કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (88) સૂરહ: અલ્ મુઅમિનૂન
قُلْ مَنْ بِیَدِهٖ مَلَكُوْتُ كُلِّ شَیْءٍ وَّهُوَ یُجِیْرُ وَلَا یُجَارُ عَلَیْهِ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟
आप उनसे पूछिए : कौन है वह, जिसके स्वामित्व में प्रत्येक वस्तु है, कोई चीज़ उसके स्वामित्व से निकल नहीं सकती, वह अपने बंदों में से जिसकी चाहे मदद करता है तथा जिसके साथ वह बुराई का इरादा करे उसे कोई उससे छुड़ा नहीं सकता कि उससे यातना को टाल दे। यदि तुम ज्ञान रखते हो, तो बताओ।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• عدم اعتبار الكفار بالنعم أو النقم التي تقع عليهم دليل على فساد فطرهم.
• काफिरों का नेमतों या अपने ऊपर आने वाली सज़ाओं से शिक्षा ग्रहण न करना, उनकी प्रकृति के भ्रष्ट होने का प्रमाण है।

• كفران النعم صفة من صفات الكفار.
• नेमतों की नाशुक्री काफिरों की विशेषता है।

• التمسك بالتقليد الأعمى يمنع من الوصول للحق.
• अंधा अनुकरण सच्चाई तक पहुँचने से रोकता है।

• الإقرار بالربوبية ما لم يصحبه إقرار بالألوهية لا ينجي صاحبه.
• अल्लाह के पालनहार होने का इक़रार नरक से नहीं बचा सकता, जब तक कि उसके साथ ही अल्लाह के एकमात्र पूज्य होने का भी इक़रार न किया जाए।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (88) સૂરહ: અલ્ મુઅમિનૂન
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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