ترجمهٔ معانی قرآن کریم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - لیست ترجمه ها


ترجمهٔ معانی آیه: (31) سوره: سوره انفال
وَاِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِمْ اٰیٰتُنَا قَالُوْا قَدْ سَمِعْنَا لَوْ نَشَآءُ لَقُلْنَا مِثْلَ هٰذَاۤ ۙ— اِنْ هٰذَاۤ اِلَّاۤ اَسَاطِیْرُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
और जब उनके सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं, तो वे सत्य से वैर और अहंकार के कारण कहते हैं : हमने पहले भी ऐसा कुछ सुना है। अगर हम इस क़ुरआन जैसा कहना चाहें, तो निश्चय हम कह सकते हैं। यह क़ुरआन जो हमने सुना है, पहले लोगों की झूठी कहानियों के सिवा कुछ नहीं है। इसलिए हम इसपर हरगिज़ विश्वास नहीं करेंगे।
تفسیرهای عربی:
از فواید آیات این صفحه:
• الشكر نعمة عظيمة يزيد بها فضل الله تعالى، وينقص عند إغفالها.
• शुक्रिया अदा करना एक बहुत बड़ी नेमत है, जिससे अल्लाह का अनुग्रह बढ़ता है और उसकी उपेक्षा करने पर यह घट जाता है।

• للأمانة شأن عظيم في استقامة أحوال المسلمين، ما ثبتوا عليها وتخلقوا بها، وهي دليل نزاهة النفس واعتدال أعمالها.
• मुसलमानों की स्थितियों के ठीक (सुदृढ़) रहने में अमानतदारी का बहुत महत्व है, जब तक वे अमानतदारी पर क़ायम और उससे सुसज्जित हैं। अमानतदारी मन की पवित्रता और उसके कार्यों की शुद्धता का प्रमाण है।

• ما عند الله من الأجر على كَفِّ النفس عن المنهيات، خير من المنافع الحاصلة عن اقتحام المناهي لأجل الأموال والأولاد.
• अपने आपको निषिद्ध चीज़ों से दूर रखने का अल्लाह के पास जो प्रतिफल है, वह धन और संतान की खातिर निषिद्ध कार्यों को करने से प्राप्त होने वाले लाभों से बेहतर है।

• في الآيات بيان سفه عقول المعرضين؛ لأنهم لم يقولوا: اللَّهُمَّ إن كان هذا هو الحق من عندك فاهدنا إليه.
• इन आयतों में मुँह फेरने वालों की मूर्खता का उल्लेख है, क्योंकि उन्होंने यह नहीं कहा : ऐ अल्लाह! यदि तेरी ओर से यही सत्य है, तो उसकी ओर हमारा मार्गदर्शन कर।

• في الآيات فضيلة الاستغفار وبركته، وأنه من موانع وقوع العذاب.
• इन आयतों में क्षमा याचना की फ़ज़ीलत व बरकत तथा इस बात का उल्लेख है कि यह यातना को रोकने वाली चीज़ों में से है।

 
ترجمهٔ معانی آیه: (31) سوره: سوره انفال
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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