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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Al-Mumtahanah   Ayah:

अल्-मुम्तह़िना

Purposes of the Surah:
تحذير المؤمنين من تولي الكافرين.
मोमिनों को काफ़िरों को दोस्त बनाने से सावधान करना।

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تَتَّخِذُوْا عَدُوِّیْ وَعَدُوَّكُمْ اَوْلِیَآءَ تُلْقُوْنَ اِلَیْهِمْ بِالْمَوَدَّةِ وَقَدْ كَفَرُوْا بِمَا جَآءَكُمْ مِّنَ الْحَقِّ ۚ— یُخْرِجُوْنَ الرَّسُوْلَ وَاِیَّاكُمْ اَنْ تُؤْمِنُوْا بِاللّٰهِ رَبِّكُمْ ؕ— اِنْ كُنْتُمْ خَرَجْتُمْ جِهَادًا فِیْ سَبِیْلِیْ وَابْتِغَآءَ مَرْضَاتِیْ تُسِرُّوْنَ اِلَیْهِمْ بِالْمَوَدَّةِ ۖۗ— وَاَنَا اَعْلَمُ بِمَاۤ اَخْفَیْتُمْ وَمَاۤ اَعْلَنْتُمْ ؕ— وَمَنْ یَّفْعَلْهُ مِنْكُمْ فَقَدْ ضَلَّ سَوَآءَ السَّبِیْلِ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान रखने और उसकी शरीयत पर अमल करने वालो! मेरे दुश्मनों और अपने दुश्मनों को दोस्त न बनाओ कि उनसे मित्रता रखो और उनके प्रति प्रेम दिखाओं, जबकि उन्होंने उस धर्म का इनकार किया है, जो तुम्हारे नबी के द्वारा तुम्हारे पास आया है। वे रसूल को उनके घर से निकालते हैं तथा तुम्हें भी मक्का में तुम्हारे घरों से निकालते हैं। वे तुम्हारे बारे में रिश्ते-नाते का तनिक भी ख़याल नहीं करते। ऐसा केवल इस कारण करते हैं कि तुम अपने पालनहार अल्लाह पर ईमान ले आए हो। यदि तुम मेरे रास्ते में जिहाद के लिए और मेरी प्रसन्नता तलाश करने के लिए निकले हो, तो ऐसा न करो। तुम उनके प्रति स्नेह के तौर पर उन्हें गुप्त रूप से मुसलमानों की सूचनाएँ प्रदान करते हो, जबकि मैं अच्छी तरह जानता हूँ कि तुमने उसमें से क्या छुपाया है और क्या प्रकट किया है। मुझसे उसमें से या किसी और चीज़ में से कुछ भी छिपा नहीं है। और जो कोई भी काफिरों के प्रति दोस्ती और स्नेह का व्यवहार करेगा, तो वह सीधे रास्ते से हट गया, सत्य मार्ग से भटक गया और यथार्थ से अलग हो गया।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنْ یَّثْقَفُوْكُمْ یَكُوْنُوْا لَكُمْ اَعْدَآءً وَّیَبْسُطُوْۤا اِلَیْكُمْ اَیْدِیَهُمْ وَاَلْسِنَتَهُمْ بِالسُّوْٓءِ وَوَدُّوْا لَوْ تَكْفُرُوْنَ ۟ؕ
यदि वे तुम्हें (कहीं) पा जाएँ, तो अपने दिलों में छिपाई हुई दुश्मनी का प्रदर्शन करेंगे, और कष्ट पहुँचाने तथा मार पीट करने के लिए तुम्हारी ओर अपने हाथ बढ़ाएँगे, और गाली-गलौज करने तथा बुरा-भला कहने के लिए अपनी ज़बानों को आज़ाद छोड़ देंगे, और इस बात की कामना करेंगे कि काश तुम भी अल्लाह और उसके रसूल का इनकार करके उनके जैसे हो जाओ।
Arabic explanations of the Qur’an:
لَنْ تَنْفَعَكُمْ اَرْحَامُكُمْ وَلَاۤ اَوْلَادُكُمْ ۛۚ— یَوْمَ الْقِیٰمَةِ ۛۚ— یَفْصِلُ بَیْنَكُمْ ؕ— وَاللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِیْرٌ ۟
तुम्हारे रिश्तेदार और तुम्हारे बच्चे तुम्हें कदापि कोई लाभ नहीं देंगे, अगर तुमने उनकी खातिर काफिरों से दोस्ती रखी। क़ियामत के दिन अल्लाह तुम्हारे बीच जुदाई डाल देगा। चुनाँचे जन्नती लोग जन्नत में प्रवेश करेंगे और जहन्नमी लोग जहन्नम में। अतः तुम एक-दूसरे को लाभ नहीं पहुँचा सकोगे और अल्लाह तुम्हारे कर्मों को देख रहा है। उससे तुम्हारा कोई काम छिपा नहीं है और वह तुम्हें उनका बदला देगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَدْ كَانَتْ لَكُمْ اُسْوَةٌ حَسَنَةٌ فِیْۤ اِبْرٰهِیْمَ وَالَّذِیْنَ مَعَهٗ ۚ— اِذْ قَالُوْا لِقَوْمِهِمْ اِنَّا بُرَءٰٓؤُا مِنْكُمْ وَمِمَّا تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ؗ— كَفَرْنَا بِكُمْ وَبَدَا بَیْنَنَا وَبَیْنَكُمُ الْعَدَاوَةُ وَالْبَغْضَآءُ اَبَدًا حَتّٰی تُؤْمِنُوْا بِاللّٰهِ وَحْدَهٗۤ اِلَّا قَوْلَ اِبْرٰهِیْمَ لِاَبِیْهِ لَاَسْتَغْفِرَنَّ لَكَ وَمَاۤ اَمْلِكُ لَكَ مِنَ اللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ ؕ— رَبَّنَا عَلَیْكَ تَوَكَّلْنَا وَاِلَیْكَ اَنَبْنَا وَاِلَیْكَ الْمَصِیْرُ ۟
तुम्हारे लिए (ऐ मोमिनो!) इबराहीम अलैहिस्सलाम और उन मोमिनों में जो उनके साथ थे, एक अच्छा आदर्श है, जब उन्होंने अपनी काफ़िर जाति से कहा : हम तुमसे तथा उन मूर्तियों से बरी हैं, जिन्हें तुम अल्लाह को छोड़कर पूजते हो। हम उस धर्म को नहीं मानते, जिसपर तुम चल रहे हो, तथा हमारे और तुम्हारे बीच हमेशा के लिए शत्रुता और घृणा प्रकट हो चुकी है, यहाँ तक कि तुम अकेले अल्लाह पर ईमान ले आओ और किसी को उसका साझी न बनाओ। अतः तुम्हें भी चाहिए कि उनकी तरह अपनी काफ़िर जाति से बरी होने का ऐलान कर दो। परंतु इबराहीम अलैहिस्सलाम की इस बात को छोड़कर, जो उन्होंने अपने पिता से कही थी कि : मैं अवश्य अल्लाह से तुम्हारे लिए क्षमा याचना करूँगा। तो तुम इसमें उनका पालन न करो। क्योंकि यह बात उन्होंने अपने पिता से निराश होने से पहले कही थी। अतः किसी मोमिन के लिए जायज़ नहीं है कि वह किसी मुश्रिक के लिए क्षमा माँगे। और मैं तुम्हारा अल्लाह की यातना से कुछ भी बचाव नहीं कर सकता। ऐ हमारे पालनहार! हमने अपने सभी मामलों में केवल तुझी पर भरोसा किया है, और हम तेरी ही ओर तौबा करते हुए लौटे हैं, और तेरी ही ओर क़ियामत के दिन सबको लौटकर आना है।
Arabic explanations of the Qur’an:
رَبَّنَا لَا تَجْعَلْنَا فِتْنَةً لِّلَّذِیْنَ كَفَرُوْا وَاغْفِرْ لَنَا رَبَّنَا ۚ— اِنَّكَ اَنْتَ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟
ऐ हमारे पालनहार, तू हमें काफ़िरों के लिए परीक्षण न बना कि उन्हें हमारे ऊपर हावी कर दे और वे कहने लगें : अगर वे सत्य पर होते, तो हम उनपर हावी न किए जाते। तथा ऐ हमारे पालनहार, हमारे गुनाह माफ कर दे। निश्चय तू ही प्रभुत्वशाली है, जिसपर किसी का ज़ोर नहीं चलता, अपनी रचना, विधान और निर्णय में हिकमत वाला है।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• تسريب أخبار أهل الإسلام إلى الكفار كبيرة من الكبائر.
• काफ़िरों को मुसलमानों की गुप्त सूचनाएँ लीक करना एक बड़ा पाप है।

• عداوة الكفار عداوة مُتَأصِّلة لا تؤثر فيها موالاتهم.
• काफ़िरों की दुश्मनी एक अंतर्निहित दुश्मनी है, जिसे उनसे दोस्ती प्रभावित नहीं करती है।

• استغفار إبراهيم لأبيه لوعده له بذلك، فلما نهاه الله عن ذلك لموته على الكفر ترك الاستغفار له.
• इबराहीम अलैहिस्सलाम ने अपने पिता के लिए क्षमा इसलिए माँगी थी, क्योंकि उन्होंने अपने पिता से इसका वादा किया था। फिर जब उसकी कुफ़्र पर मृत्यु के कारण अल्लाह ने उन्हें इससे मना कर दिया, तो उन्होंने उसके लिए माफी मांगना छोड़ दिया।

 
Translation of the meanings Surah: Al-Mumtahanah
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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