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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Al-Anfāl   Ayah:
وَاَطِیْعُوا اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ وَلَا تَنَازَعُوْا فَتَفْشَلُوْا وَتَذْهَبَ رِیْحُكُمْ وَاصْبِرُوْا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ مَعَ الصّٰبِرِیْنَ ۟ۚ
तुम अपने कथनों एवं कार्यों और अपनी सभी स्थितियों में अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करो और आपस में मतभेद न करो। क्योंकि मतभेद तुम्हारी कमज़ोरी और कायरता, तथा तुम्हारी शक्ति के मिट जाने का कारण है। तथा अपने शत्रु से मुठभेड़ के समय धैर्य रखो। निःसंदेह अल्लाह विजय, समर्थन और सहायता के साथ धैर्य रखने वालों के संग है। और अल्लाह जिसके साथ हो, वही अनिवार्य रूप से विजयी और ग़ालिब रहता है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلَا تَكُوْنُوْا كَالَّذِیْنَ خَرَجُوْا مِنْ دِیَارِهِمْ بَطَرًا وَّرِئَآءَ النَّاسِ وَیَصُدُّوْنَ عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ ؕ— وَاللّٰهُ بِمَا یَعْمَلُوْنَ مُحِیْطٌ ۟
और उन मुश्रिकों के समान न हो जाओ, जो मक्का से घमंड करते हुए तथा लोगों को दिखावा करते हुए निकले। तथा वे लोगों को अल्लाह के धर्म (इस्लाम) से दूर करते और उन्हें उसमें प्रवेश करने से रोकते हैं। हालाँकि जो कुछ वे करते हैं, अल्लाह उसे (अपने ज्ञान के) घेरे में लिए हुए है। उनके कामों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है, और वह उन्हें उनका बदला देगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذْ زَیَّنَ لَهُمُ الشَّیْطٰنُ اَعْمَالَهُمْ وَقَالَ لَا غَالِبَ لَكُمُ الْیَوْمَ مِنَ النَّاسِ وَاِنِّیْ جَارٌ لَّكُمْ ۚ— فَلَمَّا تَرَآءَتِ الْفِئَتٰنِ نَكَصَ عَلٰی عَقِبَیْهِ وَقَالَ اِنِّیْ بَرِیْٓءٌ مِّنْكُمْ اِنِّیْۤ اَرٰی مَا لَا تَرَوْنَ اِنِّیْۤ اَخَافُ اللّٰهَ ؕ— وَاللّٰهُ شَدِیْدُ الْعِقَابِ ۟۠
(ऐ ईमान वालो!) अपने ऊपर अल्लाह की नेमत को याद करो कि शैतान ने बहुदेववादियों के लिए उनके कर्म सुंदर बना दिए। इस तरह उसने उन्हें मुसलमानों का सामना करने और उनसे लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया और उनसे कहा : आज तुमपर कोई विजय पाने वाला नहीं, निश्चय मैं तुम्हारी सहायता करूँगा और तुम्हारे शत्रुओं से तुम्हारी रक्षा करूँगा। फिर जब दोनों गिरोह आमने-सामने हुए : एक तरफ़ ईमान वालों का गिरोह, जिनके साथ उनकी मदद के लिए फ़रिश्ते थे, और दूसरी तरफ़ बहुदेववादियों का गिरोह, जिनके साथ शैतान था, जो शीघ्र ही उनका साथ छोड़ने वाला था; ऐसी परिस्थिति में शैतान पीठ फेरकर भाग खड़ा हुआ और बहुदेववादियों से कहा : मैं तुमसे बरी हूँ। मैं उन फ़रिश्तों को देख रहा हूँ, जो मोमिनों की सहायता के लिए आए हैं। मुझे डर है कि कहीं अल्लाह मुझे नष्ट न कर दे, और अल्लाह बहुत कठोर सज़ा देने वाला है। इसलिए कोई भी उसकी सज़ा सहन करने में सक्षम नहीं है।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِذْ یَقُوْلُ الْمُنٰفِقُوْنَ وَالَّذِیْنَ فِیْ قُلُوْبِهِمْ مَّرَضٌ غَرَّ هٰۤؤُلَآءِ دِیْنُهُمْ ؕ— وَمَنْ یَّتَوَكَّلْ عَلَی اللّٰهِ فَاِنَّ اللّٰهَ عَزِیْزٌ حَكِیْمٌ ۟
तथा (वह समय याद करो) जब मुनाफ़िक़ तथा कमज़ोर ईमान वाले लोग कह रहे थे : इन मुसलमानों को इनके धर्म ने धोखा दिया है, जो इनसे इनकी कम संख्या और कमज़ोर उपकरण के बावजूद, इनसे अधिक संख्या और मज़बूत उपकरण वाले इनके दुश्मनों पर जीत का वादा कर रहा है। लेकिन इन लोगों को इस बात का एहसास नहीं था कि जो व्यक्ति एक अल्लाह पर भरोसा करता और उसके मदद के वादे पर विश्वास रखता है, तो निश्चय अल्लाह उसकी सहायता करने वाला है और वह उसे कभी असहाय नहीं छोड़ेगा, चाहे वह कितना भी कमज़ोर क्यों न हो। अल्लाह सब पर प्रभुत्वशाली है, कोई भी उसे परास्त नहीं कर सकता, वह अपनी नियति और विधान में पूर्ण हिकमत वाला है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلَوْ تَرٰۤی اِذْ یَتَوَفَّی الَّذِیْنَ كَفَرُوا الْمَلٰٓىِٕكَةُ یَضْرِبُوْنَ وُجُوْهَهُمْ وَاَدْبَارَهُمْ ۚ— وَذُوْقُوْا عَذَابَ الْحَرِیْقِ ۟
और यदि (ऐ रसूल!) आप अल्लाह और उसके रसूलों का इनकार करने वालों को उस समय देखते, जब फ़रिश्ते उनके प्राण निकाल रहे थे; जब वे आगे बढ़ते थे, तो उनके चेहरों पर मारते और जब वे पीठ फेरकर भागते, तो उनकी पीठ पर मारते थे और उनसे कहते थे : (ऐ काफ़िरो!) जलाने वाली यातना का मज़ा चखो। यदि आप इसे देखते, तो आप एक भयानक दृश्य देखते।
Arabic explanations of the Qur’an:
ذٰلِكَ بِمَا قَدَّمَتْ اَیْدِیْكُمْ وَاَنَّ اللّٰهَ لَیْسَ بِظَلَّامٍ لِّلْعَبِیْدِ ۟ۙ
(ऐ काफ़िरो!) तुम्हारे प्राण निकालते समय यह दर्दनाक पीड़ा, तथा तुम्हारी क़ब्रों में और आख़िरत में जलाने वाली यातना, यह (सब) उसके कारण है, जो दुनिया में तुम्हारे हाथों ने कमाया है। इसलिए कि अल्लाह लोगों पर अत्याचार नहीं करता, बल्कि उनके बीच न्याय के साथ फ़ैसला करता है। क्योंकि वह न्याय के साथ निर्णय करने वाला है।
Arabic explanations of the Qur’an:
كَدَاْبِ اٰلِ فِرْعَوْنَ ۙ— وَالَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ ؕ— كَفَرُوْا بِاٰیٰتِ اللّٰهِ فَاَخَذَهُمُ اللّٰهُ بِذُنُوْبِهِمْ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ قَوِیٌّ شَدِیْدُ الْعِقَابِ ۟
इन काफ़िरों पर उतरने वाली यह यातना उन्हीं के लिए विशिष्ट नहीं है, बल्कि यह अल्लाह का नियम है जो वह हर समय और जगह में काफ़िरों पर लागू करता रहा है। चुनाँचे फ़िरऔन के लोग तथा उनसे पहले के समुदाय इससे पीड़ित हो चुके हैं, जब उन्होंने अल्लाह की निशानियों का इनकार किया। इसलिए अल्लाह ने उन्हें, उनके गुनाहों के कारण एक प्रभुत्वशाली और शक्तिमान की तरह पकड़ लिया और उनपर अपना दंड उतार दिया। निःसंदेह अल्लाह बहुत शक्तिशाली, अजेय और अपराजेय है, अपनी अवज्ञा करने वालों को कठोर दंड देने वाला है।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• البَطَر مرض خطير ينْخَرُ في تكوين شخصية الإنسان، ويُعَجِّل في تدمير كيان صاحبه.
• अहंकार एक खतरनाक रोग है, जो मानव व्यक्तित्व के निर्माण को नष्ट कर देता है, तथा उसके अस्तित्व के विनाश को गति देता है।

• الصبر يعين على تحمل الشدائد والمصاعب، وللصبر منفعة إلهية، وهي إعانة الله لمن صبر امتثالًا لأمره، وهذا مشاهد في تصرفات الحياة.
• धैर्य, विपत्तियों और कठिनाइयों को सहन करने में मदद करता है। तथा धैर्य का एक ईश्वरीय लाभ है। जो व्यक्ति अल्लाह की आज्ञा के अनुपालन में धैर्य रखता है, उसे अल्लाह की मदद प्राप्त होती है। जीवन के कार्यों में इस तथ्य को देखा जा सकता है।

• التنازع والاختلاف من أسباب انقسام الأمة، وإنذار بالهزيمة والتراجع، وذهاب القوة والنصر والدولة.
• आपस में विवाद और मतभेद उम्मत के विभाजन, हार और पराजय की चेतावनी, तथा शक्ति, जीत और राज्य के चले जाने के कारणों में से हैं।

• الإيمان يوجب لصاحبه الإقدام على الأمور الهائلة التي لا يُقْدِم عليها الجيوش العظام.
• ईमान, एक मोमिन के हाथों ऐसे-ऐसे चमत्कार दिखाता है, जो बड़ी-बड़ी सेनाओं से भी संभव नहीं है।

 
Translation of the meanings Surah: Al-Anfāl
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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