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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Al-A‘rāf   Ayah:
یٰبَنِیْۤ اٰدَمَ خُذُوْا زِیْنَتَكُمْ عِنْدَ كُلِّ مَسْجِدٍ وَّكُلُوْا وَاشْرَبُوْا وَلَا تُسْرِفُوْا ؕۚ— اِنَّهٗ لَا یُحِبُّ الْمُسْرِفِیْنَ ۟۠
ऐ आदम की संतान! नमाज़ तथा तवाफ़ के समय ऐसा साफ़-सुथरा एवं पवित्र वस्त्र पहनो, जो तुम्हारे गुप्तांगों को छिपाए और तुम्हें सुंदरता प्रदान करे। तथा अल्लाह की हलाल की हुई पाक चीज़ों में से जो चाहो खाओ और पियो, परंतु संतुलन की सीमा को पार न करो एवं हलाल से हराम की ओर न जाओ। निश्चय ही अल्लाह संतुलन की सीमा को पार करने वालों को पसंद नहीं करता।
Arabic explanations of the Qur’an:
قُلْ مَنْ حَرَّمَ زِیْنَةَ اللّٰهِ الَّتِیْۤ اَخْرَجَ لِعِبَادِهٖ وَالطَّیِّبٰتِ مِنَ الرِّزْقِ ؕ— قُلْ هِیَ لِلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا خَالِصَةً یَّوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— كَذٰلِكَ نُفَصِّلُ الْاٰیٰتِ لِقَوْمٍ یَّعْلَمُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) जो मुश्रिक अल्लाह के हलाल किए हुए वस्त्र और अच्छे भोजन और अन्य चीजों को हराम ठहराते हैं, उनका खंडन करते हुए कह दें : तुम्हारे लिए उस वस्त्र को किसने हराम किया है, जो तुम्हारी शोभा है? तथा खाने-पीने आदि की अच्छी चीज़ों को तुम्हारे लिए किसने हराम किया है, जो अल्लाह ने तुम्हें प्रदान की हैं? (ऐ रसूल!) आप कह दें : ये अच्छी चीज़ें दुनिया के जीवन में ईमान वालों के लिए हैं, और अगर दूसरे लोग (भी) इस दुनिया में उन्हें साझा करते हैं, परंतु क़ियामत के दिन ये केवल मोमिनों के लिए विशिष्ट होंगी, कोई काफिर इसमें उनके साथ साझी नहीं होगा; क्योंकि जन्नत काफ़िरों पर हराम कर दी गई है। इसी विवरण की तरह, हम उन लोगों के लिए आयतों का विवरण करते हैं जो समझते हैं; क्योंकि वही इनसे लाभ उठाते हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
قُلْ اِنَّمَا حَرَّمَ رَبِّیَ الْفَوَاحِشَ مَا ظَهَرَ مِنْهَا وَمَا بَطَنَ وَالْاِثْمَ وَالْبَغْیَ بِغَیْرِ الْحَقِّ وَاَنْ تُشْرِكُوْا بِاللّٰهِ مَا لَمْ یُنَزِّلْ بِهٖ سُلْطٰنًا وَّاَنْ تَقُوْلُوْا عَلَی اللّٰهِ مَا لَا تَعْلَمُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप अल्लाह की हलाल की हुई वस्तुओं को हराम ठहराने वाले इन मुश्रिकों से कह दें : अल्लाह ने तो अपने बंदों पर केवल अनैतिक कार्यों, अर्थात् घृणित पापों को हराम किया है, चाहे वे प्रत्यक्ष हों या छिपे हुए, तथा सभी अवज्ञाओं, और लोगों पर उनके खून, धन तथा सम्मान (सतीत्व) के संबंध में अन्यायपूर्ण तरीके से ज़्यादती करने को हराम किया है। इसी तरह उसने तुम्हारे लिए बिना किसी प्रमाण के किसी को अल्लाह का साझी ठहराने एवं बिना ज्ञान के उसके नामों, गुणों, कार्यों तथा उसकी शरीयत के संबंध में बात करने को हराम क़रार दिया है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلِكُلِّ اُمَّةٍ اَجَلٌ ۚ— فَاِذَا جَآءَ اَجَلُهُمْ لَا یَسْتَاْخِرُوْنَ سَاعَةً وَّلَا یَسْتَقْدِمُوْنَ ۟
हर पीढ़ी के लिए उनकी समय सीमा के लिए एक निर्धारित अवधि और समय है। जब उनका नियत समय आ जाता है, तो वे कुछ समय के लिए भी, भले ही वह थोड़ा-सा क्यों न हो, न उससे पीछे हटते हैं और न उससे आगे बढ़ते हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
یٰبَنِیْۤ اٰدَمَ اِمَّا یَاْتِیَنَّكُمْ رُسُلٌ مِّنْكُمْ یَقُصُّوْنَ عَلَیْكُمْ اٰیٰتِیْ ۙ— فَمَنِ اتَّقٰی وَاَصْلَحَ فَلَا خَوْفٌ عَلَیْهِمْ وَلَا هُمْ یَحْزَنُوْنَ ۟
ऐ आदम की संतान! यदि तुम्हारे पास तुम्हारी ही जातियों में से मेरे कुछ रसूल आएँ, जो तुम्हें वह किताबें पढ़कर सुनाएँ, जो मैंने उनपर उतारी है, तो उनकी बात मानो और जो कुछ वे लेकर आए हैं उसका पालन करो। अतः जो लोग अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, उससे डरते हैं और अपने कामों को सुधार लेते हैं, उन्हें क़ियामत के दिन कोई भय नहीं होगा, और न ही वे दुनिया के छूटे हुए सुख और आनंद पर शोक करेंगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَالَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا وَاسْتَكْبَرُوْا عَنْهَاۤ اُولٰٓىِٕكَ اَصْحٰبُ النَّارِ ۚ— هُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟
जहाँ तक उन काफ़िरों की बात है, जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया और उन पर ईमान नहीं लाए, तथा जो कुछ उनके रसूल उनके पास लाए थे, अहंकार करते हुए उसपर अमल नहीं किया, तो वही आग (जहन्नम) वाले हैं जो हमेशा उसी में रहने वाले हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنِ افْتَرٰی عَلَی اللّٰهِ كَذِبًا اَوْ كَذَّبَ بِاٰیٰتِهٖ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ یَنَالُهُمْ نَصِیْبُهُمْ مِّنَ الْكِتٰبِ ؕ— حَتّٰۤی اِذَا جَآءَتْهُمْ رُسُلُنَا یَتَوَفَّوْنَهُمْ ۙ— قَالُوْۤا اَیْنَ مَا كُنْتُمْ تَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ؕ— قَالُوْا ضَلُّوْا عَنَّا وَشَهِدُوْا عَلٰۤی اَنْفُسِهِمْ اَنَّهُمْ كَانُوْا كٰفِرِیْنَ ۟
उससे बड़ा अत्याचारी कोई नहीं है, जो अल्लाह पर झूठा आरोप लगाते हुऐ किसी को उसका साझी ठहराए, या उसकी ओर कमी की निस्बत करे, या उसके बारे में ऐसी बात कहे जो उसने नहीं कही है, या उसकी सीधे रास्ते की ओर मार्गदर्शन करने वाली स्पष्ट आयतों को झुठलाए। उक्त गुणों से विशेषित इन लोगों को उनका वह हिस्सा मिलेगा, जो लौहे महफूज़ में उनके लिए अच्छा या बुरा हिस्सा लिखा गया है। यहाँ तक कि जब मौत का फ़रिश्ता और उसके सहयोगी फरिश्ते उनके प्राण निकालने के लिए उनके पास आएँगे, तो उन्हें फटकार लगाते हुए उनसे कहेंगे : कहाँ हैं वे पूज्य जिनकी तुम अल्लाह के अलावा पूजा करते थे?! उन्हें पुकारो कि वे तुम्हें लाभ पहुँचाएँ। मुश्रिक लोग फरिश्तों से कहेंगे : जिन पूज्यों की हम पूजा करते थे वे हमसे लुप्त हो गए, इसलिए हम नहीं जानते कि वे कहाँ हैं। तथा वे अपने आप स्वीकार करेंगे कि वे काफ़िर थे, लेकिन उस समय उनकी स्वीकृति उनके विरुद्ध एक तर्क होगी और इससे उन्हें कोई लाभ नहीं होगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• المؤمن مأمور بتعظيم شعائر الله من خلال ستر العورة والتجمل في أثناء صلاته وخاصة عند التوجه للمسجد.
• मोमिन को यह आदेश दिया गया है कि वह अपनी नमाज़ के दौरान और विशेष रूप से मस्जिद जाते समय गुप्तांगों को ढककर और सुशोभित होकर अल्लाह के अनुष्ठानों का सम्मान करे।

• من فسر القرآن بغير علم أو أفتى بغير علم أو حكم بغير علم فقد قال على الله بغير علم وهذا من أعظم المحرمات.
• जिस व्यक्ति ने बिना ज्ञान के क़ुरआन की व्याख्या की, या बिना ज्ञान के फतवा दिया, या बिना ज्ञान के फैसला किया, तो उसने बिना ज्ञान के अल्लाह के बारे में बात कही, और यह सबसे बड़ी वर्जनाओं में से है।

• في الآيات دليل على أن المؤمنين يوم القيامة لا يخافون ولا يحزنون، ولا يلحقهم رعب ولا فزع، وإذا لحقهم فمآلهم الأمن.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि क़ियामत के दिन ईमान वाले न तो डरेंगे और न ही शोक करेंगे, न ही वे भय या दहशत से ग्रस्त होंगे। यदि वे ग्रस्त भी हुए, तो अंत में वे सुरक्षित रहेंगे।

• أظلم الناس من عطَّل مراد الله تعالى من جهتين: جهة إبطال ما يدل على مراده، وجهة إيهام الناس بأن الله أراد منهم ما لا يريده الله.
• सबसे बड़ा अत्याचारी वह व्यक्ति है, जो अल्लाह के आशय को दो पहलू से निष्क्रिय करता है : जिससे उसके आशय का पता चलता है उसे रद्द करने का पहलू, तथा लोगों को इस भ्रम में डालने का पहलू कि अल्लाह उनसे वह चाहता है, जो वास्तव में वह नहीं चाहता।

 
Translation of the meanings Surah: Al-A‘rāf
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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