ترجمهٔ معانی قرآن کریم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - لیست ترجمه ها


ترجمهٔ معانی آیه: (113) سوره: سوره نحل
وَلَقَدْ جَآءَهُمْ رَسُوْلٌ مِّنْهُمْ فَكَذَّبُوْهُ فَاَخَذَهُمُ الْعَذَابُ وَهُمْ ظٰلِمُوْنَ ۟
मक्का वालों के पास उन्हीं में से एक रसूल आया, जिसे वे सच्चाई और अमानतदारी के साथ जानते थे। यह रसूल मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम थे। लेकिन उन्होंने आपपर आपके पालनहार ने जो कुछ उतारा था, उसमें आपको झूठा ठहराया, तो उनपर भूख और भय के रूप में अल्लाह का अज़ाब उतरा। जबकि वे अल्लाह का साझी ठहराने और उसके रसूलों को झुठलाने के कारण अपने आपको विनाश में डालकर स्वयं पर अत्याचार करने वाले थे।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• الجزاء من جنس العمل؛ فإن أهل القرية لما بطروا النعمة بُدِّلوا بنقيضها، وهو مَحْقُها وسَلْبُها ووقعوا في شدة الجوع بعد الشبع، وفي الخوف والهلع بعد الأمن والاطمئنان، وفي قلة موارد العيش بعد الكفاية.
• प्रतिशोध, कार्य के वर्ग ही से मिलता है; चुनाँचे बस्ती वालों ने जब नेमत का इनकार किया, तो उन्हें बदले में उसकी विपरीत चीज़ दी गई और वह उस नेमत को मिटा देना और उसे छीन लेना है। और वे तृप्ति के बाद गंभीर भूख, शांति-सुरक्षा और संतोष के बाद भय और दहशत तथा पर्याप्तता के बाद जीवन के संसाधनों की कमी से ग्रस्त हो गए।

• وجوب الإيمان بالله وبالرسل، وعبادة الله وحده، وشكره على نعمه وآلائه الكثيرة، وأن العذاب الإلهي لاحقٌ بكل من كفر بالله وعصاه، وجحد نعمة الله عليه.
• अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान लाना, केवल अल्लाह की इबादत करना तथा उसकी अपार नेमतों पर उसका आभारी होना ज़रूरी है। और यह कि अल्लाह की यातना हर उस व्यक्ति को पकड़ने वाली है, जिसने अल्लाह का इनकार किया और उसकी अवज्ञा की, तथा अपने ऊपर अल्लाह की नेमत को अस्वीकार किया।

• الله تعالى لم يحرم علينا إلا الخبائث تفضلًا منه، وصيانة عن كل مُسْتَقْذَر.
• अल्लाह ने अपने अनुग्रह से तथा इनसान को हर गंदी चीज़ से बचाने के लिए हमारे ऊपर केवल गंदी (बुरी) चीज़ों को ही हराम किया है।

 
ترجمهٔ معانی آیه: (113) سوره: سوره نحل
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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