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કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - હિન્દી ભાષામાં અલ્ મુખતસર ફી તફસીરિલ્ કુરઆનીલ્ કરીમ કિતાબનું અનુવાદ * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ બકરહ   આયત:
اِنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَالَّذِیْنَ هَادُوْا وَالنَّصٰرٰی وَالصّٰبِـِٕیْنَ مَنْ اٰمَنَ بِاللّٰهِ وَالْیَوْمِ الْاٰخِرِ وَعَمِلَ صَالِحًا فَلَهُمْ اَجْرُهُمْ عِنْدَ رَبِّهِمْ ۪ۚ— وَلَا خَوْفٌ عَلَیْهِمْ وَلَا هُمْ یَحْزَنُوْنَ ۟
इस उम्मत के जो लोग ईमान लाए, तथा इसी तरह मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नबी बनने से पहले पिछले समुदायों, जैसे यहूदियों, ईसाइयों और साबियों - ये किसी नबी को मानने वालों का एक समूह था - में से जो ईमान लाए, इनमें से जो सही मायने में अल्लाह तथा अंतिम दिन पर ईमान लाए; तो उनका सवाब उनके रब के पास है। वे आख़िरत में जिस चीज़ का सामना करने वाले हैं उसके बारे में उन्हें कोई भय नहीं है, तथा दुनिया में से जो चीज़ उनसे छूट गई है, उसके लिए उन्हें कोई मलाल नहीं होगा।
અરબી તફસીરો:
وَاِذْ اَخَذْنَا مِیْثَاقَكُمْ وَرَفَعْنَا فَوْقَكُمُ الطُّوْرَ ؕ— خُذُوْا مَاۤ اٰتَیْنٰكُمْ بِقُوَّةٍ وَّاذْكُرُوْا مَا فِیْهِ لَعَلَّكُمْ تَتَّقُوْنَ ۟
अल्लाह तथा उसके रसूलों पर ईमान लाने के उस पक्के वचन को याद करो, जो हमने तुमसे लिया था, और हमने तुम्हें डराने के लिए तथा वचन पर अमल न करने से सावधान करते हुए पहाड़ को तुम्हारे ऊपर उठा लिया, तुम्हें यह आदेश देते हुए कि हमारी उतारी हुई पुस्तक तौरात को पूरी शक्ति के साथ, बिना किसी लापरवाही और आलस्य के थाम लो, तथा जो कुछ उसमें है उसे याद कर लो और उसपर चिंतन-मनन करो। ताकि ऐसा करके, तुम अल्लाह के अज़ाब से बच जाओ।
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ تَوَلَّیْتُمْ مِّنْ بَعْدِ ذٰلِكَ ۚ— فَلَوْلَا فَضْلُ اللّٰهِ عَلَیْكُمْ وَرَحْمَتُهٗ لَكُنْتُمْ مِّنَ الْخٰسِرِیْنَ ۟
लेकिन अपने ऊपर दृढ़ वचन लिए जाने के बाद भी तुमने मुँह फेरा और अवज्ञा की। ऐसे में अगर अल्लाह ने अपनी कृपा से तुम्हें माफ़ न किया होता और अपनी दया से तुम्हारी तौबा क़बूल न करता, तो तुम इस विमुखता और अवज्ञा के कारण नुक़सान उठाने वालों में से होते।
અરબી તફસીરો:
وَلَقَدْ عَلِمْتُمُ الَّذِیْنَ اعْتَدَوْا مِنْكُمْ فِی السَّبْتِ فَقُلْنَا لَهُمْ كُوْنُوْا قِرَدَةً خٰسِـِٕیْنَ ۟ۚ
तुमने अपने उन पूर्वजों का समाचार संदेह रहित स्पष्ट रूप से जान लिया है, जिन्होंने शनिवार के दिन शिकार करके ज़्यादती की, जिसमें उनके लिए शिकार करना मना था। इसलिए उन्होंने इसके लिए यह चाल चली कि शनिवार से पहले जाल लगा दिया और रविवार को उसे निकाल लिया। चुनाँचे अल्लाह ने इन चालबाज़ों को उनकी चालबाज़ी की सज़ा के रूप में बहिष्कृत बंदर बना दिया।
અરબી તફસીરો:
فَجَعَلْنٰهَا نَكَالًا لِّمَا بَیْنَ یَدَیْهَا وَمَا خَلْفَهَا وَمَوْعِظَةً لِّلْمُتَّقِیْنَ ۟
तो हमने इस आक्रामक बस्ती को इसके आस-पास की बस्तियों के लिए एक इबरत तथा इसके बाद आने वाले के लिए एक इबरत बना दिया। ताकि कोई उस जैसा अमल करके उसी तरह के अज़ाब का हक़दार न बने। तथा हमने उसे उन डरने वालों के लिए अनुस्मारक बना दिया, जो अल्लाह की सज़ा और उसकी सीमाओं का उल्लंघन करने वालों से उसके बदला लेने से डरते हैं।
અરબી તફસીરો:
وَاِذْ قَالَ مُوْسٰی لِقَوْمِهٖۤ اِنَّ اللّٰهَ یَاْمُرُكُمْ اَنْ تَذْبَحُوْا بَقَرَةً ؕ— قَالُوْۤا اَتَتَّخِذُنَا هُزُوًا ؕ— قَالَ اَعُوْذُ بِاللّٰهِ اَنْ اَكُوْنَ مِنَ الْجٰهِلِیْنَ ۟
तथा अपने पूर्वजों के समाचार में से उस संवाद को याद करो, जो उनके और मूसा अलैहिस्सलाम के बीच हुआ। जब मूसा अलैहिस्सलाम ने उन्हें सूचित किया कि अल्लाह ने उन्हें एक गाय ज़बह करने का आदेश दिया है। तो उन्होंने अल्लाह के आदेश का पालन करने में जल्दी करने के बजाय हठपूर्वक कहा : क्या तुम हमारा मज़ाक़ उड़ा रहे हो?! मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा : मैं उन लोगों में शामिल होने से अल्लाह की शरण लेता हूँ, जो अल्लाह पर झूठ बोलते हैं और लोगों का मज़ाक़ उड़ाते हैं।
અરબી તફસીરો:
قَالُوا ادْعُ لَنَا رَبَّكَ یُبَیِّنْ لَّنَا مَا هِیَ ؕ— قَالَ اِنَّهٗ یَقُوْلُ اِنَّهَا بَقَرَةٌ لَّا فَارِضٌ وَّلَا بِكْرٌ ؕ— عَوَانٌ بَیْنَ ذٰلِكَ ؕ— فَافْعَلُوْا مَا تُؤْمَرُوْنَ ۟
उन्होंने मूसा अलैहिस्सलाम से कहा : अपने रब से प्रार्थना करो कि वह हमें उस गाय का विवरण समझाए जिसे उसने हमें ज़बह करने का आदेश दिया है। उन्होंने उनसे कहा : अल्लाह कहता है : वह एक ऐसी गाय है जो न तो बूढ़ी है और न ही बछड़ी, बल्कि वह दोनों के बीच मध्यम आयु की है। अत: अपने रब की आज्ञा का पालन करने में जल्दी करो।
અરબી તફસીરો:
قَالُوا ادْعُ لَنَا رَبَّكَ یُبَیِّنْ لَّنَا مَا لَوْنُهَا ؕ— قَالَ اِنَّهٗ یَقُوْلُ اِنَّهَا بَقَرَةٌ صَفْرَآءُ ۙ— فَاقِعٌ لَّوْنُهَا تَسُرُّ النّٰظِرِیْنَ ۟
उन्होंने अपने तर्क-वितर्क और हठ को जारी रखते हुए मूसा अलैहिस्सलाम से कहा : अपने पालनहार से प्रार्थना करो कि वह हमें समझाए कि उसका रंग क्या है। तो मूसा अलैहिस्सलाम ने उनसे कहा : अल्लाह कहता है : वह एक बहुत ही पीली गाय है, जो हर किसी को भा जाती है जो उसे देखता है।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• الحُكم المذكور في الآية الأولى لِمَا قبل بعثة النبي صلى الله عليه وسلم، وأما بعد بعثته فإن الدين المَرْضِيَّ عند الله هو الإسلام، لا يقبل غيره، كما قال الله تعالى: ﴿ وَمَنْ يَبْتَغِ غَيْرَ الْإِسْلَامِ دِينًا فَلَنْ يُقْبَلَ مِنْه ﴾ (آل عمران: 85).
• पहली आयत में उल्लिखित हुक्म नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पैग़ंबर बनाए जाने से पहले का है। परंतु आपके नबी बनाए जाने के बाद, अल्लाह के निकट एकमात्र पसंदीदा धर्म इस्लाम है, जिसके अलावा वह कोई अन्य धर्म स्वीकार नहीं करेगा। जैसा कि अल्लाह तआला ने फरमाया : {وَمَنْ يَبْتَغِ غَيْرَ الْإِسْلَامِ دِينًا فَلَنْ يُقْبَلَ مِنْه} (آل عمران: 85) ''और जो इस्लाम के अलावा कोई अन्य धर्म तलाश करे, तो वह उससे कदापि स्वीकार नहीं किया जाएगा।'' (सूरत आल-इमरान : 85)।

• قد يُعَجِّلُ الله العقوبة على بعض المعاصي في الدنيا قبل الآخرة؛ لتكون تذكرة يتعظ بها الناس فيحذروا مخالفة أمر الله تعالى.
• अल्लाह तआला कभी-कभी कुछ गुनाहों की सज़ा आख़िरत से पहले दुनिया ही में दे देता है, ताकि लोग इससे सीख ग्रहण करते हुए अल्लाह के आदेश का उल्लंघन करने से सावधान रहें।

• أنّ من ضيَّق على نفسه وشدّد عليها فيما ورد موسَّعًا في الشريعة، قد يُعاقَبُ بالتشديد عليه.
• जो अपने आप पर उस मामले में तंगी और सख़्ती करता है, जिसके विषय में शरीयत में विस्तार है, तो उस मामले में उसपर सख़्ती करके दंडित किया जा सकता है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ બકરહ
સૂરહ માટે અનુક્રમણિકા પેજ નંબર
 
કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - હિન્દી ભાષામાં અલ્ મુખતસર ફી તફસીરિલ્ કુરઆનીલ્ કરીમ કિતાબનું અનુવાદ - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા

તફસીર લિદ્ દિરાસતીલ્ કુરઆનિયહ કેન્દ્ર દ્વારા પ્રકાશિત.

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