Check out the new design

Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción india de Al-Mujtasar de la Exégesis del Sagrado Corán * - Índice de traducciones


Traducción de significados Capítulo: Al-Anfaal   Versículo:
یٰۤاَیُّهَا النَّبِیُّ قُلْ لِّمَنْ فِیْۤ اَیْدِیْكُمْ مِّنَ الْاَسْرٰۤی ۙ— اِنْ یَّعْلَمِ اللّٰهُ فِیْ قُلُوْبِكُمْ خَیْرًا یُّؤْتِكُمْ خَیْرًا مِّمَّاۤ اُخِذَ مِنْكُمْ وَیَغْفِرْ لَكُمْ ؕ— وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
ऐ नबी! उन लोगों से कहो जो बहुदेववादियों के बंदियों में से तुम्हारे हाथों में आए हैं, जिन्हें तुमने बद्र के दिन क़ैद कर लिया था : अगर अल्लाह तुम्हारे दिलों में नेकी की मंशा और अच्छा इरादा जान लेगा, तो तुम्हें उससे बेहतर देगा जो तुमसे छुड़ौती में लिया गया है। इसलिए जो कुछ तुमसे लिया गया है, उसपर शोक मत करो। तथा वह तुम्हारे गुनाहों को क्षमा कर देगा। अल्लाह अपने तौबा करने वाले बंदों को बहुत क्षमा करने वाला, उनपर अत्यंत दया करने वाला है। वास्तव में, नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के चाचा अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हु और उनके अलावा अन्य मुसलमान होने वालों के संबंध में अल्लाह का यह वादा पूरा हो गया।
Las Exégesis Árabes:
وَاِنْ یُّرِیْدُوْا خِیَانَتَكَ فَقَدْ خَانُوا اللّٰهَ مِنْ قَبْلُ فَاَمْكَنَ مِنْهُمْ ؕ— وَاللّٰهُ عَلِیْمٌ حَكِیْمٌ ۟
और अगर वे (ऐ मुहम्मद!) आपसे जो कुछ कहते हैं, उसके द्वारा आपके साथ विश्वासघात करना चाहें, तो निश्चय वे इससे पहले अल्लाह के साथ विश्वासघात कर चुके हैं, और अल्लाह ने उनके विरुद्ध आपकी सहायता की। चुनाँचे उनमें से कुछ लोग मारे गए और कुछ लोग क़ैद हुए। अब अगर वे दोबारा ऐसी हरकत करें, तो उन्हें इसी तरह की सज़ा की प्रतीक्षा करनी चाहिए। अल्लाह अपनी सृष्टि और उसके हितों से अवगत है, अपने प्रबंधन में हिकमत वाला है।
Las Exégesis Árabes:
اِنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَهَاجَرُوْا وَجٰهَدُوْا بِاَمْوَالِهِمْ وَاَنْفُسِهِمْ فِیْ سَبِیْلِ اللّٰهِ وَالَّذِیْنَ اٰوَوْا وَّنَصَرُوْۤا اُولٰٓىِٕكَ بَعْضُهُمْ اَوْلِیَآءُ بَعْضٍ ؕ— وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَلَمْ یُهَاجِرُوْا مَا لَكُمْ مِّنْ وَّلَایَتِهِمْ مِّنْ شَیْءٍ حَتّٰی یُهَاجِرُوْا ۚ— وَاِنِ اسْتَنْصَرُوْكُمْ فِی الدِّیْنِ فَعَلَیْكُمُ النَّصْرُ اِلَّا عَلٰی قَوْمٍ بَیْنَكُمْ وَبَیْنَهُمْ مِّیْثَاقٌ ؕ— وَاللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِیْرٌ ۟
निःसंदेह जो लोग अल्लाह पर ईमान लाए, उसके रसूल की पुष्टि की, उसकी शरीयत पर अमल किया तथा कुफ़्र के देश से इस्लाम के देश की ओर या ऐसी जगह की ओर हिजरत की जहाँ निर्भय होकर अल्लाह की इबादत कर सकें, तथा अल्लाह की बात को सर्वोच्च करने के लिए अपनी जान और माल के साथ जिहाद किया, तथा वे लोग जिन्होंने उनको अपने घरों में ठहराया और उनकी सहायता की - वे मुहाजिर लोग और उनकी मदद करने वाले मदीना के वासी मदद और सहयोग में एक-दूसरे के दोस्त हैं। और जो लोग अल्लाह पर ईमान लाए, परंतु उन्होंने कुफ़्र के देश से इस्लाम के देश की ओर हिजरत नहीं की, तो (ऐ मोमिनो!) तुमपर उनकी मदद करना और उनकी रक्षा करना ज़रूरी नहीं है यहाँ तक कि वे अल्लाह के मार्ग में हिजरत करें। अगर काफ़िर लोग उनपर अत्याचार करें और वे तुमसे मदद की गुहार लगाएँ, तो उनके दुश्मन के विरुद्ध उनकी सहायता करो, सिवाय इसके कि तुम्हारे और उनके दुश्मनों (काफ़िरों) के बीच कोई संधि हो जिसे उन्होंने भंग न किया हो। तथा तुम जो कुछ कर रहे हो, अल्लाह उसे देख रहा है। उससे तुम्हारा कोई कार्य छिपा नहीं है, और वह तुम्हें उसका बदला देगा।
Las Exégesis Árabes:
وَالَّذِیْنَ كَفَرُوْا بَعْضُهُمْ اَوْلِیَآءُ بَعْضٍ ؕ— اِلَّا تَفْعَلُوْهُ تَكُنْ فِتْنَةٌ فِی الْاَرْضِ وَفَسَادٌ كَبِیْرٌ ۟ؕ
जिन लोगों ने अल्लाह का इनकार किया, उन्हें यही इनकार एक-दूसरे से जोड़े रखता है। इसलिए वे एक दूसरे की मदद करते हैं। अतः किसी मोमिन को उनसे दोस्ती नहीं रखनी चाहिए। अगर तुम मोमिनों से दोस्ती और काफ़िरों से दुश्मनी नहीं रखोगे, तो ईमान वालों के लिए बड़ा फ़ितना (परीक्षण) होगा। क्योंकि उन्हें उनका कोई इस्लामी भाई मदद करने के लिए नहीं मिलेगा। तथा अल्लाह की राह से रोकने की वजह से धरती पर बहुत बड़ा बिगाड़ पैदा होगा।
Las Exégesis Árabes:
وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَهَاجَرُوْا وَجٰهَدُوْا فِیْ سَبِیْلِ اللّٰهِ وَالَّذِیْنَ اٰوَوْا وَّنَصَرُوْۤا اُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْمُؤْمِنُوْنَ حَقًّا ؕ— لَهُمْ مَّغْفِرَةٌ وَّرِزْقٌ كَرِیْمٌ ۟
तथ जो लोग अल्लाह पर ईमान लाए और उसके मार्ग में हिजरत की, तथा जिन्होंने अल्लाह के मार्ग में हिजरत करने वालों को शरण दी और उनकी मदद की, वही लोग सच्चे ईमान वाले हैं। अल्लाह की ओर से उनका प्रतिफल उनके पापों की क्षमा, और उसकी ओर से एक उदार जीविका है, और वह जन्नत है।
Las Exégesis Árabes:
وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مِنْ بَعْدُ وَهَاجَرُوْا وَجٰهَدُوْا مَعَكُمْ فَاُولٰٓىِٕكَ مِنْكُمْ ؕ— وَاُولُوا الْاَرْحَامِ بَعْضُهُمْ اَوْلٰی بِبَعْضٍ فِیْ كِتٰبِ اللّٰهِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ بِكُلِّ شَیْءٍ عَلِیْمٌ ۟۠
जो लोग, सबसे पहले ईमान लाने वाले मुहाजिरों और अनसारियों के बाद ईमान लाए, तथा उन्होंने कुफ़्र के देश से इस्लाम के देश की ओर हिजरत की और अल्लाह के मार्ग में जिहाद किया, ताकि अल्लाह की बात सर्वोच्च हो और काफ़िरों की बात नीची, तो वे लोग (ऐ मोमिनो!) तुम ही में से हैं। उनके लिए वही अधिकार हैं, जो तुम्हारे लिए हैं तथा उनके वही कर्तव्य (और दायित्व) हैं, जो तुम्हारे हैं। तथा अल्लाह के निर्णय में रिश्तेदारी के लोग, आपस में एक-दूसरे के वारिस होने के, पहले से मौजूद ईमान और हिजरत के आधार पर वारिस होने से अधिक हक़दार हैं। निःसंदेह अल्लाह हर चीज़ को जानने वाला है। उससे कोई चीज़ छिपी नहीं है। अतः वह जानता है कि उसके बंदों के हित में क्या है, इसलिए वह उसे उनके लिए धर्मसंगत कर देता है।
Las Exégesis Árabes:
Beneficios de los versículos de esta página:
• يجب على المؤمنين ترغيب الأسرى في الإيمان.
• ईमान वालों को क़ैदियों को ईमान लाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

• تضمنت الآيات بشارة للمؤمنين باستمرار النصر على المشركين ما داموا آخذين بأسباب النصر المادية والمعنوية.
• इन आयतों में मोमिनों को बहुदेववादियों पर निरंतर जीत की खुशख़बरी दी गई है जब तक कि वे जीत के भौतिक और नैतिक साधनों को अपनाए रहेंगे।

• إن المسلمين إذا لم يكونوا يدًا واحدة على أهل الكفر لم تظهر شوكتهم، وحدث بذلك فساد كبير.
• जब तक मुसलमान काफ़िरों के विरुद्ध एकजुट नहीं होंगे, उनकी शक्ति प्रकट नहीं होगी तथा इससे बहुत बड़ा बिगाड़ पैदा होगा।

• فضيلة الوفاء بالعهود والمواثيق في شرعة الإسلام، وإن عارض ذلك مصلحة بعض المسلمين.
• इस्लाम में प्रतिज्ञाओं और वाचाओं को पूरा करने की महत्ता, भले ही यह कुछ मुसलमानों के हितों के विपरीत हो।

 
Traducción de significados Capítulo: Al-Anfaal
Índice de Capítulos Número de página
 
Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción india de Al-Mujtasar de la Exégesis del Sagrado Corán - Índice de traducciones

Emitido por el Centro Tafsir de Estudios Coránicos.

Cerrar