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ترجمهٔ معانی آیه: (52) سوره: سوره حجر
اِذْ دَخَلُوْا عَلَیْهِ فَقَالُوْا سَلٰمًا ؕ— قَالَ اِنَّا مِنْكُمْ وَجِلُوْنَ ۟
५२. की जेव्हा त्यांनी इब्राहीमजवळ येऊन सलाम केला, तेव्हा ते म्हणाले की आम्हाला तुमचे भय वाटते.१
(१) हजरत इब्राहीम (अलै.) यांना फरिश्त्यांचे भय अशामुळे वाटले की त्यांनी हजरत इब्राहीमचे तयार केलेले, भाजलेल्या वासरुचे मांस खाल्ले नाही. याचे वर्णन सूरह हूद मध्ये आहे. तात्पर्य अल्लाहच्या महान पैगंबरानाही परोक्ष (ग़ैबच्या) गोष्टींचे ज्ञान नव्हते जर त्यांना हे ज्ञान असते तर हजरत इब्राहीम यांनी जाणले असते की आलेले अतिथी फरिश्ते आहेत आणि त्यांच्या भोजनाची व्यवस्था करणे आवश्यक नाही. कारण फरिश्ते मानवांप्रमाणे खात-पित नाहीत.
تفسیرهای عربی:
 
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ترجمه ى معانى قرآن كريم به زبان مراتى. مترجم: محمد شفيع انصارى. ناشر: مؤسسه ى البر - بمبئی.

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