Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi Translation * - Translations’ Index

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Translation of the meanings Surah: Al-Insān   Ayah:

सूरा अल्-इन्सान

هَلْ اَتٰی عَلَی الْاِنْسَانِ حِیْنٌ مِّنَ الدَّهْرِ لَمْ یَكُنْ شَیْـًٔا مَّذْكُوْرًا ۟
निश्चय इनसान पर ज़माने का एक ऐसा समय भी गुज़रा है, जब वह कोई ऐसी चीज़ नहीं था जिसका (कहीं) उल्लेख[1] हुआ हो।
1. अर्थात उसका कोई अस्तित्व न था।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّا خَلَقْنَا الْاِنْسَانَ مِنْ نُّطْفَةٍ اَمْشَاجٍ ۖۗ— نَّبْتَلِیْهِ فَجَعَلْنٰهُ سَمِیْعًا بَصِیْرًا ۟ۚ
निःसंदेह हमने इनसान को मिश्रित वीर्य[2] से पैदा किया, हम उसकी परीक्षा लेते हैं। तो हमने उसे सुनने वाला, देखने वाला बना दिया।
2. अर्थात नर-नारी के मिश्रित वीर्य से।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّا هَدَیْنٰهُ السَّبِیْلَ اِمَّا شَاكِرًا وَّاِمَّا كَفُوْرًا ۟
निःसंदेह हमने उसे रास्ता दिखा दिया।[3] (अब) वह चाहे कृतज्ञ बने और चाहे कृतघ्न।
3. अर्थात नबियों तथा आकाशीय पुस्तकों द्वारा, और दोनों का परिणाम बता दिया गया।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّاۤ اَعْتَدْنَا لِلْكٰفِرِیْنَ سَلٰسِلَاۡ وَاَغْلٰلًا وَّسَعِیْرًا ۟
निःसंदेह हमने काफ़िरों के लिए ज़ंजीरें तथा तौक़ और भड़कती हुई आग तैयार की है।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّ الْاَبْرَارَ یَشْرَبُوْنَ مِنْ كَاْسٍ كَانَ مِزَاجُهَا كَافُوْرًا ۟ۚ
निश्चय सदाचारी लोग ऐसे जाम से पिएँगे, जिसमें कपूर का मिश्रण होगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
عَیْنًا یَّشْرَبُ بِهَا عِبَادُ اللّٰهِ یُفَجِّرُوْنَهَا تَفْجِیْرًا ۟
यह एक स्रोत होगा, जिससे अल्लाह के बंदे पीएँगे। वे उसे (जहाँ चाहेंगे) बहा ले जाएँगे।[4]
4. अर्थात उसको जिधर चाहेंगे मोड़ ले जाएँगे। जैसे घर, बैठक आदि।
Arabic explanations of the Qur’an:
یُوْفُوْنَ بِالنَّذْرِ وَیَخَافُوْنَ یَوْمًا كَانَ شَرُّهٗ مُسْتَطِیْرًا ۟
जो नज़्र (मन्नत)[5] पूरी करते हैं और उस दिन[6] से डरते हैं जिसकी आपदा चारों ओर फैली हुई होगी।
5. नज़्र (मनौती) का अर्थ है, अल्लाह के सामीप्य के लिए कोई कर्म अपने ऊपर अनिवार्य कर लेना। और किसी देवी-देवता तथा पीर-फ़क़ीर के लिए मनौती मानना शिर्क है। जिसको अल्लाह कभी भी क्षमा नहीं करेगा। अर्थात अल्लाह के लिए जो मनौतियाँ मानते रहे उसे पूरी करते रहे। 6. अर्थात प्रलय और ह़िसाब के दिन से।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَیُطْعِمُوْنَ الطَّعَامَ عَلٰی حُبِّهٖ مِسْكِیْنًا وَّیَتِیْمًا وَّاَسِیْرًا ۟
और वे निर्धन, अनाथ और क़ैदी को खाना (खुद) उसकी चाहत रखते हुए भी खिलाते हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّمَا نُطْعِمُكُمْ لِوَجْهِ اللّٰهِ لَا نُرِیْدُ مِنْكُمْ جَزَآءً وَّلَا شُكُوْرًا ۟
(और कहते हैं :) हम तो तुम्हें केवल अल्लाह के चेहरे की ख़ातिर खिलाते हैं। न तुमसे कोई बदला चाहते हैं और न कृतज्ञता।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّا نَخَافُ مِنْ رَّبِّنَا یَوْمًا عَبُوْسًا قَمْطَرِیْرًا ۟
हम अपने पालनहार से उस दिन से डरते हैं, जो बहुत कठिन और भयानक होगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَوَقٰىهُمُ اللّٰهُ شَرَّ ذٰلِكَ الْیَوْمِ وَلَقّٰىهُمْ نَضْرَةً وَّسُرُوْرًا ۟ۚ
तो अल्लाह ने उन्हें उस दिन की आपदा से बचा लिया और उन्हें ताज़गी तथा खुशी प्रदान की।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَجَزٰىهُمْ بِمَا صَبَرُوْا جَنَّةً وَّحَرِیْرًا ۟ۙ
और उन्हें उनके धैर्य करने के बदले में जन्नत और रेशमी वस्त्र प्रदान किया।
Arabic explanations of the Qur’an:
مُّتَّكِـِٕیْنَ فِیْهَا عَلَی الْاَرَآىِٕكِ ۚ— لَا یَرَوْنَ فِیْهَا شَمْسًا وَّلَا زَمْهَرِیْرًا ۟ۚ
वे उसमें तख़्तों पर तकिया लगाए बैठे होंगे। न उसमें धूप देखेंगे और न सख़्त ठंड।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَدَانِیَةً عَلَیْهِمْ ظِلٰلُهَا وَذُلِّلَتْ قُطُوْفُهَا تَذْلِیْلًا ۟
और उसके साए उनपर झुके हुए होंगे और उसके फलों के गुच्छे उनके वश में कर दिए जाएँगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَیُطَافُ عَلَیْهِمْ بِاٰنِیَةٍ مِّنْ فِضَّةٍ وَّاَكْوَابٍ كَانَتْ قَوَارِیْرَ ۟ۙ
तथा उनपर चाँदी के बरतन और प्याले फिराए जाएँगे, जो शीशे के होंगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَوَارِیْرَ مِنْ فِضَّةٍ قَدَّرُوْهَا تَقْدِیْرًا ۟
शीशे चाँदी के होंगे, उन्होंने उनका ठीक अनुमान लगाया होगा।[7]
7. अर्थात सेवक उसे ऐसे अनुमान से भरेंगे कि न आवश्यकता से कम होंगे न अधिक।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَیُسْقَوْنَ فِیْهَا كَاْسًا كَانَ مِزَاجُهَا زَنْجَبِیْلًا ۟ۚ
और उसमें वे ऐसे जाम पिलाए जाएँगे, जिसमें सोंठ मिली होगी।
Arabic explanations of the Qur’an:
عَیْنًا فِیْهَا تُسَمّٰی سَلْسَبِیْلًا ۟
वह उस (जन्नत) में एक स्रोत है, जिसका नाम सलसबील है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَیَطُوْفُ عَلَیْهِمْ وِلْدَانٌ مُّخَلَّدُوْنَ ۚ— اِذَا رَاَیْتَهُمْ حَسِبْتَهُمْ لُؤْلُؤًا مَّنْثُوْرًا ۟
और उनके आस-पास ऐसे बालक फिर रहे होंगे, जो सदा बालक ही रहेंगे। जब तुम उन्हें देखोगे, तो उन्हें बिखरे हुए मोती समझोगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا رَاَیْتَ ثَمَّ رَاَیْتَ نَعِیْمًا وَّمُلْكًا كَبِیْرًا ۟
तथा जब तुम वहाँ देखोगे, तो महान नेमत तथा विशाल राज्य देखोगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
عٰلِیَهُمْ ثِیَابُ سُنْدُسٍ خُضْرٌ وَّاِسْتَبْرَقٌ ؗ— وَّحُلُّوْۤا اَسَاوِرَ مِنْ فِضَّةٍ ۚ— وَسَقٰىهُمْ رَبُّهُمْ شَرَابًا طَهُوْرًا ۟
उनके शरीर पर महीन रेशम के हरे कपड़े तथा दबीज़ रेशमी वस्त्र होंगे और उन्हें चाँदी के कंगन पहनाए जाएँगे और उनका पालनहार उन्हें पवित्र पेय पिलाएगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّ هٰذَا كَانَ لَكُمْ جَزَآءً وَّكَانَ سَعْیُكُمْ مَّشْكُوْرًا ۟۠
(तथा कहा जाएगा :) निःसंदेह यह तुम्हारा प्रतिफल है और तुम्हारे प्रयास का सम्मान किया गया।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّا نَحْنُ نَزَّلْنَا عَلَیْكَ الْقُرْاٰنَ تَنْزِیْلًا ۟ۚ
निश्चय हम ही ने आपपर यह क़ुरआन थोड़ा-थोड़ा करके[8] उतारा है।
8. अर्थात नुबुव्वत की तेईस वर्ष की अवधि में, और ऐसा क्यों किया गया इसके लिए देखिए : सूरत बनी इसराईल, आयत : 106।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَاصْبِرْ لِحُكْمِ رَبِّكَ وَلَا تُطِعْ مِنْهُمْ اٰثِمًا اَوْ كَفُوْرًا ۟ۚ
अतः आप अपने पालनहार के आदेश के लिए धैर्य रखें और उनमें से किसी पापी या कृतघ्न की बात न मानें।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاذْكُرِ اسْمَ رَبِّكَ بُكْرَةً وَّاَصِیْلًا ۟ۖۚ
तथा प्रातःकाल और संध्या समय अपने पालनहार का नाम याद करते रहें।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمِنَ الَّیْلِ فَاسْجُدْ لَهٗ وَسَبِّحْهُ لَیْلًا طَوِیْلًا ۟
तथा रात के कुछ हिस्से में भी उसके लिए सजदा करें और लंबी रात तक उसकी पवित्रता का वर्णन करें।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّ هٰۤؤُلَآءِ یُحِبُّوْنَ الْعَاجِلَةَ وَیَذَرُوْنَ وَرَآءَهُمْ یَوْمًا ثَقِیْلًا ۟
निःसंदेह ये लोग शीघ्र प्राप्त होने वाली चीज़ (संसार) से प्रेम रखते है और एक भारी दिन[9] को अपने पीछे छोड़ रहे हैं।
9. इससे अभिप्राय प्रलय का दिन है।
Arabic explanations of the Qur’an:
نَحْنُ خَلَقْنٰهُمْ وَشَدَدْنَاۤ اَسْرَهُمْ ۚ— وَاِذَا شِئْنَا بَدَّلْنَاۤ اَمْثَالَهُمْ تَبْدِیْلًا ۟
हम ही ने उन्हें पैदा किया और उनके जोड़-बंद मज़बूत किए, तथा हम जब चाहेंगे बदलकर उन जैसे[10] अन्य लोग ले आएँगे।
10. अर्थात इनका विनाश करके इनके स्थान पर दूसरों को पैदा कर दें।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّ هٰذِهٖ تَذْكِرَةٌ ۚ— فَمَنْ شَآءَ اتَّخَذَ اِلٰی رَبِّهٖ سَبِیْلًا ۟
निश्चय यह एक उपदेश है। अतः जो चाहे अपने पालनहार की ओर (जाने वाला) मार्ग पकड़ ले।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمَا تَشَآءُوْنَ اِلَّاۤ اَنْ یَّشَآءَ اللّٰهُ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ كَانَ عَلِیْمًا حَكِیْمًا ۟
और तुम अल्लाह के चाहे बिना कुछ भी नहीं चाह सकते।[11] निश्चय अल्लाह सब चीज़ों को जानने वाला, पूर्ण हिकमत वाला है।
11. अर्थात कोई इस बात पर समर्थ नहीं कि जो चाहे कर ले। जो भलाई चाहता है तो अल्लाह उसे भलाई की राह दिखा देता है।
Arabic explanations of the Qur’an:
یُّدْخِلُ مَنْ یَّشَآءُ فِیْ رَحْمَتِهٖ ؕ— وَالظّٰلِمِیْنَ اَعَدَّ لَهُمْ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟۠
वह जिसे चाहता है अपनी दया में दाखिल करता है और अत्याचारियों के लिए उसने दर्दनाक यातना तैयार की है।
Arabic explanations of the Qur’an:
 
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Translation of the Quran meanings into Indian by Azizul-Haqq Al-Umary.

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