Traducción de los significados del Sagrado Corán - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Índice de traducciones


Traducción de significados Versículo: (15) Capítulo: Sura Saad
وَمَا یَنْظُرُ هٰۤؤُلَآءِ اِلَّا صَیْحَةً وَّاحِدَةً مَّا لَهَا مِنْ فَوَاقٍ ۟
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को झुठलाने वाले ये लोग केवल इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि सूर में दूसरी फूँक मार दी जाए, जो अपरिवर्तनीय है। फिर वे यातना से ग्रस्त होंगे, अगर वे आपको झुठलाने की अवस्था में मर गए।
Las Exégesis Árabes:
Beneficios de los versículos de esta página:
• أقسم الله عز وجل بالقرآن العظيم، فالواجب تَلقِّيه بالإيمان والتصديق، والإقبال على استخراج معانيه.
• अल्लाह ने अपने महान क़ुरआन की क़सम खाई है। इसलिए आवश्यक है कि उसपर ईमान रखा जाए, उसकी पुष्टि की जाए और उसके अर्थों को निकालने पर ध्यान दिया जाए।

• غلبة المقاييس المادية في أذهان المشركين برغبتهم في نزول الوحي على السادة والكبراء.
• बहुदेववादियों के मन में भौतिक मानकों की प्रधानता, कि उन्होंने सरदारों और बड़े लोगों पर वह़्य (प्रकाशना) उतरने की इच्छा की।

• سبب إعراض الكفار عن الإيمان: التكبر والتجبر والاستعلاء عن اتباع الحق.
• काफ़िरों के ईमान से दूर होने का कारण : सत्य का पालन करने से अहंकार, अभिमान और घमंड था।

 
Traducción de significados Versículo: (15) Capítulo: Sura Saad
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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