કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (83) સૂરહ: યૂનુસ
فَمَاۤ اٰمَنَ لِمُوْسٰۤی اِلَّا ذُرِّیَّةٌ مِّنْ قَوْمِهٖ عَلٰی خَوْفٍ مِّنْ فِرْعَوْنَ وَمَلَاۡىِٕهِمْ اَنْ یَّفْتِنَهُمْ ؕ— وَاِنَّ فِرْعَوْنَ لَعَالٍ فِی الْاَرْضِ ۚ— وَاِنَّهٗ لَمِنَ الْمُسْرِفِیْنَ ۟
मूसा अलैहिस्सलाम की क़ौम ने मुँह फेरने की ठान रखी थी। चुनाँचे मूसा अलैहिस्सलाम पर (उनके प्रत्यक्ष निशानियों और स्पष्ट प्रमाणों को लाने के बाद भी) उनकी क़ौम बनू इसराईल के केवल कुछ युवाओं ने विश्वास किया, जबकि वे फ़िरऔन और उसकी क़ौम के सरदारों से डरे हुए थे कि उनका मामला अगर प्रकाश में आ गया, तो वे उन्हें यातना में डालकर उन्हें उनके ईमान से विचलित न कर दें। दरअसल, फिरऔन अभिमानी तथा मिस्र और उसके लोगों पर हावी व मुसल्लत था। तथा निःसंदेह वह कुफ़्र, बनू इसराईल की हत्या करने और उन्हें यातना देने में हद से आगे बढ़ा हुआ था।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• الثقة بالله وبنصره والتوكل عليه ينبغي أن تكون من صفات المؤمن القوي.
• अल्लाह पर और उसकी मदद पर विश्वास और उसपर भरोसा एक मज़बूत ईमान वाले व्यक्ति का प्रमुख गुण होना चाहिए।

• بيان أهمية الدعاء، وأنه من صفات المتوكلين.
• दुआ के महत्व का उल्लेख, और यह कि यह अल्लाह पर भरोसा रखने वालों की विशेषताओं में से एक है।

• تأكيد أهمية الصلاة ووجوب إقامتها في كل الرسالات السماوية وفي كل الأحوال.
• सभी आसमानी संदेशों और सभी परिस्थितियों में नमाज़ के महत्व और इसे स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।

• مشروعية الدعاء على الظالم.
• अत्याचार करने वाले व्यक्ति को बददुआ देना जायज़ है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (83) સૂરહ: યૂનુસ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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