Traducción de los significados del Sagrado Corán - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Índice de traducciones


Traducción de significados Versículo: (33) Capítulo: Sura Hud
قَالَ اِنَّمَا یَاْتِیْكُمْ بِهِ اللّٰهُ اِنْ شَآءَ وَمَاۤ اَنْتُمْ بِمُعْجِزِیْنَ ۟
नूह अलैहिस्सलाम ने उनसे कहा : मैं अज़ाब लेकर नहीं आऊँगा। उसे तो तुम्हारे पास अल्लाह ही लाएगा, यदि वह चाहेगा। और यदि अल्लाह तुम्हें सज़ा देना चाहे, तो तुम उसके अज़ाब से बच नहीं सकते।
Las Exégesis Árabes:
Beneficios de los versículos de esta página:
• عفة الداعية إلى الله وأنه يرجو منه الثواب وحده.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाले का आत्म संयम व सदाचार और यह कि वह केवल अल्लाह से बदले की उम्मीद रखता है।

• حرمة طرد فقراء المؤمنين، ووجوب إكرامهم واحترامهم.
• ग़रीब मोमिनों को धुतकारना हराम है तथा उनका आदर-सम्मान ज़रूरी है।

• استئثار الله تعالى وحده بعلم الغيب.
• ग़ैब (परोक्ष) का ज्ञान अकेले अल्लाह सर्वशक्तिमान का एकाधिकार है।

• مشروعية جدال الكفار ومناظرتهم.
• काफिरों से तर्क-वितर्क और बहस करना वैध है।

 
Traducción de significados Versículo: (33) Capítulo: Sura Hud
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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