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કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - હિન્દી ભાષામાં અલ્ મુખતસર ફી તફસીરિલ્ કુરઆનીલ્ કરીમ કિતાબનું અનુવાદ * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અર્ રુમ   આયત:
قُلْ سِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَانْظُرُوْا كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلُ ؕ— كَانَ اَكْثَرُهُمْ مُّشْرِكِیْنَ ۟
(ऐ रसूल) आप इन मुश्रिकों से कह दें : धरती में चलो-फिरो, फिर विचार करो कि तुमसे पहले के झुठलाने वाले समुदायों का अंत कैसे हुआ? वास्तव में वह एक बुरा परिणाम था। उनमें से अधिकांश लोग अल्लाह का साझी बनाने वाले थे, उसके साथ अन्य को पूजते थे। चुनाँचे वे अल्लाह के साथ शिर्क करने के कारण नष्ट कर दिए गए।
અરબી તફસીરો:
فَاَقِمْ وَجْهَكَ لِلدِّیْنِ الْقَیِّمِ مِنْ قَبْلِ اَنْ یَّاْتِیَ یَوْمٌ لَّا مَرَدَّ لَهٗ مِنَ اللّٰهِ یَوْمَىِٕذٍ یَّصَّدَّعُوْنَ ۟
(ऐ रसूल) आप अपना चेहरा सीधे घर्म इस्लाम पर स्थापित रखें, जिसमें कोई टेढ़ापन नहीं है, इससे पहले कि क़ियामत का दिन आ जाए, जिसके आ जाने पर, उसे कोई टालने वाला नहीं होगा। उस दिन लोग अलग-अलग समूहों में होंगे : एक समूह जन्नत के अंदर नेमतों में होगा, और एक समूह जहन्नम के अंदर अज़ाब में ग्रस्त होगा।
અરબી તફસીરો:
مَنْ كَفَرَ فَعَلَیْهِ كُفْرُهٗ ۚ— وَمَنْ عَمِلَ صَالِحًا فَلِاَنْفُسِهِمْ یَمْهَدُوْنَ ۟ۙ
जिसने अल्लाह का इनकार किया, तो उसके इनकार का नुक़सान - जो कि हमेशा के लिए नरक में रहना है - उसी पर लौटने वाला है, और जिसने अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए अच्छा कार्य किया, तो ऐसे लोग अपने ही लिए जन्नत में दाखिल होने और उसकी नेमतों का आनंद लेने के लिए रास्ता हमवार कर रहे हैं। जिसमें वे हमेशा के लिए रहने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
لِیَجْزِیَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصَّلِحٰتِ مِنْ فَضْلِهٖ ؕ— اِنَّهٗ لَا یُحِبُّ الْكٰفِرِیْنَ ۟
ताकि अल्लाह अपने अनुग्रह और उपकार से उन लोगों को बदला दे, जो अल्लाह पर ईमान लाए और ऐसे अच्छे कार्य किए जो अल्लाह को पसंद हैं। अल्लाह उन लोगों से प्रेम नहीं करता, जो उसका और उसके रसूलों का इनकार करने वाले हैं। बल्कि उनसे सख़्त नाराज़ होता है और उन्हें क़ियामत के दिन यातना देगा।
અરબી તફસીરો:
وَمِنْ اٰیٰتِهٖۤ اَنْ یُّرْسِلَ الرِّیٰحَ مُبَشِّرٰتٍ وَّلِیُذِیْقَكُمْ مِّنْ رَّحْمَتِهٖ وَلِتَجْرِیَ الْفُلْكُ بِاَمْرِهٖ وَلِتَبْتَغُوْا مِنْ فَضْلِهٖ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُوْنَ ۟
तथा अल्लाह की शक्ति और एकता का संकेत देने वाली उसकी महान निशानियों में से एक यह है कि वह हवाओं को भेजता है, जो बंदों को बारिश उतरने के निकट होने की शुभ सूचना देती हैं, और ताकि वह तुम्हें (ऐ लोगो) बारिश के बाद होने वाली उर्वरता और समृद्धि के रूप में अपनी दया का स्वाद चखाए, और ताकि उसकी इच्छा से समुद्र में नावें चलें, और ताकि तुम समुद्र में व्यापार करके उसका अनुग्रह तलाश करो और ताकि तुम अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों का शुक्रिया अदा करो, तो वह तुम्हें और अधिक नेमतें प्रदान करे।
અરબી તફસીરો:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ رُسُلًا اِلٰى قَوْمِهِمْ فَجَآءُوْهُمْ بِالْبَیِّنٰتِ فَانْتَقَمْنَا مِنَ الَّذِیْنَ اَجْرَمُوْا ؕ— وَكَانَ حَقًّا عَلَیْنَا نَصْرُ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
निश्चित रूप से हमने (ऐ रसूल) आपसे पहले कई रसूल उनकी जातियों की ओर भेजे।चुनाँचे वे उनके पास अपनी सच्चाई को दर्शाने वाले प्रमाणों और तर्कों के साथ आए। परंतु उन्होंने उसको झुठला दिया जो उनके रसूल उनके पाल लेकर आए थे। इसलिए हमने बुराई करने वालों से बदला लिया और उन्हें अपनी यातना से विनष्ट कर दिया, जबकि हमने रसूलों और उनपर विश्वास रखने वालों को विनाश से बचा लिया। मोमिनों को बचाना और उनकी मदद करना, एक अधिकार है जो हमने अपने ऊपर अनिवार्य कर लिया है।
અરબી તફસીરો:
اَللّٰهُ الَّذِیْ یُرْسِلُ الرِّیٰحَ فَتُثِیْرُ سَحَابًا فَیَبْسُطُهٗ فِی السَّمَآءِ كَیْفَ یَشَآءُ وَیَجْعَلُهٗ كِسَفًا فَتَرَی الْوَدْقَ یَخْرُجُ مِنْ خِلٰلِهٖ ۚ— فَاِذَاۤ اَصَابَ بِهٖ مَنْ یَّشَآءُ مِنْ عِبَادِهٖۤ اِذَا هُمْ یَسْتَبْشِرُوْنَ ۟
महिमावान अल्लाह ही है, जो हवाओं को चलाता और भेजता है। फिर वे हवाएँ बादलों को उठाती और उन्हें स्थानांतरित करती हैं। फिर अल्लाह बादलों को आसमान में, कम या अधिक जैसे चाहता है, फैला देता है और उन्हें टुकड़े-टुकड़े बना देता है। फिर तुम (ऐ देखने वाले!) उन बादलों के बीच से बारिश को निकलते हुए देखते हो। फिर जब अल्लाह अपने बंदों में से जिसपर चाहता है, वर्षा बरसाता है, तो वे अपने ऊपर अल्लाह की उस बारिश बरसाने की दया से खुश हो जाते हैं, जिसके बाद धरती उनके और उनके जानवरों के लिए आवश्यक चीज़ें उगाती है।
અરબી તફસીરો:
وَاِنْ كَانُوْا مِنْ قَبْلِ اَنْ یُّنَزَّلَ عَلَیْهِمْ مِّنْ قَبْلِهٖ لَمُبْلِسِیْنَ ۟
जबकि वे अल्लाह के उनपर वर्षा बरसाने से पहले निश्चित रूप से उसके उतरने से निराश हो चुके थे।
અરબી તફસીરો:
فَانْظُرْ اِلٰۤی اٰثٰرِ رَحْمَتِ اللّٰهِ كَیْفَ یُحْیِ الْاَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا ؕ— اِنَّ ذٰلِكَ لَمُحْیِ الْمَوْتٰى ۚ— وَهُوَ عَلٰى كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟
अतः (ऐ रसूल) आप उस बारिश के प्रभावों को देखें, जिसे अल्लाह अपने बंदों के लिए दया के रूप में उतारता है कि अल्लाह किस तरह धरती को, उसके सूख जाने के बाद उसपर तरह-तरह के पौधे उगाकर, पुनर्जीवित कर देता है। निःसंदेह जिसने उस सूखी भूमि को पुनर्जीवित कर दिया, निश्चय वही मरे हुए लोगों को जीवित करके उठाने वाला है। और वह सब कुछ करने में सक्षम है, कोई चीज़ उसे विवश नहीं कर सकती।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• إرسال الرياح، وإنزال المطر، وجريان السفن في البحر: نِعَم تستدعي أن نشكر الله عليها.
• हवाओं को भेजना, बारिश उतारना और समुद्र में नावों का चलना : ऐसी नेमतें हैं, जो इस बात की अपेक्षा करती हैं कि हम उनपर अल्लाह का शुक्रिया अदा करें।

• إهلاك المجرمين ونصر المؤمنين سُنَّة إلهية.
• अत्याचारियों का विनाश करना तथा मोमिनों की मदद करना एक ईश्वरीय नियम है।

• إنبات الأرض بعد جفافها دليل على البعث.
• धरती का उसके सूख जाने के बाद पौधे उगाना, मरणोपरांत पुनर्जीवन का प्रमाण है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અર્ રુમ
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કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - હિન્દી ભાષામાં અલ્ મુખતસર ફી તફસીરિલ્ કુરઆનીલ્ કરીમ કિતાબનું અનુવાદ - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા

તફસીર લિદ્ દિરાસતીલ્ કુરઆનિયહ કેન્દ્ર દ્વારા પ્રકાશિત.

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