Traducción de los significados del Sagrado Corán - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Índice de traducciones


Traducción de significados Versículo: (53) Capítulo: Sura Hud
قَالُوْا یٰهُوْدُ مَا جِئْتَنَا بِبَیِّنَةٍ وَّمَا نَحْنُ بِتَارِكِیْۤ اٰلِهَتِنَا عَنْ قَوْلِكَ وَمَا نَحْنُ لَكَ بِمُؤْمِنِیْنَ ۟
उनकी जाति के लोगों ने कहा : ऐ हूद! तुम हमारे पास कोई ऐसा स्पष्ट प्रमाण लेकर नहीं आए, जो हमें तुमपर ईमान लाने के लिए आमादा करे। और हम तुम्हारी बिना तर्क की बात पर अपने देवी-देवताओं की पूजा छोड़ने वाले नहीं हैं। तथा तुम जो अपने रसूल होने का दावा करते हो, उसमें हम तुमपर विश्वास नहीं कर रहे हैं।
Las Exégesis Árabes:
Beneficios de los versículos de esta página:
• لا يملك الأنبياء الشفاعة لمن كفر بالله حتى لو كانوا أبناءهم.
• नबियों को अल्लाह के साथ कुफ़्र करने वालों की सिफ़ारिश करने का अधिकार नहीं है, भले ही वे उनके बेटे हों।

• عفة الداعية وتنزهه عما في أيدي الناس أقرب للقبول منه.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाले व्यक्ति का लोगों के हाथों में जो कुछ है, उससे पवित्र होना इस बात के अधिक योग्य है कि उसकी बात को स्वीकार किया जाए।

• فضل الاستغفار والتوبة، وأنهما سبب إنزال المطر وزيادة الذرية والأموال.
• क्षमा याचना और तौबा की विशेषता और यह कि वे बारिश के उतरने तथा संतान और धन में वृद्धि के कारण हैं।

 
Traducción de significados Versículo: (53) Capítulo: Sura Hud
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