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ترجمهٔ معانی قرآن کریم - ترجمه‌ى هندى کتاب مختصر در تفسير قرآن كريم * - لیست ترجمه ها


ترجمهٔ معانی سوره: احقاف   آیه:
وَاِذْ صَرَفْنَاۤ اِلَیْكَ نَفَرًا مِّنَ الْجِنِّ یَسْتَمِعُوْنَ الْقُرْاٰنَ ۚ— فَلَمَّا حَضَرُوْهُ قَالُوْۤا اَنْصِتُوْا ۚ— فَلَمَّا قُضِیَ وَلَّوْا اِلٰی قَوْمِهِمْ مُّنْذِرِیْنَ ۟
और (ऐ रसूल!) उस समय को याद करें, जब हमने आपकी ओर जिन्नों का एक समूह भेजा कि वे आपपर उतरने वाले क़ुरआन को सुनें। जब वे क़ुरआन सुनने के लिए आए, तो उन्होंने एक-दूसरे से कहा : खामोश हो जाओ, ताकि हम इसे ठीक से सुन सकें। फिर जब रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने क़ुरआन पढ़ना समाप्त किया, तो वे अपनी जाति के लोगों के पास लौटे, उन्हें डराते थे कि यदि वे इस क़ुरआन पर ईमान न लाए, तो उन्हें अल्लाह की यातना का सामना करना पड़ेगा।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا یٰقَوْمَنَاۤ اِنَّا سَمِعْنَا كِتٰبًا اُنْزِلَ مِنْ بَعْدِ مُوْسٰی مُصَدِّقًا لِّمَا بَیْنَ یَدَیْهِ یَهْدِیْۤ اِلَی الْحَقِّ وَاِلٰی طَرِیْقٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟
उन्होंने अपनी जाति से कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! हमने एक किताब सुनी है, जिसे अल्लाह ने मूसा (अलैहिस्सलाम) के बाद उतारा है। वह अल्लाह की ओर से अपने से पहले उतरने वाली किताबों की पुष्टि करती है। यह किताब जो हमने सुनी है, सत्य की ओर मार्गदर्शन करती है और सीधा मार्ग दिखाती है और वह इस्लाम का मार्ग है।
تفسیرهای عربی:
یٰقَوْمَنَاۤ اَجِیْبُوْا دَاعِیَ اللّٰهِ وَاٰمِنُوْا بِهٖ یَغْفِرْ لَكُمْ مِّنْ ذُنُوْبِكُمْ وَیُجِرْكُمْ مِّنْ عَذَابٍ اَلِیْمٍ ۟
ऐ मेरी जाति के लोगो! मुहम्मद ने तुम्हें जिस सत्य की ओर बुलाया है, उसे स्वीकार कर लो और इस बात पर ईमान ले आओ कि वह अपने पालनहार की ओर से एक रसूल हैं, अल्लाह तुम्हारे पापों को क्षमा कर देगा और तुम्हें उस दर्दनाक यातना से बचा लेगा, जो तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही है, यदि तुमने उस सत्य को स्वीकार न किया जिसकी ओर उन्होंने तुम्हें बुलाया है और इस बात पर ईमान न लाए कि वह अपने पालनहार की ओर से रसूल बनाकर भेजे गए हैं।
تفسیرهای عربی:
وَمَنْ لَّا یُجِبْ دَاعِیَ اللّٰهِ فَلَیْسَ بِمُعْجِزٍ فِی الْاَرْضِ وَلَیْسَ لَهٗ مِنْ دُوْنِهٖۤ اَوْلِیَآءُ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
और जो उस सत्य को नहीं मानेगा, जिसकी ओर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बुला रहे हैं, वह धरती में कहीं भागकर अल्लाह के वश से निकल नहीं सकता। और अल्लाह के सिवा उसके कोई सहायक नहीं होंगे, जो उसे यातना से बचा सकें। ये लोग स्पष्ट रूप से सत्य से भटके हुए हैं।
تفسیرهای عربی:
اَوَلَمْ یَرَوْا اَنَّ اللّٰهَ الَّذِیْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَلَمْ یَعْیَ بِخَلْقِهِنَّ بِقٰدِرٍ عَلٰۤی اَنْ یُّحْیِ الْمَوْتٰی ؕ— بَلٰۤی اِنَّهٗ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟
क्या पुनर्जीवन को झुठलाने वाले इन मुश्रिकों ने यह नहीं देखा कि वह अल्लाह जिसने आकाशों और धरती की रचना की और उनकी भव्यता और विशालता के बावजूद उन्हें बनाने में अक्षम नहीं हुआ, वह मुर्दों को हिसाब-किताब और बदले के लिए जीवित करने में सक्षम है?! क्यों नहीं! निश्चित रूप से वह उन्हें पुनर्जीवित करने में सक्षम है, क्योंकि वह महिमावान हर चीज़ पर सर्वशक्तिमान है। इसलिए वह मृतकों को पुनर्जीवित करने में असमर्थ नहीं हो सकता है।
تفسیرهای عربی:
وَیَوْمَ یُعْرَضُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا عَلَی النَّارِ ؕ— اَلَیْسَ هٰذَا بِالْحَقِّ ؕ— قَالُوْا بَلٰی وَرَبِّنَا ؕ— قَالَ فَذُوْقُوا الْعَذَابَ بِمَا كُنْتُمْ تَكْفُرُوْنَ ۟
और जिस दिन अल्लाह और उसके रसूल का इनकार करने वालों को आग के सामने लाया जाएगा, ताकि उन्हें उसकी यातना में डाला जाए और उन्हें फटकार लगाते हुए कहा जाएगा : क्या यह यातना जो तुम देख रहे हो, सत्य नहीं है?! या यह झूठ है जैसा कि तुम दुनिया में कहा करते थे?! वे कहेंगे : क्यों नहीं, हमारे पालनहार की क़सम! यह निश्चय सत्य है। तो उनसे कहा जाएगा : अल्लाह का इनकार करने के कारण यातना का स्वाद चखो।
تفسیرهای عربی:
فَاصْبِرْ كَمَا صَبَرَ اُولُوا الْعَزْمِ مِنَ الرُّسُلِ وَلَا تَسْتَعْجِلْ لَّهُمْ ؕ— كَاَنَّهُمْ یَوْمَ یَرَوْنَ مَا یُوْعَدُوْنَ ۙ— لَمْ یَلْبَثُوْۤا اِلَّا سَاعَةً مِّنْ نَّهَارٍ ؕ— بَلٰغٌ ۚ— فَهَلْ یُهْلَكُ اِلَّا الْقَوْمُ الْفٰسِقُوْنَ ۟۠
(ऐ रसूल!) आप अपनी जाति के लोगों के आपको झुठलाने पर उसी तरह धैर्य रखें, जिस तरह दृढ़ संकल्प वाले रसूलों : नूह, इबराहीम, मूसा और ईसा अलैहिमुस्सलाम ने धैर्य रखा। तथा उनके लिए यातना की जल्दी न करें। आपकी जाति के ये झुठलाने वाले लोग जब आख़िरत में वह यातना देख लेंगे, जिसका उनसे वादा किया जाता है, तो उन्हें अपनी यातना की दीर्घता के कारण ऐसा लगेगा कि वे दुनिया में दिन के एक घंटे से अधिक नहीं रहे। मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतरने वाला यह क़ुरआन तो संदेश का पहुँचा देना है और (यह) इनसानों एवं जिन्नों के लिए काफ़ी है। (अब) यातना से केवल वही लोग नष्ट किए जाएँगे, जो कुफ़्र और पापों के द्वारा अल्लाह की आज्ञाकारिता से निकल जाने वाले हैं।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• من حسن الأدب الاستماع إلى المتكلم والإنصات له.
• वक्ता की बात सुनना और उसके लिए चुप रहना अच्छे शिष्टाचार में से है।

• سرعة استجابة المهتدين من الجنّ إلى الحق رسالة ترغيب إلى الإنس.
• मार्गदर्शित जिन्नों का सत्य को स्वीकारने में जल्दी करना मानव जाति के लिए प्रोत्साहन का संदेश है।

• الاستجابة إلى الحق تقتضي المسارعة في الدعوة إليه.
• सत्य को स्वीकार करने के लिए आवश्यक है कि उसकी ओर बुलाने में जल्दी की जाए।

• الصبر خلق الأنبياء عليهم السلام.
• सब्र (धैर्य) नबियों (अलैहिमुस्सलाम) का आचरण है।

 
ترجمهٔ معانی سوره: احقاف
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