Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Translations’ Index


Translation of the meanings Ayah: (29) Surah: Al-A‘rāf
قُلْ اَمَرَ رَبِّیْ بِالْقِسْطِ ۫— وَاَقِیْمُوْا وُجُوْهَكُمْ عِنْدَ كُلِّ مَسْجِدٍ وَّادْعُوْهُ مُخْلِصِیْنَ لَهُ الدِّیْنَ ؕ۬— كَمَا بَدَاَكُمْ تَعُوْدُوْنَ ۟ؕ
(ऐ मुहम्मद!) इन मुश्रिकों से कह दें : अल्लाह ने न्याय का आदेश दिया है, अश्लीलता और बुराई का आदेश नहीं दिया है। तथा उसने आदेश दिया है कि तुम इबादत को सामान्य रूप से और विशेष रूप से मस्जिदों में उसी के लिए ख़ालिस करो, और यह कि तुम केवल उसे ही पुकारो आज्ञाकारिता को उसी के लिए विशिष्ट करते हुए। जिस तरह उसने तुम्हें पहली बार अनस्तित्व से पैदा किया, उसी तरह वह तुम्हें दोबारा जीवित करेगा। क्योंकि जो तुम्हें पहली बार पैदा करने में सक्षम है, वह तुम्हें वापस लौटाने और तुम्हें पुनर्जीवित करने में भी सक्षम है।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• من أَشْبَهَ آدم بالاعتراف وسؤال المغفرة والندم والإقلاع - إذا صدرت منه الذنوب - اجتباه ربه وهداه. ومن أَشْبَهَ إبليس - إذا صدر منه الذنب بالإصرار والعناد - فإنه لا يزداد من الله إلا بُعْدًا.
• जो व्यक्ति - कोई गुनाह हो जाने पर - आदम अलैहिस्सलाम की तरह अपने गुनाह को स्वीकारता, क्षमा मांँगता, पछताता और उसे छोड़ देता है, तो अल्लाह उसे चुन लेगा और उसका मार्गदर्शन करेगा। और जो व्यक्ति - पाप कर बैठने पर - इबलीस की तरह उसपर अड़ा रहता और हठ करता है, तो वह अल्लाह से दूरी ही में वृद्धि करेगा।

• اللباس نوعان: ظاهري يستر العورةَ، وباطني وهو التقوى الذي يستمر مع العبد، وهو جمال القلب والروح.
• वस्त्र दो प्रकार के होते हैं : एक ज़ाहिरी (बाहरी), जो गुप्तांग को ढकता है और दूसरा बातिनी (भीतरी), इससे अभिप्राय तक़्वा है, जो निरंतर बंदे के साथ रहता है। और यह हृदय और आत्मा की सुंदरता है।

• كثير من أعوان الشيطان يدعون إلى نزع اللباس الظاهري؛ لتنكشف العورات، فيهون على الناس فعل المنكرات وارتكاب الفواحش.
• बहुत-से शैतान के समर्थक बाहरी वस्त्र को उतारने का आह्वान करते हैं; ताकि गुप्तांग प्रकट हो जाएँ। फिर लोगों के लिए बुराई करना और अनैतिक कार्य करना आसान हो जाए।

• أن الهداية بفضل الله ومَنِّه، وأن الضلالة بخذلانه للعبد إذا تولَّى -بجهله وظلمه- الشيطانَ، وتسبَّب لنفسه بالضلال.
• हिदायत अल्लाह की कृपा और अनुग्रह से मिलती है, तथा गुमराही अल्लाह की ओर से बंदे को असहाय छोड़ देने का परिणाम है, जब वह - अपनी अज्ञानता और अन्याय से - शैतान को दोस्त बना लेता है और खुद के भटकने का कारण बनता है।

 
Translation of the meanings Ayah: (29) Surah: Al-A‘rāf
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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