Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Translations’ Index


Translation of the meanings Ayah: (1) Surah: Al-Anfāl

सूरा अल्-अन्फ़ाल

Purposes of the Surah:
الامتنان على المؤمنين بنصر الله لهم في بدر، وبيان سنن النصر والهزيمة.
अल्लाह का ईमान वालों पर बद्र के युद्ध में उनकी मदद करने पर उपकार जताना, तथा जीत और हार के नियमों (क़वायद) का वर्णन।

یَسْـَٔلُوْنَكَ عَنِ الْاَنْفَالِ ؕ— قُلِ الْاَنْفَالُ لِلّٰهِ وَالرَّسُوْلِ ۚ— فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَصْلِحُوْا ذَاتَ بَیْنِكُمْ ۪— وَاَطِیْعُوا اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗۤ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आपके साथी आपसे ग़नीमतों (युद्ध में प्राप्त होने वाले धन) के विषय में पूछते हैं कि उन्हें कैसे विभाजित किया जाएगा? और किन लोगों में वितरण किया जाएगा? (ऐ रसूल!) उनके प्रश्न का उत्तर देते हुए कह दें : ग़नीमतें (युद्ध में प्राप्त धन) अल्लाह और उसके रसूल के लिए हैं और उन्हें खर्च करने और बाँटने के विषय में निर्णय का अधिकार अल्लाह और उसके रसूल का है। तुम्हारा काम केवल मान लेना और आज्ञापालन करना है। अतः (ऐ मोमिनो!) तुम अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई बातों से दूर रहकर, डरो। तथा तुम्हारे बीच जो संबंध-विच्छेद और वियोग है, उसे आपसी प्रेम, परस्पर संपर्क (संयोग), अच्छे शिष्टाचार और क्षमा के द्वारा सुधार लो। और अगर तुम सच में ईमान वाले हो, तो अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करो। क्योंकि ईमान आज्ञापालन करने और गुनाहों से दूर रहने की प्रेरणा देता है। यह प्रश्न बद्र के युद्ध के बाद किया गया था।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• ينبغي للعبد أن يتعاهد إيمانه ويُنمِّيه؛ لأن الإيمان يزيد وينقص، فيزيد بفعل الطاعة وينقص بضدها.
• बंदे को चाहिए कि अपने ईमान की देखभाल करता रहे और उसे बढ़ाता रहे, क्योंकि ईमान घटता और बढ़ता है। वह आज्ञाकारिता से बढ़ता है और उसके विपरीत (अवज्ञा) से घटता है।

• الجدال محله وفائدته عند اشتباه الحق والتباس الأمر، فأما إذا وضح وبان فليس إلا الانقياد والإذعان.
• बहस की गुंजाइश और उसकी उपयोगिता उस समय है, जब सत्य संदिग्ध हो और मामला उलझा हुआ हो, लेकिन जब सत्य स्पष्ट हो जाए, तो स्वीकारने और आज्ञापालन करने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता।

• أَمْر قسمة الغنائم متروك للرّسول صلى الله عليه وسلم، والأحكام مرجعها إلى الله تعالى ورسوله لا إلى غيرهما.
• ग़नीमतों (युद्ध में प्राप्त धन) को विभाजित करने का मामला रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर छोड़ दिया गया है, तथा सभी अहकाम केवल अल्लाह और उसके रसूल की ओर लौटाए जाते हैं, किसी अन्य की ओर नहीं।

• إرادة تحقيق النّصر الإلهي للمؤمنين؛ لإحقاق الحق وإبطال الباطل.
• सत्य को सत्य कर दिखाने और असत्य का असत्य होना सिद्ध करने के लिए अल्लाह की ओर से ईमान वालों को विजय प्रदान करने की इच्छा।

 
Translation of the meanings Ayah: (1) Surah: Al-Anfāl
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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