કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (83) સૂરહ: અલ્ કસસ
تِلْكَ الدَّارُ الْاٰخِرَةُ نَجْعَلُهَا لِلَّذِیْنَ لَا یُرِیْدُوْنَ عُلُوًّا فِی الْاَرْضِ وَلَا فَسَادًا ؕ— وَالْعَاقِبَةُ لِلْمُتَّقِیْنَ ۟
यह आख़िरत का घर, हम उन लोगों के लिए आनंद और सम्मान का घर बनाते हैं, जो धरती में सत्य को मानने और उसका पालन करने से अभिमान का इरादा नहीं रखते और उसमें बिगाड़ नहीं चाहते। तथा प्रशंसनीय परिणाम, जो कि जन्नत की नेमत और उसमें उतरने वाली अल्लाह की प्रसन्नता है, उन लोगों के लिए है, जो अपने पालनहार से उसके आदेशों का पालन करके और उनके निषेधों से बचकर डरते हैं।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• كل ما في الإنسان من خير ونِعَم، فهو من الله خلقًا وتقديرًا.
• इनसान में जो भी भलाई और नेमतें हैं, वे अल्लाह ही की पैदा की हुई और उसी की दी हुई हैं।

• أهل العلم هم أهل الحكمة والنجاة من الفتن؛ لأن العلم يوجه صاحبه إلى الصواب.
• वास्तव में, ज्ञान वाले ही हिकमत वाले और फ़ितनों से मुक्ति पाने वाले हैं, क्योंकि ज्ञान इनसान को सही रास्ता दिखाता है।

• العلو والكبر في الأرض ونشر الفساد عاقبته الهلاك والخسران.
• धरती में अभिमान, अहंकार और घमंड करने तथा उपद्रव फैलाने का परिणाम विनाश और हानि है।

• سعة رحمة الله وعدله بمضاعفة الحسنات للمؤمن وعدم مضاعفة السيئات للكافر.
• अल्लाह की विस्तृत दया और न्याय कि मोमिन के पुण्य को कई गुना बढ़ा देता है, किन्तु काफ़िर के पाप को नहीं बढ़ाता।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (83) સૂરહ: અલ્ કસસ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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