ترجمهٔ معانی قرآن کریم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - لیست ترجمه ها


ترجمهٔ معانی آیه: (32) سوره: سوره لقمان
وَاِذَا غَشِیَهُمْ مَّوْجٌ كَالظُّلَلِ دَعَوُا اللّٰهَ مُخْلِصِیْنَ لَهُ الدِّیْنَ ۚ۬— فَلَمَّا نَجّٰىهُمْ اِلَی الْبَرِّ فَمِنْهُمْ مُّقْتَصِدٌ ؕ— وَمَا یَجْحَدُ بِاٰیٰتِنَاۤ اِلَّا كُلُّ خَتَّارٍ كَفُوْرٍ ۟
जब उन्हें हर तरफ से पहाड़ों और बादलों की तरह लहरें घेर लेती हैं, तो वे अकेले अल्लाह ही को पुकारते हैं, इस हाल में कि दुआ और इबादत को उसी के लिए विशुद्ध करने वाले होते हैं। फिर जब अल्लाह उनकी दुआ स्वीकार कर लेता है और उन्हें बचाकर थल तक पहुँचा देता है और डूबने से सुरक्षित रखता है, तो उनमें से कुछ लोग मध्यम-मार्ग वाले होते हैं, जो आवश्यक आभार को आदर्श तरीक़े से पूरा नहीं करते हैं। और उनमें से कुछ लोग अल्लाह की नेमत का इनकार करने वाले होते हैं। और हमारी आयतों का इनकार वही करता है, जो बड़ा विश्वासघाती है (जैसे कि यह व्यक्ति है जिसने अल्लाह से वादा किया था कि यदि उसे बचा लिया, तो वह अवश्य उसका शुक्रिया अदा करने वालों में से हो जाएगा), तथा जो अल्लाह की नेमतों के प्रति बड़ा कृतघ्न है, वह अपने उस पालनहार का आभारी नहीं होता है, जिसने उनके साथ उसपर अनुग्रह किया है।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• نقص الليل والنهار وزيادتهما وتسخير الشمس والقمر: آيات دالة على قدرة الله سبحانه، ونعمٌ تستحق الشكر.
• रात और दिन को कम करना और बढ़ाना, तथा सूर्य और चंद्रमा को वशीभूत करना : अल्लाह की शक्ति को दर्शाने वाली निशानियाँ हैं, और ऐसी नेमतें हैं, जो कृतज्ञता प्रकट करने के पात्र हैं।

• الصبر والشكر وسيلتان للاعتبار بآيات الله.
• सब्र और शुक्र अल्लाह की निशानियों से उपदेश ग्रहण करने के दो साधन हैं।

• الخوف من القيامة يقي من الاغترار بالدنيا، ومن الخضوع لوساوس الشياطين.
• क़ियामत का भय दुनिया के धोखे में पड़ने और शैतान के वसवसों की चपेट में आने से बचाता है।

• إحاطة علم الله بالغيب كله.
• अल्लाह का ज्ञान ग़ैब की सभी बातों को घेरे हुए है।

 
ترجمهٔ معانی آیه: (32) سوره: سوره لقمان
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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