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Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción india de Al-Mujtasar de la Exégesis del Sagrado Corán * - Índice de traducciones


Traducción de significados Capítulo: Al-Maaida   Versículo:
وَاِذَا نَادَیْتُمْ اِلَی الصَّلٰوةِ اتَّخَذُوْهَا هُزُوًا وَّلَعِبًا ؕ— ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ قَوْمٌ لَّا یَعْقِلُوْنَ ۟
इसी तरह, वे उस समय (भी) मज़ाक उड़ाते और खेलते हैं, जब तुम नमाज़ के लिए अज़ान देते हो, जो कि अल्लाह की निकटता का सबसे महान कार्य है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे ऐसे लोग हैं जो अल्लाह की उपासना के अर्थ और उन विधानों को नहीं समझते जो उसने लोगों के लिए बनाए हैं।
Las Exégesis Árabes:
قُلْ یٰۤاَهْلَ الْكِتٰبِ هَلْ تَنْقِمُوْنَ مِنَّاۤ اِلَّاۤ اَنْ اٰمَنَّا بِاللّٰهِ وَمَاۤ اُنْزِلَ اِلَیْنَا وَمَاۤ اُنْزِلَ مِنْ قَبْلُ ۙ— وَاَنَّ اَكْثَرَكُمْ فٰسِقُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप अह्ले किताब के उपहास करने वालों से कह दें : क्या तुम हमें केवल इस बात का दोष देते हो कि हम अल्लाह पर ईमान लाए, और उसपर जो हमारी ओर उतारा गया और उसपर भी जो हमसे पहले के लोगों पर उतारा गया, तथा इस बात पर ईमान लाए कि तुममें से अधिकांश लोग ईमान और आदेशों का पालन छोड़कर अल्लाह की आज्ञाकारिता से बाहर हैं?! इस तरह तुम हमें जिस चीज़ का दोष देते हो, वह हमारे लिए प्रशंसा की बात है, निंदनीय नहीं।
Las Exégesis Árabes:
قُلْ هَلْ اُنَبِّئُكُمْ بِشَرٍّ مِّنْ ذٰلِكَ مَثُوْبَةً عِنْدَ اللّٰهِ ؕ— مَنْ لَّعَنَهُ اللّٰهُ وَغَضِبَ عَلَیْهِ وَجَعَلَ مِنْهُمُ الْقِرَدَةَ وَالْخَنَازِیْرَ وَعَبَدَ الطَّاغُوْتَ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ شَرٌّ مَّكَانًا وَّاَضَلُّ عَنْ سَوَآءِ السَّبِیْلِ ۟
(ऐ रसूल!) आप कह दें : क्या मैं तुम्हें उन लोगों के बारे में बताऊँ, जो इनकी तुलना में दोष के अधिक योग्य हैं और अधिक कठोर सज़ा के हक़दार हैं? वे इनके पूर्वज ही हैं, जिन्हें अल्लाह ने अपनी दया से निकाल दिया, उनपर क्रोधित हुआ, उन्हें विरूपण के बाद वानर और सूअर बना दिया और उनमें से कुछ लोगों को ताग़ूत का पुजारी बना दिया। 'ताग़ूत' कहते हैं जिसकी अल्लाह के अलावा इस हाल में पूजा कि जाए कि वह उससे सहमत हो। ये लोग जिनका उल्लेख किया गया है, क़ियामत के दिन सबसे खराब स्थिति में होंगे, तथा सीधे रास्ते से बहुत भटके हुए होंगे।
Las Exégesis Árabes:
وَاِذَا جَآءُوْكُمْ قَالُوْۤا اٰمَنَّا وَقَدْ دَّخَلُوْا بِالْكُفْرِ وَهُمْ قَدْ خَرَجُوْا بِهٖ ؕ— وَاللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا كَانُوْا یَكْتُمُوْنَ ۟
(ऐ ईमान वालो!) जब उनमें से मुनाफ़िक़ लोग तुम्हारे पास आते हैं, तो वे अपने निफ़ाक़ के कारण तुम्हारे सामने ईमान को ज़ाहिर करते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि वे प्रवेश करते और निकलते समय कुफ़्र में लिप्त होते हैं, उससे अलग नहीं होते। तथा अल्लाह उस कुफ़्र को अच्छी तरह जानता है जो वे अपने दिलों में छिपाते हैं, यदि वे तुम्हारे सामने ईमान को ज़ाहिर करते हैं और वह शीघ्र ही उन्हें उसका प्रतिफल देगा।
Las Exégesis Árabes:
وَتَرٰی كَثِیْرًا مِّنْهُمْ یُسَارِعُوْنَ فِی الْاِثْمِ وَالْعُدْوَانِ وَاَكْلِهِمُ السُّحْتَ ؕ— لَبِئْسَ مَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप देखेंगे कि बहुत से यहूदी और मुनाफ़िक़ पाप करने के लिए जल्दी करते हैं, जैसे कि झूठ बोलना, दूसरों पर अत्याचार करना और लोगों के माल को निषिद्ध तरीक़े से खाना। बहुत बुरा है जो कुछ वे कर रहे हैं।
Las Exégesis Árabes:
لَوْلَا یَنْهٰىهُمُ الرَّبّٰنِیُّوْنَ وَالْاَحْبَارُ عَنْ قَوْلِهِمُ الْاِثْمَ وَاَكْلِهِمُ السُّحْتَ ؕ— لَبِئْسَ مَا كَانُوْا یَصْنَعُوْنَ ۟
उनके इमाम (पथ-प्रदर्शक) और विद्वान उन्हें झूठ बोलने, झूठी गवाही देने तथा अवैध रूप से लोगों का धन खाने से क्यों नहीं रोकते? उनके इमामों और विद्वानों का रवैया जो उन्हें बुराई करने से मना नहीं करते, बहुत बुरा है।
Las Exégesis Árabes:
وَقَالَتِ الْیَهُوْدُ یَدُ اللّٰهِ مَغْلُوْلَةٌ ؕ— غُلَّتْ اَیْدِیْهِمْ وَلُعِنُوْا بِمَا قَالُوْا ۘ— بَلْ یَدٰهُ مَبْسُوْطَتٰنِ ۙ— یُنْفِقُ كَیْفَ یَشَآءُ ؕ— وَلَیَزِیْدَنَّ كَثِیْرًا مِّنْهُمْ مَّاۤ اُنْزِلَ اِلَیْكَ مِنْ رَّبِّكَ طُغْیَانًا وَّكُفْرًا ؕ— وَاَلْقَیْنَا بَیْنَهُمُ الْعَدَاوَةَ وَالْبَغْضَآءَ اِلٰی یَوْمِ الْقِیٰمَةِ ؕ— كُلَّمَاۤ اَوْقَدُوْا نَارًا لِّلْحَرْبِ اَطْفَاَهَا اللّٰهُ ۙ— وَیَسْعَوْنَ فِی الْاَرْضِ فَسَادًا ؕ— وَاللّٰهُ لَا یُحِبُّ الْمُفْسِدِیْنَ ۟
जब यहूदी कठिनाई और अकाल से पीड़ित हुए, तो कहने लगे : अल्लाह का हाथ दान करने तथा प्रदान करने से रुका हुआ है, उसके पास जो कुछ है उसे हमसे रोक रखा है। सुन लो, उनके हाथ भलाई करने और दान करने से बाँध दिए गए, और वे अपने इस कथन के कारण अल्लाह की दया से वंचित कर दिए गए। बल्कि अल्लाह सर्वशक्तिमान के दोनों हाथ भलाई और दान के साथ खुले हुए हैं, वह जैसे चाहता है, खर्च करता है। कभी विस्तार करता और कभी तंगी करता है। न कोई उसे रोकने वाला है, न कोई मजबूर करने वाला। और (ऐ रसूल!) आपकी ओर जो उतारा गया है, वह यहूदियों को सीमा के उल्लंघन और इनकार ही में बढ़ाता है; क्योंकि उनके दिल ईर्ष्या से भरे हुए हैं। तथा हमने यहूदियों के संप्रदायों के बीच शत्रुता और द्वेष डाल दिया। जब भी वे युद्ध के लिए इकट्ठे होते हैं और उसकी तैयारी करते हैं या उसे भड़काने की साज़िश रचते हैं, तो अल्लाह उन्हें तितर-बितर कर देता है और उनकी शक्ति छीन लेता है। तथा वे निरंतर ऐसा कार्य करने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे धरती पर उपद्रव हो, जैसे कि इस्लाम को खत्म करने और उसके विरुद्ध साज़िश रचने का प्रयास। और अल्लाह उपद्रव करने वालों से प्रेम नहीं करता।
Las Exégesis Árabes:
Beneficios de los versículos de esta página:
• ذمُّ العالم على سكوته عن معاصي قومه وعدم بيانه لمنكراتهم وتحذيرهم منها.
• विद्वान की, अपने लोगों के पापों पर चुप रहने, उनकी बुराइयों को स्पष्ट न करने और उन्हें उनसे सावधान न करने पर, निंदा।

• سوء أدب اليهود مع الله تعالى، وذلك لأنهم وصفوه سبحانه بأنه مغلول اليد، حابس للخير.
• सर्वशक्तिमान अल्लाह के साथ यहूदियों की बे-अदबी (धृष्टता)। क्योंकि उन्होंने अल्लाह का वर्णन इस तरह किया है कि उसका हाथ बँधा हुआ, भलाई को रोकने वाला है।

• إثبات صفة اليدين، على وجه يليق بذاته وجلاله وعظيم سلطانه.
• अल्लाह के लिए दो हाथों की विशेषता इस तरह से साबित मानना, जो उसके अस्तित्व, उसकी महिमा और उसके महान प्रभुत्व के योग्य है।

• الإشارة لما وقع فيه بعض طوائف اليهود من الشقاق والاختلاف والعداوة بينهم نتيجة لكفرهم وميلهم عن الحق.
• यहूदियों के कुछ संप्रदायों के अपने कुफ़्र तथा सत्य से दूरी के परिणामस्वरूप रंजिश, मतभेद और आपसी दुश्मनी में पड़ने की ओर संकेत।

 
Traducción de significados Capítulo: Al-Maaida
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Emitido por el Centro Tafsir de Estudios Coránicos.

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