ترجمهٔ معانی قرآن کریم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - لیست ترجمه ها


ترجمهٔ معانی آیه: (132) سوره: سوره آل عمران
وَاَطِیْعُوا اللّٰهَ وَالرَّسُوْلَ لَعَلَّكُمْ تُرْحَمُوْنَ ۟ۚ
तथा तुम आदेशों का पालन कर और वर्जनाओं को त्याग कर अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करो। ताकि तुम दुनिय एवं आख़िरत में उसकी दया प्राप्त कर सको।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• مشروعية التذكير بالنعم والنقم التي تنزل بالناس حتى يعتبر بها المرء.
• लोगों पर उतरने वाली विपदाओं और नेमतों को याद दिलाने की वैधता, ताकि आदमी उनसे सीख प्राप्त करे।

• من أعظم أسباب تَنَزُّل نصر الله على عباده ورحمته ولطفه بهم: التزامُ التقوى، والصبر على شدائد القتال.
• अल्लाह की ओर से उसके बंदों पर दया और सहायता उतरने तथा उनके प्रति उसकी दयालुता के सबसे बड़े कारणों में से : परहेज़गारी (धर्मपरायणता) की प्रतिबद्धता और लड़ाई की कठिनाइयों पर धैर्य धारण करना है।

• الأمر كله لله تعالى، فيحكم بما يشاء، ويقضي بما أراد، والمؤمن الحق يُسَلم لله تعالى أمره، وينقاد لحكمه.
• सारा मामला अल्लाह के हाथ में हैं। अतः वह जो चाहता है आदेश करता है, और जिस चीज़ का चाहता है फैसला करता है। और सच्चा विश्वासी अपना मामला अल्लाह सर्वशक्तिमान को समर्पित कर देता है और उसके आदेश का पालन करता है।

• الذنوب - ومنها الربا - من أعظم أسباب خِذلان العبد، ولا سيما في مواطن الشدائد والصعاب.
• गुनाह (जिनमें ब्याज भी शामिल है) बंदे के असहाय छोड़ दिए जाने के सबसे बड़े कारणों में से एक है, विशेष रूप से कठिनाइयों और प्रतिकूल परिस्थितियों में।

• مجيء النهي عن الربا بين آيات غزوة أُحد يشعر بشمول الإسلام في شرائعه وترابطها بحيث يشير إلى بعضها في وسط الحديث عن بعض.
• उहुद के युद्ध की आयतों के बीच ब्याज से निषेध का वर्णन, इस्लाम की उसके धर्मविधानों में व्यापकता और उनके परस्पर संबद्ध को दर्शाता है कि उनमें से कुछ के बारे में बात करने के बीच में कुछ अन्य की ओर संकेत करता है।

 
ترجمهٔ معانی آیه: (132) سوره: سوره آل عمران
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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