કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (83) સૂરહ: યૂસુફ
قَالَ بَلْ سَوَّلَتْ لَكُمْ اَنْفُسُكُمْ اَمْرًا ؕ— فَصَبْرٌ جَمِیْلٌ ؕ— عَسَی اللّٰهُ اَنْ یَّاْتِیَنِیْ بِهِمْ جَمِیْعًا ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْعَلِیْمُ الْحَكِیْمُ ۟
उनके पिता ने उनसे कहा : तुमने उसके चोरी करने की जो बात बताई है, वास्तव में मामला वैसा नहीं है। बल्कि तुम्हारे दिलों ने तुम्हारे लिए इस बात को शोभित कर दिया है कि तुम उसके विरुद्ध भी उसी तरह चाल चलो, जिस तरह इससे पहले उसके भाई यूसुफ़ के विरुद्ध चाल चल चुके हो। इसलिए मेरा काम उत्तम सब्र करना है, जिसमें केवल अल्लाह ही से शिकायत है। उम्मीद है कि अल्लाह यूसुफ़, उसके सगे भाई और उनके बड़े भाई, सब को मेरे पास वापस ले आए। निःसंदेह वही पवित्र अल्लाह मेरे हाल से अवगत है और मेरे मामले के प्रबंधन में हिकमत वाला है।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• لا يجوز أخذ بريء بجريرة غيره، فلا يؤخذ مكان المجرم شخص آخر.
• किसी दूसरे के अपराध के लिए किसी निर्दोष को पकड़ना जायज़ नहीं है। इसलिए अपराधी की जगह किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं पकड़ा जाएगा।

• الصبر الجميل هو ما كانت فيه الشكوى لله تعالى وحده.
• उत्तम धैर्य वह है, जिसमें शिकायत केवल अल्लाह के सामने हो।

• على المؤمن أن يكون على تمام يقين بأن الله تعالى يفرج كربه.
• मोमिन को पूरी तरह से निश्चित होना चाहिए कि अल्लाह सर्वशक्तिमान उसके कष्ट को दूर करेगा।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (83) સૂરહ: યૂસુફ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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