કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (164) સૂરહ: આલિ ઇમરાન
لَقَدْ مَنَّ اللّٰهُ عَلَی الْمُؤْمِنِیْنَ اِذْ بَعَثَ فِیْهِمْ رَسُوْلًا مِّنْ اَنْفُسِهِمْ یَتْلُوْا عَلَیْهِمْ اٰیٰتِهٖ وَیُزَكِّیْهِمْ وَیُعَلِّمُهُمُ الْكِتٰبَ وَالْحِكْمَةَ ۚ— وَاِنْ كَانُوْا مِنْ قَبْلُ لَفِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
वस्तुतः अल्लाह ने मोमिनों को अनुग्रह प्रदान किया और उन पर बड़ा उपकार किया है कि उनके अंदर उन्हीं में से एक रसूल भेजा, जो उन्हें क़ुरआन पढ़कर सुनाता है और उन्हें शिर्क (बहुदेववाद) और दुष्ट नैतिकता (दुराचार) से शुद्ध करता है, तथा उन्हें क़ुरआन और सुन्नत की शिक्षा देता है, हालाँकि वे इस रसूल के अवतरण से पूर्व संमार्ग से दूर खुली गुमराही में पड़े थे।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• النصر الحقيقي من الله تعالى، فهو القوي الذي لا يحارب، والعزيز الذي لا يغالب.
• वास्तविक मदद (विजय) अल्लाह की ओर से होती है। चुनाँचे वही वह शक्तिशाली है जिससे लड़ा नहीं जा सकता और वह प्रभुत्वशाली है जिसे परास्त नहीं किया जा सकता।

• لا تستوي في الدنيا حال من اتبع هدى الله وعمل به وحال من أعرض وكذب به، كما لا تستوي منازلهم في الآخرة.
• इस दुनिया में उस व्यक्ति की स्थिति जिसने अल्लाह के मार्गदर्शन का पालन किया और उसके अनुसार कार्य किया, तथा उस व्यक्ति की स्थिति जिसने मार्गदर्शन से मुँह मोड़ा और उसे झुठलाया, बराबर नहीं हो सकती। जिस तरह कि आख़िरत में उनके स्थान (पद) बराबर नहीं हो सकते।

• ما ينزل بالعبد من البلاء والمحن هو بسبب ذنوبه، وقد يكون ابتلاء ورفع درجات، والله يعفو ويتجاوز عن كثير منها.
• बंदे पर जो विपत्ति और संकट आती है, वह उसके गुनाहों के कारण आती है। कभी-कभी यह परीक्षण के तौर पर और पदों को बुलंद करने के लिए होती है। जबकि अल्लाह बहुत-से गुनाहों को माफ़ और नज़रअंदाज़ कर देता है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (164) સૂરહ: આલિ ઇમરાન
સૂરહ માટે અનુક્રમણિકા પેજ નંબર
 
કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

બંધ કરો