કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (95) સૂરહ: અન્ નહલ
وَلَا تَشْتَرُوْا بِعَهْدِ اللّٰهِ ثَمَنًا قَلِیْلًا ؕ— اِنَّمَا عِنْدَ اللّٰهِ هُوَ خَیْرٌ لَّكُمْ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟
और अल्लाह की प्रतिज्ञा को थोड़ी सी क़ीमत से न बदलो कि उसकी प्रतिज्ञा को तोड़ दो और उसे पूरी न करो। वास्तविकता यह है कि इस संसार में अल्लाह जो विजय और ग़नीमत के धन प्रदान करेगा और आख़िरत में जो स्थायी आनंद प्रदान करेगा, वह तुम्हारे लिए उस थोड़े से मुआवज़े से बेहतर है, जो तुम्हें प्रतिज्ञा तोड़ने पर प्राप्त होता है, यदि तुम इस तथ्य को जानते हो।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• العمل الصالح المقرون بالإيمان يجعل الحياة طيبة.
• ईमान की दौलत से सुसज्जित नेक अमल जीवन को अच्छा बना देता है।

• الطريق إلى السلامة من شر الشيطان هو الالتجاء إلى الله، والاستعاذة به من شره.
• शैतान की बुराई से सुरक्षा का रास्ता अल्लाह का आश्रय लेना और शैतान की बुराई से अल्लाह की शरण माँगना है।

• على المؤمنين أن يجعلوا القرآن إمامهم، فيتربوا بعلومه، ويتخلقوا بأخلاقه، ويستضيئوا بنوره، فبذلك تستقيم أمورهم الدينية والدنيوية.
• मुसलमानों को क़ुरआन को अपना इमाम (पथ-प्रदर्शक) बनाकर उसके ज्ञान से शिक्षित होना चाहिए, उसके आचरण से सुसज्जित होना चाहिए और उसके प्रकाश से प्रकाश प्राप्त करना चाहिए। क्योंकि इसी से उनके धार्मिक और सांसारिक मामले ठीक हो सकते हैं।

• نسخ الأحكام واقع في القرآن زمن الوحي لحكمة، وهي مراعاة المصالح والحوادث، وتبدل الأحوال البشرية.
• वह़्य के उतरने के समय, ह़िकमत के तहत, क़ुरआन में अवतरित कुछ नियमों का निरस्तीकरण एक वास्तविकता है। वह ह़िकमत हितों और घटनाओं, तथा मानव स्थितियों के परिवर्तन का ख़याल रखना है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (95) સૂરહ: અન્ નહલ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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