Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Translations’ Index


Translation of the meanings Ayah: (68) Surah: Al-An‘ām
وَاِذَا رَاَیْتَ الَّذِیْنَ یَخُوْضُوْنَ فِیْۤ اٰیٰتِنَا فَاَعْرِضْ عَنْهُمْ حَتّٰی یَخُوْضُوْا فِیْ حَدِیْثٍ غَیْرِهٖ ؕ— وَاِمَّا یُنْسِیَنَّكَ الشَّیْطٰنُ فَلَا تَقْعُدْ بَعْدَ الذِّكْرٰی مَعَ الْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
जब (ऐ रसूल!) आप मुश्रिकों को देखें कि वे हमारी आयतों के विषय में व्यंग्य और उपहास के साथ बात करते हैं, तो आप उनसे दूर रहें यहाँ तक कि वे हमारी आयतों के उपहास और व्यंग्य से मुक्त बातचीत में लग जाएँ। यदि शैतान आपको भुला दे और आप उनके साथ बैठ जाएँ, फिर आपको याद आ जाए, तो उनकी सभा को छोड़ दें और इन ज़्यादती करने वालों के साथ न बैठें।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• إثبات أن النومَ موتٌ، وأن الأرواح تُقْبض فيه، ثم تُرَد عند الاستيقاظ.
• यह साबित करना कि नींद मृत्यु है, और यह कि उसमें आत्माएँ निकाल ली जाती हैं, फिर जागने पर लौटा दी जाती हैं।

• الاستدلال على استحقاق الله تعالى للألوهية بدليل الفطرة، فإن أهل الكفر يؤمنون بالله تعالى ويرجعون لفطرتهم عند الاضطرار والوقوع في المهالك، فيسألون الله تعالى وحده.
• फितरत (प्रकृति) के प्रमाण के साथ अल्लाह के उलूहियत (एकमात्र पूज्य होने) का हक़दार होने पर तर्क स्थापित करना। क्योंकि काफिर लोग अल्लाह पर ईमान रखते हैं और मजबूर होने तथा संकटों में पड़ने पर अपनी फितरत की ओर लौट आते हैं। इसलिए वे केवल सर्वशक्तिमान अल्लाह ही से प्रश्न करते हैं।

• إلزام المشركين بمقتضى سلوكهم، وإقامة الدليل على انقلاب فطرتهم، بكونهم يستغيثون بالله وحده في البحر عند الشدة، ويشركون به حين يسلمهم وينجيهم إلى البر.
• मुश्रिकों को उनके व्यवहार के अनुसार बाध्य करना, और उनकी फ़ितरत (प्रकृति) के उलट होने का प्रमाण स्थापित करना, क्योंकि वे समुद्र में संकट में घिरने पर केवल अल्लाह से मदद माँगते हैं, परंतु जब अल्लाह उन्हें बचा लेता है और सुरक्षित थल पर पहुँचा देता है, तो उसके साथ शिर्क करने लगते हैं।

• عدم جواز الجلوس في مجالس أهل الباطل واللغو، ومفارقتُهم، وعدم العودة لهم إلا في حال إقلاعهم عن ذلك.
• झूठ और बेकार की बातें करने वालों की सभा में बैठने की अवैधता, तथा उनसे अलग हो जाना चाहिए और जब तक वे उसे छोड़ न दें, तब तक उनके पास नहीं लौटना चाहिए।

 
Translation of the meanings Ayah: (68) Surah: Al-An‘ām
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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