Traducción de los significados del Sagrado Corán - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Índice de traducciones


Traducción de significados Versículo: (24) Capítulo: Sura Al-Jaathiya
وَقَالُوْا مَا هِیَ اِلَّا حَیَاتُنَا الدُّنْیَا نَمُوْتُ وَنَحْیَا وَمَا یُهْلِكُنَاۤ اِلَّا الدَّهْرُ ۚ— وَمَا لَهُمْ بِذٰلِكَ مِنْ عِلْمٍ ۚ— اِنْ هُمْ اِلَّا یَظُنُّوْنَ ۟
मरणोपरांत पुनर्जीवित किए जाने का इनकार करने वाले काफ़िरों ने कहा : जीवन तो केवल यही हमारा सांसारिक जीवन है, इसके बाद कोई जीवन नहीं है। कुछ पीढ़ियाँ मर जाती हैं, फिर वे वापस नहीं लौटती हैं और कुछ दूसरी पीढ़ियाँ जीवित होती हैं। तथा हमारी मृत्यु का एकमात्र कारण रात और दिन का आना-जाना (कालचक्र) है। वास्तव में, उनके पास दोबारा जीवित होकर उठने के इनकार का कोई ज्ञान नहीं है। वे केवल अनुमान से काम ले रहे हैं और निश्चित रूप से, अनुमान का सत्य के सामने कोई लाभ नहीं है।
Las Exégesis Árabes:
Beneficios de los versículos de esta página:
• اتباع الهوى يهلك صاحبه، ويحجب عنه أسباب التوفيق.
• इच्छाओं का पालन करना मनुष्य का विनाश कर देता है, तथा सफलता के कारणों को उससे रोक देता है।

• هول يوم القيامة.
• क़ियामत के दिन की भयावहता।

• الظن لا يغني من الحق شيئًا، خاصةً في مجال الاعتقاد.
• अनुमान सत्य के मुक़ाबले में कोई लाभ नहीं देता, विशेष रूप से अक़ीदा (विश्वास) के क्षेत्र में।

 
Traducción de significados Versículo: (24) Capítulo: Sura Al-Jaathiya
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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