કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (49) સૂરહ: હૂદ
تِلْكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ الْغَیْبِ نُوْحِیْهَاۤ اِلَیْكَ ۚ— مَا كُنْتَ تَعْلَمُهَاۤ اَنْتَ وَلَا قَوْمُكَ مِنْ قَبْلِ هٰذَا ۛؕ— فَاصْبِرْ ۛؕ— اِنَّ الْعَاقِبَةَ لِلْمُتَّقِیْنَ ۟۠
नूह अलैहिस्सलाम की यह कहानी ग़ैब की सूचनाओं में से है। हमारी इस वह़्य से पहले जो हमने आपकी ओर की है, (ऐ रसूल!) न आप इसे जानते थे और न ही आपकी जाति के लोग इसे जानते थे। अतः आप अपनी क़ौम की ओर से मिलने वाले कष्ट और उनके झुठलाने पर उसी प्रकार सब्र करें, जैसे नूह अलैहिस्लाम ने सब्र किया। निःसंदेह विजय एवं सफलता उन्हीं लोगों के लिए है, जो अल्लाह के आदेशों का पालन करते और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचते हैं।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• لا يملك الأنبياء الشفاعة لمن كفر بالله حتى لو كانوا أبناءهم.
• नबियों को अल्लाह के साथ कुफ़्र करने वालों की सिफ़ारिश करने का अधिकार नहीं है, भले ही वे उनके बेटे हों।

• عفة الداعية وتنزهه عما في أيدي الناس أقرب للقبول منه.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाले व्यक्ति का लोगों के हाथों में जो कुछ है, उससे पवित्र होना इस बात के अधिक योग्य है कि उसकी बात को स्वीकार किया जाए।

• فضل الاستغفار والتوبة، وأنهما سبب إنزال المطر وزيادة الذرية والأموال.
• क्षमा याचना और तौबा की विशेषता और यह कि वे बारिश के उतरने तथा संतान और धन में वृद्धि के कारण हैं।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (49) સૂરહ: હૂદ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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