કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (41) સૂરહ: હૂદ
وَقَالَ ارْكَبُوْا فِیْهَا بِسْمِ اللّٰهِ مَجْرٖىهَا وَمُرْسٰىهَا ؕ— اِنَّ رَبِّیْ لَغَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
और नूह ने अपनी जाति तथा अपने परिवार के ईमान लाने वाले लोगों को संबोधित करते हुए कहा : तुम लोग नाव में सवार हो जाओ। अल्लाह ही के नाम से इसका चलना और उसी के नाम से इसका ठहरना है। निःसंदेह मेरा पालनहार अपने तौबा करने वाले बंदों के गुनाहों को क्षमा करने वाला, उनपर दया करने वाला है। और मोमिनों पर उसकी दया ही का नतीजा है कि उसने उन्हें विनाश से बचा लिया।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• بيان عادة المشركين في الاستهزاء والسخرية بالأنبياء وأتباعهم.
• नबियों और उनके अनुयायियों का मज़ाक़ उड़ाने के बारे में उमुश्रिफों की आदत का वर्णन।

• بيان سُنَّة الله في الناس وهي أن أكثرهم لا يؤمنون.
• लोगों के बीच अल्लाह के नियम का वर्णन कि उनमें से अधिकांश विश्वास नहीं करते हैं।

• لا ملجأ من الله إلا إليه، ولا عاصم من أمره إلا هو سبحانه.
• अल्लाह से उसके सिवा कोई शरण स्थल (आश्रय) नहीं है, तथा उसके आदेश से उस महिमावान के सिवा कोई बचाने वाला नहीं है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (41) સૂરહ: હૂદ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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