Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Translations’ Index


Translation of the meanings Ayah: (139) Surah: Al-A‘rāf
اِنَّ هٰۤؤُلَآءِ مُتَبَّرٌ مَّا هُمْ فِیْهِ وَبٰطِلٌ مَّا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
ये लोग जो अपनी मूर्तियों की पूजा में लगे हुए हैं, वे अल्लाह के अलावा की पूजा के जिस काम में लगे हुए हैं, वह नष्ट किया जाने वाला है और वे जो कुछ नेकी के कार्य करते चले आ रहे हैं, वह व्यर्थ (अमान्य) है, क्योंकि उन्होंने इबादत में अल्लाह के साथ दूसरों को साझी बनाया है।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• تؤكد الأحداث أن بني إسرائيل كانوا ينتقلون من ضلالة إلى أخرى على الرغم من وجود نبي الله موسى بينهم.
• घटनाएँ इस बात की पुष्टि करती हैं कि बनी इसराईल उनके बीच अल्लाह के नबी मूसा अलैहिस्सलाम की उपस्थिति के बावजूद एक गुमराही से दूसरी में पड़ते रहते थे।

• من مظاهر خذلان الأمة أن تُحَسِّن القبيح، وتُقَبِّح الحسن بمجرد الرأي والأهواء.
• उम्मत की विफलता का एक दृश्य यह भी है कि वह मात्र अपनी राय और इच्छाओं के आधार पर ग़लत को सही और सही को ग़लत ठहराने लगे।

• إصلاح الأمة وإغلاق أبواب الفساد هدف سام للأنبياء والدعاة.
• उम्मत को सुधारना और बिगाड़ (भ्रष्टाचार) के द्वार को बंद करना नबियों और धर्म-प्रचारकों का एक महान लक्ष्य है।

• قضى الله تعالى ألا يراه أحد من خلقه في الدنيا، وسوف يكرم من يحب من عباده برؤيته في الآخرة.
• अल्लाह ने फैसला किया है कि उसकी कोई भी मख़लूक़ उसे दुनिया में नहीं देखेगी, और आख़िरत में वह अपने बंदों में से जिससे प्रेम करता है, उसे अपने दर्शन से सम्मानित करेगा।

 
Translation of the meanings Ayah: (139) Surah: Al-A‘rāf
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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