કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (31) સૂરહ: અલ્ ફુરકાન
وَكَذٰلِكَ جَعَلْنَا لِكُلِّ نَبِیٍّ عَدُوًّا مِّنَ الْمُجْرِمِیْنَ ؕ— وَكَفٰی بِرَبِّكَ هَادِیًا وَّنَصِیْرًا ۟
ऐ रसूल! जिस प्रकार आपको आपके समुदाय द्वारा कष्ट दिया गया और लोगों को आपकी राह से रोका गया, उसी प्रकार हमने आपसे पूर्व नबियों में से प्रत्येक नबी के लिए उसके समुदाय के अपराधियों में से एक दुश्मन बना दिया। तथा आपका रब एक पथ-प्रदर्शक के रूप में पर्याप्त है जो सत्य का मार्गदर्शन करता है, तथा वह एक सहायक के रूप में पर्याप्त है, जो आपके शत्रु के विरुद्ध आपकी सहायता करता है।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• الكفر مانع من قبول الأعمال الصالحة.
• 'कुफ़्र' नेक कामों के क़बूल होने की राह में बाधा है।

• خطر قرناء السوء.
• बुरे साथियों का ख़तरा।

• ضرر هجر القرآن.
• क़ुरआन को छोड़ने का नुक़सान।

• من حِكَمِ تنزيل القرآن مُفَرّقًا طمأنة النبي صلى الله عليه وسلم وتيسير فهمه وحفظه والعمل به.
• क़ुरआन को थोड़ा-थोड़ा करके उतारने की हिकमतों में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के दिल को मज़बूत करना और उसके समझने, याद करने तथा अमल करने को सुविधाजनक बनाना शामिल हैं।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (31) સૂરહ: અલ્ ફુરકાન
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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