કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (18) સૂરહ: અલ્ ફુરકાન
قَالُوْا سُبْحٰنَكَ مَا كَانَ یَنْۢبَغِیْ لَنَاۤ اَنْ نَّتَّخِذَ مِنْ دُوْنِكَ مِنْ اَوْلِیَآءَ وَلٰكِنْ مَّتَّعْتَهُمْ وَاٰبَآءَهُمْ حَتّٰی نَسُوا الذِّكْرَ ۚ— وَكَانُوْا قَوْمًا بُوْرًا ۟
वे पूज्य कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! तू इस बात से पवित्र है कि तेरा कोई साझी हो। हमारे लिए यह उचित नहीं था कि तुझे छोड़कर अन्य लोगों को संरक्षक बनाकर उनका संरक्षण ग्रहण करते, तो फिर हम तेरे बंदों से किस तरह आह्वान कर सकते थे कि वे तुझे छोड़कर हमारी पूजा करें?! लेकिन असल बात यह है कि तूने इन मुश्रिकों को दुनिया की सुख-सुविधाएँ प्रदान कीं और इनसे पहले इनके बाप-दादों को भी ढील देने के लिए धन-संपन्नता प्रदान की थी, यहाँ तक कि वे तेरी याद को भूला गए। इसलिए उन्होंने तेरे साथ दूसरों की पूजा की, तथा वे अपने दुर्भाग्य के कारण विनष्ट होने वाले लोग थे।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• الجمع بين الترهيب من عذاب الله والترغيب في ثوابه.
• अल्लाह की यातना से डराने के साथ-साथ उसके सवाब की प्रेरणा देना।

• متع الدنيا مُنْسِية لذكر الله.
• दुनिया की समृद्धि अल्लाह की याद को भुलाने वाली है।

• بشرية الرسل نعمة من الله للناس لسهولة التعامل معهم.
• रसूलों का इनसान होना अल्लाह की ओर से लोगों के लिए एक नेमत है, क्योंकि उनके साथ व्यवहार करना आसान होता है।

• تفاوت الناس في النعم والنقم اختبار إلهي لعباده.
• लोगों का नेमतों और निक़मतों (सज़ाओं) में अलग-अलग होना, अल्लाह की ओर से उसके बंदों के लिए एक परीक्षण है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (18) સૂરહ: અલ્ ફુરકાન
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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