Traducción de los significados del Sagrado Corán - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Índice de traducciones


Traducción de significados Versículo: (195) Capítulo: Sura Al-A'raaf
اَلَهُمْ اَرْجُلٌ یَّمْشُوْنَ بِهَاۤ ؗ— اَمْ لَهُمْ اَیْدٍ یَّبْطِشُوْنَ بِهَاۤ ؗ— اَمْ لَهُمْ اَعْیُنٌ یُّبْصِرُوْنَ بِهَاۤ ؗ— اَمْ لَهُمْ اٰذَانٌ یَّسْمَعُوْنَ بِهَا ؕ— قُلِ ادْعُوْا شُرَكَآءَكُمْ ثُمَّ كِیْدُوْنِ فَلَا تُنْظِرُوْنِ ۟
क्या इन मूर्तियों के, जिन्हें तुमने पूज्य बना रखा है, पाँव हैं, जिनसे वे चलती हैं, कि तुम्हारी ज़रूरतें पूरी करें? या उनके हाथ हैं, जिनसे वे तुम्हारा पूरी शक्ति से बचाव करें? या उनकी आँखें हैं, जिनसे वे उन चीज़ों को देखती हैं, जिन्हें तुम नहीं देख सकते कि तुम्हें उनसे अवगत करा सकें? या उनके कान हैं, जिनसे वे उन बातों को सुन लेती हैं, जिन्हें तुम नहीं सुन सकते, तो वे तुम्हें उनसे सूचित कर देती हैं? अगर वे इन सारी चीज़ों से खाली हैं, तो फिर तुम उन्हें लाभ प्राप्त करने या हानि से बचने की आशा में कैसे पूजते हो?! (ऐ रसूल!) आप इन मुश्रिकों से कह दें : उन लोगों को पुकारो, जिन्हें तुमने अल्लाह के बराबर बना रखा है, फिर तुम मुझे नुक़सान पहुँचाने का उपाय करो और मुझे कोई मोहलत न दो।
Las Exégesis Árabes:
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• في الآيات بيان جهل من يقصد النبي صلى الله عليه وسلم ويدعوه لحصول نفع أو دفع ضر؛ لأن النفع إنما يحصل من قِبَلِ ما أرسل به من البشارة والنذارة.
• इन आयतों में उन लोगों की मूर्खता का उल्लेख है, जो अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को लाभ प्राप्त करने या नुक़सान से बचने के लिए पुकारते हैं, क्योंकि लाभ केवल उस शुभ सूचना और चेतावनी (डरावे) के माधय्म से प्राप्त होता है, जिसके साथ आपको भेजा गया था।

• جعل الله بمنَّته من نوع الرجل زوجه؛ ليألفها ولا يجفو قربها ويأنس بها؛ لتتحقق الحكمة الإلهية في التناسل.
• अल्लाह ने अपनी कृपा से पति ही के वर्ग से उसकी पत्नी बनाई, ताकि पति को उससे लगाव हो, उसकी निकटता से उसका मन उचाट न हो और उसके साथ अपनापन महसूस करे; ताकि प्रजनन में अल्लाह की हिकमत परिपूर्ण हो।

• لا يليق بالأفضل الأكمل الأشرف من المخلوقات وهو الإنسان أن يشتغل بعبادة الأخس والأرذل من الحجارة والخشب وغيرها من الآلهة الباطلة.
• सबसे श्रेष्ठ, सबसे पूर्ण और सबसे प्रतिष्ठित मख़लूक़ अर्थात् इनसान को यह शोभा नहीं देता कि सबसे नीच और अप्रतिष्ठित चीज़ जैसे - पत्थर, लकड़ी और अन्य झूठे पूज्यों (देवताओं) की इबादत में व्यस्त हो।

 
Traducción de significados Versículo: (195) Capítulo: Sura Al-A'raaf
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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