કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (71) સૂરહ: અલ્ મુઅમિનૂન
وَلَوِ اتَّبَعَ الْحَقُّ اَهْوَآءَهُمْ لَفَسَدَتِ السَّمٰوٰتُ وَالْاَرْضُ وَمَنْ فِیْهِنَّ ؕ— بَلْ اَتَیْنٰهُمْ بِذِكْرِهِمْ فَهُمْ عَنْ ذِكْرِهِمْ مُّعْرِضُوْنَ ۟ؕ
यदि अल्लाह चीज़ों का संचालन और उनका प्रबंध उनके मन की इच्छाओं के अनुसार करने लगे, तो आकाशों और धरती की व्यवस्था बिगड़ जाए और उनमें जो भी मौजूद हैं सब बिगाड़ के शिकार हो जाएँ। क्योंकि वे चीजों के परिणामों, तथा सही और भ्रष्ट उपाय (प्रबंधन) से अनजान हैं। बल्कि, हम उनके पास वह क़ुरआन लेकर आए हैं, जिसमें उनकी प्रतिष्ठा और सम्मान है, तो वे इससे मुँह मोड़ने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• خوف المؤمن من عدم قبول عمله الصالح.
• मोमिन को इस बात का डर लगा रहता है कि कहीं उसका सत्य कर्म अस्वीकार न कर दिया जाए।

• سقوط التكليف بما لا يُسْتطاع رحمة بالعباد.
• अल्लाह ने बंदों पर दया करते हुए उनपर किसी ऐसे कार्य की ज़िम्मेवारी नहीं डाली है, जो उनकी शक्ति से बाहर हो।

• الترف مانع من موانع الاستقامة وسبب في الهلاك.
• विलासिता सीधे रास्ते पर चलने में रुकावट और विनाश का कारण है।

• قصور عقول البشر عن إدراك كثير من المصالح.
• मानव बुद्धि की बहुत सारे हितों का बोध करने में विफलता।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (71) સૂરહ: અલ્ મુઅમિનૂન
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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