ترجمهٔ معانی قرآن کریم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - لیست ترجمه ها


ترجمهٔ معانی سوره: سوره زمر   آیه:

सूरा अज़्-ज़ुमर

از اهداف این سوره:
الدعوة للتوحيد والإخلاص، ونبذ الشرك.
तौहीद (एकेश्वरवाद) और इख़्लास को अपनाने, तथा शिर्क को त्यागने का आह्वान।

تَنْزِیْلُ الْكِتٰبِ مِنَ اللّٰهِ الْعَزِیْزِ الْحَكِیْمِ ۟
क़ुरआन उस अल्लाह की ओर से उतारा गया है, जो सब पर प्रभुत्वशाली है, उसपर किसी का ज़ोर नहीं चलता, वह अपनी रचना, प्रबंधन और विधान में हिकमत वाला है। वह अल्लाह के सिवा किसी और की ओर से अवतरित नहीं हुआ है।
تفسیرهای عربی:
اِنَّاۤ اَنْزَلْنَاۤ اِلَیْكَ الْكِتٰبَ بِالْحَقِّ فَاعْبُدِ اللّٰهَ مُخْلِصًا لَّهُ الدِّیْنَ ۟ؕ
(ऐ रसूल!) हमने आपकी ओर यह सत्य पर आधारित क़ुरआन उतारा है। चुनाँचे उसके सभी समाचार सत्य हैं और उसके सभी नियम न्यायपूर्ण हैं। इसलिए एकेश्वरवादी होकर, उसके लिए तौहीद (एकेश्वरवाद) को शिर्क से शुद्ध (पवित्र) रखते हुए, अल्लाह की इबादत करें।
تفسیرهای عربی:
اَلَا لِلّٰهِ الدِّیْنُ الْخَالِصُ ؕ— وَالَّذِیْنَ اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِهٖۤ اَوْلِیَآءَ ۘ— مَا نَعْبُدُهُمْ اِلَّا لِیُقَرِّبُوْنَاۤ اِلَی اللّٰهِ زُلْفٰی ؕ— اِنَّ اللّٰهَ یَحْكُمُ بَیْنَهُمْ فِیْ مَا هُمْ فِیْهِ یَخْتَلِفُوْنَ ؕ۬— اِنَّ اللّٰهَ لَا یَهْدِیْ مَنْ هُوَ كٰذِبٌ كَفَّارٌ ۟
सुन लो, शिर्क से खाली धर्म केवल अल्लाह के लिए है। और जिन लोगों ने अल्लाह के सिवा मूर्तियों और ताग़ूतों को संरक्षक बना रखा है, जिनकी वे अल्लाह को छोड़कर पूजा करते हैं और उनकी पूजा करने का कारण बयान करते हुए कहते हैं : हम इनकी पूजा केवल इसलिए करते हैं कि ये हमें अल्लाह से निकट कर दें, हमारी ज़रूरतों को उसके सामने रखें और उसके निकट हमारी सिफ़ारिश करें। निश्चय अल्लाह क़ियामत के दिन एकेश्वरवादी मोमिनों और बहुदेववादी काफ़िरों के बीच, उस तौहीद के बारे में फ़ैसला कर देगा, जिसके विषय में वे मतभेद किया करते थे। निःसंदेह अल्लाह उस व्यक्ति को सत्य की राह नहीं दिखाता, जो अल्लाह पर झूठ गढ़ने वाला है, उसकी ओर साझी की निस्बत करता है, तथा अल्लाह की मिली हुई नेमतों की बहुत नाशुक्री करने वाला है।
تفسیرهای عربی:
لَوْ اَرَادَ اللّٰهُ اَنْ یَّتَّخِذَ وَلَدًا لَّاصْطَفٰی مِمَّا یَخْلُقُ مَا یَشَآءُ ۙ— سُبْحٰنَهٗ ؕ— هُوَ اللّٰهُ الْوَاحِدُ الْقَهَّارُ ۟
अगर अल्लाह संतान बनाना चाहता, तो अपनी मख़लूक़ में से जिसे चाहता, अवश्य चुन लेता और उसे बेटे के समान बना देता। अल्लाह उन बातों से पवित्र एवं सर्वोच्च है, जो ये मुश्रिक लोग कहते हैं। वह अपने अस्तित्व, गुणों और कार्यों में अकेला है, उनमें उसका कोई भी साझी नहीं है। वह अपनी सारी मख़लूक़ पर हावी (प्रभावी) है।
تفسیرهای عربی:
خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ بِالْحَقِّ ۚ— یُكَوِّرُ الَّیْلَ عَلَی النَّهَارِ وَیُكَوِّرُ النَّهَارَ عَلَی الَّیْلِ وَسَخَّرَ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَ ؕ— كُلٌّ یَّجْرِیْ لِاَجَلٍ مُّسَمًّی ؕ— اَلَا هُوَ الْعَزِیْزُ الْغَفَّارُ ۟
उसने आकाशों और धरती को एक व्यापक हिकमत के तहत बनाया है, व्यर्थ नहीं, जैसा कि ये अत्याचारी कहते हैं। वह रात को दिन में दाखिल करता है और दिन को रात में दाखिल करता है। चुनाँचे उन दोनों में से एक आता है, तो दूसरा चला जाता है। उसने सूरज और चाँद को वश में कर रखा है। दोनों में से हर एक, एक निर्धारित समय के लिए चल रहा है जो इस जीवन का अंत है। सुन लो, वह पवित्र अल्लाह सब पर प्रभुत्वशाली है, जो अपने दुश्मनों से बदला लेता है और उसपर किसी का ज़ोर नहीं चलता, तथा वह अपने तौबा करने वाले बंदों के पापों को क्षमा करने वाला है।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• الداعي إلى الله يحتسب الأجر من عنده، لا يريد من الناس أجرًا على ما يدعوهم إليه من الحق.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाला, अल्लाह ही से प्रतिफल की आशा रखता है। वह सत्य की ओर बुलाने का लोगों से बदला नहीं चाहता।

• التكلّف ليس من الدِّين.
• तकल्लुफ़ (बनावट, बाहरी दिखावा) का धर्म से कोई संबंध नहीं है।

• التوسل إلى الله يكون بأسمائه وصفاته وبالإيمان وبالعمل الصالح لا غير.
• अल्लाह की निकटता प्राप्त करना, उसके नामों, विशेषताओं, ईमान और नेक कार्य के द्वारा होता है। किसी और चीज़ से नहीं।

خَلَقَكُمْ مِّنْ نَّفْسٍ وَّاحِدَةٍ ثُمَّ جَعَلَ مِنْهَا زَوْجَهَا وَاَنْزَلَ لَكُمْ مِّنَ الْاَنْعَامِ ثَمٰنِیَةَ اَزْوَاجٍ ؕ— یَخْلُقُكُمْ فِیْ بُطُوْنِ اُمَّهٰتِكُمْ خَلْقًا مِّنْ بَعْدِ خَلْقٍ فِیْ ظُلُمٰتٍ ثَلٰثٍ ؕ— ذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمْ لَهُ الْمُلْكُ ؕ— لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ۚ— فَاَنّٰی تُصْرَفُوْنَ ۟
(ऐ लोगो!) तुम्हारे पालनहार ने तुम्हें एक जान अर्थात् आदम से पैदा किया। फिर आदम से उनकी पत्नी ह़व्वा को पैदा किया। तथा तुम्हारे लिए ऊँटों, गायों, भेड़ों और बकरियों से आठ क़िस्म के जानवर पैदा किए, इनमें से हर प्रकार से नर और मादा बनाए। वह पवित्र अल्लाह तुम्हें तुम्हारी माताओं के पेटों में चरण-दर-चरण, पेट, गर्भाशय और झिल्ली के अंधेरों में पैदा करता है। वह जिसने यह सब पैदा किया, वही अल्लाह तुम्हारा पालनहार है। केवल उसी का राज्य है। उसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं। तो तुम उसकी इबादत से मुँह मोड़कर ऐसे लोगों की इबादत की ओर कैसे फिरे जाते हो, जो कुछ भी पैदा नहीं कर सकते, बल्कि वे खुद पैदा किए जाते हैं?!
تفسیرهای عربی:
اِنْ تَكْفُرُوْا فَاِنَّ اللّٰهَ غَنِیٌّ عَنْكُمْ ۫— وَلَا یَرْضٰی لِعِبَادِهِ الْكُفْرَ ۚ— وَاِنْ تَشْكُرُوْا یَرْضَهُ لَكُمْ ؕ— وَلَا تَزِرُ وَازِرَةٌ وِّزْرَ اُخْرٰی ؕ— ثُمَّ اِلٰی رَبِّكُمْ مَّرْجِعُكُمْ فَیُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ؕ— اِنَّهٗ عَلِیْمٌۢ بِذَاتِ الصُّدُوْرِ ۟
(ऐ लोगो!) अगर तुम अपने रब की नाशुक्री (या कुफ़्र) करोगे, तो अल्लाह तुम्हारे ईमान से बेपरवाह है। तुम्हारे कुफ़्र से उसका कोई नुक़सान नहीं होने वाला। तुम्हारे कुफ़्र का नुक़सान तुम्हारी ही ओर लौटेगा। अल्लाह इस बात को पसंद नहीं करता कि उसके बंदे उसकी नाशुक्री करें, और वह उन्हें नाशुक्री का आदेश नहीं देता। क्योंकि अल्लाह अनैतिकता और बुरे काम का आदेश नहीं देता। और अगर तुम अल्लाह का उसकी नेमतों पर शुक्रिया अदा करो और उसपर ईमान ले आओ, तो वह तुम्हारे शुक्र को पसंद करेगा और तुम्हें उसका बदला देगा। तथा कोई प्राणी किसी दूसरे प्राणी के गुनाह का बोझ नहीं उठाएगा। बल्कि हर प्राणी की उसके किए हुए कर्मों पर पकड़ होगी। फिर क़ियामत के दिन तुम्हारी वापसी अकेले तुम्हारे पालनहार ही की ओर होगी, और वह तुम्हें बताएगा कि तुम दुनिया में क्या करते थे, और तुम्हें तुम्हारे कर्मों का प्रतिफल देगा। वह पवित्र अल्लाह अपने बंदों के दिलों की बातों को ख़ूब जानने वाला है। उनके दिलों की कोई बात उससे छिपी नहीं है।
تفسیرهای عربی:
وَاِذَا مَسَّ الْاِنْسَانَ ضُرٌّ دَعَا رَبَّهٗ مُنِیْبًا اِلَیْهِ ثُمَّ اِذَا خَوَّلَهٗ نِعْمَةً مِّنْهُ نَسِیَ مَا كَانَ یَدْعُوْۤا اِلَیْهِ مِنْ قَبْلُ وَجَعَلَ لِلّٰهِ اَنْدَادًا لِّیُضِلَّ عَنْ سَبِیْلِهٖ ؕ— قُلْ تَمَتَّعْ بِكُفْرِكَ قَلِیْلًا ۖۗ— اِنَّكَ مِنْ اَصْحٰبِ النَّارِ ۟
जब काफ़िर व्यक्ति को कोई बीमारी, धन की हानि और डूबने के डर जैसी कोई तकलीफ़ पहुँचती है, तो वह अपने पालनहार को पुकारता है कि उसे पहुँचने वाली तकलीफ़ को उससे दूर कर दे, इस हाल में कि वह केवल उसी की ओर लौटने वाला होता है। फिर जब अल्लाह उसे कोई नेमत प्रदान करता है, जैसे कि उसे पहुँचने वाली तकलीफ़ को उससे दूर कर देता है, तो वह पहले जिसके आगे गिड़गिड़ाता था, उसे छोड़ देता है, और वह अल्लाह है। तथा वह अल्लाह के साझी बनाकर, अल्लाह के सिवा उनकी पूजा करने लगता है। ताकि वह अन्य लोगों को उस रास्ते से भटका दे, जो अल्लाह की ओर पहुँचाने वाला है। (ऐ रसूल!) आप इस दशा वाले व्यक्ति से कह दें : अपने जीवन के बाक़ी हिस्सों के लिए अपने कुफ़्र का आनंद ले लो, जो कि बहुत थोड़ा समय है। क्योंकि तुम क़ियामत के दिन जहन्नम में जाने वालों में से हो, जो उसमें उस तरह रहने वाले हैं, जिस तरह एक साथी अपने साथी के साथ रहता है।
تفسیرهای عربی:
اَمَّنْ هُوَ قَانِتٌ اٰنَآءَ الَّیْلِ سَاجِدًا وَّقَآىِٕمًا یَّحْذَرُ الْاٰخِرَةَ وَیَرْجُوْا رَحْمَةَ رَبِّهٖ ؕ— قُلْ هَلْ یَسْتَوِی الَّذِیْنَ یَعْلَمُوْنَ وَالَّذِیْنَ لَا یَعْلَمُوْنَ ؕ— اِنَّمَا یَتَذَكَّرُ اُولُوا الْاَلْبَابِ ۟۠
क्या वह व्यक्ति जो अल्लाह की आज्ञा का पालन करने वाला है, रात की घड़ियों को अपने रब के सामने सजदा करते हुए और उसके दरबार में खड़े होकर इबादत में गुज़ारता है, आख़िरत की यातना से डरता है और अपने रब की दया की आशा रखता है, वह उत्तम है, या वह काफ़िर जो परेशानी के समय अल्लाह की इबादत करता है और खुशहाली के समय उसका इनकार करता है और अल्लाह के साथ साझीदार बनाता है?! (ऐ रसूल!) आप कह दें : क्या वे लोग, जो अल्लाह से अवगत होने के कारण उसकी वाजिब की हुई चीज़ों को जानते हैं और वे लोग जो इनमें से कुछ भी नहीं जानते, बराबर हो सकते हैं?! इन दो समूहों के बीच का अंतर वही लोग जान सकते हैं, जिनके पास शुद्ध बुद्धि है।
تفسیرهای عربی:
قُلْ یٰعِبَادِ الَّذِیْنَ اٰمَنُوا اتَّقُوْا رَبَّكُمْ ؕ— لِلَّذِیْنَ اَحْسَنُوْا فِیْ هٰذِهِ الدُّنْیَا حَسَنَةٌ ؕ— وَاَرْضُ اللّٰهِ وَاسِعَةٌ ؕ— اِنَّمَا یُوَفَّی الصّٰبِرُوْنَ اَجْرَهُمْ بِغَیْرِ حِسَابٍ ۟
(ऐ रसूल!) आप मेरे उन बंदों से, जो मुझपर और मेरे रसूलों पर ईमान लाए हैं, कह दें : अपने पालनहार से डरो, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से दूर रहकर। तुममें से जिन लोगों ने दुनिया में अच्छे कार्य किए, उनके लिए दुनिया में विजय (मदद), स्वास्थ्य और धन के रूप में, तथा आख़िरत में जन्नत के रूप में, भलाई है। और अल्लाह की धरती विशाल है। इसलिए उसमें हिजरत करो यहाँ तक कि तुम्हें ऐसी जगह मिल जाए, जहाँ तुम बिना रोक-टोक के अल्लाह की इबादत कर सको। सब्र करने वालों को क़ियामत के दिन उनका बदला, उसकी बहुतायत और विविधता के कारण, बिना गिनती किए या बिना मात्रा के दिया जाएगा।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• رعاية الله للإنسان في بطن أمه.
• मनुष्य के लिए अपनी माँ के पेट में अल्लाह की देखभाल।

• ثبوت صفة الغنى وصفة الرضا لله.
• अल्लाह के लिए 'ग़िना' (बेनियाज़ होने) और 'रिज़ा' (राज़ी होने) की विशेषताओं का सबूत।

• تعرّف الكافر إلى الله في الشدة وتنكّره له في الرخاء، دليل على تخبطه واضطرابه.
• काफ़िर का संकट में अल्लाह को पहचानना और समृद्धि में उसका इनकार कर देना, उसके अव्यवस्थित एवं भ्रमित होने का प्रमाण है।

• الخوف والرجاء صفتان من صفات أهل الإيمان.
• भय और आशा ईमान वालों की दो विशेषताएँ हैं।

قُلْ اِنِّیْۤ اُمِرْتُ اَنْ اَعْبُدَ اللّٰهَ مُخْلِصًا لَّهُ الدِّیْنَ ۟ۙ
(ऐ रसूल!) आप कह दें : अल्लाह ने मुझे आदेश दिया है कि मैं केवल उसी की इबादत करूँ, उसके लिए इबादत को विशुद्ध करते हुए।
تفسیرهای عربی:
وَاُمِرْتُ لِاَنْ اَكُوْنَ اَوَّلَ الْمُسْلِمِیْنَ ۟
और उसने मुझे आदेश दिया है कि मैं इस उम्मत का सबसे पहला आज्ञाकारी और हुक्म मानने वाला बनूँ।
تفسیرهای عربی:
قُلْ اِنِّیْۤ اَخَافُ اِنْ عَصَیْتُ رَبِّیْ عَذَابَ یَوْمٍ عَظِیْمٍ ۟
(ऐ रसूल!) आप कह दें : यदि मैं अल्लाह की अवज्ञा करता हूँ और उसकी बात नहीं मानता, तो मुझे एक महान दिन की यातना का डर है और वह क़ियामत का दिन है।
تفسیرهای عربی:
قُلِ اللّٰهَ اَعْبُدُ مُخْلِصًا لَّهٗ دِیْنِیْ ۟ۙۚ
(ऐ रसूल!) आप कह दें : मैं केवल अल्लाह की इबादत करता हूँ, उसी के लिए इबादत को ख़ालिस करते हुए। उसके साथ किसी अन्य की इबादत नहीं करता।
تفسیرهای عربی:
فَاعْبُدُوْا مَا شِئْتُمْ مِّنْ دُوْنِهٖ ؕ— قُلْ اِنَّ الْخٰسِرِیْنَ الَّذِیْنَ خَسِرُوْۤا اَنْفُسَهُمْ وَاَهْلِیْهِمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— اَلَا ذٰلِكَ هُوَ الْخُسْرَانُ الْمُبِیْنُ ۟
(ऐ मुश्रिको!) तुम उसके सिवा जिन मूर्तियों की भी चाहो, पूजा करो, (यह आदेश धमकी के लिए है)। (ऐ रसूल!) आप कह दें : वास्तविक घाटा उठाने वाले वे लोग हैं, जिन्होंने अपना घाटा किया और अपने घर वालों का घाटा किया। चुनाँचे वे उनसे नहीं मिल सके। क्योंकि वे अकेले जन्नत में दाखिल होने के कारण, या उनके साथ ही जहन्नम में जाने की वजह से, उनका साथ छोड़ दिए। इसलिए वे कभी नहीं मिलेंगे। सुन लो! वास्तव में यही स्पष्ट घाटा है, जिसमें कोई संदेह नहीं है।
تفسیرهای عربی:
لَهُمْ مِّنْ فَوْقِهِمْ ظُلَلٌ مِّنَ النَّارِ وَمِنْ تَحْتِهِمْ ظُلَلٌ ؕ— ذٰلِكَ یُخَوِّفُ اللّٰهُ بِهٖ عِبَادَهٗ ؕ— یٰعِبَادِ فَاتَّقُوْنِ ۟
उनके लिए उनके ऊपर से धुआँ, लौ और गर्मी होगी और उनके नीचे से भी धुआँ, लौ और गर्मी होगी। इस उल्लिखित यातना के द्वारा अल्लाह अपने बंदों को डराता है। अतः ऐ मेरे बंदो! मेरे आदेशों का पालन करके और मेरे निषेधों से बचकर मुझसे डरो।
تفسیرهای عربی:
وَالَّذِیْنَ اجْتَنَبُوا الطَّاغُوْتَ اَنْ یَّعْبُدُوْهَا وَاَنَابُوْۤا اِلَی اللّٰهِ لَهُمُ الْبُشْرٰی ۚ— فَبَشِّرْ عِبَادِ ۟ۙ
जो लोग मूर्तियों तथा अल्लाह के सिवा पूजी जाने वाली समस्त चीज़ों की पूजा से दूर रहे और अल्लाह की ओर तौबा करते हुए लौटे, उनके लिए मौत के समय, कब्र में और क़ियामत के दिन जन्नत की खुशख़बरी है। अतः (ऐ रसूल!) आप मेरे बंदों को खुशख़बरी सुना दें।
تفسیرهای عربی:
الَّذِیْنَ یَسْتَمِعُوْنَ الْقَوْلَ فَیَتَّبِعُوْنَ اَحْسَنَهٗ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ هَدٰىهُمُ اللّٰهُ وَاُولٰٓىِٕكَ هُمْ اُولُوا الْاَلْبَابِ ۟
जो बात को सुनते हैं और अच्छी और बुरी बात के बीच अंतर करते हैं, फिर उसमें पाए जाने वाले लाभ के लिए सबसे अच्छी बात का अनुसरण करते हैं। इन विशेषताओं से सुसज्जित लोग ही हैं, जिन्हें अल्लाह ने हिदायत की तौफ़ीक़ दी है। और वही लोग शुद्ध विवेक वाले हैं।
تفسیرهای عربی:
اَفَمَنْ حَقَّ عَلَیْهِ كَلِمَةُ الْعَذَابِ ؕ— اَفَاَنْتَ تُنْقِذُ مَنْ فِی النَّارِ ۟ۚ
जिस व्यक्ति पर उसके कुफ़्र और गुमराही पर बने रहने के कारण यातना की बात सिद्ध हो चुकी, तो (ऐ रसूल!) उसके मार्गदर्शन और तौफ़ीक़ के लिए आपके पास कोई उपाय नहीं है। तो (ऐ रसूल!) क्या आप इस विशेषता वाले व्यक्ति को आग से बचा लेंगे?!
تفسیرهای عربی:
لٰكِنِ الَّذِیْنَ اتَّقَوْا رَبَّهُمْ لَهُمْ غُرَفٌ مِّنْ فَوْقِهَا غُرَفٌ مَّبْنِیَّةٌ ۙ— تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ ؕ۬— وَعْدَ اللّٰهِ ؕ— لَا یُخْلِفُ اللّٰهُ الْمِیْعَادَ ۟
लेकिन जो लोग अपने पालनहार के आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से दूर रहकर उससे डरते रहे, उनके लिए ऊँचे-ऊँचे भवन हैं, जो एक के ऊपर एक बने हुए हैं, जिनके नीचे से नहरें बह रही हैं। अल्लाह ने उनसे इसका वादा किया है और अल्लाह अपना वादा नहीं तोड़ता।
تفسیرهای عربی:
اَلَمْ تَرَ اَنَّ اللّٰهَ اَنْزَلَ مِنَ السَّمَآءِ مَآءً فَسَلَكَهٗ یَنَابِیْعَ فِی الْاَرْضِ ثُمَّ یُخْرِجُ بِهٖ زَرْعًا مُّخْتَلِفًا اَلْوَانُهٗ ثُمَّ یَهِیْجُ فَتَرٰىهُ مُصْفَرًّا ثُمَّ یَجْعَلُهٗ حُطَامًا ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَذِكْرٰی لِاُولِی الْاَلْبَابِ ۟۠
तुम देख कर जानते हो कि अल्लाह ने आसमान से बारिश का पानी उतारा, फिर उसे चश्मों और स्रोतों में घुसा दिया। फिर वह इस पानी के साथ अलग-अलग रंगों की खेती निकालता है। फिर खेती सूख जाती है, तो तुम उसे (ऐ देखने वाले!) पीले रंग की देखते हो, जबकि वह पहले हरी-भरी थी। फिर उसके सूखने के बाद अल्लाह उसे चूरा-चूरा बना देता है। यह जो कुछ उल्लेख किया गया है, इसमें जीवित दिलों के लिए एक अनुस्मारक (उपदेश) है।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• إخلاص العبادة لله شرط في قبولها.
• इबादत को अल्लाह के लिए ख़ालिस करना उसके क़बूल होने के लिए एक शर्त है।

• المعاصي من أسباب عذاب الله وغضبه.
• पाप अल्लाह की यातना और उसके क्रोध के कारणों में से हैं।

• هداية التوفيق إلى الإيمان بيد الله، وليست بيد الرسول صلى الله عليه وسلم.
• ईमान लाने का सामर्थ्य प्रदान करना अल्लाह के हाथ में है, रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के हाथ में नहीं है।

اَفَمَنْ شَرَحَ اللّٰهُ صَدْرَهٗ لِلْاِسْلَامِ فَهُوَ عَلٰی نُوْرٍ مِّنْ رَّبِّهٖ ؕ— فَوَیْلٌ لِّلْقٰسِیَةِ قُلُوْبُهُمْ مِّنْ ذِكْرِ اللّٰهِ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
क्या वह आदमी, जिसके सीने को अल्लाह ने इस्लाम के लिए खोल दिया है, और उसने उसकी राह पा ली है, चुनाँचे वह अपने रब की ओर से अंतर्दृष्टि पर है, उस व्यक्ति के समान हो सकता है, जिसका दिल अल्लाह की याद से सख़्त हो गया है?! वे दोनों कभी भी बराबर नहीं हो सकते। चुनाँचे मोक्ष उनके लिए है जो हिदायत पाने वाले हैं और घाटा उन लोगों के लिए है, जिनके हृदय अल्लाह के स्मरण से कठोर हैं। ये लोग सत्य से स्पष्ट गुमराही में हैं।
تفسیرهای عربی:
اَللّٰهُ نَزَّلَ اَحْسَنَ الْحَدِیْثِ كِتٰبًا مُّتَشَابِهًا مَّثَانِیَ تَقْشَعِرُّ مِنْهُ جُلُوْدُ الَّذِیْنَ یَخْشَوْنَ رَبَّهُمْ ۚ— ثُمَّ تَلِیْنُ جُلُوْدُهُمْ وَقُلُوْبُهُمْ اِلٰی ذِكْرِ اللّٰهِ ؕ— ذٰلِكَ هُدَی اللّٰهِ یَهْدِیْ بِهٖ مَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَمَنْ یُّضْلِلِ اللّٰهُ فَمَا لَهٗ مِنْ هَادٍ ۟
अल्लाह ने अपने रसूल मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर क़ुरआन उतारा है, जो सबसे उत्तम हदीस (बात) है। अल्लाह ने इसे परस्पर मिलता-जुलता उतारा है, इसका एक भाग दूसरे भाग से सच्चाई, अच्छाई, एकरूपता और विभेद-रहित होने में मिलता-जुलता है, जिसमें विभिन्न कहानियाँ और अहकाम (नियम), वादे और धमकियाँ, सत्यवादियों के गुण और असत्यवादियों की विशेषताएँ, आदि वर्णित हैं। इससे उन लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, जो अपने पालनहार से डरते हैं, जब वे उसमें वर्णित सज़ा के वादों और दंड की धमकियों को सुनते हैं। फिर जब वे उसमें मौजूद आशा और शुभ समाचार को सुनते हैं, तो उनके चमड़े और दिल नरम होकर अल्लाह के ज़िक्र की ओर प्रेरित हो जाते हैं। यह उपर्युक्त क़ुरआन और उसका प्रभाव, अल्लाह का मार्गदर्शन है, वह जिसे चाहता है उसका मार्गदर्शन प्रदान करता है। और जिसे अल्लाह विफल कर दे और उसे हिदायत की तौफ़ीक़ न दे, तो उसके लिए मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं है।
تفسیرهای عربی:
اَفَمَنْ یَّتَّقِیْ بِوَجْهِهٖ سُوْٓءَ الْعَذَابِ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— وَقِیْلَ لِلظّٰلِمِیْنَ ذُوْقُوْا مَا كُنْتُمْ تَكْسِبُوْنَ ۟
क्या यह आदमी, जिसे अल्लाह ने हिदायत दी और दुनिया में उसे सफलता प्रदान की और आख़िरत में उसे जन्नत में दाखिल किया, उस आदमी के बराबर हो सकता है, जिसने कुफ़्र किया और कुफ़्र ही की अवस्था में मर गया, फिर अल्लाह ने उसके दोनों हाथों और पैरों को बेड़ियों में जकड़कर उसे जहन्नम में दाखिल कर दिया, जो आग से बचने के लिए अपने औंधे पड़े हुए चेहरे के सिवा किसी और अंग का प्रयोग नहीं कर सकता?! तथा कुफ़्र और पाप के द्वारा अपने ऊपर अत्याचार करने वालों से फटकार के रूप में कहा जाएगा : जो कुछ तुम कुफ़्र और पाप किया करते थे उसका स्वाद चखो। क्योंकि यही तुम्हारा प्रतिफल है।
تفسیرهای عربی:
كَذَّبَ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ فَاَتٰىهُمُ الْعَذَابُ مِنْ حَیْثُ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
जो समुदाय इन बहुदेववादियों से पहले थे, उन्होंने भी झुठलाया, तो उनपर अचानक वहाँ से यातना आई कि उन्हें उसका आभास भी न था कि वे उसके लिए तौबा के द्वारा तैयारी करते।
تفسیرهای عربی:
فَاَذَاقَهُمُ اللّٰهُ الْخِزْیَ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ۚ— وَلَعَذَابُ الْاٰخِرَةِ اَكْبَرُ ۘ— لَوْ كَانُوْا یَعْلَمُوْنَ ۟
तो अल्लाह ने इस यातना के ज़रिए उन्हें सांसारिक जीवन में अपमान, लज्जा और रुसवाई (फ़ज़ीहत) चखाई। और आख़िरत की यातना जो उनकी प्रतीक्षा कर रही है, इससे भी बड़ी और अधिक गंभीर है, अगर वे जानते होते।
تفسیرهای عربی:
وَلَقَدْ ضَرَبْنَا لِلنَّاسِ فِیْ هٰذَا الْقُرْاٰنِ مِنْ كُلِّ مَثَلٍ لَّعَلَّهُمْ یَتَذَكَّرُوْنَ ۟ۚ
और हमने मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतरने वाले इस क़ुरआन में, लोगों के लिए, भलाई और बुराई, सत्य और असत्य तथा ईमान और कुफ़्र और अन्य चीज़ों के बारे में तरह तरह के उदाहरण प्रस्तुत किए हैं; इस आशा में कि लोग उन उदाहरणों से उपदेश ग्रहण करें, जो हमने उनसे बयान किया है, इसलिए वे सत्य पर अमल करें, और असत्य को छोड़ दें।
تفسیرهای عربی:
قُرْاٰنًا عَرَبِیًّا غَیْرَ ذِیْ عِوَجٍ لَّعَلَّهُمْ یَتَّقُوْنَ ۟
हमने उसे अरबी भाषा में उतरने वाला क़ुरआन बनाया है। जिसमें किसी प्रकार का टेढ़ापन, कोई विचलन और कोई संदेह (गड़बड़) नहीं है। इस उम्मीद में कि लोग अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, डरें।
تفسیرهای عربی:
ضَرَبَ اللّٰهُ مَثَلًا رَّجُلًا فِیْهِ شُرَكَآءُ مُتَشٰكِسُوْنَ وَرَجُلًا سَلَمًا لِّرَجُلٍ ؕ— هَلْ یَسْتَوِیٰنِ مَثَلًا ؕ— اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ ۚ— بَلْ اَكْثَرُهُمْ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
अल्लाह ने बहुदेववादी और एकेश्वरवादी का उदाहरण दिया है। एक व्यक्ति ऐसा है, जो परस्पर विरोधी भागीदारों के स्वामित्व में है; यदि वह उनमें से किसी एक को प्रसन्न करता है, तो किसी दूसरे को क्रोधित कर देता है। इस तरह वह हैरानी और उथल-पुथल में रहता है। जबकि दूसरा व्यक्ति एक ही आदमी के लिए विशिष्ट है। वही अकेला इसका मालिक है और यह उसकी मंशा को जानता है। इसलिए वह निश्चिंत और उसका मन शांत रहता है। ये दोनों व्यक्ति बराबर नहीं हो सकते। हर प्रकार की प्रशंसा अल्लाह के लिए है। लेकिन उनमें से अधिकांश नहीं जानते हैं। इसलिए वे अल्लाह के साथ उसके अलावा को साझी ठहराते हैं।
تفسیرهای عربی:
اِنَّكَ مَیِّتٌ وَّاِنَّهُمْ مَّیِّتُوْنَ ۟ؗ
(ऐ रसूल!) निश्चय आप मरने वाले हैं और निश्चय वे भी अनिवार्य रूप से मरने वाले हैं।
تفسیرهای عربی:
ثُمَّ اِنَّكُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ عِنْدَ رَبِّكُمْ تَخْتَصِمُوْنَ ۟۠
फिर (ऐ लोगो!) तुम क़ियामत के दिन अपने पालनहार के पास उन बातों को लेकर झगड़ोगे, जिनमें तुम वाद-विवाद किया करते हो। फिर यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन गलत है और कौन सही है।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• أهل الإيمان والتقوى هم الذين يخشعون لسماع القرآن، وأهل المعاصي والخذلان هم الذين لا ينتفعون به.
• ईमान और तक़्वा वाले ही वे लोग हैं, जो क़ुरआन सुनकर विनम्र हो जाते हैं, जबकि गुनाहगार और विफल लोग उससे लाभ नहीं उठाते हैं।

• التكذيب بما جاءت به الرسل سبب نزول العذاب إما في الدنيا أو الآخرة أو فيهما معًا.
• रसूलों के लाए हुए संदेश को झुठलाना, इस दुनिया में, या आख़िरत में, या दोनों में यातना के उतरने का कारण है।

• لم يترك القرآن شيئًا من أمر الدنيا والآخرة إلا بيَّنه، إما إجمالًا أو تفصيلًا، وضرب له الأمثال.
• क़ुरआन ने दुनिया और आख़िरत संबंधी किसी भी चीज़ को सार रूप से या विस्तार से स्पष्ट किए बिना नहीं छोड़ा, तथा उसके लिए उदाहरण भी प्रस्तुत किए हैं।

فَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنْ كَذَبَ عَلَی اللّٰهِ وَكَذَّبَ بِالصِّدْقِ اِذْ جَآءَهٗ ؕ— اَلَیْسَ فِیْ جَهَنَّمَ مَثْوًی لِّلْكٰفِرِیْنَ ۟
उससे बड़ा ज़ालिम कोई नहीं, जो अल्लाह के साथ सहभागी, पत्नी एवं संतान संबंधित करता है, जो उसकी महिमा के योग्य नहीं है। इसी तरह उससे बढ़कर अत्याचारी कोई नहीं, जो उस वह़्य को झुठलाए, जो अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम लेकर आए हैं। क्या अल्लाह का तथा उसके रसूल के लाए हुए संदेश का इनकार करने वालों का ठिकाना और निवास जहन्नम में नहीं है?! क्यों नहीं, निश्चित रूप से उनका ठिकाना और निवास उसी के अंदर है।
تفسیرهای عربی:
وَالَّذِیْ جَآءَ بِالصِّدْقِ وَصَدَّقَ بِهٖۤ اُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْمُتَّقُوْنَ ۟
जो नबी अथवा कोई अन्य व्यक्ति अपनी कथनी व करनी में सत्य लेकर आया और जिसने उसे मानते हुए उसकी पुष्टी की तथा उसके अनुसार अमल किया, वही लोग हक़ीक़त में अल्लाह का भय रखते हैं, जो अपने पालनहार के आदेशों का पालन करते हैं और उसकी मना की हुई वस्तुओं से दूर रहते हैं।
تفسیرهای عربی:
لَهُمْ مَّا یَشَآءُوْنَ عِنْدَ رَبِّهِمْ ؕ— ذٰلِكَ جَزٰٓؤُا الْمُحْسِنِیْنَ ۟ۚۖ
उनके लिए उनके पालनहार के यहाँ वह सारी कभी न ख़त्म होने वाली आनंद एवं सुख ही चीज़ें होंगी, जो वे चाहेंगे। यही बदला है उन सदाचारी बंदों का, जो अपने पैदा करने वाले अल्लाह तथा उसके बंदों के साथ अच्छा बरताव करते हैं।
تفسیرهای عربی:
لِیُكَفِّرَ اللّٰهُ عَنْهُمْ اَسْوَاَ الَّذِیْ عَمِلُوْا وَیَجْزِیَهُمْ اَجْرَهُمْ بِاَحْسَنِ الَّذِیْ كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
ताकि अल्लाह उनके बुरे कर्मों को, जो वे संसार में करते थे, क्षमा याचना एवं अपने पालनहार के सामने गिड़गिड़ाने के कारण माफ़ कर दे और उनके अच्छे कर्मों का, जो वे करते थे, प्रतिफल प्रदान करे।
تفسیرهای عربی:
اَلَیْسَ اللّٰهُ بِكَافٍ عَبْدَهٗ ؕ— وَیُخَوِّفُوْنَكَ بِالَّذِیْنَ مِنْ دُوْنِهٖ ؕ— وَمَنْ یُّضْلِلِ اللّٰهُ فَمَا لَهٗ مِنْ هَادٍ ۟ۚ
क्या अल्लाह अपने बंदे मुहम्मद सल्ल्लाहु अलैहि व सल्लम के धार्मिक एवं सांसारिक हितों की रक्षा और उन्हें उनके शत्रु से बचाने के लिए काफ़ी नहीं है?! क्यों नही, निश्चय वह आपके लिए काफी है। तथा (ऐ रसूल!) वे लोग अपनी अज्ञानता और मूर्खता के कारण, आपको उन मूर्तियों से डराते हैं, जिन्हें वे अल्लाह को छोड़कर पूजते हैं कि वे आपको कोई हानि पहुँचा देंगी। तथा जिसे अल्लाह असहाय छोड़ दे और उसे हिदायत की तौफ़ीक न दे, तो उसके लिए कोई मार्गदर्शक नहीं है, जो उसका मार्गदर्शन करे और उसे उसका सामर्थ्य प्रदान करे।
تفسیرهای عربی:
وَمَنْ یَّهْدِ اللّٰهُ فَمَا لَهٗ مِنْ مُّضِلٍّ ؕ— اَلَیْسَ اللّٰهُ بِعَزِیْزٍ ذِی انْتِقَامٍ ۟
और जिसे अल्लाह सीधा रास्ता दिखा दे, उसे कोई गुमराह करने वाला राह से हटा नहीं सकता। क्या अल्लाह प्रभुत्वशाली नहीं है, जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता और वह अपना इनकार करने वाले तथा अवज्ञा करने वाले से बदला लेने वाला नहीं है?! अवश्य ही, वह बड़ा प्रभुत्वशाली और बदला लेने वाला है।
تفسیرهای عربی:
وَلَىِٕنْ سَاَلْتَهُمْ مَّنْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ لَیَقُوْلُنَّ اللّٰهُ ؕ— قُلْ اَفَرَءَیْتُمْ مَّا تَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اِنْ اَرَادَنِیَ اللّٰهُ بِضُرٍّ هَلْ هُنَّ كٰشِفٰتُ ضُرِّهٖۤ اَوْ اَرَادَنِیْ بِرَحْمَةٍ هَلْ هُنَّ مُمْسِكٰتُ رَحْمَتِهٖ ؕ— قُلْ حَسْبِیَ اللّٰهُ ؕ— عَلَیْهِ یَتَوَكَّلُ الْمُتَوَكِّلُوْنَ ۟
और यदि आप (ऐ रसूल) इन बहूदेववादियों से प्रश्न करें कि आकाशों तथा धरती को किसने पैदा किया है? तो वे अवश्य कहेंगे कि अल्लाह ने उन्हें पैदा किया है। आप उनकी विवशता को ज़ाहिर करने के लिए कहिए कि तुम मुझे उन मूर्तियों के बारे में बताओ, जिन्हें तुम अल्लाह के सिवा पूजते हो कि यदि अल्लाह मुझे कोई हानि पहुँचाना चाहे, तो क्या ये उसकी हानि को मुझसे दूर कर सकती हैं? या मेरे साथ दया करना चाहे, तो क्या ये उसकी दया को रोक सकती हैं? आप कह दें कि मेरे लिए केवल अल्लाह ही काफ़ी है। उसी पर मैं अपने तमाम मामलों में भरोसा करता हूँ। और केवल उसीपर भरोसा करने वाले भरोसा करते हैं।
تفسیرهای عربی:
قُلْ یٰقَوْمِ اعْمَلُوْا عَلٰی مَكَانَتِكُمْ اِنِّیْ عَامِلٌ ۚ— فَسَوْفَ تَعْلَمُوْنَ ۟ۙ
(ऐ रसूल) आप कह देंः ऐ मेरी जाति के लोगो! तुमने शिर्क की जिस परिस्थिति को अपने लिए पसंद कर लिया है, उसी के अनुसार अमल करते रहो। मैं भी अपने पालनहार के आदेश अनुसार अमल करते हुए, लोगों को एकेश्वरवाद तथा केवल एक अल्लाह की बंदगी की ओर बुलाता रहूँगा। फिर शीघ्र ही तुम्हें पता जल जाएगा कि किस रास्ते का किया अंजाम है।
تفسیرهای عربی:
مَنْ یَّاْتِیْهِ عَذَابٌ یُّخْزِیْهِ وَیَحِلُّ عَلَیْهِ عَذَابٌ مُّقِیْمٌ ۟
तुम्हें शीघ्र ही मालूम हो जाएगा कि किसपर दुनिया में अपमानकारी यातना आएगी तथा आख़िरत में स्थायी सज़ा उतरेगी, जो न कभी रुकेगी, न कभी खत्म होगी।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• عظم خطورة الافتراء على الله ونسبة ما لا يليق به أو بشرعه له سبحانه.
• अल्लाह पर झूठा आरोप लगाना तथा उसकी आेर संतान की निसबत करना या उसकी शरीयत में नामुनासिब बातों को दाखिल करना बहुत ही संगीन जुर्म है।

• ثبوت حفظ الله للرسول صلى الله عليه وسلم أن يصيبه أعداؤه بسوء.
• इस बात का सबूत कि अल्लाह ने रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की इस बात से रक्षा की है कि आपके दुश्मन आपको कोई हानि पहुँचा सकें।

• الإقرار بتوحيد الربوبية فقط بغير توحيد الألوهية، لا ينجي صاحبه من عذاب النار.
• 'तौहीदे उलूहियत' के बिना केवल 'तौहीदे रुबूबियत' का इक़रार, इनसान को नरक की यातना से मुक्ति नहीं दिला सकता।

اِنَّاۤ اَنْزَلْنَا عَلَیْكَ الْكِتٰبَ لِلنَّاسِ بِالْحَقِّ ۚ— فَمَنِ اهْتَدٰی فَلِنَفْسِهٖ ۚ— وَمَنْ ضَلَّ فَاِنَّمَا یَضِلُّ عَلَیْهَا ۚ— وَمَاۤ اَنْتَ عَلَیْهِمْ بِوَكِیْلٍ ۟۠
निःसंदेह हमने (ऐ रसूल!) आपपर यह क़ुरआन लोगों के लिए सत्य के साथ उतारा है, ताकि आप उन्हें सावधान करें। अतः जो सीधे रास्ते पर आ गया, तो उसके सीधे रास्ते पर आने का लाभ उसी को होगा। उसके सीधे रास्ते पर आने से अल्लाह को कोई लाभ नहीं होगा। क्योंकि अल्लाह को उसकी आवश्यकता नहीं है। तथा जो सीधे मार्ग से भटक गया, तो उसके सीधे मार्ग से भटकने का नुकसान उसी को होगा। उसके पथ-भ्रष्ट होने से अल्लाह को कोई नुकसान नहीं पहुँचता। तथा आप उनके ऊपर नियुक्त नहीं हैं कि उन्हें सीधा रास्ता ग्रहण करने पर मजबूर करें। आपका काम केवल उन्हें वह बात पहुँचा देना है, जिसे पहुँचाने का आपको आदेश दिया गया है।
تفسیرهای عربی:
اَللّٰهُ یَتَوَفَّی الْاَنْفُسَ حِیْنَ مَوْتِهَا وَالَّتِیْ لَمْ تَمُتْ فِیْ مَنَامِهَا ۚ— فَیُمْسِكُ الَّتِیْ قَضٰی عَلَیْهَا الْمَوْتَ وَیُرْسِلُ الْاُخْرٰۤی اِلٰۤی اَجَلٍ مُّسَمًّی ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّقَوْمٍ یَّتَفَكَّرُوْنَ ۟
अल्लाह ही उन प्राणों को क़ब्ज़ करता है, जिनका निर्धारित समय खत्म हो चुका हो। और रहे वह, जिनका निर्धारित समय खत्म नही हुआ है, तो उनको नींद के समय क़ब्ज़ करता है। फिर जिसकी मौत का फ़ैसला हो चुका हो, उसे रोक लेता है और जिसकी मौत का फ़ैसला न हुआ हो, उसे अपने ज्ञान के उनुसार एक निर्धारित समय तक छोड़ देता है। अवश्य इस क़ब्ज़ करने तथा छोड़ने और मौत देने तथा जीवित रखने में, उन लोगों के लिए निशानियाँ हैं, जो इस बिंदु पर सोचते हैं कि वह हस्ती जो ऐसा करने की क्षमता रखती है, वह लोगों को मरने के पश्चात हिसाब व प्रतिफ़ल के लिए दोबारा ज़िंदा भी कर सकती है।
تفسیرهای عربی:
اَمِ اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ شُفَعَآءَ ؕ— قُلْ اَوَلَوْ كَانُوْا لَا یَمْلِكُوْنَ شَیْـًٔا وَّلَا یَعْقِلُوْنَ ۟
इन मुश्रिकों ने अपने कुछ बुतों को अपना सिफ़ारिशी बना लिया है और अल्लाह के स्थान पर उन्हीं से लाभ की उम्मीद लगाए बैठे हैं। ऐ रसूल! आप कह दें: क्या तुम इनको सिफ़ारिशी बनाकर ही रहोगे, यद्यपि वे अपने लिए और तुम्हारे लिए किसी चीज़ के मालिक न हों, और न ही कुछ समझ सकते हों? ये तो चेतना से खाली जड़ पदार्थ हैं, जो न बोलते हैं, न सुनते है, न देखते हैं, न लाभ दे सकते हैं और न क्षति पहुँचा सकते हैं।
تفسیرهای عربی:
قُلْ لِّلّٰهِ الشَّفَاعَةُ جَمِیْعًا ؕ— لَهٗ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— ثُمَّ اِلَیْهِ تُرْجَعُوْنَ ۟
ऐ रसूल! आप इन बहुदेववादियों से कह दें कि सारी अनुशंसा तो अल्लाह के अधिकार में है। उसकी अनुमति के बग़ैर कोई सिफ़ारिश नहीं कर सकता और सिफ़ारिश भी उसी की कर सकता है, जिससे अल्लाह राज़ी हो। आकाशों तथा धरती का राज्य उसी के लिए है। फिर उसी की ओर तुम क़ियामत के दिन लौटाए जाओगे, और वह तुम्हें तुम्हारे कर्मों का प्रतिफल देगा।
تفسیرهای عربی:
وَاِذَا ذُكِرَ اللّٰهُ وَحْدَهُ اشْمَاَزَّتْ قُلُوْبُ الَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ ۚ— وَاِذَا ذُكِرَ الَّذِیْنَ مِنْ دُوْنِهٖۤ اِذَا هُمْ یَسْتَبْشِرُوْنَ ۟
और जब अकेले अल्लाह का ज़िक्र किया जाता है, तो उन मुश्रिकों के दिल संकीर्ण होने लगते हैं, जो आख़िरत तथा उस दिन के जीवित होकर उठने, हिसाब-किताब और जज़ा-सज़ा पर ईमान नहीं रखते। परन्तु जब उन मूर्तियों का ज़िक्र किया जाता है, जिन्हें वे अल्लाह के सिवा पूजते हैं , तो बड़े प्रसन्न हो जाते हैं।
تفسیرهای عربی:
قُلِ اللّٰهُمَّ فَاطِرَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ عٰلِمَ الْغَیْبِ وَالشَّهَادَةِ اَنْتَ تَحْكُمُ بَیْنَ عِبَادِكَ فِیْ مَا كَانُوْا فِیْهِ یَخْتَلِفُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप कह दें: ऐ अल्लाह, आकाशों तथा धरती को किसी पूर्व नमूने के बिना पैदा करने वाले, परोक्ष तथा प्रत्यक्ष के जानने वाले, जिससे कोई वस्तु छिपी नही है! तू ही क़ियामत के दिन अपने बंदों के बीच उस बात का निर्णय करेगा, जिसके बारे में वे दुनिया में झगड़ रहे थे। अतः तू स्पष्ट कर देगा कि कौन सत्य पर था और कौन असत्य पर तथा कौन सौभाग्यशाली था और कौन दुर्भाग्यशाली।
تفسیرهای عربی:
وَلَوْ اَنَّ لِلَّذِیْنَ ظَلَمُوْا مَا فِی الْاَرْضِ جَمِیْعًا وَّمِثْلَهٗ مَعَهٗ لَافْتَدَوْا بِهٖ مِنْ سُوْٓءِ الْعَذَابِ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— وَبَدَا لَهُمْ مِّنَ اللّٰهِ مَا لَمْ یَكُوْنُوْا یَحْتَسِبُوْنَ ۟
अगर शिर्क और पापों के द्वारा स्वयं पर अत्याचार करने वालों के पास वह सब कुछ हो जाए, जो धरती पर क़ीमती वस्तुएँ, धन, आदि मौजूद है, और उसके साथ उतना ही और मिलकर दोगुना हो जाए; तो वे उस गंभीर यातना से बचने के लिए जो उन्होंने (क़ियामत के दिन) अपने पुनः जीवित होने के बाद देखी थी, वह सब कुछ फ़िदया (छुड़ौती) में दे देंगे। लेकिन धरती की सारी चीज़ें उनकी नहीं हो सकतीं। और यदि यह मान लिया जाए कि वे उनकी हो भी गईं, तो उन्हें उनकी ओर से स्वीकार नहीं किया जाएगा। तथा उनके लिए अल्लाह की ओर से ऐसी-ऐसी यातनाएँ सामने आएँगी, जिनकी उन्हें कोई उम्मीद नहीं थी।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• النوم والاستيقاظ درسان يوميان للتعريف بالموت والبعث.
• सोना और जागना, मरने और जीवित होकर उठने के दो पाठ हैं, जिनसे हर व्यक्ति प्रति दिन गुज़रता है।

• إذا ذُكِر الله وحده عند الكفار أصابهم ضيق وهمّ؛ لأنهم يتذكرون ما أمر به وما نهى عنه وهم معرضون عن هذا كله.
• जब काफ़िरों के सामने केवल अल्लाह का ज़िक्र आता है, तो उनके दिल संकीर्ण होने लगते हैं और वे शोकाकुल हो जाते हैं। क्योंकि उन्हें अल्लाह के आदेशों एवं उसके निषेधों की याद आ जाती है, जबकि वे उनसे मुँह मोड़े हुए हैं।

• يتمنى الكافر يوم القيامة افتداء نفسه بكل ما يملك مع بخله به في الدنيا، ولن يُقْبل منه.
• काफ़िर इस दुनिया में अपनी कंजूसी के बावजूद, क़ियामत के दिन अपने पास मौजूद सारी चीज़ें देकर खुद को यातना से बचाने की इच्छा करेगा, लेकिन यह उससे स्वीकार नहीं किया जाएगा।

وَبَدَا لَهُمْ سَیِّاٰتُ مَا كَسَبُوْا وَحَاقَ بِهِمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟
और उनके किए हुए शिर्क और गुनाह का दुष्परिणाम उनके सामने आ जाएगा और वही यातना उन्हें घेर लेगी, जिससे दुनिया में उन्हें डराया जाता, तो उसका मज़ाक उड़ाने लगते थे।
تفسیرهای عربی:
فَاِذَا مَسَّ الْاِنْسَانَ ضُرٌّ دَعَانَا ؗ— ثُمَّ اِذَا خَوَّلْنٰهُ نِعْمَةً مِّنَّا ۙ— قَالَ اِنَّمَاۤ اُوْتِیْتُهٗ عَلٰی عِلْمٍ ؕ— بَلْ هِیَ فِتْنَةٌ وَّلٰكِنَّ اَكْثَرَهُمْ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
जब काफ़िर इनसान को कोई बीमारी या ग़रीबी आदि आती है, तो हमसे उसे दूर करने की प्रार्थाना करता है। फिर जब हम उसे स्वास्थ्य एवं धन आदि के रूप में कोई नेमत देते हैं, तो कहता हैः "मुझे अल्लाह ने यह सब कुछ इस लिए प्रदान किया है, क्योंकि उसे पता है कि मैं इसका हक़दार हूँ।" जबकि सच्चाई यह है कि यह अल्लाह की ओर से आज़माइश और ढील है। किन्तु अधिकतर काफ़िर लोग इससे परिचित नहीं हैंं। यही कारण है कि वे अल्लाह की नेमतों के धोखे में पड़ जाते हैं।
تفسیرهای عربی:
قَدْ قَالَهَا الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ فَمَاۤ اَغْنٰی عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا یَكْسِبُوْنَ ۟
यही बात उनके पूर्ववर्ती काफ़िरों ने भी कही थीं। परन्तु उनका कमाया हुआ धन-सम्मान उनके कुछ काम न आया।
تفسیرهای عربی:
فَاَصَابَهُمْ سَیِّاٰتُ مَا كَسَبُوْا ؕ— وَالَّذِیْنَ ظَلَمُوْا مِنْ هٰۤؤُلَآءِ سَیُصِیْبُهُمْ سَیِّاٰتُ مَا كَسَبُوْا ۙ— وَمَا هُمْ بِمُعْجِزِیْنَ ۟
तो उन्हें अपने किए हुए शिर्क और गुनाह की बुराई के बदले ने घेर लिया। और इन उपस्थित लोगों में से भी जिन लोगों ने शिर्क और गुनाह के ज़रिए अपने ऊपर अत्याचार किया है, उन्हें भी पिछले लोगों की तरह उनके बुरे कर्मों का बदला घेर लेगा। और वे न अल्लाह की पकड़ से निकल सकते हैं और न उसे विवश कर सकते हैं।
تفسیرهای عربی:
اَوَلَمْ یَعْلَمُوْۤا اَنَّ اللّٰهَ یَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ یَّشَآءُ وَیَقْدِرُ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّقَوْمٍ یُّؤْمِنُوْنَ ۟۠
क्या इन मुश्रिकों ने यह बात कहते समय इस तथ्य को ध्यान में नहीं रखा कि अल्लाह जिसके लिए चाहता है, रोज़ी को फैला देता है, यह आज़माने के लिए कि वह शुक्र करता है या नाशुक्री?! और जिसके लिए चाहता है, रोज़ी को तंग कर देता है, यह जानने के लिए कि वह सब्र करता है या अल्लाह के निर्णय पर नाराज़गी जताता है?! निश्चित रूप से इस रोज़ी को फैलाने और तंग करने में, उन लोगों के लिए बहुत-से निर्देश हैं, जो ईमान रखते हैं, क्योंकि वही निर्देशों का लाभ उठाते हैं। रही बात काफ़िरों की, तो वे उनसे मुँह फेरकर गुज़र जाते हैं।
تفسیرهای عربی:
قُلْ یٰعِبَادِیَ الَّذِیْنَ اَسْرَفُوْا عَلٰۤی اَنْفُسِهِمْ لَا تَقْنَطُوْا مِنْ رَّحْمَةِ اللّٰهِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ یَغْفِرُ الذُّنُوْبَ جَمِیْعًا ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْغَفُوْرُ الرَّحِیْمُ ۟
(ऐ रसूल!) आप मेरे उन बंदों से कह दें, जिन्होंने अल्लाह के साथ शिर्क करके और गुनाहों में पड़कर अपने ऊपर अत्याचार किए हैं कि अल्लाह की दया और गुनाहों की माफ़ी से निराश न हों। अवश्य अल्लाह क्षमा याचना करने वालों के सारे पाप क्षमा कर देता है। निश्चय वह तौबा करने वालों के गुनाहों को क्षमा करने वाला और दयालु है।
تفسیرهای عربی:
وَاَنِیْبُوْۤا اِلٰی رَبِّكُمْ وَاَسْلِمُوْا لَهٗ مِنْ قَبْلِ اَنْ یَّاْتِیَكُمُ الْعَذَابُ ثُمَّ لَا تُنْصَرُوْنَ ۟
अपने पालनहार की आेर तौबा और अच्छे कर्मों के ज़रिए लाैट चलो और उसी के कहे के अनुसार चलो, इससे पहले कि प्रलय की यातना आ पहुँचे, फ़िर तुम अपनी मूर्तियों तथा परिवार के लोगों में से किसी को न पाओ, जो तुम्हें जहन्नम की यातना से बचाने में तुम्हारी सहायता करे।
تفسیرهای عربی:
وَاتَّبِعُوْۤا اَحْسَنَ مَاۤ اُنْزِلَ اِلَیْكُمْ مِّنْ رَّبِّكُمْ مِّنْ قَبْلِ اَنْ یَّاْتِیَكُمُ الْعَذَابُ بَغْتَةً وَّاَنْتُمْ لَا تَشْعُرُوْنَ ۟ۙ
तथा उस क़ुरआन का पालन करो, जो तुम्हारे पालनहार की ओर से उसके रसूल पर उतरने वाली सबसे उत्तम वाणी है। चुनांचे उसके आदेशों पर अमल करो और उसकी मना की हुई बातों से बचो, इससे पहले कि तुमपर अचानक यातना आ जाए और तुम्हें उसकी आहट तक महसूस न हो कि तौबा करके उसके लिए कुछ तैयारी कर सको।
تفسیرهای عربی:
اَنْ تَقُوْلَ نَفْسٌ یّٰحَسْرَتٰی عَلٰی مَا فَرَّطْتُ فِیْ جَنْۢبِ اللّٰهِ وَاِنْ كُنْتُ لَمِنَ السّٰخِرِیْنَ ۟ۙ
यह काम करते रहो। डर है कि क़ियामत के दिन कोई व्यक्ति मारे अफ़सोस के यह न कहे कि अफ़सोस है उस कोताही पर, जो मैंने कुफ़्र और गुनाह पर क़ायम रहकर अल्लाह के हक़ में की है और ईमान वालों तथा आज्ञाकारियों का मज़ाक उड़ाया है।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• النعمة على الكافر استدراج.
• काफ़िरों को दी जाने वाली नेमत, दरअसल अल्लाह की ओर से उसे दी जाने वाली ढील है।

• سعة رحمة الله بخلقه.
• अल्लाह अपने मखलूक़ पर बहुत ज़्यादा दयावान् है।

• الندم النافع هو ما كان في الدنيا، وتبعته توبة نصوح.
• फ़ायदा केवल उसी पछतावे से होता है, जो दुनिया में हो और उसके साथ ही खालिस दिल से तौबा भी कर ली जाए।

اَوْ تَقُوْلَ لَوْ اَنَّ اللّٰهَ هَدٰىنِیْ لَكُنْتُ مِنَ الْمُتَّقِیْنَ ۟ۙ
अथवा तक़दीर का बहाना बनाते हुए कहे कि यदि अल्लाह मुझे सामर्थ्य देता, तो मैं उससे डरने वाला बन जाता; उसके आदेशों का पालन करता तथा उसकी मना की हुई वस्तुओं से बचता।
تفسیرهای عربی:
اَوْ تَقُوْلَ حِیْنَ تَرَی الْعَذَابَ لَوْ اَنَّ لِیْ كَرَّةً فَاَكُوْنَ مِنَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟
या जब यातना नज़र आने लगे, तो कामना करते हुए कहे कि काश मुझे संसार मे फ़िरकर जाने मिलता, तो मैं अल्लाह से क्षमा याचना करता और उन लोगों में शामिल हो जाता, जो अच्छे कार्य करते हैं।
تفسیرهای عربی:
بَلٰی قَدْ جَآءَتْكَ اٰیٰتِیْ فَكَذَّبْتَ بِهَا وَاسْتَكْبَرْتَ وَكُنْتَ مِنَ الْكٰفِرِیْنَ ۟
तुम्हारी यह हिदायत की कामना सच्ची नहीं है। क्योंकि तुम्हारे पास हमारी निशानियाँ आई थीं, तो तुमने उन्हें झुठला दिया था और अभिमान किया था तथा तुम थे ही अल्लाह, उसकी निशानियों और उसके रसूलों का इनकार करने वाले लोग।
تفسیرهای عربی:
وَیَوْمَ الْقِیٰمَةِ تَرَی الَّذِیْنَ كَذَبُوْا عَلَی اللّٰهِ وُجُوْهُهُمْ مُّسْوَدَّةٌ ؕ— اَلَیْسَ فِیْ جَهَنَّمَ مَثْوًی لِّلْمُتَكَبِّرِیْنَ ۟
आप देखेंगे कि क़ियामत के दिन उन लोगों के चेहरे काले पड़े होंगे, जिन्होंने अल्लाह का साझी और संतान ठहराकर उसपर झूठ घड़ा था। यह उनके दुर्भाग्यशाली होने का प्रमाण होगा। क्या जहन्नम में उन लोगों का ठिकाना नहीं होगा, जो अल्लाह और उसके रसूल को अहंकार दिखाते हैं?! यकीनन, उसीमें उनका ठिकाना होगा।
تفسیرهای عربی:
وَیُنَجِّی اللّٰهُ الَّذِیْنَ اتَّقَوْا بِمَفَازَتِهِمْ ؗ— لَا یَمَسُّهُمُ السُّوْٓءُ وَلَا هُمْ یَحْزَنُوْنَ ۟
तथा अल्लाह उन लोगों को यातना से बचा लेगा, जो उसके आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचकर, उससे डरते रहे। वह उन्हें उनकी सफलता के स्थान अर्थात जन्नत में दाखिल करेगा। वहाँ न उन्हें पीड़ा छुएगा और न वे दुनिया के सुखों के छूटने पर शोक करेंगे।
تفسیرهای عربی:
اَللّٰهُ خَالِقُ كُلِّ شَیْءٍ ؗ— وَّهُوَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ وَّكِیْلٌ ۟
अल्लाह ही प्रत्येक वस्तु का पैदा करने वाला है, अतः उसके अलावा कोई दूसरा पैदा करने वाला नहीं है। तथा वही प्रत्येक वस्तु का संरक्षक है। वही सारे विषयों का प्रबंध करता है और जैसे चाहता है, दुनिया को चलाता है।
تفسیرهای عربی:
لَهٗ مَقَالِیْدُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَالَّذِیْنَ كَفَرُوْا بِاٰیٰتِ اللّٰهِ اُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْخٰسِرُوْنَ ۟۠
आकाशों तथा धरती की धन-संपत्तियों के खज़ानों की कुंजियाँ केवल उसी के पास हैं। वह जिसे चाहता है, धन-दौलत प्रदान करता है और जिसे चाहता है वंचित रखता है। तथा जिन लोगों ने अल्लाह की आयतों का इनकार किया, वही लोग क्षति में हैं। क्योंकि वे सांसारिक जीवन में ईमान की दौलत से वंचित रहे और आख़िरत में जहन्नम में प्रवेश करेंगे, जहाँ उन्हें हमेशा रहना पड़ेगा।
تفسیرهای عربی:
قُلْ اَفَغَیْرَ اللّٰهِ تَاْمُرُوْٓنِّیْۤ اَعْبُدُ اَیُّهَا الْجٰهِلُوْنَ ۟
ऐ रसूल! आप इन मुश्रिकों से कह दें, जो आपसे अपनी मूर्तियों की पूजा का मुतालबा करते हैंः ऐ नादानो! क्या तुम मुझे आदेश देते हो कि मैं अल्लाह के सिवा किसी और की वंदना करुँ? तो सुन लोः एक अल्लाह के सिवा कोई वंदना का हक़दार नहीं है। मैं उसके सिवा किसी की पूजा हरगिज़ नहीं करुँगा।
تفسیرهای عربی:
وَلَقَدْ اُوْحِیَ اِلَیْكَ وَاِلَی الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِكَ ۚ— لَىِٕنْ اَشْرَكْتَ لَیَحْبَطَنَّ عَمَلُكَ وَلَتَكُوْنَنَّ مِنَ الْخٰسِرِیْنَ ۟
(ऐ रसूल) अल्लाह ने आपकी ओर तथा आपसे पहले आने वाले रसूलों की आेर वह्य की है कि यदि तुमने अल्लाह के साथ किसी और की पूजा की, तो तुम्हारे सारे अच्छे कर्मों की नेकियाँ नष्ट हो जाएँगी और तुम घाटे में पड़ने वालों में से हो जाओगे। दुनिया में इस्लाम से वंचित होने का घाटा और आख़िरत में यातना में पड़ने का घाटा।
تفسیرهای عربی:
بَلِ اللّٰهَ فَاعْبُدْ وَكُنْ مِّنَ الشّٰكِرِیْنَ ۟
बल्कि आप केवल एक अल्लाह की वंदना करें और किसी को उसका साझी न बनाएँ। तथा उसने आपको जो नेमतें प्रदान की हैं, उनपर उसका शुक्र अदा करें।
تفسیرهای عربی:
وَمَا قَدَرُوا اللّٰهَ حَقَّ قَدْرِهٖ ۖۗ— وَالْاَرْضُ جَمِیْعًا قَبْضَتُهٗ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ وَالسَّمٰوٰتُ مَطْوِیّٰتٌ بِیَمِیْنِهٖ ؕ— سُبْحٰنَهٗ وَتَعٰلٰی عَمَّا یُشْرِكُوْنَ ۟
तथा बहुदेववादियों ने अल्लाह का सम्मान नहीं किया, जैसा सम्मान करना चाहिए था, जब उन्होंने अल्लाह की कमज़ोर एवं विवश मख़लूक़ को उसका साझी बनाया और उसकी क्षमता की अनदेखी की, जबकि उसकी क्षमता का एक प्रमाण यह है कि क़ियामत के दिन धरती अपने पर्वतों, पेड़ों तथा नहरों एवं समुद्रों समेत उसकी एक मुट्ठी में होगी, तथा सातों आकाश उसके दाहिने हाथ में लिपटे होंगे। इस शान का मालिक अल्लाह पवित्र तथा उच्च है उस शिर्क से, जो वे कर रहे हैं।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• الكِبْر خلق ذميم مشؤوم يمنع من الوصول إلى الحق.
• अभिमान एक बहुत बुरी बीमारी है, जो इनसान को सत्य से दूर कर देती है।

• سواد الوجوه يوم القيامة علامة شقاء أصحابها.
• क़ियामत के दिन चेहरे का काला होना दुर्भाग्य की निशानी होगी।

• الشرك محبط لكل الأعمال الصالحة.
• शिर्क सब नेकियों को नष्ट कर देता है।

• ثبوت القبضة واليمين لله سبحانه دون تشبيه ولا تمثيل.
• अल्लाह के लिए 'मुट्ठी' तथा 'दाहिने हाथ' का सबूत। अलबत्ता, न उनकी तशबीह दी जाएगी, न उदाहरण दिया जाएगा।

وَنُفِخَ فِی الصُّوْرِ فَصَعِقَ مَنْ فِی السَّمٰوٰتِ وَمَنْ فِی الْاَرْضِ اِلَّا مَنْ شَآءَ اللّٰهُ ؕ— ثُمَّ نُفِخَ فِیْهِ اُخْرٰی فَاِذَا هُمْ قِیَامٌ یَّنْظُرُوْنَ ۟
जिस दिन सूर फूँकने पर नियुक्त फ़रिश्ता नरसिंघा में फूँक मारेगा, तो जो भी आकाशों में और जो भी धरती पर हैं, सभी की मृत्यु हो जाएगी, सिवाय उसके जिसका मरना अल्लाह न चाहे। फिर वह फ़रिश्ता लोगों के पुन: जीवित होने के लिए उसमें दूसरी बार फूँकेगा, तो एकाएक सभी जीवित लोग खड़े होकर देख रहे होंगे कि अल्लाह उनके साथ क्या करता है।
تفسیرهای عربی:
وَاَشْرَقَتِ الْاَرْضُ بِنُوْرِ رَبِّهَا وَوُضِعَ الْكِتٰبُ وَجِایْٓءَ بِالنَّبِیّٖنَ وَالشُّهَدَآءِ وَقُضِیَ بَیْنَهُمْ بِالْحَقِّ وَهُمْ لَا یُظْلَمُوْنَ ۟
जब महिमावान पालनहार अपने बंदों के बीच निर्णय करने के लिए प्रकट होगा, तो धरती चमक उठेगी, और लोगों के कर्मपत्र खोलकर सामने रख दिए जाएँगे, और नबियों को लाया जाएगा, तथा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की उम्मत को नबियों के पक्ष में उनकी जातियों के विरुद्ध गवाही देने के लिए उपस्थित किया जाएगा, और अल्लाह समस्त लोगों के बीच न्याय के साथ फ़ैसला कर देगा और उस दिन लोगों पर किसी प्रकार का कोई अत्याचार नहीं होगा। अतः न किसी इनसान के गुनाह में कोई वृद्धि की जाएगी और न किसी की नेकी को घटाया जाएगा।
تفسیرهای عربی:
وَوُفِّیَتْ كُلُّ نَفْسٍ مَّا عَمِلَتْ وَهُوَ اَعْلَمُ بِمَا یَفْعَلُوْنَ ۟۠
और अल्लाह प्रत्येक प्राणी को उसके कर्मों का पूरा-पूरा बदला देगा। चाहे वह कर्म अच्छे हों अथवा बुरे। अल्लाह उनके कर्मों को भली-भाँति जानता है। उनके सुकर्म तथा कुकर्म में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है। वह उद दिन उन्हें उनके कर्मों का बदला भी देगा।
تفسیرهای عربی:
وَسِیْقَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اِلٰی جَهَنَّمَ زُمَرًا ؕ— حَتّٰۤی اِذَا جَآءُوْهَا فُتِحَتْ اَبْوَابُهَا وَقَالَ لَهُمْ خَزَنَتُهَاۤ اَلَمْ یَاْتِكُمْ رُسُلٌ مِّنْكُمْ یَتْلُوْنَ عَلَیْكُمْ اٰیٰتِ رَبِّكُمْ وَیُنْذِرُوْنَكُمْ لِقَآءَ یَوْمِكُمْ هٰذَا ؕ— قَالُوْا بَلٰی وَلٰكِنْ حَقَّتْ كَلِمَةُ الْعَذَابِ عَلَی الْكٰفِرِیْنَ ۟
तथा फ़रिश्ते, अल्लाह का इनकार करने वाले लोगों को अपमानित गिरोहों की शक्ल में जहन्नम की ओर हाँककर ले जाएँगे। यहाँ तक कि जब वे जहन्नम के पास पहुँच जाएँगे, तो उसके रक्षक के तौर पर नियुक्त फ़रिश्ते उसके द्वार खोल देंगे और उन्हें यह कहकर डाँटते हुए उनका स्वागत करेंगेः क्या तुम्हारे पास, तुम्हारे ही जैसे रसूल नहीं आए, जो तुम्हें तुम्हारे पालनहार की आयतें सुनाते तथा क़ियामत के दिन के सामना करने और उसकी यातना से डराते? तो काफ़िर लोग अपने गुनाह का इकरार करते हुए कहेंगेः क्यों नहीं?! आए तो थे। लेकिन काफ़िरों के हक में यातना की बात सिद्ध हो चुकी थी और हम काफ़िर थे।
تفسیرهای عربی:
قِیْلَ ادْخُلُوْۤا اَبْوَابَ جَهَنَّمَ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا ۚ— فَبِئْسَ مَثْوَی الْمُتَكَبِّرِیْنَ ۟
उनका अपमान करते हुए और उन्हें अल्लाह की दया से तथा जहन्नम से बाहर निकलने से निराश करते हुए कहा जाएगा : जहन्नम के द्वारों से उसमें प्रवेश कर जाओ, तुम्हें उसी में हमेशा के लिए रहना है। चुनाँचे घमंड करने वालों, सत्य पर अभिमान दिखाने वालों का ठिकाना बहुत बुरा है।
تفسیرهای عربی:
وَسِیْقَ الَّذِیْنَ اتَّقَوْا رَبَّهُمْ اِلَی الْجَنَّةِ زُمَرًا ؕ— حَتّٰۤی اِذَا جَآءُوْهَا وَفُتِحَتْ اَبْوَابُهَا وَقَالَ لَهُمْ خَزَنَتُهَا سَلٰمٌ عَلَیْكُمْ طِبْتُمْ فَادْخُلُوْهَا خٰلِدِیْنَ ۟
और फ़रिश्ते उन मोमिनों को, जो अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई वस्तुओं से बचकर उससे डरते थे, सम्मानित गिरोहों की शक्ल में, बड़ी विनम्रता से, जन्नत की ओर ले जाएँगे। यहाँ तक कि जब वे वहाँ पहुँच जाएँगे, तो जन्नत के द्वार खोल दिए जाएँगे, और वहाँ नियुक्त फ़रिश्ते उनसे कहेंगेः तुम्हारे लिए हर कष्ट तथा हर अप्रिय वस्तु से सलामती है। तुम्हारे दिल एवं कर्म पवित्र हैं। अतः, जन्नत में हमेशा रहने को प्रवेश कर जाओ।
تفسیرهای عربی:
وَقَالُوا الْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْ صَدَقَنَا وَعْدَهٗ وَاَوْرَثَنَا الْاَرْضَ نَتَبَوَّاُ مِنَ الْجَنَّةِ حَیْثُ نَشَآءُ ۚ— فَنِعْمَ اَجْرُ الْعٰمِلِیْنَ ۟
और जब ईमान वाले जन्नत में प्रवेश करेंगे, तो कहेंगेः सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने अपने रसूल के माध्यम से हमें जो वचन दिया था, उसे सच कर दिखाया। चुनांचे उसने वचन दिया था कि हमें जन्नत में प्रवेश करने का सौभाग्य प्रदान करेगा तथा हमें जन्नत की धरती का उत्तराधिकारी बनाएगा, हम स्वर्ग के अंदर जहाँ चाहेंगे, रहेंगे। चुनांचे उन लोगों का प्रतिफल क्या ही अच्छा है, जो अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए अच्छे कार्य करते हैं।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• ثبوت نفختي الصور.
• दो बार सूर में फूँक मारने का सबूत।

• بيان الإهانة التي يتلقاها الكفار، والإكرام الذي يُسْتَقبل به المؤمنون.
• उस अपमान का उल्लेख, जिसका सामना काफ़िर लोग करेंगे और उस सम्मान का वर्णन, जो ईमान वालों को प्राप्त होगा।

• ثبوت خلود الكفار في الجحيم، وخلود المؤمنين في النعيم.
• काफ़िरों का जहन्नम में और मोमिनों का जन्नत में सदैव रहने का सबूत।

• طيب العمل يورث طيب الجزاء.
• अच्छे कर्म से अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।

وَتَرَی الْمَلٰٓىِٕكَةَ حَآفِّیْنَ مِنْ حَوْلِ الْعَرْشِ یُسَبِّحُوْنَ بِحَمْدِ رَبِّهِمْ ۚ— وَقُضِیَ بَیْنَهُمْ بِالْحَقِّ وَقِیْلَ الْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟۠
उस दिन फ़रिश्ते अर्श को घेरे हुए होंगे। वे अल्लाह की, काफ़िरों की उन बातों से पाकी बयान कर रहे होंगे, जो उसकी शान के अनुरूप नहीं हैं। और अल्लाह सारी मखलूक़ के बीच न्याय के साथ निर्णय कर देगा और जिसे नेमतें देनी होंगी उसे नेमतें देगा तथा जिसे यातना देनी होगी, उसे यातना देगा। और कहा जाएगाः सारी प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जो सारी मख़लूकों का पालनहार है और जिसने अपने मोमिन बंदों के साथ दया का निर्णय किया तथा काफ़िरों को यातनाग्रस्त करने का निर्णय किया।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• الجمع بين الترغيب في رحمة الله، والترهيب من شدة عقابه: مسلك حسن.
• अल्लाह की रहमत व दया की तरगीब तथा उसकी सख्त यातना से डराना, दोनों बातें एक साथ हों तो बेहतर है।

• الثناء على الله بتوحيده والتسبيح بحمده أدب من آداب الدعاء.
• अल्लाह के एकत्व के साथ उसकी तारीफ़ करना तथा उसकी प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता बयान करना, दुआ के आदाब में से है।

• كرامة المؤمن عند الله؛ حيث سخر له الملائكة يستغفرون له.
• अल्लाह के निकट मोमिन के सम्मान का उल्लेख कि उसने फ़रिश्ते नियुक्त कर रखे हैं, जो मोमिन के लिए क्षमा माँगते रहते हैं।

 
ترجمهٔ معانی سوره: سوره زمر
فهرست سوره ها شماره صفحه
 
ترجمهٔ معانی قرآن کریم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - لیست ترجمه ها

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

بستن