ترجمهٔ معانی قرآن کریم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - لیست ترجمه ها


ترجمهٔ معانی سوره: سوره يوسف   آیه:

सूरा यूसुफ़

از اهداف این سوره:
الاعتبار بلطف تدبير الله لأوليائه وتمكينهم، وحسن عاقبتهم.
अल्लाह के अपने दोस्तों के लिए उपाय करने की सूक्ष्मता और उनके सशक्तिकरण, तथा उनके अच्छे परिणाम पर चिंतना करना।

الٓرٰ ۫— تِلْكَ اٰیٰتُ الْكِتٰبِ الْمُبِیْنِ ۟۫
{अलिफ़, लाम, रा।} यह और इस प्रकार के अक्षरों के संबंध में सूरतुल बक़रा के प्रारंभ में बात गुज़र चुकी है। इस सूरत में जो आयतें उतारी गई हैं, वे उस क़ुरआन की आयतें हैं जो अपने विषयों (सामग्रियों) में स्पष्ट है।
تفسیرهای عربی:
اِنَّاۤ اَنْزَلْنٰهُ قُرْءٰنًا عَرَبِیًّا لَّعَلَّكُمْ تَعْقِلُوْنَ ۟
हमने कुरआन को अरबी भाषा में उतारा है, ताकि (ऐ अरब वासियो!) तुम उसका अर्थ समझ सको।
تفسیرهای عربی:
نَحْنُ نَقُصُّ عَلَیْكَ اَحْسَنَ الْقَصَصِ بِمَاۤ اَوْحَیْنَاۤ اِلَیْكَ هٰذَا الْقُرْاٰنَ ۖۗ— وَاِنْ كُنْتَ مِنْ قَبْلِهٖ لَمِنَ الْغٰفِلِیْنَ ۟
(ऐ रसूल) हम आप पर यह क़ुरआन उतारकर, आपको सच्चाई, शब्दों की शुद्धता और उसकी बलाग़त से भरी सबसे अच्छी कहानी सुना रहे हैं। जबकि इसके उतारे जाने से पहले आप इस कहानी से अनजान थे, आपको इसका कोई ज्ञान नहीं था।
تفسیرهای عربی:
اِذْ قَالَ یُوْسُفُ لِاَبِیْهِ یٰۤاَبَتِ اِنِّیْ رَاَیْتُ اَحَدَ عَشَرَ كَوْكَبًا وَّالشَّمْسَ وَالْقَمَرَ رَاَیْتُهُمْ لِیْ سٰجِدِیْنَ ۟
(ऐ रसूल) हम आपको सूचना दे रहे हैं कि जब यूसुफ़ ने अपने पिता याक़ूब से कहा : ऐ मेरे पिता! मैंने सपने में ग्यारह सितारे देखे, तथा मैंने सूर्य और चंद्रमा को देखा, मैंने उन सभी को मुझे सजदा करते हुए देखा है। यह दृष्टि (स्वप्न) यूसुफ़ अलैहिस्सलाम के लिए एक अग्रिम शुभसूचना थी।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• بيان الحكمة من القصص القرآني، وهي تثبيت قلب النبي صلى الله عليه وسلم وموعظة المؤمنين.
• क़ुरआन में वर्णित कहानियों की हिकमत का वर्णन और वह नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के दिल को मज़बूत करना तथा मोमिनों को उपदेश करना है।

• انفراد الله تعالى بعلم الغيب لا يشركه فيه أحد.
• ग़ैब का ज्ञान केवस अल्लाह के पास है, इसमें उसका कोई साझी नहीं।

• الحكمة من نزول القرآن عربيًّا أن يعقله العرب؛ ليبلغوه إلى غيرهم.
• कुरआन के अरबी भाषा में उतरने की हिकमत यह है कि अरब उसे समझ सकें; ताकि वे उसे दूसरों तक पहुँचाएँ।

• اشتمال القرآن على أحسن القصص.
• कुरआन में सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ शामिल हैं।

قَالَ یٰبُنَیَّ لَا تَقْصُصْ رُءْیَاكَ عَلٰۤی اِخْوَتِكَ فَیَكِیْدُوْا لَكَ كَیْدًا ؕ— اِنَّ الشَّیْطٰنَ لِلْاِنْسَانِ عَدُوٌّ مُّبِیْنٌ ۟
याक़ूब ने अपने पुत्र यूसुफ़ से कहा : ऐ मेरे पुत्र! अपना सपना अपने भाइयों को न बताना। अन्यथा वे उसे समझ जाएँगे और तुमसे ईर्ष्या करेंगे। तथा वे ईर्ष्या करते हुए तुम्हारे लिए षडयंत्र रचेंगे। निःसंदेह शैतान मनुष्य का खुला श्मन है।
تفسیرهای عربی:
وَكَذٰلِكَ یَجْتَبِیْكَ رَبُّكَ وَیُعَلِّمُكَ مِنْ تَاْوِیْلِ الْاَحَادِیْثِ وَیُتِمُّ نِعْمَتَهٗ عَلَیْكَ وَعَلٰۤی اٰلِ یَعْقُوْبَ كَمَاۤ اَتَمَّهَا عَلٰۤی اَبَوَیْكَ مِنْ قَبْلُ اِبْرٰهِیْمَ وَاِسْحٰقَ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ عَلِیْمٌ حَكِیْمٌ ۟۠
और जिस तरह तूने वह स्वप्न देखा है, वैसे ही (ऐ यूसुफ़!) तेरा पालनहार तुझे चुन लेगा और तुझे सपनों की व्याख्या का ज्ञान प्रदान करेगा। तथा तुझपर नुबुव्वत के द्वारा अपनी नेमत पूरी करेगा। जैसे कि तुझसे पूर्व उसने अपनी नेमत तेरे बाप-दादा : इबराहीम और इसहाक़ पर पूरी की थी। निःसंदेह तेरा पालनहार अपनी सृष्टि का ज्ञान रखने वाला और अपने प्रबंधन में हिकमत वाला है।
تفسیرهای عربی:
لَقَدْ كَانَ فِیْ یُوْسُفَ وَاِخْوَتِهٖۤ اٰیٰتٌ لِّلسَّآىِٕلِیْنَ ۟
निश्चित रूप से यूसुफ़ अलैहिस्सलाम और उनके भाइयों की कहानी में उन लोगों के लिए सीख और उपदेश हैं, जो उनके समाचार के बारे में पूछने वाले हैं।
تفسیرهای عربی:
اِذْ قَالُوْا لَیُوْسُفُ وَاَخُوْهُ اَحَبُّ اِلٰۤی اَبِیْنَا مِنَّا وَنَحْنُ عُصْبَةٌ ؕ— اِنَّ اَبَانَا لَفِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنِ ۟ۙۖ
जब उनके भाइयों ने आपस में कहा : यूसुफ़ और उसका सगा भाई हमारे पिता के निकट हमसे अधिक प्रिय हैं। हालाँकि हम एक अच्छी संख्या वाले गिरोह हैं, तो आख़िर कैसे हमारे पिता ने उन दोनों को हमपर श्रेष्ठता दे रखी है? हम समझते हैं कि बिना किसी स्पष्ट कारण के उन दोनों को हमपर श्रेष्ठता देकर वे स्पष्ट भूल कर रहे हैं।
تفسیرهای عربی:
١قْتُلُوْا یُوْسُفَ اَوِ اطْرَحُوْهُ اَرْضًا یَّخْلُ لَكُمْ وَجْهُ اَبِیْكُمْ وَتَكُوْنُوْا مِنْ بَعْدِهٖ قَوْمًا صٰلِحِیْنَ ۟
यूसुफ़ की हत्या कर दो अथवा दूर किसी धरती में फ़ेंक आओ, तुम्हारे पिता का ध्यान पूर्ण रूप से तुम्हारी ओर हो जाएगा और वह तुमसे पूरी तरह से प्यार करने लगेंगे। फिर उसकी हत्या करने अथवा उसे ग़ायब करने के बाद, अपने गुनाहों से तौबा करके, तुम अच्छे लोग बन जाओ।
تفسیرهای عربی:
قَالَ قَآىِٕلٌ مِّنْهُمْ لَا تَقْتُلُوْا یُوْسُفَ وَاَلْقُوْهُ فِیْ غَیٰبَتِ الْجُبِّ یَلْتَقِطْهُ بَعْضُ السَّیَّارَةِ اِنْ كُنْتُمْ فٰعِلِیْنَ ۟
एक भाई ने कहा : यूसुफ़ को मत मारो। बल्कि यदि उसके साथ वही कुछ करना चाहते हो जो तुमने कहा है, तो उसे किसी गहरे कुएँ में फ़ेंक दो कि वहाँ से गुज़रने वाले कुछ यात्री उसे उठा ले जाएँ। यह उसकी हत्या करने की तुलना में कम हानिकारक है।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا یٰۤاَبَانَا مَا لَكَ لَا تَاْمَنَّا عَلٰی یُوْسُفَ وَاِنَّا لَهٗ لَنٰصِحُوْنَ ۟
और जब वे लोग यूसुफ़ अलैहिस्सलाम को दूर करने (हटाने) पर सहमत हो गए, तो उन्होंने अपने पिता याकूब से कहा : ऐ हमारे पिता! आप यूसुफ़ के संबंध में हमपर विश्वास क्यों नहीं करते? जबकि उसके प्रति हमारा रवैया स्नेहपूर्ण रहता है, हम हर कष्ट से उसे बचाते हैं। और जब तक वह आपके पास सुरक्षित रूप से वापस नहीं आ जाता है, तब तक हम उसकी रक्षा करने और उसकी देखभाल करने में उसके प्रति शुभचिंतक हैं। फिर आपको उसे हमारे साथ भेजने से कौन-सी चीज़ रोक रही है?
تفسیرهای عربی:
اَرْسِلْهُ مَعَنَا غَدًا یَّرْتَعْ وَیَلْعَبْ وَاِنَّا لَهٗ لَحٰفِظُوْنَ ۟
आप हमें अनुमति दें कि कल हम उसे अपने साथ ले जाएँ, वह खाए-पिएगा और आनंद लेगा और हम उसे हर पहुँचने वाले हर कष्ट से उसे सुरक्षित रखेंगे।
تفسیرهای عربی:
قَالَ اِنِّیْ لَیَحْزُنُنِیْۤ اَنْ تَذْهَبُوْا بِهٖ وَاَخَافُ اَنْ یَّاْكُلَهُ الذِّئْبُ وَاَنْتُمْ عَنْهُ غٰفِلُوْنَ ۟
याक़ूब ने अपने बेटों से कहा : तुम्हारा उसे अपने साथ ले जाना मेरे लिए दुख का कारण है, क्योंकि मैं उसके अलगाव को बर्दाश्त नहीं कर सकता। साथ ही यह भी डर है कि उसे भेड़िया खा जाए और तुम लोग खाने और खेलने में व्यस्त होकर उससे असावधान हो जाओ।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا لَىِٕنْ اَكَلَهُ الذِّئْبُ وَنَحْنُ عُصْبَةٌ اِنَّاۤ اِذًا لَّخٰسِرُوْنَ ۟
उन्होंने अपने पिता से कहा : यदि भेड़िये ने यूसुफ़ को खा लिया, जबकि हम एक गिरोह हैं, तो इस स्थिति में हममें कोई भलाई नहीं है। अतः हम बड़े घाटे वाले हैं क्योंकि हम भेड़िये से उसकी रक्षा नहीं कर सके।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• ثبوت الرؤيا شرعًا، وجواز تعبيرها.
• शरई दृष्टिकोण से स्वप्न का सबूत और उसकी व्याख्या करने की वैधता।

• مشروعية كتمان بعض الحقائق إن ترتب على إظهارها شيءٌ من الأذى.
• कुछ तथ्यों को छिपाने की वैधता, यदि उनके प्रकटीकरण पर किसी नुकसान का डर हो।

• بيان فضل ذرية آل إبراهيم واصطفائهم على الناس بالنبوة.
• इबराहीम अलैहिस्सलाम की संतान की श्रेष्ठता और उन्हें लोगों पर नुबुव्वत के लिए चुन लेने का वर्णन।

• الميل إلى أحد الأبناء بالحب يورث العداوة والحسد بين الإِخوة.
• प्यार के साथ किसी एक बेटे की ओर झुकाव भाइयों के बीच दुश्मनी और ईर्ष्या पैदा करती है।

فَلَمَّا ذَهَبُوْا بِهٖ وَاَجْمَعُوْۤا اَنْ یَّجْعَلُوْهُ فِیْ غَیٰبَتِ الْجُبِّ ۚ— وَاَوْحَیْنَاۤ اِلَیْهِ لَتُنَبِّئَنَّهُمْ بِاَمْرِهِمْ هٰذَا وَهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
फिर याक़ूब ने उसे उनके साथ भेज दिया। जब वे उसे लेकर दूर चले गए और उसे कुएँ के तल में फेंकने का निश्चय कर लिया, तो उस वक़्त हमने यूसुफ़ की ओर वह़्य की : तुम अवश्य उन्हें उनके इस करतूत के बारे में बताओगे और उस समय वे तुम्हें पहचान भी नहीं पाएँगे।
تفسیرهای عربی:
وَجَآءُوْۤ اَبَاهُمْ عِشَآءً یَّبْكُوْنَ ۟ؕ
और यूसुफ़ के भाई अपने फ़रेब को चलाने के लिए रोने का ढोंग करते हुए इशा के समय अपने पिता के पास आए।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا یٰۤاَبَانَاۤ اِنَّا ذَهَبْنَا نَسْتَبِقُ وَتَرَكْنَا یُوْسُفَ عِنْدَ مَتَاعِنَا فَاَكَلَهُ الذِّئْبُ ۚ— وَمَاۤ اَنْتَ بِمُؤْمِنٍ لَّنَا وَلَوْ كُنَّا صٰدِقِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : ऐ हमारे पिता! हम दौड़ने और तीर फेंकने में प्रतिस्पर्धा करने लगे और यूसुफ़ को अपने कपड़ों और सामानों के पास उनकी हिफ़ाज़त के लिए छोड़ गए। फिर उसे भेड़िए ने खा लिया। और आप तो हमारा विश्वास करने वाले नहीं हैं, भले ही हम वास्तव में अपनी बात में सच्चे ही क्यों न हों।
تفسیرهای عربی:
وَجَآءُوْ عَلٰی قَمِیْصِهٖ بِدَمٍ كَذِبٍ ؕ— قَالَ بَلْ سَوَّلَتْ لَكُمْ اَنْفُسُكُمْ اَمْرًا ؕ— فَصَبْرٌ جَمِیْلٌ ؕ— وَاللّٰهُ الْمُسْتَعَانُ عَلٰی مَا تَصِفُوْنَ ۟
उन्होंने अपनी ख़बर की पुष्टि एक चाल के द्वारा की। वे यूसुफ़ के कुर्ते पर किसी और चीज़ का खून लगाकर लाए, यह भ्रम पैदा करने के लिए कि यह भेड़िए के उनको खाने का निशान है। लेकिन याक़ूब अलैहिस्सलाम - इस तथ्य के साथ कि क़मीज़ फटी नहीं थी - उनका झूठ समझ गए। चुनाँचे उनसे कहा : मामला वैसा नहीं है, जैसा तुम बताया है। बल्कि तुम्हारे मन ने एक बुरे काम को सुंदर बनाकर पेश किया है, जिसे तुमने बना लिया है। अब मेरा काम बेहतर सब्र करना है, जिसमें कोई घबराहट नहीं। और यूसुफ़ का जो मामला तुम बता रहे हो, उसपर अल्लाह ही से सहायता अपेक्षित है।
تفسیرهای عربی:
وَجَآءَتْ سَیَّارَةٌ فَاَرْسَلُوْا وَارِدَهُمْ فَاَدْلٰی دَلْوَهٗ ؕ— قَالَ یٰبُشْرٰی هٰذَا غُلٰمٌ ؕ— وَاَسَرُّوْهُ بِضَاعَةً ؕ— وَاللّٰهُ عَلِیْمٌۢ بِمَا یَعْمَلُوْنَ ۟
उधर से गुज़रने वाला एक क़ाफ़िला आया और उन्होंने एक व्यक्ति को पानी लाने के लिए भेजा। उसने जैसे ही कुएँ में अपना डोल डाला, यूसुफ़ रस्सी पकड़कर लटक गए। जब डोल डालने वाले व्यक्ति ने उन्हें देखा, तो प्रसन्न होकर पुकार उठा : अरे, कितनी खुशी की बात है! यह तो एक लड़का है। फिर उसने और उसके कुछ साथियों ने मिलकर, उसे व्यापारिक माल समझकर क़ाफ़िले के दूसरे लोगों से छिपा लिया। और वे यूसुफ़ के साथ अपमान तथा ख़रीद-फ़रोख़्त का जो मामला कर रहे थे, अल्लाह उसे खूब जानने वाला है। उनके करतूतों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है।
تفسیرهای عربی:
وَشَرَوْهُ بِثَمَنٍ بَخْسٍ دَرَاهِمَ مَعْدُوْدَةٍ ۚ— وَكَانُوْا فِیْهِ مِنَ الزَّاهِدِیْنَ ۟۠
पानी लाने वाले व्यक्ति तथा उसके साथियों ने उन्हें मिस्र के बाज़ार में सस्ते दाम में बेच दिय। वे मात्र कुछ दिरहम थे, जो कम होने के कारण आसानी से गिने जा सकते थे। और वे उन्हें महँगे दाम में बेचने के इच्छुक भी नहीं थे, क्योंकि वे उनसे जल्दी से छुटकारा पाने के लिए उत्सुक थे। उन्हें उनकी स्थिति से पता चल गया था कि वह कोई गुलाम नहीं हैं और वे उनके परिवार वालों की तरफ़ से अपने ऊपर डर महसूस करते थे। यह यूसुफ़ पर अल्लाह की अनंत कृपा थी, ताकि वह उनके साथ लंबे समय तक न रहें।
تفسیرهای عربی:
وَقَالَ الَّذِی اشْتَرٰىهُ مِنْ مِّصْرَ لِامْرَاَتِهٖۤ اَكْرِمِیْ مَثْوٰىهُ عَسٰۤی اَنْ یَّنْفَعَنَاۤ اَوْ نَتَّخِذَهٗ وَلَدًا ؕ— وَكَذٰلِكَ مَكَّنَّا لِیُوْسُفَ فِی الْاَرْضِ ؗ— وَلِنُعَلِّمَهٗ مِنْ تَاْوِیْلِ الْاَحَادِیْثِ ؕ— وَاللّٰهُ غَالِبٌ عَلٰۤی اَمْرِهٖ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
और मिस्र के जिस व्यक्ति ने उन्हें ख़रीदा था, उसने अपनी पत्नी से कहा : इसके साथ अच्छा व्यवहार करो, और हमारे साथ इसके ठहरने का अच्छा प्रबंध करो। हो सकता है यह हमारी कुछ आवश्यकताओं को पूरा करने में मददगार साबित हो अथवा हम इसे मुँह बोला बेटा बना लें। और जिस तरह हमने यूसुफ़ को हत्या से बचाया, कुएँ से निकाला और अज़ीज़ के दिल को उसके प्रति दयालु कर दिया; उसी तरह हमने उसे मिस्र में स्थापित किया और ताकि हम उसे स्वप्न की व्याख्या सिखाएँ। और अल्लाह अपने मामले पर हावी है। उसका आदेश लागू होकर रहता है। उसे कोई मजबूर करने वाला नहीं। परन्तु अधिकतर लोग - और वे काफ़िर लोग हैं - इस बात को नहीं जानते।
تفسیرهای عربی:
وَلَمَّا بَلَغَ اَشُدَّهٗۤ اٰتَیْنٰهُ حُكْمًا وَّعِلْمًا ؕ— وَكَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
और जब यूसुफ़ शरीर की मज़बूती की आयु को पहुँच गए, तो हमने उन्हें समझ और ज्ञान प्रदान किया। और इसी प्रकार का प्रतिफल जो हमने उन्हें दिया, हम उन सदाचारियों को देते हैं, जो भली-भाँति अल्लाह की इबादत करते हैं।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• بيان خطورة الحسد الذي جرّ إخوة يوسف إلى الكيد به والمؤامرة على قتله.
• ईर्ष्या की गंभीरता का वर्णन, जिसने यूसुफ़ के भाइयों को उनके विरुद्ध क़त्ल की साज़िश रचने पर आमादा कर दिया।

• مشروعية العمل بالقرينة في الأحكام.
• अह़काम में संकेत पर अमल करने का सबूत।

• من تدبير الله ليوسف عليه السلام ولطفه به أن قذف في قلب عزيز مصر معاني الأبوة بعد أن حجب الشيطان عن إخوته معاني الأخوة.
• यूसुफ़ अलैहिस्सलाम के लिए अल्लाह का प्रबंध और उनके प्रति उसकी दया कि उसने अज़ीज़े मिस्र के दिल में पितृत्व का अर्थ डाल दिया, जबकि शैतान ने उनके भाइयों को भाईचारे के अर्थ से रहित कर दिया था।

وَرَاوَدَتْهُ الَّتِیْ هُوَ فِیْ بَیْتِهَا عَنْ نَّفْسِهٖ وَغَلَّقَتِ الْاَبْوَابَ وَقَالَتْ هَیْتَ لَكَ ؕ— قَالَ مَعَاذَ اللّٰهِ اِنَّهٗ رَبِّیْۤ اَحْسَنَ مَثْوَایَ ؕ— اِنَّهٗ لَا یُفْلِحُ الظّٰلِمُوْنَ ۟
अज़ीज़ की पत्नी ने नम्रता से और छल का सहारा लेकर यूसुफ़ अलैहिस्सलाम को कुकर्म पर आमादा करना चाहा और उन्हें बिलकुल एकांत में लेने के लिए द्वार बंद कर लिए और उनसे कहा: "आ जाओ, मेरे पास आओ।" तो यूसुफ़ ने उससे कहा : तू मुझे जिस चीज़ के लिए बुला रही है, मैं उससे अल्लाह की शरण में आता हूँ। मेरे स्वामी ने मुझे अपने पास बेहतर ढंग से ठहराया है। अतः मैं कभी उसके साथ विश्वासघात नहीं करूँगा। यदि मैंने उसके साथ विश्वासघात किया, तो मैं अत्याचारी हो जाऊँगा। निःसंदेह अत्याचारी लोग कभी सफल नहीं होते।
تفسیرهای عربی:
وَلَقَدْ هَمَّتْ بِهٖ وَهَمَّ بِهَا لَوْلَاۤ اَنْ رَّاٰ بُرْهَانَ رَبِّهٖ ؕ— كَذٰلِكَ لِنَصْرِفَ عَنْهُ السُّوْٓءَ وَالْفَحْشَآءَ ؕ— اِنَّهٗ مِنْ عِبَادِنَا الْمُخْلَصِیْنَ ۟
उस महिला का मन कुकर्म के लिए इच्छुक था। और यूसुफ़ के मन में भी ऐसी ही इच्छा उत्पन्न हो गई होती, यदि वह अल्लाह की उन निशानियों को न देख लेते, जो उन्हें बुराई से रोकने तथा दूर रखने का कारण बनीं। और हमने उन्हें यह सब इसलिए दिखाया, ताकि हम उनसे बुराई को दूर कर दें और उन्हें व्यभिचार तथा विश्वासघात से दूर रखें। यूसुफ़ हमारे उन बंदों में से हैं, जिन्हें हमने नुबुव्वत और रिसालत के लिए चुन लिया है।
تفسیرهای عربی:
وَاسْتَبَقَا الْبَابَ وَقَدَّتْ قَمِیْصَهٗ مِنْ دُبُرٍ وَّاَلْفَیَا سَیِّدَهَا لَدَا الْبَابِ ؕ— قَالَتْ مَا جَزَآءُ مَنْ اَرَادَ بِاَهْلِكَ سُوْٓءًا اِلَّاۤ اَنْ یُّسْجَنَ اَوْ عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
वे दोनों दरवाज़े की ओर भागे : यूसुफ़ खुद को बचाने के लिए और वह औरत उन्हें बाहर जाने से रोकने के लिए। इसलिए उसने उन्हें बाहर जाने से रोकने के लिए उनका कुर्ता पकड़ लिया और उसे उसके पीछे से फाड़ दिया। और दोनों ने उस (महिला) के पति को दरवाज़े पर पाया। अज़ीज़ की पत्नी ने चाल चलते हुए अज़ीज़ से कहा : (ऐ अज़ीज़!) जिस व्यक्ति ने तेरी पत्नी के साथ कुकर्म का इरादा किया, उसकी सज़ा इसके सिवा और कुछ नहीं हो सकती कि उसे क़ैद कर दिया जाए, या उसे दर्दनाक सज़ा दी जाए।
تفسیرهای عربی:
قَالَ هِیَ رَاوَدَتْنِیْ عَنْ نَّفْسِیْ وَشَهِدَ شَاهِدٌ مِّنْ اَهْلِهَا ۚ— اِنْ كَانَ قَمِیْصُهٗ قُدَّ مِنْ قُبُلٍ فَصَدَقَتْ وَهُوَ مِنَ الْكٰذِبِیْنَ ۟
यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने कहा : इसी ने मुझे कुकर्म करने को कहा था। मैंने उससे ऐसा नहीं चाहा था। ऐसे में उसके परिवार में से एक साक्षी उठ खड़ा हुआ और उसने यह कहकर गवाही दी : यदि यूसुफ़ का कुर्ता आगे से फटा है, तो यह उस स्त्री के सच्ची होने का संकेत है, क्योंकि वह उसे खुद से रोक रही थी, अतः वह (यूसुफ़) झूठा है।
تفسیرهای عربی:
وَاِنْ كَانَ قَمِیْصُهٗ قُدَّ مِنْ دُبُرٍ فَكَذَبَتْ وَهُوَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
और यदि यूसुफ़ का कुर्ता उसके पीछे से फाड़ा गया है, तो यह उनके सच्चे होने का सबूत है; क्योंकि वह उन्हें फुसला रही थी और वह उससे भाग रहे थे। इसलिए वह झूठी है।
تفسیرهای عربی:
فَلَمَّا رَاٰ قَمِیْصَهٗ قُدَّ مِنْ دُبُرٍ قَالَ اِنَّهٗ مِنْ كَیْدِكُنَّ ؕ— اِنَّ كَیْدَكُنَّ عَظِیْمٌ ۟
चुनाँचे जब अज़ीज़ ने देखा कि यूसुफ़ अलैहिस्साम का कुर्ता पीछे की ओर से फटा हुआ है, तो उसके सामने यूसुफ़ की सच्चाई स्पष्ट हो गई। उसने कहा : तुम्हारा यूसुफ़ पर लगाया गया यह आरोप तुम औरतों के छल और फ़रेब का हिस्सा है। यक़ीनन तुम्हारा छल और फ़रेब बड़ा शक्तिशाली होता है।
تفسیرهای عربی:
یُوْسُفُ اَعْرِضْ عَنْ هٰذَا ٚ— وَاسْتَغْفِرِیْ لِذَنْۢبِكِ ۖۚ— اِنَّكِ كُنْتِ مِنَ الْخٰطِـِٕیْنَ ۟۠
और उसने यूसुफ़ से कहा : ऐ यूसुफ़! इस मामले को जाने दो और इसकी चर्चा किसी से न करना। और तू अपने पाप के लिए क्षमा माँग। क्योंकि यूसुफ़ को फुसलाने के कारण निश्चित रूप से तू ही पापियों में से है।
تفسیرهای عربی:
وَقَالَ نِسْوَةٌ فِی الْمَدِیْنَةِ امْرَاَتُ الْعَزِیْزِ تُرَاوِدُ فَتٰىهَا عَنْ نَّفْسِهٖ ۚ— قَدْ شَغَفَهَا حُبًّا ؕ— اِنَّا لَنَرٰىهَا فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
और उस (अज़ीज़ की पत्नी) की खबर शहर में फैल गई और महिलाओं के एक समूह ने निंदा के तौर पर कहा : अजीज की पत्नी अपने नौकर को रिझा रही है और उसका प्यार उसके दिल के अंदर तक पहुंच गया है। हम तो समझते हैं कि वह उसको रिझाने और उसके प्रति स्नेह और प्यार के कारण - जबकि वह उसका नौकर है - स्पष्ट गुमराही में पड़ चुकी है।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• قبح خيانة المحسن في أهله وماله، الأمر الذي ذكره يوسف من جملة أسباب رفض الفاحشة.
• उपकार करने वाले के साथ उसके परिवार एवं धन में विश्वासघात करने की बुराई। यही वह बात है, जिसका उल्लेख यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने कुकर्म को नकारने के कारणों में किया है।

• بيان عصمة الأنبياء وحفظ الله لهم من الوقوع في السوء والفحشاء.
• नबियों के दोषरहित होने और अल्लाह के उन्हें बुराई और अनैतिकता में पड़ने से सुरक्षित रखने का वर्णन।

• وجوب دفع الفاحشة والهرب والتخلص منها.
• कुकर्म को रोकना, उससे भागना और उससे पीछा छुड़ाना ज़रूरी है।

• مشروعية العمل بالقرائن في الأحكام.
• अह़काम में संकेतों पर अमल करने की वैधता।

فَلَمَّا سَمِعَتْ بِمَكْرِهِنَّ اَرْسَلَتْ اِلَیْهِنَّ وَاَعْتَدَتْ لَهُنَّ مُتَّكَاً وَّاٰتَتْ كُلَّ وَاحِدَةٍ مِّنْهُنَّ سِكِّیْنًا وَّقَالَتِ اخْرُجْ عَلَیْهِنَّ ۚ— فَلَمَّا رَاَیْنَهٗۤ اَكْبَرْنَهٗ وَقَطَّعْنَ اَیْدِیَهُنَّ ؗ— وَقُلْنَ حَاشَ لِلّٰهِ مَا هٰذَا بَشَرًا ؕ— اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا مَلَكٌ كَرِیْمٌ ۟
जब अज़ीज़ की पत्नी को उन स्त्रियों की उसकी निंदा करने और उसकी अनुपस्थिति में उसकी बुराई करने की बात पहुँची, तो उसने उन स्त्रियों को बुलवा भेजा, ताकि वे यूसुफ़ को देखें, फिर वे उसे मा'ज़ूर (क्षम्य) समझें। उसने उनके लिए बैठने की जगह तैयार की, जहाँ बिस्तर और गाव-तकिए लगवा दिए। फिर उसने आमंत्रित औरतों में से हर एक को खाना काटने के लिए एक-एक चाक़ू दिया और यूसुफ़ अलैहिस्सलाम से कहा : इनके सामने आ जाओ। चुनाँचे जब उन स्त्रियों ने उनकी ओर देखा, तो उन्हें बहुत बड़ा समझा और उनकी सुंदरता पर चकित रह गईं और उनकी ख़ूबसूरती को देखकर उनके होश उड़ गए और - उनके साथ आकर्षण की तीव्रता से - उन्होंने खाना काटने के लिए तैयार चाक़ू से अपने हाथों को घायल कर दिया और बोल उठीं : अल्लाह पवित्र है, यह लड़का मनुष्य नहीं है, क्योंकि इसमें जो सुंदरता है वह किसी इनसान में देखी नहीं गई। वह और कुछ नहीं बल्कि सम्माननीय फ़रिश्तों में से एक सम्मानित फ़रिश्ता है।
تفسیرهای عربی:
قَالَتْ فَذٰلِكُنَّ الَّذِیْ لُمْتُنَّنِیْ فِیْهِ ؕ— وَلَقَدْ رَاوَدْتُّهٗ عَنْ نَّفْسِهٖ فَاسْتَعْصَمَ ؕ— وَلَىِٕنْ لَّمْ یَفْعَلْ مَاۤ اٰمُرُهٗ لَیُسْجَنَنَّ وَلَیَكُوْنًا مِّنَ الصّٰغِرِیْنَ ۟
अज़ीज़ की पत्नी ने उन महिलाओं से कहा कि जब उसने देखा कि उनके साथ क्या हुआ है : यह वही नौजवान है, जिसके प्रेम के कारण तुमने मुझे ताना मारा था। मैंने ही उसे चाहा था और उसे प्रलोभित करने के लिए चाल चली थी, पर वह बच निकला। लेकिन अब यदि उसने वह नहीं किया जो मैं उसे करने के लिए कहूँगी, तो वह अवश्य जेल में प्रवेश करेगा और निश्चय ही वह ज़रूर अपमानित होगा।
تفسیرهای عربی:
قَالَ رَبِّ السِّجْنُ اَحَبُّ اِلَیَّ مِمَّا یَدْعُوْنَنِیْۤ اِلَیْهِ ۚ— وَاِلَّا تَصْرِفْ عَنِّیْ كَیْدَهُنَّ اَصْبُ اِلَیْهِنَّ وَاَكُنْ مِّنَ الْجٰهِلِیْنَ ۟
यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने अपने पालनहार से प्रार्थना करते हुए कहा : ऐ मेरे पालनहार! जिस जेल की इसने मुझे धमकी दी है, वह मेरे निकट उस कुकर्म को करने से अधिक प्रिय है, जिसकी ओर ये स्त्रियाँ मुझे बुला रही हैं। यदि तूने इनके छल को मुझसे दूर नहीं किया, तो मैं इनकी ओर झुक जाऊँगा, और यदि मैं इनकी ओर झुक गया और उस चीज़ में उनका पालन किया जो वे मुझसे चाहती हैं, तो मैं अज्ञानियों में से हो जाऊँगा।
تفسیرهای عربی:
فَاسْتَجَابَ لَهٗ رَبُّهٗ فَصَرَفَ عَنْهُ كَیْدَهُنَّ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ السَّمِیْعُ الْعَلِیْمُ ۟
चुनाँचे अल्लाह ने उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली और अज़ीज़ की पत्नी के छल और नगर की स्त्रियों के छल को उनसे दूर कर दिया। निःसंदेह वह महिमावान व गौरवशाली अल्लाह यूसुफ़ की दुआ को तथा हर दुआ करने वाले की दुआ को सुनने वाला, तथा अनकी स्थिति और उनके सिवा अन्य की स्थिति को जानने वाला है।
تفسیرهای عربی:
ثُمَّ بَدَا لَهُمْ مِّنْ بَعْدِ مَا رَاَوُا الْاٰیٰتِ لَیَسْجُنُنَّهٗ حَتّٰی حِیْنٍ ۟۠
फिर जब अज़ीज़ और उसके समुदाय के लोगों ने उनकी बेगुनाही का सबूत देखा, तो उनकी यह राय बनी कि उन्हें एक अज्ञात अवधि के लिए जेल में डाल दें। (ताकि वह मामला खुल न जाए)।
تفسیرهای عربی:
وَدَخَلَ مَعَهُ السِّجْنَ فَتَیٰنِ ؕ— قَالَ اَحَدُهُمَاۤ اِنِّیْۤ اَرٰىنِیْۤ اَعْصِرُ خَمْرًا ۚ— وَقَالَ الْاٰخَرُ اِنِّیْۤ اَرٰىنِیْۤ اَحْمِلُ فَوْقَ رَاْسِیْ خُبْزًا تَاْكُلُ الطَّیْرُ مِنْهُ ؕ— نَبِّئْنَا بِتَاْوِیْلِهٖ ۚ— اِنَّا نَرٰىكَ مِنَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟
चुनाँचे उन्हें जेल में डाल दिया गया। उनके साथ जेल में दो युवक भी दाख़िल हुए थे। दोनों युवकों में से एक ने यूसुफ़ से कहा : मैंने सपने में देखा है कि मैं अंगूर निचोड़कर शराब बना रहा हूँ और दूसरे ने कहा : मैंने देखा कि मैं अपने सिर के ऊपर रोटी उठाए हुए हूँ जिससे पक्षी खा रहे हैं। ऐ यूसुफ़! हमें हमारे स्वप्न का अर्थ बताएं। हम देखते हैं कि आप बड़े नेक इनसान हैं।
تفسیرهای عربی:
قَالَ لَا یَاْتِیْكُمَا طَعَامٌ تُرْزَقٰنِهٖۤ اِلَّا نَبَّاْتُكُمَا بِتَاْوِیْلِهٖ قَبْلَ اَنْ یَّاْتِیَكُمَا ؕ— ذٰلِكُمَا مِمَّا عَلَّمَنِیْ رَبِّیْ ؕ— اِنِّیْ تَرَكْتُ مِلَّةَ قَوْمٍ لَّا یُؤْمِنُوْنَ بِاللّٰهِ وَهُمْ بِالْاٰخِرَةِ هُمْ كٰفِرُوْنَ ۟
यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने कहा : तुम्हारे लिए राजा या किसी अन्य की ओर से जो खाना आता है, उसके तुम्हारे पास आने से पहले ही मैं तुम्हें बता दूँगा कि उसकी सच्चाई क्या है और कैसे है। यह व्याख्या जो मैं जानता हूँ, उन बातों में से है, जो अल्लाह ने मुझे सिखाई है। यह अटकल भविष्यवाणी से या ज्योतिष से नहीं है। निःसंदेह मैंने ऐसे लोगों का धर्म छोड़ दिया, जो अल्लाह पर ईमान नहीं रखते और वे आख़िरत का इनकार करते हैं।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• بيان جمال يوسف عليه السلام الذي كان سبب افتتان النساء به.
• यूसुफ़ अलैहिस्सलाम के सौंदर्य का वर्णन, जो नगर की स्त्रियों के उनपर मुग्ध होने का कारण था।

• إيثار يوسف عليه السلام السجن على معصية الله.
• यूसुफ़ अलैहिस्सलाम का अल्लाह की अवज्ञा पर कारागार को प्रधानता देना।

• من تدبير الله ليوسف عليه السلام ولطفه به تعليمه تأويل الرؤى وجعلها سببًا لخروجه من بلاء السجن.
• यूसुफ़ अलैहिस्सलाम के लिए अल्लाह के उपाय (व्यवस्था) तथा उनके प्रति उसकी दया का एक दृश्य यह है कि उसने उन्हें स्वप्न की व्याख्या करना सिखाया और उसे उनके जेल से बाहर निकलने का कारण बना दिया।

وَاتَّبَعْتُ مِلَّةَ اٰبَآءِیْۤ اِبْرٰهِیْمَ وَاِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ ؕ— مَا كَانَ لَنَاۤ اَنْ نُّشْرِكَ بِاللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ ؕ— ذٰلِكَ مِنْ فَضْلِ اللّٰهِ عَلَیْنَا وَعَلَی النَّاسِ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَشْكُرُوْنَ ۟
मैंने अपने बाप-दादाओं : इबराहीम, इसह़ाक़ और याक़ूब के धर्म का पालन किया है। और वह अल्लाह के प्रति एकेश्वरवाद (अर्थात अल्लाह को एकमात्र पूज्य मानने) का धर्म है। हमारे लिए सही नहीं है कि हम अल्लाह के साथ किसी को साझी ठहराएँ, जबकि वह एकेश्वरवाद में अकेला है। यह 'तौह़ीद' और ईमान जिसपर मैं और मेरे बाप-दादा क़ायम हैं, वह हमपर अल्लाह की कृपा है कि उसने हमें उसका सामर्थ्य प्रदान किया। तथा सभी लोगों पर उसकी कृपा है कि उसने उनके पास उस (तौह़ीद) के साथ नबियों को भेजा। लेकिन ज्यादातर लोग अल्लाह का उसकी नेमतों पर शुक्रिया अदा नहीं करते, बल्कि उसकी नाशुक्री करते हैं।
تفسیرهای عربی:
یٰصَاحِبَیِ السِّجْنِ ءَاَرْبَابٌ مُّتَفَرِّقُوْنَ خَیْرٌ اَمِ اللّٰهُ الْوَاحِدُ الْقَهَّارُ ۟ؕ
फिर यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने जेल के अंदर दोनों युवकों को संबोधित करते हुए कहा : क्या कई देवी-देवताओं की पूजा अच्छा है या एक अल्लाह की इबादत करना, जिसका कोई साझी नहीं, जो सब पर प्रभुत्वशाली है, जिसे पराजित नही किया जा सकता।
تفسیرهای عربی:
مَا تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِهٖۤ اِلَّاۤ اَسْمَآءً سَمَّیْتُمُوْهَاۤ اَنْتُمْ وَاٰبَآؤُكُمْ مَّاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ بِهَا مِنْ سُلْطٰنٍ ؕ— اِنِ الْحُكْمُ اِلَّا لِلّٰهِ ؕ— اَمَرَ اَلَّا تَعْبُدُوْۤا اِلَّاۤ اِیَّاهُ ؕ— ذٰلِكَ الدِّیْنُ الْقَیِّمُ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
तुम अल्लाह के सिवा जिनकी इबादत करते हो, वे केवल नाम हैं, उनकी कोई वास्तविकता नहीं है। तुमने और तुम्हारे बाप-दादा ने उन्हें पूज्यों का नाम दे दिया है। उनका उलूहियत (देवत्व) में कोई हिस्सा नहीं है। अल्लाह ने तुम्हारे उन्हें पूज्यों का नाम देने का कोई प्रमाण नहीं उतारा है, जो उसकी वैधता को इंगित करता हो। सभी प्राणियों में केवल अल्लाह का आदेश चलता है, इन नामों का नहीं जो तुमने और तुम्हारे पूर्वजों ने रख लिए हैं। अल्लाह सर्वशक्तिमान ने आदेश दिया है कि तुम केवल उसी की इबादत करो और इस बात से मना किया है कि उसके साथ किसी को साझी बनाओ। यह तौहीद (एकेश्वरवाद) ही वह सीधा धर्म है, जिसमें कोई टेढ़ापन नहीं है। लेकिन अधिकतर लोग इस बात को नहीं जानते। इसलिए वे अल्लाह के साथ शिर्क करते हैं और उसके कुछ प्राणियों की पूजा करते हैं।
تفسیرهای عربی:
یٰصَاحِبَیِ السِّجْنِ اَمَّاۤ اَحَدُكُمَا فَیَسْقِیْ رَبَّهٗ خَمْرًا ۚ— وَاَمَّا الْاٰخَرُ فَیُصْلَبُ فَتَاْكُلُ الطَّیْرُ مِنْ رَّاْسِهٖ ؕ— قُضِیَ الْاَمْرُ الَّذِیْ فِیْهِ تَسْتَفْتِیٰنِ ۟ؕ
ऐ मेरे जेल के दोनों साथियो! जहाँ तक उसकी बात है, जिसने यह देखा कि वह शराब बनाने के लिए अंगूर निचोड़ रहा है, वह जेल से बाहर निकल जाएगा और अपने काम पर लौट आएगा और राजा को शराब पिलाएगा। और जहाँ तक उसकी बात है, जिसने यह देखा कि उसके सिर के ऊपर रोटी है, जिसे पक्षी खा रहे हैं, तो उसे क़त्ल कर दिया जाएगा और सूली पर चढ़ा दिया जाएगा। फिर पक्षी उसके सिर का मांस खाएँगे। तुमने जिस मामले के बारे में पूछा था, उसका फैसला हो चुका है। इसलिए वह अनिवार्य रूप से होकर रहेगा।
تفسیرهای عربی:
وَقَالَ لِلَّذِیْ ظَنَّ اَنَّهٗ نَاجٍ مِّنْهُمَا اذْكُرْنِیْ عِنْدَ رَبِّكَ ؗ— فَاَنْسٰىهُ الشَّیْطٰنُ ذِكْرَ رَبِّهٖ فَلَبِثَ فِی السِّجْنِ بِضْعَ سِنِیْنَ ۟۠
यूसुफ़ ने उन दोनों युवकों में से जिसके बारे में समझा था कि वह रिहा हो जाएगा (और वह राजा को शराब पिलाने वाला था) उससे कहा : राजा के पास मेरी कहानी और मेरे मामले का ज़िक्र करना; शायद वह मुझे जेल से निकाल दे। किन्तु शैतान ने शराब पिलाने वाले को राजा के पास यूसुफ़ का उल्लेख करना भुला दिया। इसलिए उसके बाद यूसुफ़ को कई वर्षों तक जेल में रहना पड़ा।
تفسیرهای عربی:
وَقَالَ الْمَلِكُ اِنِّیْۤ اَرٰی سَبْعَ بَقَرٰتٍ سِمَانٍ یَّاْكُلُهُنَّ سَبْعٌ عِجَافٌ وَّسَبْعَ سُنْۢبُلٰتٍ خُضْرٍ وَّاُخَرَ یٰبِسٰتٍ ؕ— یٰۤاَیُّهَا الْمَلَاُ اَفْتُوْنِیْ فِیْ رُءْیَایَ اِنْ كُنْتُمْ لِلرُّءْیَا تَعْبُرُوْنَ ۟
राजा ने कहा : मैंने सपने में देखा है कि सात मोटी गाएँ हैं, जिन्हें सात कमज़ोर गाएँ खा रही हैं। इसी तरह मैंने सात हरी बालियाँ और सात सूखी बालियाँ देखी हैं। ऐ प्रमुखो और गणमान्य लोगो! मुझे मेरे इस सपने का अर्थ बताओ, यदि तुम सपने का अर्थ जानने वाले हो।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• وجوب اتباع ملة إبراهيم، والبراءة من الشرك وأهله.
• इबराहीम अलैहिस्सलाम के धर्म का पालन करने, तथा शिर्क और शिर्क करने वालों से अलग-थलग होने की अनिवार्यता।

• في قوله:﴿ءَأَرْبَابٌ مُّتَفَرِّقُونَ ...﴾ دليل على أن هؤلاء المصريين كانوا أصحاب ديانة سماوية لكنهم أهل إشراك.
• अल्लाह तआला के कथन : {...ءأَرْبَابٌ مُّتَفَرِّقُونَ} (क्या अलग-अलग अनेक पूज्य बेहतर हैं) में इस बात का प्रमाण है कि तत्कालीन मिस्रवासी आकाशीय धर्म के मानने वाले थे। किन्तु वे शिर्क में पड़े हुए थे।

• كلُّ الآلهة التي تُعبد من دون الله ما هي إلا أسماء على غير مسميات، ليس لها في الألوهية نصيب.
• अल्लाह के सिवा जिन पूज्यों की पूजा की जाती है, वे केवल ऐसे नाम हैं जिनका कोई तथ्य नहीं है, उनका उलूहियत (देवत्व) में कोई भाग नहीं है।

• استغلال المناسبات للدعوة إلى الله، كما استغلها يوسف عليه السلام في السجن.
• अवसरों का अल्लाह की तरफ़ बुलाने के लिए उपयोग करना, जैसा कि यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने जेल में उसका उपयोग किया।

قَالُوْۤا اَضْغَاثُ اَحْلَامٍ ۚ— وَمَا نَحْنُ بِتَاْوِیْلِ الْاَحْلَامِ بِعٰلِمِیْنَ ۟
उन लोगों ने कहा : आपका सपना, उलझे हुए सपनों का मिश्रण है। और जो ऐसा हो उसकी कोई व्याख्या नहीं है और हम मिश्रित सपनों की व्याख्या से अवगत नहीं हैं।
تفسیرهای عربی:
وَقَالَ الَّذِیْ نَجَا مِنْهُمَا وَادَّكَرَ بَعْدَ اُمَّةٍ اَنَا اُنَبِّئُكُمْ بِتَاْوِیْلِهٖ فَاَرْسِلُوْنِ ۟
और दोनों क़ैदी युवकों में से रिहाई पाने वाले साक़ी (शराब पिलानेवाले व्यक्ति) ने, जिसे एक अवधि के बाद यूसुफ़ अलैहिस्सलाम और उनके सपने के अर्थ का ज्ञान रखने के बारे में याद आया, तो कहा : मैं आप लोगों को राजा के सपने का अर्थ एक ऐसे व्यक्ति से पूछने के बाद बता सकता हूँ, जिसके पास सपनों के अर्थ का ज्ञान है। इसलिए - ऐ राजा - मुझे यूसुफ़ के पास भेजें, ताकि वह आपके सपने का अर्थ बताएँ।
تفسیرهای عربی:
یُوْسُفُ اَیُّهَا الصِّدِّیْقُ اَفْتِنَا فِیْ سَبْعِ بَقَرٰتٍ سِمَانٍ یَّاْكُلُهُنَّ سَبْعٌ عِجَافٌ وَّسَبْعِ سُنْۢبُلٰتٍ خُضْرٍ وَّاُخَرَ یٰبِسٰتٍ ۙ— لَّعَلِّیْۤ اَرْجِعُ اِلَی النَّاسِ لَعَلَّهُمْ یَعْلَمُوْنَ ۟
चुनाँचे जब रिहाई पाने वाला व्यक्ति यूसुफ़ के पास पहुँचा, तो उनसे कहा : ऐ यूसुफ़! ऐ सच्चे इनसान! हमें ऐसे व्यक्ति के सपने का अर्थ बताइँ, जिसने देखा कि सात मोटी गायों को सात दुबली गाएँ खा रही हैं, तथा उसने सात हरी बालियों और सात सूखी बालियों को देखा है। ताकि मैं राजा और उसके साथियों के पास वापस जाऊँ और वे राजा के सपने का अर्थ जान सकें। तथा वे आपकी प्रतिष्ठा और आपकी स्थिति जान सकें।
تفسیرهای عربی:
قَالَ تَزْرَعُوْنَ سَبْعَ سِنِیْنَ دَاَبًا ۚ— فَمَا حَصَدْتُّمْ فَذَرُوْهُ فِیْ سُنْۢبُلِهٖۤ اِلَّا قَلِیْلًا مِّمَّا تَاْكُلُوْنَ ۟
यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने इस सपने की व्याख्या करते हुए कहा : तुम लगातार सात सालों तक पूरी मेहनत के साथ खेती करोगे। अतः सात सालों में से हर साल जो भी फ़सल काटो, उसे कीड़ा लगने से बचाने के लिए उसकी बालियों में रहने दो। सिवाय थोड़े से अनाज के जिसे तुम्हें खाने के लिए ज़रूरत पड़े।
تفسیرهای عربی:
ثُمَّ یَاْتِیْ مِنْ بَعْدِ ذٰلِكَ سَبْعٌ شِدَادٌ یَّاْكُلْنَ مَا قَدَّمْتُمْ لَهُنَّ اِلَّا قَلِیْلًا مِّمَّا تُحْصِنُوْنَ ۟
फिर उन सात उपजाऊ वर्षों के बाद, जिनमें तुम खूब खेती करोगे, सात अकाल वाले वर्ष आएँगे, जिनमें लोग उपजाऊ सालों में काटी हुए सारी फ़सलों को खा जाएँगे। सिवाय थोड़े से हिस्से के जिसे तुम बीज के तौर पर सुरक्षित कर लोगे।
تفسیرهای عربی:
ثُمَّ یَاْتِیْ مِنْ بَعْدِ ذٰلِكَ عَامٌ فِیْهِ یُغَاثُ النَّاسُ وَفِیْهِ یَعْصِرُوْنَ ۟۠
फिर उन अकाल वाले सालों के बाद एक ऐसा साल आएगा जिसमें ख़ूब बारिश होगी और खेतियाँ उगेंगी, और लोग उन चीज़ों का रस निचोड़ेंगे, जिनका रस निचोड़ने की आवश्यकता होती है, जैसे कि अंगूर, ज़ैतून और ईख आदि।
تفسیرهای عربی:
وَقَالَ الْمَلِكُ ائْتُوْنِیْ بِهٖ ۚ— فَلَمَّا جَآءَهُ الرَّسُوْلُ قَالَ ارْجِعْ اِلٰی رَبِّكَ فَسْـَٔلْهُ مَا بَالُ النِّسْوَةِ الّٰتِیْ قَطَّعْنَ اَیْدِیَهُنَّ ؕ— اِنَّ رَبِّیْ بِكَیْدِهِنَّ عَلِیْمٌ ۟
जब राजा को पता चला कि यूसुफ़ ने उसके सपने का अर्थ बताया है, तो उसने अपने सहयोगियों से कहा : उसे जेल से बाहर निकालो और मेरे पास लाओ। लेकिन जब राजा का दूत यूसुफ़ के पास आया, तो उन्होंने उससे कहा : तुम अपने स्वामी राजा के पास वापस जाओ और उससे उन महिलाओं की कहानी के बारे में पूछो, जिन्होंने अपने हाथ घायल कर लिए थे, ताकि जेल से निकलने से पहले उनकी बेगुनाही स्पष्ट हो जाए। निःसंदेह, उन्होंने मुझे रिझाने का जो प्रयास किया था, उसे मेरा पालनहार जानता है। वह उससे छिपा नहीं है।
تفسیرهای عربی:
قَالَ مَا خَطْبُكُنَّ اِذْ رَاوَدْتُّنَّ یُوْسُفَ عَنْ نَّفْسِهٖ ؕ— قُلْنَ حَاشَ لِلّٰهِ مَا عَلِمْنَا عَلَیْهِ مِنْ سُوْٓءٍ ؕ— قَالَتِ امْرَاَتُ الْعَزِیْزِ الْـٰٔنَ حَصْحَصَ الْحَقُّ ؗ— اَنَا رَاوَدْتُّهٗ عَنْ نَّفْسِهٖ وَاِنَّهٗ لَمِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
राजा ने स्त्रियों को संबोधित करते हुए कहा : उस समय तुम्हारा क्या मामला था, जब तुमने छल के द्वारा यूसुफ़ को अपने साथ कुकर्म करने के लिए प्रेरित करने की कोशिश की थी? स्त्रियों ने राजा के जवाब में कहा : अल्लाह न करे कि यूसुफ़ पर आरोप लगाया जाए, अल्लाह की क़सम! हमने उसमें कोई बुराई नहीं देखी। इसपर अज़ीज़ की पत्नी ने जो कुछ किया था, उसको स्वीकारते हुए कहा : अब सच्चाई सामने आ गई है, मैंने ही उसे बहकाने की कोशिश की थी, उसने मुझे फुसलाने की कोशिश नहीं की। निःसंदेह उसने मेरे लगाए हुए आरोप से निर्दोष होने का जो दावा किया है, उसमें वह बिल्कुल सच्चा है।
تفسیرهای عربی:
ذٰلِكَ لِیَعْلَمَ اَنِّیْ لَمْ اَخُنْهُ بِالْغَیْبِ وَاَنَّ اللّٰهَ لَا یَهْدِیْ كَیْدَ الْخَآىِٕنِیْنَ ۟
अज़ीज़ की स्त्री ने कहा : मैंने इस बात का इक़रार कि मैंने ही उसे रिझाया था और वह सच्चा है, इस उद्देश्य से किया है कि यूसुफ़ जान ले कि मैंने उसकी अनुपस्थिति में उसपर आरोप नहीं मढ़ा है। क्योंकि जो कुछ अब तक हुआ, उससे मेरे लिए यह स्पष्ट हो गया कि कि अल्लाह झूठ बोलने वाले और फ़रेब करने वाले को सफल नहीं करता।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• من كمال أدب يوسف أنه أشار لحَدَث النسوة ولم يشر إلى حَدَث امرأة العزيز.
• यूसुफ़ अलैहिस्सलाम का परम शिष्टाचार कि उन्होंने महिलाओं की घटना का उल्लेख किया, अज़ीज़ की पत्नी की घटना का उल्लेख नहीं किया।

• كمال علم يوسف عليه السلام في حسن تعبير الرؤى.
• सपनों की अच्छी व्याख्या करने में यूसुफ़ अलैहिस्सलाम का परिपूर्ण ज्ञान।

• مشروعية تبرئة النفس مما نُسب إليها ظلمًا، وطلب تقصّي الحقائق لإثبات الحق.
• अपने आपको अन्यायपूर्ण आरोप से दोषमुक्त ठहराने, तथा सच्चाई को साबित करने के लिए तथ्यों को खोजने के लिए अनुरोध करने की वैधता।

• فضيلة الصدق وقول الحق ولو كان على النفس.
• सच्चाई तथा सच बोलने की श्रेष्ठता, भले ही वह खुद पर हो।

وَمَاۤ اُبَرِّئُ نَفْسِیْ ۚ— اِنَّ النَّفْسَ لَاَمَّارَةٌ بِالسُّوْٓءِ اِلَّا مَا رَحِمَ رَبِّیْ ؕ— اِنَّ رَبِّیْ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
और अज़ीज़ की स्त्री ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा : मैं खुद को बुराई की इच्छा से पाक नहीं ठहराती और न इससे मेरा उद्देश्य अपनी पवित्रता साबित करना था। क्योंकि इनसान के मन का मामला यह है कि वह इच्छाओं की ओर झुकाव रखने और उनसे बचना कठिन होने के कारण, बुराई का बहुत ज़्यादा आदेश देने वाला है। सिवाय उसके जिसपर अल्लाह दया करे और उसे बुराई का आदेश देने से सुरक्षित रखे। निश्चय मेरा पालनहार अपने तौबा करने वाले बंदों को क्षमा करने वाला और उनपर दया करने वाला है।
تفسیرهای عربی:
وَقَالَ الْمَلِكُ ائْتُوْنِیْ بِهٖۤ اَسْتَخْلِصْهُ لِنَفْسِیْ ۚ— فَلَمَّا كَلَّمَهٗ قَالَ اِنَّكَ الْیَوْمَ لَدَیْنَا مَكِیْنٌ اَمِیْنٌ ۟
जब यूसुफ़ की बेगुनाही स्पष्ट हो गई और राजा को उसका ज्ञान हो गया, तो उसने अपने सहयोगियों से कहा : उन्हें मेरे पास लाओ। मैं उन्हें अपने लिए ख़ास कर लूँगा। चुनाँचे उन्हें राजा के पास लाया गया। फिर जब राजा ने उनसे बात की और उनका ज्ञान और बुद्धि उसके लिए स्पष्ट हो गई, तो उसने उनसे कहा : निश्चय (ऐ यूसुफ़!) आप आज हमारे यहाँ एक पद-प्रतिष्ठा वाले और विश्वसनीय व्यक्ति बन गए हैं।
تفسیرهای عربی:
قَالَ اجْعَلْنِیْ عَلٰی خَزَآىِٕنِ الْاَرْضِ ۚ— اِنِّیْ حَفِیْظٌ عَلِیْمٌ ۟
यूसुफ़ ने राजा से कहा : मुझे मिस्र के देश में धन एवं अनाज के ख़ज़ानों के संरक्षण पर नियुक्त कर दीजिए, क्योंकि मैं एक विश्वसनीय कोषाध्यक्ष हूँ और जो ज़िम्मेदारी ले रहा हूँ उसका जानकार और समझ रखने वाला हूँ।
تفسیرهای عربی:
وَكَذٰلِكَ مَكَّنَّا لِیُوْسُفَ فِی الْاَرْضِ ۚ— یَتَبَوَّاُ مِنْهَا حَیْثُ یَشَآءُ ؕ— نُصِیْبُ بِرَحْمَتِنَا مَنْ نَّشَآءُ وَلَا نُضِیْعُ اَجْرَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟
जिस तरह हमने यूसुफ़ पर निर्दोषता और जेल से मुक्ति के द्वारा उपकार किया, उसी तरह हमने उन्हें मिस्र की धरती में सशक्त बनाकर उनपर उपकार किया। वह जहाँ चाहें जाएँ और जहाँ चाहें रहें। हम इस दुनिया में अपने बंदों में से जिसे चाहते हैं, अपनी दया प्रदान करते हैं, और हम अच्छे कर्म करने वालों का सवाब बर्बाद नहीं करते, बल्कि उन्हें उसे बिना कमी के पूरा देते हैं।
تفسیرهای عربی:
وَلَاَجْرُ الْاٰخِرَةِ خَیْرٌ لِّلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَكَانُوْا یَتَّقُوْنَ ۟۠
निश्चय अल्लाह का बदला, जो उसने आख़िरत में तैयार किया है, उन लोगों के लिए दुनिया के बदले से बेहतर है, जो अल्लाह पर ईमान लाए और उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, उससे डरते रहे।
تفسیرهای عربی:
وَجَآءَ اِخْوَةُ یُوْسُفَ فَدَخَلُوْا عَلَیْهِ فَعَرَفَهُمْ وَهُمْ لَهٗ مُنْكِرُوْنَ ۟
और यूसुफ़ के भाई अपने सामान लेकर मिस्र आए। जब वे उनके पास गए तो वह पहचान गए कि वे उनके भाई हैं, जबकि वे पहचान नहीं सके कि वह उनका भाई (यूसुफ़) है, क्योंकि काफ़ी समय बीत चुका था और उनकी शक्ल-सूरत भी बदल चुकी थी। क्योंकि जब उन्होंने यूसुफ़ को कुएँ में डाला था, तो वह बच्चे थे।
تفسیرهای عربی:
وَلَمَّا جَهَّزَهُمْ بِجَهَازِهِمْ قَالَ ائْتُوْنِیْ بِاَخٍ لَّكُمْ مِّنْ اَبِیْكُمْ ۚ— اَلَا تَرَوْنَ اَنِّیْۤ اُوْفِی الْكَیْلَ وَاَنَا خَیْرُ الْمُنْزِلِیْنَ ۟
और जब यूसुफ़ ने उनको वह अनाज और खाद्य-सामग्री दे दी, जो उन्होंने माँगी और जब उन्होंने बताया कि उनका एक बाप-शरीक (सौतेला) भाई है, जिसे वे उसके पिता के पास छोड़ आए हैं, तो कहा : तुम अपने बाप शरीक भाई को मेरे पास ले आना, मैं तुम्हें एक ऊँट के भार का ग़ल्ला अधिक दूँगा। क्या तुम नहीं देखते कि मैं पूरी माप देता हूँ, उसमें कमी नहीं करता और मैं सबसे अच्छा मेहमान नवाज़ हूँ।
تفسیرهای عربی:
فَاِنْ لَّمْ تَاْتُوْنِیْ بِهٖ فَلَا كَیْلَ لَكُمْ عِنْدِیْ وَلَا تَقْرَبُوْنِ ۟
यदि तुम उसे मेरे पास नहीं लाए, तो तुम्हारा अपने इस दावे में झूठा होना स्पष्ट हो जाएगा कि तुम्हारा एक बाप शरीक भाई है। फिर मैं तुम्हें कभी भोजन नहीं दूँगा और तुम मेरे देश का रुख नहीं करना।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا سَنُرَاوِدُ عَنْهُ اَبَاهُ وَاِنَّا لَفٰعِلُوْنَ ۟
तो उनके भाइयों ने उन्हें उत्तर देते हुए कहा : हम उसके पिता से इसके लिए अनुरोध करेंगे और इसके लिए भरपूर प्रयास करेंगे। तथा आपने हमें जो आदेश दिया है, हम निश्चित रूप से उसे किसी लापरवाही के बिना अवश्य करने वाले हैं।
تفسیرهای عربی:
وَقَالَ لِفِتْیٰنِهِ اجْعَلُوْا بِضَاعَتَهُمْ فِیْ رِحَالِهِمْ لَعَلَّهُمْ یَعْرِفُوْنَهَاۤ اِذَا انْقَلَبُوْۤا اِلٰۤی اَهْلِهِمْ لَعَلَّهُمْ یَرْجِعُوْنَ ۟
और यूसुफ़ ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा : इन लोगों का धन इन्हें लौटा दो, ताकि वे अपनी वापसी पर जान सकें कि हमने उनसे यह नहीं खरीदा है। और यह उन्हें अपने भाई के साथ फिर से लौटने के लिए मजबूर करेगा, ताकि वे यूसुफ़ के सामने अपनी सच्चाई साबित करें और यूसुफ़ उनसे उनका धन स्वीकार कर लें।
تفسیرهای عربی:
فَلَمَّا رَجَعُوْۤا اِلٰۤی اَبِیْهِمْ قَالُوْا یٰۤاَبَانَا مُنِعَ مِنَّا الْكَیْلُ فَاَرْسِلْ مَعَنَاۤ اَخَانَا نَكْتَلْ وَاِنَّا لَهٗ لَحٰفِظُوْنَ ۟
जब वे अपने पिता के पास लौटे, और उन्हें बताया कि यूसुफ़ ने उनका किस तरह सम्मान किया है, तो उन्होंने कहा : हे हमारे पिता! हमारे अपने भाई को अपने साथ न लाने पर हमसे ग़ल्ले की आपूर्ति रोक दी गई है। इसलिए उसे हमारे साथ भेजें। क्योंकि यदि आप उसे हमारे साथ भेजते हैं, तो हमें ग़ल्ले का माप मिलेगा। और हम आपसे उसकी तब तक रक्षा करने की प्रतिज्ञा करते हैं जब तक कि वह आपके पास सुरक्षित रूप से वापस न आ जाए।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• من أعداء المؤمن: نفسه التي بين جنبيه؛ لذا وجب عليه مراقبتها وتقويم اعوجاجها.
• मोमिन के दुश्मनों में से एक दुश्मन उसके सीने में मौजूद दिल है। इसलिए उसकी निगरानी और उसके टेढ़ेपन को ठीक करना उसके लिए आवश्यक है।

• اشتراط العلم والأمانة فيمن يتولى منصبًا يصلح به أمر العامة.
• आम लोगों के हित से संबंधित कोई पद संभालने के लिए ज्ञान तथा अमानत (ईमानदारी) का होना शर्त है।

• بيان أن ما في الآخرة من فضل الله، إنما هو خير وأبقى وأفضل لأهل الإيمان.
• इस बात का वर्णन कि आख़िरत में प्राप्त होने वाली अल्लाह की कृपा, ईमान वालों के लिए बेहतर, अधिक स्थायी और सर्वश्रेष्ठ है।

• جواز طلب الرجل المنصب ومدحه لنفسه إن دعت الحاجة، وكان مريدًا للخير والصلاح.
• किसी व्यक्ति के लिए आवश्यकता पड़ने पर पद माँगने और स्वयं अपनी प्रशंसा करने की वैधता, जबकि वह भलाई और सुधार चाहता हो।

قَالَ هَلْ اٰمَنُكُمْ عَلَیْهِ اِلَّا كَمَاۤ اَمِنْتُكُمْ عَلٰۤی اَخِیْهِ مِنْ قَبْلُ ؕ— فَاللّٰهُ خَیْرٌ حٰفِظًا ۪— وَّهُوَ اَرْحَمُ الرّٰحِمِیْنَ ۟
उनके पिता ने उनसे कहा : क्या मैं उसके बारे में तुमपर उसी तरह विश्वास करूँ, जिस तरह इससे पहले उसके सगे भाई यूसुफ़ के बारे में तुमपर विश्वास किया था?! मैंने उसके बारे में तुमपर भरोसा किया था, और तुमने उसकी रक्षा करने की प्रतिज्ञा की थी। लेकिन तुमने जो प्रतिज्ञा की थी, उसे पूरा नहीं किया। इसलिए मुझे उसकी रक्षा करने की तुम्हारी प्रतिज्ञा का कोई भरोसा नहीं है, बल्कि मेरा भरोसा केवल अल्लाह पर है। क्योंकि वह जिसकी रक्षा करना चाहे, उसका सबसे अच्छा रक्षक है और जिसपर दया करना चाहे, उसपर सबसे अधिक दया करने वाला है।
تفسیرهای عربی:
وَلَمَّا فَتَحُوْا مَتَاعَهُمْ وَجَدُوْا بِضَاعَتَهُمْ رُدَّتْ اِلَیْهِمْ ؕ— قَالُوْا یٰۤاَبَانَا مَا نَبْغِیْ ؕ— هٰذِهٖ بِضَاعَتُنَا رُدَّتْ اِلَیْنَا ۚ— وَنَمِیْرُ اَهْلَنَا وَنَحْفَظُ اَخَانَا وَنَزْدَادُ كَیْلَ بَعِیْرٍ ؕ— ذٰلِكَ كَیْلٌ یَّسِیْرٌ ۟
जब उन्होंने अपने लाए हुए अनाज की बोरियाँ खोलीं, तो देखा कि उसका दाम वापस कर दिया गया है। यह देखकर उन्होंने अपने पिता से कहा : इस सम्मान के बाद हमें इस अज़ीज़ से और क्या चाहिए? यह हमारे अनाज का दाम है, जिसे अज़ीज़ ने अपने अनुग्रह से हमें वापस कर दिया है। हम अपने घर वालों के लिए अनाज ले आएँगे और अपने भाई की उससे रक्षा करेंगे जिसका आपको भय है, और उसे साथ ले जाने के कारण एक ऊँट के बोझभर ग़ल्ला अधिक लाएँगे। क्योंकि अज़ीज़ के लिए एक ऊँट की माप बढ़ाना बहुत आसान है।
تفسیرهای عربی:
قَالَ لَنْ اُرْسِلَهٗ مَعَكُمْ حَتّٰی تُؤْتُوْنِ مَوْثِقًا مِّنَ اللّٰهِ لَتَاْتُنَّنِیْ بِهٖۤ اِلَّاۤ اَنْ یُّحَاطَ بِكُمْ ۚ— فَلَمَّاۤ اٰتَوْهُ مَوْثِقَهُمْ قَالَ اللّٰهُ عَلٰی مَا نَقُوْلُ وَكِیْلٌ ۟
उनके पिता ने उनसे कहा : मैं उसे तुम्हारे साथ हरगिज़ नहीं भेजूँगा, यहाँ तक कि तुम मुझे अल्लाह का दृढ़ वचन दो कि उसे मेरे पास वापस लाओगे, सिवाय इस स्थिति के कि तुम सब को विनाश घेर ले और तुममें से कोई न बचे, और तुम उसे न रोकने में सक्षम हो और न ही वापस लौटने में। जब उन्होंने याक़ूब अलैहिस्सलाम को अल्लाह का दृढ़ वचन दे दिया, तो उन्होंने कहा : हम जो कुछ कह रहे हैं, उसपर अल्लाह गवाह है। इसलिए उसकी गवाही हमारे लिए पर्याप्त है।
تفسیرهای عربی:
وَقَالَ یٰبَنِیَّ لَا تَدْخُلُوْا مِنْ بَابٍ وَّاحِدٍ وَّادْخُلُوْا مِنْ اَبْوَابٍ مُّتَفَرِّقَةٍ ؕ— وَمَاۤ اُغْنِیْ عَنْكُمْ مِّنَ اللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ ؕ— اِنِ الْحُكْمُ اِلَّا لِلّٰهِ ؕ— عَلَیْهِ تَوَكَّلْتُ ۚ— وَعَلَیْهِ فَلْیَتَوَكَّلِ الْمُتَوَكِّلُوْنَ ۟
और उनके पिता ने उन्हें वसीयत करते हुए कहा : तुम लोग मिस्र में एक साथ एक ही द्वार से प्रवेश न करना, बल्कि अलग-अलग दरवाज़ों से प्रवेश करना। यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से अधिक उत्तम है, कि यदि कोई तुम्हें हानि पहुँचाना चाहे तो सब उसके शिकार न हो। मैं यह बात तुमसे इसलिए नहीं कह रहा हूँ कि तुमसे कोई ऐसा नुकसान दूर कर दूँ, जिससे अल्लाह तुम्हें पीड़ित करना चाहता है, या तुम्हें कोई ऐसा लाभ पहुँचा दूँ, जो अल्लाह नहीं चाहता है। क्योंकि फ़ैसला तो केवल अल्लाह का है और आदेश तो केवल उसी का चलता है। मैंने अपने सभी मामलों में अकेले उसी पर भरोसा किया है, और भरोसा करने वालों को अकेले उसी पर भरोसा करना चाहिए।
تفسیرهای عربی:
وَلَمَّا دَخَلُوْا مِنْ حَیْثُ اَمَرَهُمْ اَبُوْهُمْ ؕ— مَا كَانَ یُغْنِیْ عَنْهُمْ مِّنَ اللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ اِلَّا حَاجَةً فِیْ نَفْسِ یَعْقُوْبَ قَضٰىهَا ؕ— وَاِنَّهٗ لَذُوْ عِلْمٍ لِّمَا عَلَّمْنٰهُ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟۠
चुनाँचे वे चल पड़े। उनके साथ यूसुफ़ का सगा भाई भी था। जब वे अपने पिता के आदेशानुसार अलग-अलग दरवाजों से प्रवेश किए, तो उनका अलग-अलग दरवाजों से प्रवेश करना उनसे अल्लाह की उनपर नियत की हुई कोई चीज़ टालने वाला नहीं था। यह तो केवल याक़ूब अलैहिस्सलाम का अपने बेटों के प्रति स्नेह था, जिसे उन्होंने प्रकट कर दिया और उन्हें उसकी वसीयत कर दी। हालाँकि उन्हें खूब पता था कि अल्लाह के फैसले के अलावा कोई फैसला नहीं है। क्योंकि हमने उन्हें तक़दीर (भाग्य) पर ईमान रखने और कारणों को अपनाने की जो शिक्षा दी थे, उसका वह ज्ञान रखते थे। लेकिन अधिकांश लोग यह नहीं जानते हैं।
تفسیرهای عربی:
وَلَمَّا دَخَلُوْا عَلٰی یُوْسُفَ اٰوٰۤی اِلَیْهِ اَخَاهُ قَالَ اِنِّیْۤ اَنَا اَخُوْكَ فَلَا تَبْتَىِٕسْ بِمَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
जब यूसुफ़ के भाई यूसुफ़ के पास आए, और उनके साथ यूसुफ़ का सगा भाई भी था, तो उन्होंने अपने सगे भाई को अपने साथ कर लिया और चुपके से उससे कहा : मैं तुम्हारा सगा भाई : यूसुफ़ हूँ। अतः उन धृष्ट और अविवेकपूर्ण कार्यों से दुःखी न हो, जो तुम्हारे भाई करते आए हैं, जैसे कष्ट देना, हमसे ईर्ष्या करना और मुझे कुएँ में फेंकना।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• الأمر بالاحتياط والحذر ممن أُثِرَ عنه غدرٌ، وقد ورد في الحديث الصحيح: ((لَا يُلْدَغُ المُؤْمِنٌ مِنْ جُحْرٍ وَاحِدٍ مَرَّتَيْنِ))، [أخرجه البخاري ومسلم].
• ऐसे व्यक्ति से सतर्कता और सावधानी अपनाने का आदेश, जिससे विश्वासघात का अनुभव हो, तथा प्रामाणिक हदीस में आया है : ''मोमिन एक ही बिल से दो बार नहीं डंसा जाता।'' (बुख़ारी व मुस्लिम)

• من وجوه الاحتياط التأكد بأخذ المواثيق المؤكدة باليمين، وجواز استحلاف المخوف منه على حفظ الودائع والأمانات.
• एहतियात के पहलुओं में से एक शपथ दिलाकर दृढ़ वचन लेना है, और जिस व्यक्ति के बारे में शंका हो उसे धरोहरों और अमानतों की रक्षा की क़सम खिलाने की वैधता।

• يجوز لطالب اليمين أن يستثني بعض الأمور التي يرى أنها ليست في مقدور من يحلف اليمين.
• क़सम खिलाने वाले के लिए जायज़ है कि कुछ ऐसी चीज़ों को क़सम से अलग कर ले, जिनके बारे में उसे लगे कि वे क़सम खाने वाले के सामर्थ्य से बाहर हैं।

• من الأخذ بالأسباب الاحتياط من المهالك.
• कारणों को अपनाने में से विनाश के स्थानों से सतर्क रहना भी है।

فَلَمَّا جَهَّزَهُمْ بِجَهَازِهِمْ جَعَلَ السِّقَایَةَ فِیْ رَحْلِ اَخِیْهِ ثُمَّ اَذَّنَ مُؤَذِّنٌ اَیَّتُهَا الْعِیْرُ اِنَّكُمْ لَسٰرِقُوْنَ ۟
फिर जब यूसुफ़ ने अपने सेवकों को अपने भाइयों के ऊँटों पर ग़ल्ला लादने का आदेश दिया, तो राजा के मापने के बर्तन को जिससे ग़ल्ला लेने वालों को मापकर दिया करते थे, उनके ज्ञान के बिना अपने सगे भाई की बोरी में डाल दिया, ताकि वह उसे अपने पास रख सकें।। फिर जब वे अपने परिवार की ओर वापस लौटने के लिए निकलने पड़े, तो पीछे से एक आवाज़ देने वाले ने आवाज़ दी : ऐ अन्न से लदे हुए ऊँटों वालो! निश्चय तुम चोर हो।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا وَاَقْبَلُوْا عَلَیْهِمْ مَّاذَا تَفْقِدُوْنَ ۟
यूसुफ़ के भाइयों ने पीछे से आवाज़ देने वाले और उसके साथियों की ओर मुतवज्जेह होकर कहा : तुम्हारी क्या चीज़ खो गई है कि हमपर चोरी का आरोप लगा रहे हो?
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا نَفْقِدُ صُوَاعَ الْمَلِكِ وَلِمَنْ جَآءَ بِهٖ حِمْلُ بَعِیْرٍ وَّاَنَا بِهٖ زَعِیْمٌ ۟
आवाज़ लगाने वाले और उसके साथियों ने यूसुफ़ के भाइयों से कहा : हमसे राजा का मापक खो गया है, जिससे मापकर देते हैं। जो व्यक्ति तलाशी से पहले राजा का मापक ले आएगा, उसे पुरस्कार दिया जाएगा और वह एक ऊँट के बोझभर ग़ल्ला है। और मैं उसके लिए इसकी गारंटी देता हूँ।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا تَاللّٰهِ لَقَدْ عَلِمْتُمْ مَّا جِئْنَا لِنُفْسِدَ فِی الْاَرْضِ وَمَا كُنَّا سٰرِقِیْنَ ۟
यूसुफ़ के भाइयों ने उनसे कहा : अल्लाह की क़सम! निश्चय तुम हमारी ईमानदारी और बेगुनाही को जान चुके हो, जैसा कि तुमने हमारी स्थितियों से देखा है। यक़ीन मानो हम मिस्र में बिगाड़ पैदा करने के लिए नहीं आए हैं, और हम अपने जीवन में कभी चोर नहीं थे।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا فَمَا جَزَآؤُهٗۤ اِنْ كُنْتُمْ كٰذِبِیْنَ ۟
आवाज़ देने वाले और उसके साथियों ने कहा : तुम्हारे यहाँ उसकी चोरी करने वाले का क्या दंड है, यदि तुम चोरी से बरी होने के अपने दावे में झूठे निकले?
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا جَزَآؤُهٗ مَنْ وُّجِدَ فِیْ رَحْلِهٖ فَهُوَ جَزَآؤُهٗ ؕ— كَذٰلِكَ نَجْزِی الظّٰلِمِیْنَ ۟
यूसुफ़ के भाइयों ने उनसे कहा : हमारे यहाँ चोरी का दंड यह है कि जिसके सामान में चोरी का माल मिले, उसकी गरदन उस व्यक्ति के हवाले कर दी जाती है, जिसका माल चोरी हुआ है और वह उसे अपना ग़ुलाम बना लेता है। इस तरह ग़ुलाम बनाने के दंड के साथ हम चोरों को दंडित करते हैं।
تفسیرهای عربی:
فَبَدَاَ بِاَوْعِیَتِهِمْ قَبْلَ وِعَآءِ اَخِیْهِ ثُمَّ اسْتَخْرَجَهَا مِنْ وِّعَآءِ اَخِیْهِ ؕ— كَذٰلِكَ كِدْنَا لِیُوْسُفَ ؕ— مَا كَانَ لِیَاْخُذَ اَخَاهُ فِیْ دِیْنِ الْمَلِكِ اِلَّاۤ اَنْ یَّشَآءَ اللّٰهُ ؕ— نَرْفَعُ دَرَجٰتٍ مَّنْ نَّشَآءُ ؕ— وَفَوْقَ كُلِّ ذِیْ عِلْمٍ عَلِیْمٌ ۟
चुनाँचे वे उनकी बोरियों की तलाशी के लिए उन्हें यूसुफ़ के पास वापस ले आए। यूसुफ़ ने योजना को गुप्त रखने के लिए, अपने सगे भाई की बोरी का निरीक्षण करने से पहले अपने सौतेले भाइयों की बोरियों की तलाशी लेनी शुरू की। फिर अंत में अपने सगे भाई की बोरी की तलाशी ली और उसमें से राजा का मापक निकाला। हमने जिस तरह यूसुफ़ को अपने भाई की बोरी में मापक रखने का उपाय सुझाया, उसी तरह हमने उसके लिए एक और उपाय किया कि उसके भाइयों ने चोर को दास बनाने के अपने देश के दंड संहिता को अपनाया। हालाँकि ऐसा संभव नहीं होता, यदि चोर के लिए राजा के दंड को लागू किया जाता, जो कि पिटाई करना और जुर्माना लगाना था। सिवाय इसके कि अल्लाह कोई और उपाय चाहता, क्योंकि वह उसका सामर्थ्य रखता है। हम अपने बंदों में से जिसके भी चाहते हैं, पद ऊँचे कर देते हैं, जैसे कि हमने यूसुफ़ का पद ऊँचा कर दिया। और हर ज्ञान वाले व्यक्ति के ऊपर, उससे अधिक ज्ञान वाला मौजूद है। और सभी लोगों के ज्ञान के ऊपर अल्लाह का ज्ञान है, जो सब कुछ जानता है।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْۤا اِنْ یَّسْرِقْ فَقَدْ سَرَقَ اَخٌ لَّهٗ مِنْ قَبْلُ ۚ— فَاَسَرَّهَا یُوْسُفُ فِیْ نَفْسِهٖ وَلَمْ یُبْدِهَا لَهُمْ ۚ— قَالَ اَنْتُمْ شَرٌّ مَّكَانًا ۚ— وَاللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا تَصِفُوْنَ ۟
यूसुफ़ के भाइयों ने कहा : यदि इसने चोरी की है, तो कोई आश्चर्य नहीं है। क्योंकि इसकी इस चोरी से पहले इसके एक सगे भाई ने भी चोरी की थी। उनका अभिप्रेत यूसुफ़ अलैहिस्सलाम थे। किंतु यूसुफ़ ने उनकी इस बात से अपने आहत होने को गुप्त रखा, और इसे उनके सामने प्रकट नहीं किया। उन्होंने अपने दिल में उनसे कहा : तुम जो ईर्ष्या रखते हो और पहले जो दुर्व्यवहार कर चुके हो, इस स्थान पर स्वयं वही बुराई है। और तुम जो यह मिथ्यारोपण कर रहे हो, अल्लाह उसे सबसे अधिक जानता है।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا یٰۤاَیُّهَا الْعَزِیْزُ اِنَّ لَهٗۤ اَبًا شَیْخًا كَبِیْرًا فَخُذْ اَحَدَنَا مَكَانَهٗ ۚ— اِنَّا نَرٰىكَ مِنَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟
यूसुफ़ के भाइयों ने यूसुफ़ से कहा : ऐ अज़ीज़! इसका एक बहुत बूढ़ा बाप है, जो इससे बहुत प्रेम करता है। इसलिए हममें से किसी को इसके स्थान पर रख लीजिए। हम देखते हैं कि आप हमारे मामले तथा हमारे सिवा अन्य लोगों के मामले में उपकार करने वाले हैं। इसलिए हमपर यह उपकार कर दीजिए।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• جواز الحيلة التي يُتَوصَّل بها لإحقاق الحق، بشرط عدم الإضرار بالغير.
• सत्य को सत्यापित करने के लिए उपाय करने की वैधता, बशर्ते कि दूसरों को कोई हानि न पहुँचाई जाए।

• يجوز لصاحب الضالة أو الحاجة الضائعة رصد جُعْل «مكافأة» مع تعيين قدره وصفته لمن عاونه على ردها.
• जिसका कोई सामान या ज़रूरत की कोई चीज़ खो जाए, वह उसे लौटाने में उसकी मदद करने वाले के लिए पारिश्रमिक के तौर पर इनाम का ऐलान कर सकता है, उसकी राशि और उसके विवरण के निर्धारण के साथ।

• التغافل عن الأذى والإسرار به في النفس من محاسن الأخلاق.
• कष्ट की अनदेखी करना और उसे अपने मन में गुप्त रखना, अच्छी नैतिकता में से है।

قَالَ مَعَاذَ اللّٰهِ اَنْ نَّاْخُذَ اِلَّا مَنْ وَّجَدْنَا مَتَاعَنَا عِنْدَهٗۤ ۙ— اِنَّاۤ اِذًا لَّظٰلِمُوْنَ ۟۠
यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने कहा : इस बात से अल्लाह की शरण चाहते हैं कि हम एक अत्याचारी के अपराध के कारण एक निर्दोष पर अत्याचार करें और उसके अलावा किसी अन्य व्यक्ति को पकड़ ले, जिसकी बोरी में हमने राजा का मापक पाया है! यदि हमने ऐसा किया तो निश्चय हम अत्याचारी ठहरेंगे। क्योंकि हमने एक निर्दोष को दंडित किया और अपराधी को छोड़ दिया।
تفسیرهای عربی:
فَلَمَّا اسْتَیْـَٔسُوْا مِنْهُ خَلَصُوْا نَجِیًّا ؕ— قَالَ كَبِیْرُهُمْ اَلَمْ تَعْلَمُوْۤا اَنَّ اَبَاكُمْ قَدْ اَخَذَ عَلَیْكُمْ مَّوْثِقًا مِّنَ اللّٰهِ وَمِنْ قَبْلُ مَا فَرَّطْتُّمْ فِیْ یُوْسُفَ ۚ— فَلَنْ اَبْرَحَ الْاَرْضَ حَتّٰی یَاْذَنَ لِیْۤ اَبِیْۤ اَوْ یَحْكُمَ اللّٰهُ لِیْ ۚ— وَهُوَ خَیْرُ الْحٰكِمِیْنَ ۟
जब वे यूसुफ़ के उनके अनुरोध को स्वीकार करने से निराश हो गए, तो परामर्श करने के लिए लोगों से अलग हो गए। उनके बड़े भाई ने कहा : मैं तुम्हें याद दिलाता हूँ कि तुम्हारे पिता ने तुमसे अल्लाह का दृढ़ वचन लिया है कि तुम उनके बेटे को वापस ले आओगे, सिवाय इसके कि तुम्हें कोई ऐसी विपत्ति घेर ले, जिसे रोकने में तुम असमर्थ हो। तथा इससे पहले तुमने यूसुफ़ के बारे में कोताही की और उसके बारे में अपने पिता की प्रतिज्ञा पूरी नहीं की। इसलिए मैं मिस्र की धरती तब तक नहीं छोड़ूँगा, जब तक कि मेरे पिता मुझे अपने पास लौटने की अनुमति न प्रदान कर दें, या अल्लाह मेरे लिए मेरे भाई को लेने का फैसला न कर दे। और अल्लाह सब फैसला करने वालों से बेहतर है। क्योंकि वह सत्य और न्याय के अनुसार फैसला करता है।
تفسیرهای عربی:
اِرْجِعُوْۤا اِلٰۤی اَبِیْكُمْ فَقُوْلُوْا یٰۤاَبَانَاۤ اِنَّ ابْنَكَ سَرَقَ ۚ— وَمَا شَهِدْنَاۤ اِلَّا بِمَا عَلِمْنَا وَمَا كُنَّا لِلْغَیْبِ حٰفِظِیْنَ ۟
और बड़े भाई ने कहा : अपने पिता के पास वापस जाओ और उनसे कहो : आपके बेटे ने चोरी की है। इसलिए अज़ीज़ -ए- मिस्र ने चोरी की सज़ा के तौर पर उसे दास बना लिया है। हम तो वही कह रहे हैं, जो हमने जाना है। क्योंकि हमने देखा है कि पैमाना उसी की बोरी से निकाला गया था। हमें क्या पता था कि वह चोरी करेगा। यदि पता होता, तो हम आपको उसे वापस लाने का वचन नहीं देते।
تفسیرهای عربی:
وَسْـَٔلِ الْقَرْیَةَ الَّتِیْ كُنَّا فِیْهَا وَالْعِیْرَ الَّتِیْۤ اَقْبَلْنَا فِیْهَا ؕ— وَاِنَّا لَصٰدِقُوْنَ ۟
और हमारी सत्यता को सत्यापित करने के लिए (ऐ हमारे पिता!) मिस्र वासियों से पूझ लें, जहाँ हम थे और उस क़ाफ़िले वालों से पूछ लें, जिसके साथ हम आए हैं। वे सब आपको वही बताएँगे, जो हमने बताया है। निःसंदेह हमने आपको उसके चोरी करने की जो बात बताई है, उसमें हम बिलकुल सच्चे हैं।
تفسیرهای عربی:
قَالَ بَلْ سَوَّلَتْ لَكُمْ اَنْفُسُكُمْ اَمْرًا ؕ— فَصَبْرٌ جَمِیْلٌ ؕ— عَسَی اللّٰهُ اَنْ یَّاْتِیَنِیْ بِهِمْ جَمِیْعًا ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْعَلِیْمُ الْحَكِیْمُ ۟
उनके पिता ने उनसे कहा : तुमने उसके चोरी करने की जो बात बताई है, वास्तव में मामला वैसा नहीं है। बल्कि तुम्हारे दिलों ने तुम्हारे लिए इस बात को शोभित कर दिया है कि तुम उसके विरुद्ध भी उसी तरह चाल चलो, जिस तरह इससे पहले उसके भाई यूसुफ़ के विरुद्ध चाल चल चुके हो। इसलिए मेरा काम उत्तम सब्र करना है, जिसमें केवल अल्लाह ही से शिकायत है। उम्मीद है कि अल्लाह यूसुफ़, उसके सगे भाई और उनके बड़े भाई, सब को मेरे पास वापस ले आए। निःसंदेह वही पवित्र अल्लाह मेरे हाल से अवगत है और मेरे मामले के प्रबंधन में हिकमत वाला है।
تفسیرهای عربی:
وَتَوَلّٰی عَنْهُمْ وَقَالَ یٰۤاَسَفٰی عَلٰی یُوْسُفَ وَابْیَضَّتْ عَیْنٰهُ مِنَ الْحُزْنِ فَهُوَ كَظِیْمٌ ۟
वह उनसे मुँह फेरते हुए दूर हट गए और कहा : हाय मेरे दुःख की तीव्रता यूसुफ़ की जुदाई पर! और यूसुफ़ की जुदाई पर रोते-रोते उनकी आँखों के काले भाग सफ़ेद हो चुके थे। चुनाँचे उनका दिल शोक तथा दुःख से भरा हुआ था, वह अपने दुःख को लोगों से छिपाते थे।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا تَاللّٰهِ تَفْتَؤُا تَذْكُرُ یُوْسُفَ حَتّٰی تَكُوْنَ حَرَضًا اَوْ تَكُوْنَ مِنَ الْهٰلِكِیْنَ ۟
यूसुफ़ के भाइयों ने अपने पिता से कहा : अल्लाह की क़सम! (ऐ हमारे पिता!) आप हमेशा यूसुफ़ को याद करते रहेंगे और उसके लिए शोक मनाते रहेंगे, यहाँ तक कि आप सख़्त बीमार हो जाएँ, या प्राण ही त्याग दें।
تفسیرهای عربی:
قَالَ اِنَّمَاۤ اَشْكُوْا بَثِّیْ وَحُزْنِیْۤ اِلَی اللّٰهِ وَاَعْلَمُ مِنَ اللّٰهِ مَا لَا تَعْلَمُوْنَ ۟
उनके पिता ने उनसे कहा : मैं जिस शोक और दुःख से पीड़ित हूँ उसकी शिकायत केवल अल्लाह से करता हूँ। और मैं अल्लाह की दया, उसके उपकार, परेशान हाल की दुआ क़बूल करने और पीड़ित को बदला देने के बारे में जो जानता हूँ, वह तुम नहीं जानते।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• لا يجوز أخذ بريء بجريرة غيره، فلا يؤخذ مكان المجرم شخص آخر.
• किसी दूसरे के अपराध के लिए किसी निर्दोष को पकड़ना जायज़ नहीं है। इसलिए अपराधी की जगह किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं पकड़ा जाएगा।

• الصبر الجميل هو ما كانت فيه الشكوى لله تعالى وحده.
• उत्तम धैर्य वह है, जिसमें शिकायत केवल अल्लाह के सामने हो।

• على المؤمن أن يكون على تمام يقين بأن الله تعالى يفرج كربه.
• मोमिन को पूरी तरह से निश्चित होना चाहिए कि अल्लाह सर्वशक्तिमान उसके कष्ट को दूर करेगा।

یٰبَنِیَّ اذْهَبُوْا فَتَحَسَّسُوْا مِنْ یُّوْسُفَ وَاَخِیْهِ وَلَا تَایْـَٔسُوْا مِنْ رَّوْحِ اللّٰهِ ؕ— اِنَّهٗ لَا یَایْـَٔسُ مِنْ رَّوْحِ اللّٰهِ اِلَّا الْقَوْمُ الْكٰفِرُوْنَ ۟
उनके पिता ने उनसे कहा : ऐ मेरे बेटो! जाओ और यूसुफ़ तथा उसके भाई की खबर के बारे में पता करो। और अल्लाह के अपने बंदों की परेशानी को दूर करने और राहत देने से निराश न हो। वास्तव में, केवल काफ़िर लोग ही अल्लाह के परेशानी को दूर करने और राहत देने से निराश होते हैं। क्योंकि वे अल्लाह की महान शक्ति और उसके अपने बंदों पर गुप्त अनुग्रह से अनभिज्ञ होते हैं।
تفسیرهای عربی:
فَلَمَّا دَخَلُوْا عَلَیْهِ قَالُوْا یٰۤاَیُّهَا الْعَزِیْزُ مَسَّنَا وَاَهْلَنَا الضُّرُّ وَجِئْنَا بِبِضَاعَةٍ مُّزْجٰىةٍ فَاَوْفِ لَنَا الْكَیْلَ وَتَصَدَّقْ عَلَیْنَا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ یَجْزِی الْمُتَصَدِّقِیْنَ ۟
उन्होंने अपने पिता के आदेश का पालन किया और यूसुफ़ तथा उनके भाई को ढूँढने के लिए निकल पड़े। चुनांचे जब यूसुफ़ के पास पहुँचे तो कहा : हम कठिनाई और गरीबी से पीड़ित हैं और थोड़ा-सा तुच्छ धन लेकर आए हैं। अतः हमें भरपूर माप दीजिए, जैसे इससे पहले हमें देते आए हैं। और उससे कुछ बढ़ाकर या हमारे तुच्छ धन को नज़र अंदाज़ करके, हमें दान दीजिए। निःसंदेह अल्लाह दान करने वालों को उत्तम बदला प्रदान करता है।
تفسیرهای عربی:
قَالَ هَلْ عَلِمْتُمْ مَّا فَعَلْتُمْ بِیُوْسُفَ وَاَخِیْهِ اِذْ اَنْتُمْ جٰهِلُوْنَ ۟
यूसुफ़ ने जब उनकी बात सुनी तो उनपर दया आ गई और दिल पसीज गया और उनसे अपनी पहचान करा दी। उनसे फरमाया : तुम जानते हो कि तुमने यूसुफ़ और उसके सगे भाई के साथ क्या किया था, जब तुम उसके परिणाम से अनभिज्ञ थे जो तुमने उन दोनों के साथ किया था?!
تفسیرهای عربی:
قَالُوْۤا ءَاِنَّكَ لَاَنْتَ یُوْسُفُ ؕ— قَالَ اَنَا یُوْسُفُ وَهٰذَاۤ اَخِیْ ؗ— قَدْ مَنَّ اللّٰهُ عَلَیْنَا ؕ— اِنَّهٗ مَنْ یَّتَّقِ وَیَصْبِرْ فَاِنَّ اللّٰهَ لَا یُضِیْعُ اَجْرَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟
वे आश्चर्यचकित हो गए और बोले : क्या निश्चय आप ही यूसुफ़ हैं?! तो यूसुफ़ ने उनसे कहा : हाँ, मैं यूसुफ़ हूँ और यह, जिसे तुम मेरे साथ देख रहे हो, मेरा सगा भाई है। अल्लाह ने हमपर अनुग्रह किया है कि हमें उस चीज़ से मुक्ति दिलाई है, जिसमें हम थे और हमारे पद को ऊँचा कर दिया। निःसंदेह जो अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, उससे डरता है और विपत्ति पर धैर्य रखता है, तो उसका यह कार्य सदाचार में से है, और अल्लाह सदाचारियों का बदला नष्ट नहीं करता, बल्कि वह उनके लिए उसे सुरक्षित रखता है।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا تَاللّٰهِ لَقَدْ اٰثَرَكَ اللّٰهُ عَلَیْنَا وَاِنْ كُنَّا لَخٰطِـِٕیْنَ ۟
उनके भाइयों ने उनके साथ जो कुछ किया था उसके लिए क्षमायाचना करते हुए कहा : अल्लाह की क़सम! अल्लाह ने आपको पूर्णता के गुण प्रदान करके हमपर श्रेष्ठता प्रदान किया है। और हमने आपके साथ जो कुछ किया था, उसमें हम दोषी और अत्याचारी थे।
تفسیرهای عربی:
قَالَ لَا تَثْرِیْبَ عَلَیْكُمُ الْیَوْمَ ؕ— یَغْفِرُ اللّٰهُ لَكُمْ ؗ— وَهُوَ اَرْحَمُ الرّٰحِمِیْنَ ۟
यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने उनकी क्षमायाचना को स्वीकार कर लिया और कहा : आज तुमपर कोई दोष नहीं है जिसके लिए तुम्हें दंडित करने या फटकार लगाने की आवश्यकता हो। मैं अल्लाह से प्रार्थना करता हूँ कि वह तुम्हें क्षमा करे। वह पवित्र अल्लाह दया करने वालों में सबसे अधिक दया करने वाला है।
تفسیرهای عربی:
اِذْهَبُوْا بِقَمِیْصِیْ هٰذَا فَاَلْقُوْهُ عَلٰی وَجْهِ اَبِیْ یَاْتِ بَصِیْرًا ۚ— وَاْتُوْنِیْ بِاَهْلِكُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟۠
चुनाँचे जब यूसुफ़ के भाइयों ने उन्हें बताया कि उनके पिता की आँखों की रोशनी चली गई है, तो उन्हें अपना कुर्ता दे दिया और कहा : मेरे इस कुर्ते को ले जाओ और इसे मेरे पिता के चेहरे पर डाल दो, उनकी आँखों की रोशनी लौट आएगी। फिर अपने तमाम घर वालों को मेरे पास ले आओ।
تفسیرهای عربی:
وَلَمَّا فَصَلَتِ الْعِیْرُ قَالَ اَبُوْهُمْ اِنِّیْ لَاَجِدُ رِیْحَ یُوْسُفَ لَوْلَاۤ اَنْ تُفَنِّدُوْنِ ۟
और जब क़ाफ़िला मिस्र से चल पड़ा और उसकी आबादियों से निकल गया, तो याक़ूब अलैहिस्सलाम ने अपने बेटों और अपने पास मौजूद लोगों से कहा : निश्चय मुझे यूसुफ़ की सुगंध आ रही है, यदि तुम मुझे नासमझ न समझो और यह न कहने लगो कि यह बहका हुआ बूढ़ा है। ऐसी बात करता है, जो खुद नहीं जानता।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا تَاللّٰهِ اِنَّكَ لَفِیْ ضَلٰلِكَ الْقَدِیْمِ ۟
उनके पास मौजूद उनके बेटों ने कहा : अल्लाह की क़सम! आप अभी भी अपने निकट यूसुफ़ की स्थिति और उन्हें फिर से देखने की संभावना के बारे में अपने पिछले भ्रम में हैं।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• عظم معرفة يعقوب عليه السلام بالله حيث لم يتغير حسن ظنه رغم توالي المصائب ومرور السنين.
• याक़ूब अलैहिस्सलाम के अल्लाह के ज्ञान की महानता, कि लगातार विपत्तियों से ग्रस्त होने और वर्षों के बीत जाने के बावजूद अल्लाह के बारे में उनका अच्छा गुमान नहीं बदला।

• من خلق المعتذر الصادق أن يطلب التوبة من الله، ويعترف على نفسه ويطلب الصفح ممن تضرر منه.
• सच्चा क्षमायाचक अल्लाह से क्षमा चाहता है, अपनी त्रुटि को स्वीकार करता है और उस व्यक्ति से माफ़ी मांँगता है, जिसे उसके कारण नुक़सान पहुँचा है।

• بالتقوى والصبر تنال أعظم الدرجات في الدنيا وفي الآخرة.
• अल्लाह के भय और धैर्य के ज़रिए दुनिया एवं आख़िरत में सब से बड़े दर्जे प्राप्त किए जा सकते हैं।

• قبول اعتذار المسيء وترك الانتقام، خاصة عند التمكن منه، وترك تأنيبه على ما سلف منه.
• दोषी की क्षमायाचना को स्वीकार करना और बदला न लेना, विषेश रूप से उसपर सक्षम होने के समय, और जो उसने पहले किया था, उसपर उसे डांट-डपट न करना।

فَلَمَّاۤ اَنْ جَآءَ الْبَشِیْرُ اَلْقٰىهُ عَلٰی وَجْهِهٖ فَارْتَدَّ بَصِیْرًا ۚؕ— قَالَ اَلَمْ اَقُلْ لَّكُمْ ۚ— اِنِّیْۤ اَعْلَمُ مِنَ اللّٰهِ مَا لَا تَعْلَمُوْنَ ۟
फिर जब याक़ूब के लिए ख़ुशियों भरी ख़बर लाने वाला व्यक्ति आया, उसने यूसुफ़ का कुर्ता उनके चेहरे पर डाल दिया, तो वह देखने लगे। तब उन्होंने अपने बेटों से कहा : क्या मैंने तुमसे कहा नहीं था कि मुझे अल्लाह की दया और उपकार की जो बातें मालूम हैं, तुम उन्हें नहीं जानते?
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا یٰۤاَبَانَا اسْتَغْفِرْ لَنَا ذُنُوْبَنَاۤ اِنَّا كُنَّا خٰطِـِٕیْنَ ۟
याक़ूब अलैहिस्सलाम के बेटों ने यूसुफ़ और उनके भाई के साथ जो कुछ किया था उसके लिए अपने बाप से माफ़ी माँगते हुए कहा : ऐ हमारे पिता! अल्लाह से हमारे पिछले पापों के लिए क्षमा माँगे। निश्चित रूप से हमने यूसुफ़ और उनके सगे भई के साथ जो कुछ किया था, उसमें हम गुनहगार और दोषी थे।
تفسیرهای عربی:
قَالَ سَوْفَ اَسْتَغْفِرُ لَكُمْ رَبِّیْ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْغَفُوْرُ الرَّحِیْمُ ۟
उनके पिता ने उनसे कहा : मैं अपने पालनहार से तुम्हारे लिए क्षमा माँगूँगा। निःसंदेह वही अपने तौबा करने वाले बंदों के पापों को माफ़ करने वाला, उनपर दया करने वाला है।
تفسیرهای عربی:
فَلَمَّا دَخَلُوْا عَلٰی یُوْسُفَ اٰوٰۤی اِلَیْهِ اَبَوَیْهِ وَقَالَ ادْخُلُوْا مِصْرَ اِنْ شَآءَ اللّٰهُ اٰمِنِیْنَ ۟ؕ
याक़ूब अलैहिस्सलाम और उनका परिवार मिस्र में यूसुफ़ के पास जाने के लिए निकल पड़ा। जब वे यूसुफ़ के पास पहुँचे, तो यूसुफ़ ने अपने माता-पिता को अपने से क़रीब कर लिया और अपने भाइयों तथा उनके परिजनों से कहा : अल्लाह की इच्छा से सुरक्षित व निश्चिंत मिस्र में प्रवेश करो, तुम्हें यहाँ कोई कष्ट नहीं होगा।
تفسیرهای عربی:
وَرَفَعَ اَبَوَیْهِ عَلَی الْعَرْشِ وَخَرُّوْا لَهٗ سُجَّدًا ۚ— وَقَالَ یٰۤاَبَتِ هٰذَا تَاْوِیْلُ رُءْیَایَ مِنْ قَبْلُ ؗ— قَدْ جَعَلَهَا رَبِّیْ حَقًّا ؕ— وَقَدْ اَحْسَنَ بِیْۤ اِذْ اَخْرَجَنِیْ مِنَ السِّجْنِ وَجَآءَ بِكُمْ مِّنَ الْبَدْوِ مِنْ بَعْدِ اَنْ نَّزَغَ الشَّیْطٰنُ بَیْنِیْ وَبَیْنَ اِخْوَتِیْ ؕ— اِنَّ رَبِّیْ لَطِیْفٌ لِّمَا یَشَآءُ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْعَلِیْمُ الْحَكِیْمُ ۟
तथा उन्होंने अपने माता-पिता को उस सिंहासन पर बिठाया, जिस पर वह बैठते थे। और उनको उनके माता-पिता एवं ग्यारह भाइयों ने सजदा करके सलाम पेश किया। ज्ञात हो कि यह सम्मान का सजदा था, इबादत का नहीं। यह अल्लाह के आदेश की पूर्ति के रूप में था जैसा कि स्वप्न में दिखाया गया था। इसीलिए यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने अपने पिता से कहा : आप लोगों का यह मुझे सजदा करके अभिवादन करना, मेरे उस सपने का साकार रूप है, जिसे मैंने पहले देखा था और आपको बताया था। आज मेरे रब ने उसके घटित होने से उसे सच कर दिया। निश्चय मेरे पालनहार ने मुझपर उपकार किया, जब मुझे क़ैदखाने से निकाला और जब आपको देहात से यहाँ ले आया, जबकि शैतान ने मेरे और मेरे भाइयों के बीच बिगाड़ पैदा कर दिया था। निःसंदेह मेरा पालनहार जो चाहे, उसका उपाय करने में अत्यंत सूक्ष्म है। निःसंदेह वह अपने बंदों के हालात से पूरी तरह अवगत, अपने प्रबंधन में पूर्ण हिकमत वाला है।
تفسیرهای عربی:
رَبِّ قَدْ اٰتَیْتَنِیْ مِنَ الْمُلْكِ وَعَلَّمْتَنِیْ مِنْ تَاْوِیْلِ الْاَحَادِیْثِ ۚ— فَاطِرَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ۫— اَنْتَ وَلِیّٖ فِی الدُّنْیَا وَالْاٰخِرَةِ ۚ— تَوَفَّنِیْ مُسْلِمًا وَّاَلْحِقْنِیْ بِالصّٰلِحِیْنَ ۟
फिर यूसुफ़ ने अपने पालनहार से दुआ की। कहा : ऐ मेरे रब! तूने मुझे मिस्र का राज्य प्रदान किया और मुझे सप्नों का अर्थ सिखाया। ऐ आकाशों और धरती के पैदा करने वाले तथा उन्हें किसी पूर्व नमूने के बिना बनाने वाले! तू ही सांसारिक जीवन में मेरे सभी मामलों का संरक्षक है, तथा आख़िरत में भी मेरे सभी मामलों संरक्षक है। मेरे जीवन के अंत में, मुझे एक मुसलमान के रूप में उठा और मुझे जन्नत के सबसे उच्च स्थान में मेरे बाप-दादाओं तथा अन्य लोगों में से सदाचारी नबियों के साथ मिला दे।
تفسیرهای عربی:
ذٰلِكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ الْغَیْبِ نُوْحِیْهِ اِلَیْكَ ۚ— وَمَا كُنْتَ لَدَیْهِمْ اِذْ اَجْمَعُوْۤا اَمْرَهُمْ وَهُمْ یَمْكُرُوْنَ ۟
यूसुफ़ और उनके भाइयों की यह उल्लिखित कहानी, हम इसकी (ऐ रसूल) आपकी ओर वह़्य कर रहे हैं। आपको इसकी जानकारी नहीं थी। क्योंकि आप यूसुफ़ के भाइयों के पास मौजूद नहीं थे, जब उन्होंने यूसुफ़ को कुएँ के अंदर डालने का निर्णय किया था और इसके लिए एक बड़ी चाल चली थी। लेकिन हमने आपकी ओर इसकी वह़्य की।
تفسیرهای عربی:
وَمَاۤ اَكْثَرُ النَّاسِ وَلَوْ حَرَصْتَ بِمُؤْمِنِیْنَ ۟
और अधिकांश लोग हरगिज़ ईमान लाने वाले नहीं हैं, चाहे (ऐ रसूल) आप उनके ईमान के लिए हर संभव प्रयास कर लें। इसलिए आप उनपर अफ़सोस न करें।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• بر الوالدين وتبجيلهما وتكريمهما واجب، ومن ذلك المسارعة بالبشارة لهما فيما يدخل السرور عليهما.
• माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार और उनका आदर-सम्मान करना ज़रूरी है। और इसी में उन्हें ऐसी खुशख़बरी देने में जल्दी करना भी शामिल है, जिससे उनके दिल को खुशी मिले।

• التحذير من نزغ الشيطان، ومن الذي يسعى بالوقيعة بين الأحباب؛ ليفرق بينهم.
• शैतान के झगड़ा लगाने से सावधान करना और उस व्यक्ति से सावधान करना जो दोस्तों के बीच फूट डालने के लिए उनके बीच मनमुटाव और बिगाड़ पैदा करने का प्रयास करता है।

• مهما ارتفع العبد في دينه أو دنياه فإنَّ ذلك كله مرجعه إلى تفضّل الله تعالى وإنعامه عليه.
• कोई भी व्यक्ति अपने धर्म या सांसारिक जीवन में कितना भी ऊँचा क्यों न हो जाए, यह सब उसपर अल्लाह सर्वशक्तिमान की कृपा और अनुग्रह के कारण है।

• سؤال الله حسن الخاتمة والسلامة والفوز يوم القيامة والالتحاق برفقة الصالحين في الجنان.
• अल्लाह से अच्छे अंत, क़ियामत के दिन सुरक्षा और सफलता तथा जन्नत में सदाचारियों की संगत में शामिल होने के लिए प्रश्न करना।

• من فضل الله تعالى أنه يُطْلع أنبياءه على بعض من أمور الغيب لغايات وحكم.
• यह अल्लाह की कृपा है कि वह कुछ उद्देश्यों और हिकमतों के तहत अपने नबियों को ग़ैब की कुछ बातों की जानकारी देता है।

وَمَا تَسْـَٔلُهُمْ عَلَیْهِ مِنْ اَجْرٍ ؕ— اِنْ هُوَ اِلَّا ذِكْرٌ لِّلْعٰلَمِیْنَ ۟۠
यदि वे समझ-बूझ से काम लेते तो आप पर ईमान ले आते। क्योंकि (ऐ रसूल) आप उनसे क़ुरआन तथा धर्म प्रचार पर कोई पारिश्रमिक नहीं माँगते। क़ुरआन तो केवल सभी लोगों के लिए एक उपदेश (याददेहानी) है।
تفسیرهای عربی:
وَكَاَیِّنْ مِّنْ اٰیَةٍ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ یَمُرُّوْنَ عَلَیْهَا وَهُمْ عَنْهَا مُعْرِضُوْنَ ۟
अल्लाह पाक के एकल पूज्य होने को दर्शाने वाली बहुत-सी निशानियाँ हैं, जो आकाशों तथा धरती में फैली हुई हैं, जिनपर से वे गुज़रते हैं, परंतु वे उन पर विचार करने और उनसे सीख लेने से उपेक्षा करने वाले होते हैं, उनपर कोई ध्यान नहीं देते हैं।
تفسیرهای عربی:
وَمَا یُؤْمِنُ اَكْثَرُهُمْ بِاللّٰهِ اِلَّا وَهُمْ مُّشْرِكُوْنَ ۟
अधिकांश लोग अल्लाह पर यह ईमान नहीं रखते कि वह पैदा करने वाला, रोज़ी देने वाला, जीवन एवं मृत्यु देने वाला है, परंतु इस हाल में कि वे उसके साथ अन्य मूर्तियों और बुतों की पूजा करते हैं और यह दावा करते हैं कि अल्लाह का कोई बेटा है, अल्लाह इससे बहुत पवित्र है।
تفسیرهای عربی:
اَفَاَمِنُوْۤا اَنْ تَاْتِیَهُمْ غَاشِیَةٌ مِّنْ عَذَابِ اللّٰهِ اَوْ تَاْتِیَهُمُ السَّاعَةُ بَغْتَةً وَّهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
तो क्या ये मुश्रिक लोग इस बात से निश्चिंत हो गए हैं कि उनपर दुनिया में कोई सज़ा आ जाए, जो उन्हें ढाँक ले और वे उसे टाल न सकें, या उनपर अचानक क़ियामत आ जाए, और उन्हें उसके आने की भनक तक न लगे कि उसके लिए तैयारी कर लें। क्या इसी (निर्भय होने के) कारण ये लोग ईमान नहीं लाए?
تفسیرهای عربی:
قُلْ هٰذِهٖ سَبِیْلِیْۤ اَدْعُوْۤا اِلَی اللّٰهِ ؔ۫— عَلٰی بَصِیْرَةٍ اَنَا وَمَنِ اتَّبَعَنِیْ ؕ— وَسُبْحٰنَ اللّٰهِ وَمَاۤ اَنَا مِنَ الْمُشْرِكِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप उससे कह दीजिए जिसे आप आमंत्रित करते हैं : यही मेरा मार्ग है जिसकी ओर मैं लोगों को आमंत्रित करता हूँ। मैं इसकी ओर स्पष्ट तर्क के साथ आमंत्रित करता हूँ, तथा मेरा अनुसरण करने वाले, मेरे मार्गदर्शन को ग्रहण करने वाले और मेरी सुन्नत (तरीक़े) का पालन करने वाले (भी) इसी की ओर आमंत्रित करते हैं। तथा अल्लाह पवित्र है उस चीज़ से जिसकी उसकी ओर निस्बत की गई है जो उसकी महिमा के योग्य नहीं है, या उसकी पूर्णता के विपरीत है और मैं अल्लाह का साझी ठहराने वालों में से नहीं हूँ। बल्कि, मैं उसके एकेश्वरवादियों में से हूँ।
تفسیرهای عربی:
وَمَاۤ اَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ اِلَّا رِجَالًا نُّوْحِیْۤ اِلَیْهِمْ مِّنْ اَهْلِ الْقُرٰی ؕ— اَفَلَمْ یَسِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَیَنْظُرُوْا كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ ؕ— وَلَدَارُ الْاٰخِرَةِ خَیْرٌ لِّلَّذِیْنَ اتَّقَوْا ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) हमने आपसे पहले मानव जाति में से पुरुषों ही को (नबी बनाकर) भेजे, फरिश्तों को नहीं। हम उनकी ओर वह़्य करते थे, जैसे हमने आपकी ओर वह़्य की है। वे शहरों के लोगों में से थे, देहात वालों में से नहीं। उनके समुदायों ने उन्हें झुठलाया, तो हमने उन्हें नष्ट कर दिया। तो क्या आपको झुठलाने वाले ये लोग धरती में नहीं चले-फिरे कि विचार करते कि इनसे पहले झुठलाने वालों का अंत कैसा रहा और उनसे सीख प्राप्त करते?! और आख़िरत की नेमतें उन लोगों के लिए उत्तम हैं, जो दुनिया में अल्लाह से डरते रहे। तो क्या तुम नहीं समझते कि यह उत्तम है, इसलिए (तुम भी) अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके (जिनमें सबसे महान ईमान है) और उसके निषेधों से बचकर (जिनमें सबसे बड़ा शिर्क है), डरने लगो।
تفسیرهای عربی:
حَتّٰۤی اِذَا اسْتَیْـَٔسَ الرُّسُلُ وَظَنُّوْۤا اَنَّهُمْ قَدْ كُذِبُوْا جَآءَهُمْ نَصْرُنَا ۙ— فَنُجِّیَ مَنْ نَّشَآءُ ؕ— وَلَا یُرَدُّ بَاْسُنَا عَنِ الْقَوْمِ الْمُجْرِمِیْنَ ۟
हम इन रसूलों के दुश्मनों को मोहलत देते रहते हैं और इसी ढील के कारण उन्हें अज़ाब देने में जल्दी नहीं करते। यहाँ तक कि जब उन्हें विनाश करने में देरी हो गई और रसूल उनके विनाश से निराश हो गए और काफ़िरों को यक़ीन हो गया कि उनके रसूलों ने उनसे झुठलाने वालों के अज़ाब और मोमिनों की मुक्ति का जो वादा किया था, वह झूठा था; तो रसूलों के पास हमारी मदद आ गई और रसूलों तथा मोमिनों को झुठलाने वालों पर आने वाले विनाश से बचा लिया गया। और हमारा अज़ाब जब अपराधियों पर आ जाता है, तो उसे हटाया नहीं जाता है।
تفسیرهای عربی:
لَقَدْ كَانَ فِیْ قَصَصِهِمْ عِبْرَةٌ لِّاُولِی الْاَلْبَابِ ؕ— مَا كَانَ حَدِیْثًا یُّفْتَرٰی وَلٰكِنْ تَصْدِیْقَ الَّذِیْ بَیْنَ یَدَیْهِ وَتَفْصِیْلَ كُلِّ شَیْءٍ وَّهُدًی وَّرَحْمَةً لِّقَوْمٍ یُّؤْمِنُوْنَ ۟۠
रसूलों की कहानियों और उनके समुदायों की कहानियों में, तथा यूसुफ़ अलैहिस्सलाम और उनके भाइयों की कहानियों में बड़ी सीख और उपदेश है, जिससे सद्बुद्धि वाले उपदेश ग्रहण करते हैं। इन कथाओं पर आधारित क़ुरआन कोई गढ़ा हुआ कलाम नहीं है, जो झूठ-मूठ अल्लाह की ओर मनसूब कर दिया गया हो। बल्कि यह अल्लाह की ओर से उतरने वाली दिव्य पुस्तकों की पुष्टि करने वाला, जिन शरई प्रावधानों और नियमों के विस्तृत होने की आवश्यकता है उनका विस्तृत विवरण, हर भलाई के लिए मार्गदर्शन और उसपर ईमान रखने वालों के लिए दया है। क्योंकि वही उसकी शिक्षाओं से लाभ उठाते हैं।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• أن الداعية لا يملك تصريف قلوب العباد وحملها على الطاعات، وأن أكثر الخلق ليسوا من أهل الهداية.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाला बंदों के दिलों को फेरने और उन्हें आज्ञाकारिता पर आमादा करने की क्षमता नहीं रखता है और यह कि अधिकतर लोग हिदायत के मार्ग पर चलने वाले नहीं हैं।

• ذم المعرضين عن آيات الله الكونية ودلائل توحيده المبثوثة في صفحات الكون.
• ब्रह्मांड में अल्लाह की आयतों तथा संसार में फैले हुए अल्लाह के एकेश्वरवाद के संकेतों (प्रमाणों) से मुँह फेरने वालों की निंदा।

• شملت هذه الآية ﴿ قُل هَذِهِ سَبِيلِي...﴾ ذكر بعض أركان الدعوة، ومنها: أ- وجود منهج:﴿ أَدعُواْ إِلَى اللهِ ﴾. ب - ويقوم المنهج على العلم: ﴿ عَلَى بَصِيرَةٍ﴾. ج - وجود داعية: ﴿ أَدعُواْ ﴾ ﴿أَنَا﴾. د - وجود مَدْعُوِّين: ﴿ وَمَنِ اتَّبَعَنِي ﴾.
• आयत {قُل هَذِهِ سَبِيلِي...} में अल्लाह के धर्म की ओर आमंत्रण के कुछ स्तंभों का उल्लेख किया गया है, जिनमें ये शामिल हैं : (क) एक पद्धति का होना : {أَدعُواْ إِلَى اللهِ}, (ख) उस पद्धति का ज्ञान पर आधारित होना : {عَلَى بَصِيرَةٍ} (ग) आह्वान कर्ता (आमंत्रक) का होना : {أَدعُواْ﴾ ﴿أَنَا}, (घ) ऐसे लोगों का होना जिन्हें आमंत्रित किया जाए : {وَمَنِ اتَّبَعَنِي}।

 
ترجمهٔ معانی سوره: سوره يوسف
فهرست سوره ها شماره صفحه
 
ترجمهٔ معانی قرآن کریم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - لیست ترجمه ها

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

بستن