधिक क़रीब हैं जो दिल से जुड़ी होती है।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِذْ یَتَلَقَّی الْمُتَلَقِّیٰنِ عَنِ الْیَمِیْنِ وَعَنِ الشِّمَالِ قَعِیْدٌ ۟
जब दो लेने वाले फ़रिश्ते उसके अमल को लेते हैं। उनमें से एक उसके दाहिनी ओर बैठा है, और दूसरा उसके बाईं ओर बैठा है।
Arabic explanations of the Qur’an:
مَا یَلْفِظُ مِنْ قَوْلٍ اِلَّا لَدَیْهِ رَقِیْبٌ عَتِیْدٌ ۟
वह कोई बात नहीं बोलता, परंतु उसके पास एक निरीक्षक फ़रिश्ता उसकी बात लिखने के लिए उपस्थित होता है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَجَآءَتْ سَكْرَةُ الْمَوْتِ بِالْحَقِّ ؕ— ذٰلِكَ مَا كُنْتَ مِنْهُ تَحِیْدُ ۟
और मौत की सख़्ती उस सच्चाई के साथ आ गई, जिससे बचने का कोई उपाय नहीं है। यही है वह जिससे (ऐ बेख़बर इनसान!) तू कतराता और भागता था।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَنُفِخَ فِی الصُّوْرِ ؕ— ذٰلِكَ یَوْمُ الْوَعِیْدِ ۟
और सूर (नरसिंघा) में फूँक मारने पर नियुक्त फ़रिश्ते ने दूसरी बार फूँक मार दी। यही क़ियामत का दिन, काफ़िरों और पापियों के लिए यातना की धमकी का दिन है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَجَآءَتْ كُلُّ نَفْسٍ مَّعَهَا سَآىِٕقٌ وَّشَهِیْدٌ ۟
और हर व्यक्ति इस हाल में आएगा कि उसके साथ एक फ़रिश्ता उसे हाँकने के लिए और एक फ़रिश्ता उसके विरुद्ध उसके कामों की गवाही देने के लिए होगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
لَقَدْ كُنْتَ فِیْ غَفْلَةٍ مِّنْ هٰذَا فَكَشَفْنَا عَنْكَ غِطَآءَكَ فَبَصَرُكَ الْیَوْمَ حَدِیْدٌ ۟
और इस हाँककर लाए गए व्यक्ति से कहा जाएगा : निश्चय तुम दुनिया में इस दिन से बहुत ग़ाफ़िल थे; क्योंकि तुम अपनी इच्छाओं और सुखों से धोखा खा गए थे। अब तुम जिस यातना और पीड़ा को देख रहे हो, उसके द्वारा हमने तुम्हारी गफ़लत का परदा हटा दिया। सो आज तुम्हारी निगाह बड़ी तेज़ है, जिससे तुम उस चीज़ का बोध कर सकते हो, जिससे तुम गफ़लत में पड़े थे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَقَالَ قَرِیْنُهٗ هٰذَا مَا لَدَیَّ عَتِیْدٌ ۟ؕ
और फ़रिश्तों में से उसपर नियुक्त उसका साथी कहेगा : यह मेरे पास उसके काम का विवरण है, जो बिना किसी कमी-बेशी के मौजूद है।
Arabic explanations of the Qur’an:
اَلْقِیَا فِیْ جَهَنَّمَ كُلَّ كَفَّارٍ عَنِیْدٍ ۟ۙ
और अल्लाह हाँककर लाने वाले और गवाही देने वाले, दोनों फ़रिश्तों से कहेगा : हर सत्य के इनकार करने वाले और उससे दुराग्रह रखने वाले को जहन्नम में डाल दो।
Arabic explanations of the Qur’an:
مَّنَّاعٍ لِّلْخَیْرِ مُعْتَدٍ مُّرِیْبِ ۟ۙ
जो अपने ऊपर अल्लाह के अनिवार्य किए हुए अधिकार को बहुत रोकने वाला, अल्लाह की सीमाओं को लाँघने वाला, उसने वादे या धमकी के बारे में जो सूचना दी है उसमें संदेह करने वाला है।
Arabic explanations of the Qur’an:
١لَّذِیْ جَعَلَ مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ فَاَلْقِیٰهُ فِی الْعَذَابِ الشَّدِیْدِ ۟
जिसने अल्लाह के साथ दूसरा पूज्य बना लिया, जिसे वह उसके साथ इबादत में साझी ठहराता है। अतः तुम दोनों उसे कठोर यातना में डाल दो।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالَ قَرِیْنُهٗ رَبَّنَا مَاۤ اَطْغَیْتُهٗ وَلٰكِنْ كَانَ فِیْ ضَلٰلٍۢ بَعِیْدٍ ۟
शैतानों में से उसका साथी उससे अलगाव प्रकट करते हुए कहेगा : ऐ हमारे पालनहार! मैंने उसे गुमराह नहीं किया था। परंतु वह खुद ही सत्य से परे दूर की गुमराही में पड़ा हुआ था।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالَ لَا تَخْتَصِمُوْا لَدَیَّ وَقَدْ قَدَّمْتُ اِلَیْكُمْ بِالْوَعِیْدِ ۟
अल्लाह ने कहा : तुम मेरे पास मत झगड़ो। क्योंकि इससे कोई फायदा नहीं है। क्योंकि मैंने तुम्हें दुनिया ही में अपने रसूलों के माध्यम से मेरा इनकार करने वाले और मेरी अवज्ञा करने वाले को सख्त धमकी से सावधान कर दिया था।
Arabic explanations of the Qur’an:
مَا یُبَدَّلُ الْقَوْلُ لَدَیَّ وَمَاۤ اَنَا بِظَلَّامٍ لِّلْعَبِیْدِ ۟۠
मेरे यहाँ बात बदली नहीं जाती और मेरा वादा नहीं टूटता, तथा मैं बंदों पर उनके अच्छे कामों को कम करके या उनके बुरे कामों को बढ़ाकर अत्याचार नहीं करता।बल्कि मैं उन्हें उनके किए का बदला देता हूँ।
Arabic explanations of the Qur’an:
یَوْمَ نَقُوْلُ لِجَهَنَّمَ هَلِ امْتَلَاْتِ وَتَقُوْلُ هَلْ مِنْ مَّزِیْدٍ ۟
जिस दिन हम जहन्नम से कहेंगे : क्या तू उन काफ़िरों और पापियों से भर गया, जो तेरे अंदर डाले गए हैं? तो वह अपने रब को जवाब देगा : क्या कुछ और भी है? उसका यह कहना अपने रब के लिए क्रोध के तौर पर वृद्धि के अनुरोध के लिए होगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاُزْلِفَتِ الْجَنَّةُ لِلْمُتَّقِیْنَ غَیْرَ بَعِیْدٍ ۟
और जन्नत उन लोगों के लिए निकट कर दी जाएगी, जो अपने पालनहार से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से परहेज़ करके, डरने वाले हैं। चुनाँचे वे उसमें मौजूद नेमतों को देखेंगे, वह उनसे दूर नहीं होगी।
Arabic explanations of the Qur’an:
هٰذَا مَا تُوْعَدُوْنَ لِكُلِّ اَوَّابٍ حَفِیْظٍ ۟ۚ
और उनसे कहा जाएगा : यही है जिसका अल्लाह ने तुमसे वादा किया था, हर उस व्यक्ति के लिए जो अपने रब की ओर तौबा के द्वारा बहुत लौटने वाला है, उसके पालनहार ने उसे जिस चीज़ के लिए बाध्य किया है, उसका संरक्षण करने वाला है।
Arabic explanations of the Qur’an:
مَنْ خَشِیَ الرَّحْمٰنَ بِالْغَیْبِ وَجَآءَ بِقَلْبٍ مُّنِیْبِ ۟ۙ
जो परोक्ष में अल्लाह से डरा, जहाँ उसे अल्लाह के सिवा कोई नहीं देखता, और अल्लाह से ऐसे शुद्ध हृदय के साथ मिला, जो अल्लाह की ओर ध्यान करने वाला और उसकी ओर बहुत ज़्यादा लौटने वाला है।
Arabic explanations of the Qur’an:
١دْخُلُوْهَا بِسَلٰمٍ ؕ— ذٰلِكَ یَوْمُ الْخُلُوْدِ ۟
उनसे कहा जाएगा : जिस चीज़ को तुम नापसंद करते हो, उससे सुरक्षा और सलामती के साथ जन्नत में प्रवेश कर जाओ। यही हमेशा रहने का दिन है, जिसके बाद कोई विनाश नहीं है।
Arabic explanations of the Qur’an:
لَهُمْ مَّا یَشَآءُوْنَ فِیْهَا وَلَدَیْنَا مَزِیْدٌ ۟
उनके लिए उसके अंदर वह सारी अनंत नेमतें होंगी, जो वे चाहेंगे। और हमारे पास इससे भी अधिक ऐसी नेमतें हैं, जिन्हें न किसी आँख ने देखा है, न किसी कान ने सुना है और न किसी मानव हृदय ने कभी सोचा है, और इसी में - सबसे महान - सर्वशक्तिमान अल्लाह का दर्शन शामिल है।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• علم الله بما يخطر في النفوس من خير وشر.
• हृदय में आने वाले अच्छे और बुरे विचारों को अल्लाह जानता है।

• خطورة الغفلة عن الدار الآخرة.
• आख़िरत के घर से लापरवाही करने का खतरा।

• ثبوت صفة العدل لله تعالى.
• अल्लाह के लिए 'अद्ल' (न्याय) के गुण का प्रमाण।

وَكَمْ اَهْلَكْنَا قَبْلَهُمْ مِّنْ قَرْنٍ هُمْ اَشَدُّ مِنْهُمْ بَطْشًا فَنَقَّبُوْا فِی الْبِلَادِ ؕ— هَلْ مِنْ مَّحِیْصٍ ۟
हमने मक्का के इन झुठलाने वाले मुश्रिकों से पहले कितने ही समुदायों को विनष्ट कर दिया, जो इनसे अधिक शक्तिशाली थे। उन्होंने नगरों को छान मारा, शायद उन्हें यातना से भागने का कोई स्थान मिल जाए, पर उन्हें वह नहीं मिला।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَذِكْرٰی لِمَنْ كَانَ لَهٗ قَلْبٌ اَوْ اَلْقَی السَّمْعَ وَهُوَ شَهِیْدٌ ۟
पिछले समुदायों के विनाश का जो यह उल्लेख किया गया है, निश्चय ही इसमें उस व्यक्ति के लिए याद-दहानी और उपदेश है, जिसके पास समझने वाला दिल हो, या वह उसपर अपना कान लगाए इस हाल में कि उसका दिल उपस्थित हो, असावधान न हो।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلَقَدْ خَلَقْنَا السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَیْنَهُمَا فِیْ سِتَّةِ اَیَّامٍ ۖۗ— وَّمَا مَسَّنَا مِنْ لُّغُوْبٍ ۟
निश्चय हमने आकाशों और धरती को, तथा जो कुछ आकाशों और धरती के बीच है; छह दिनों में पैदा किया, जबकि हम उन्हें एक पल में बनाने की क्षमता रखते हैं, और हमें कोई थकान नहीं हुई, जैसा कि यहूदी कहते हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَاصْبِرْ عَلٰی مَا یَقُوْلُوْنَ وَسَبِّحْ بِحَمْدِ رَبِّكَ قَبْلَ طُلُوْعِ الشَّمْسِ وَقَبْلَ الْغُرُوْبِ ۟ۚ
अतः जो कुछ यहूदी और अन्य लोग कहते हैं, (ऐ रसूल!) आप उसपर धैर्य रखें और अपने रब के लिए, उसकी प्रशंसा करते हुए, सूर्योदय से पहले फ़ज्र की नमाज़ पढ़ें और उसके अस्त होने से पहले अस्र की नमाज़ पढ़ें।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمِنَ الَّیْلِ فَسَبِّحْهُ وَاَدْبَارَ السُّجُوْدِ ۟
और रात के कुछ भाग में फिर उसके लिए नमाज़ पढ़ें और नमाज़ों के बाद उसकी पवित्रता (तसबीह) का वर्णन करें।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاسْتَمِعْ یَوْمَ یُنَادِ الْمُنَادِ مِنْ مَّكَانٍ قَرِیْبٍ ۟ۙ
और (ऐ रसूल!) ध्यान से सुनें, जिस दिन सूर में दूसरी बार फूँक मारने पर नियुक्त फ़रिश्ता निकट स्थान से आवाज़ देगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
یَّوْمَ یَسْمَعُوْنَ الصَّیْحَةَ بِالْحَقِّ ؕ— ذٰلِكَ یَوْمُ الْخُرُوْجِ ۟
जिस दिन सभी लोग दोबारा जीवित होकर उठने की तेज़ आवाज़ को उस सत्य के साथ सुनेंगे जिसमें कोई संदेह नहीं। जिस दिन लोग यह आवाज़ सुनेंगे, वही मरे हुए लोगों के अपनी कब्रों से हिसाब और बदले के लिए निकलने का दिन है।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّا نَحْنُ نُحْیٖ وَنُمِیْتُ وَاِلَیْنَا الْمَصِیْرُ ۟ۙ
निश्चय हम ही जीवन देते हैं और हम ही मारते हैं। हमारे सिवा न कोई जीवन देने वाला है और न मारने वाला है। और बंदों को क़ियामत के दिन हिसाब और बदले के लिए केवल हमारी ही ओर लौटकर आना है।
Arabic explanations of the Qur’an:
یَوْمَ تَشَقَّقُ الْاَرْضُ عَنْهُمْ سِرَاعًا ؕ— ذٰلِكَ حَشْرٌ عَلَیْنَا یَسِیْرٌ ۟
जिस दिन धरती उनसे फटेगी और वे तेज़ी से दौड़ते हुए निकलेंगे। यह एकत्र करना हमारे लिए आसान है।
Arabic explanations of the Qur’an:
نَحْنُ اَعْلَمُ بِمَا یَقُوْلُوْنَ وَمَاۤ اَنْتَ عَلَیْهِمْ بِجَبَّارٍ ۫— فَذَكِّرْ بِالْقُرْاٰنِ مَنْ یَّخَافُ وَعِیْدِ ۟۠
हम उसे अधिक जानने वाले हैं, जो कुछ ये झुठलाने वाले कहते हैं। और (ऐ रसूल!) आप उनपर कोई थोपे हुए नहीं हैं कि उन्हें ईमान लाने पर मजबूर करें। आप तो केवल उस चीज़ को पहुँचाने वाले हैं, जिसे पहुँचाने का अल्लाह ने आपको आदेश दिया है। अतः आप क़ुरआन के साथ उस व्यक्ति को उपदेश दें, जो काफ़िरों और अवज्ञाकारियों के लिए मेरी धमकी से डरता है; क्योंकि डरने वाला ही याद दिलाए जाने (उपदेश दिए जाने) पर याद करता और उपदेश ग्रहण करता है।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• الاعتبار بوقائع التاريخ من شأن ذوي القلوب الواعية.
• इतिहास की घटनाओं से वही लोग सीख प्राप्त करते हैं, जिनके पास समझने वाले दिल हों।

• خلق الله الكون في ستة أيام لِحِكَم يعلمها الله، لعل منها بيان سُنَّة التدرج.
• अल्लाह ने ब्रह्मांड को छह दिनों में कुछ हिकमतों के तहत पैदा किया है, जिन्हें अल्लाह ही जानता है। शायद कि उनमें से एक हिकमत क्रमिकता के नियम की व्याख्या है।

• سوء أدب اليهود في وصفهم الله تعالى بالتعب بعد خلقه السماوات والأرض، وهذا كفر بالله.
• यहूदियों का अल्लाह को आकाशों और धरती की रचना करने के बाद थकान से वर्णित करने में बुरा आचरण। यह दरअसल अल्लाह के साथ कुफ़्र है।

 
Translation of the meanings Surah: Qāf
Surahs’ Index Page Number
 
Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Translations’ Index

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

close