Traducción de los significados del Sagrado Corán - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Índice de traducciones


Traducción de significados Versículo: (85) Capítulo: Sura Al-‘Imrán
وَمَنْ یَّبْتَغِ غَیْرَ الْاِسْلَامِ دِیْنًا فَلَنْ یُّقْبَلَ مِنْهُ ۚ— وَهُوَ فِی الْاٰخِرَةِ مِنَ الْخٰسِرِیْنَ ۟
और जो कोई उस धर्म के अलावा कोई अन्य धर्म तलाश करे, जिसे अल्लाह ने पसंद किया है और वह इस्लाम धर्म है; तो अल्लाह उससे उसे कदापि स्वीकार नहीं करेगा, और वह आख़िरत में आग में प्रवेश करके अपना ही घाटा करने वालों में से होगा।
Las Exégesis Árabes:
Beneficios de los versículos de esta página:
• يجب الإيمان بجميع الأنبياء الذين أرسلهم الله تعالى، وجميع ما أنزل عليهم من الكتب، دون تفريق بينهم.
• अल्लाह के भेजे हुए सभी नबियों तथा उनपर उतारी गई सभी पुस्तकों पर, उनके बीच अंतर किए बिना, ईमान लाना अनिवार्य है।

• لا يقبل الله تعالى من أحد دينًا أيًّا كان بعد بعثة النبي محمد صلى الله عليه وسلم إلا الإسلام الذي جاء به.
• पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के आने के बाद, अल्लाह तआला आपके द्वारा लाए हुए इस्लाम को छोड़कर, किसी से किसी भी धर्म को स्वीकार नहीं करेगा।

• مَنْ أصر على الضلال، واستمر عليه، فقد يعاقبه الله بعدم توفيقه إلى التوبة والهداية.
• जो व्यक्ति गुमराही पर अड़ा रहता है और निरंतर उसी पर बना रहता है, तो अल्लाह तआला उसे तौबा (पश्चाताप) और मार्गदर्शन की तौफ़ीक़ न देकर दंडित कर सकता है।

• باب التوبة مفتوح للعبد ما لم يحضره الموت، أو تشرق الشمس من مغربها، فعندئذ لا تُقْبل منه التوبة.
• बंदे के लिए तौबा (पश्चाताप) का द्वार उस समय तक खुला हुआ है, जब तक कि उसके पास मृत्यु उपस्थित न हो जाए, या पश्चिम से सूर्योदय न हो जाए। तब उससे तौबा स्वीकार नहीं की जाएगी।

• لا ينجي المرء يوم القيامة من عذاب النار إلا عمله الصالح، وأما المال فلو كان ملء الأرض لم ينفعه شيئًا.
• क़ियामत के दिन आदमी को केवल उसका नेक कर्म ही आग के अज़ाब से बचाएगा। जहाँ तक धन की बात है, तो यदि वह धरती भरने के बराबर भी हो, तो इससे उसे बिल्कुल भी फायदा नहीं होगा।

 
Traducción de significados Versículo: (85) Capítulo: Sura Al-‘Imrán
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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