કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (26) સૂરહ: યૂનુસ
لِلَّذِیْنَ اَحْسَنُوا الْحُسْنٰی وَزِیَادَةٌ ؕ— وَلَا یَرْهَقُ وُجُوْهَهُمْ قَتَرٌ وَّلَا ذِلَّةٌ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ اَصْحٰبُ الْجَنَّةِ ۚ— هُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟
जिन लोगों ने अल्लाह के अनिवार्य किए हुए पूजा कार्यों (आज्ञाकारिता) को करके, तथा उसके निषिद्ध किए हुए पापों को त्यागकर अच्छा काम किया; उनके लिए सबसे अच्छा बदला अर्थात् जन्नत है, तथा उनके लिए इससे अधिक एक और वस्तु अर्थात् पवित्र अल्लाह के चेहरे के दर्शन का सौभाग्य है। और उनके चेहरों पर न धूल छाएगी और न ही उनपर तिरस्कार व अपमान छाएगा, एहसान के गुण से विशिष्ट यही लोग जन्नत वाले हैं, जिसमें वे सदैव रहेंगे।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• أعظم نعيم يُرَغَّب به المؤمن هو النظر إلى وجه الله تعالى.
• सबसे बड़ी नेमत, जिसके द्वारा एक मोमिन को प्रलोभित किया जा सकता है, वह अल्लाह तआला के चेहरे का दर्शन है।

• بيان قدرة الله، وأنه على كل شيء قدير.
• अल्लाह की शक्ति का वर्णन, और यह कि वह सभी चीजों पर सर्वशक्तिमान है।

• التوحيد في الربوبية والإشراك في الإلهية باطل، فلا بد من توحيدهما معًا.
• अल्लाह के एकमात्र रब होने का इक़रार करना और इबादत में किसी और को उसका साझी बनाना अमान्य व अस्वीकार्य है। अतः उसे एक साथ दोनों में एक मानना आवश्यक है।

• إذا قضى الله بعدم إيمان قوم بسبب معاصيهم فإنهم لا يؤمنون.
• यदि अल्लाह किसी क़ौम की अवज्ञा के कारण उसके ईमान न लाने का निर्णय कर दे, तो वह ईमान नहीं ला सकती।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (26) સૂરહ: યૂનુસ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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