Traducción de los significados del Sagrado Corán - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Índice de traducciones


Traducción de significados Versículo: (170) Capítulo: Sura Al-‘Imrán
فَرِحِیْنَ بِمَاۤ اٰتٰىهُمُ اللّٰهُ مِنْ فَضْلِهٖ ۙ— وَیَسْتَبْشِرُوْنَ بِالَّذِیْنَ لَمْ یَلْحَقُوْا بِهِمْ مِّنْ خَلْفِهِمْ ۙ— اَلَّا خَوْفٌ عَلَیْهِمْ وَلَا هُمْ یَحْزَنُوْنَ ۟ۘ
अल्लाह ने अपनी कृपा से जो कुछ उन्हें प्रदान किया है उस पर वे खुशी और आनंद से अभिभूत हैं। वे इस आशा और प्रतीक्षा में हैं कि उनके वे भाई जो दुनिया में रह गए हैं, उनसे आ मिलेंगे, और वे भी अगर अल्लाह के रास्ते में युद्ध करते हुए मारे जाएँगे, तो उन्हें भी उन्हीं की तरह अल्लाह का अनुग्रह प्राप्त होगा। तथा उन्हें न अपने सामने आख़िरत का भय होगा और न वे दुनिया की सुख-सामग्री के छूटने पर दुखी होंगे।
Las Exégesis Árabes:
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• من سنن الله تعالى أن يبتلي عباده؛ ليتميز المؤمن الحق من المنافق، وليعلم الصادق من الكاذب.
• सर्वशक्तिमान अल्लाह का नियम है कि वह अपने बंदों का परीक्षण करता है; ताकि सच्चा मोमिन, मुनाफ़िक़ (पाखंडी) से अलग हो जाए और ताकि सच्चे और झूठे की पहचान हो जाए।

• عظم منزلة الجهاد والشهادة في سبيل الله وثواب أهله عند الله تعالى حيث ينزلهم الله تعالى بأعلى المنازل.
• अल्लाह के रास्ते में जिहाद और शहादत का महान स्थान और अल्लाह तआला के यहाँ शहीदों का महान प्रतिफल कि अल्लाह उन्हें सर्वोच्च स्थान प्रदान करेगा।

• فضل الصحابة وبيان علو منزلتهم في الدنيا والآخرة؛ لما بذلوه من أنفسهم وأموالهم في سبيل الله تعالى.
• सहाबा की श्रेष्ठता और दुनिया एवं आख़िरत में उनके ऊँचे स्थान का बयान। क्योंकि उन्होंने अल्लाह के रास्ते में अपनी जानो और धनों को न्योछावर कर दिया।

 
Traducción de significados Versículo: (170) Capítulo: Sura Al-‘Imrán
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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