કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (57) સૂરહ: અલ્ કસસ
وَقَالُوْۤا اِنْ نَّتَّبِعِ الْهُدٰی مَعَكَ نُتَخَطَّفْ مِنْ اَرْضِنَا ؕ— اَوَلَمْ نُمَكِّنْ لَّهُمْ حَرَمًا اٰمِنًا یُّجْبٰۤی اِلَیْهِ ثَمَرٰتُ كُلِّ شَیْءٍ رِّزْقًا مِّنْ لَّدُنَّا وَلٰكِنَّ اَكْثَرَهُمْ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
मक्का के मुश्रिकों ने इस्लाम का पालन करने और उसपर ईमान लाने से बहाना करते हुए कहा : यदि हम इस इस्लाम का पालन करें जो आप लाए हैं, तो बहुत जल्द हमारे दुश्मन हमें हमारी भूमि से उठा ले जाएँगे। क्या हमने उन्हें ऐसे हरम में ठिकाना नहीं दिया, जिसमें रक्तपात और अत्याचार निषिद्ध है, जिसमें वे दूसरों के आक्रमण से सुरक्षित रहते हैं। जहाँ हर चीज़ के फल हमारी ओर से जीविका के तौर पर लाए जाते हैं?! परंतु उनमें से अधिकांश लोग अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों को जानते ही नहीं कि उनके लिए उसका आभार व्यक्त करें।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• فضل من آمن من أهل الكتاب بالنبي محمد صلى الله عليه وسلم، وأن له أجرين.
• किताब वालों में से नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर ईमान लाने वाले की श्रेष्ठता और यह कि उसके लिए दोहरा सवाब है।

• هداية التوفيق بيد الله لا بيد غيره من الرسل وغيرهم.
• सुपथ का सामर्थ्य प्रदान करने का मार्गदर्शन केवल अल्लाह के हाथ में है, उसके अलावा रसूलों और अन्य लोगों के हाथ में नहीं है।

• اتباع الحق وسيلة للأمن لا مَبْعث على الخوف كما يدعي المشركون.
• सत्य का पालन करना सुरक्षा का एक साधन है, भय का कारण नहीं, जैसा कि बहुदेववादियों का दावा है।

• خطر الترف على الفرد والمجتمع.
• व्यक्ति और समाज के लिए विलासिता का खतरा।

• من رحمة الله أنه لا يهلك الناس إلا بعد الإعذار إليهم بإرسال الرسل.
• यह अल्लाह की दया है कि वह लोगों को रसूलों को भेजकर उनके बहाना को समाप्त करने के बीद ही विनष्ट करता है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (57) સૂરહ: અલ્ કસસ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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