કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (54) સૂરહ: અર્ રુમ
اَللّٰهُ الَّذِیْ خَلَقَكُمْ مِّنْ ضُؔعْفٍ ثُمَّ جَعَلَ مِنْ بَعْدِ ضُؔعْفٍ قُوَّةً ثُمَّ جَعَلَ مِنْ بَعْدِ قُوَّةٍ ضُؔعْفًا وَّشَیْبَةً ؕ— یَخْلُقُ مَا یَشَآءُ ۚ— وَهُوَ الْعَلِیْمُ الْقَدِیْرُ ۟
अल्लाह वह है, जिसने (ऐ लोगो!) तुम्हें एक तुच्छ पानी (नुत्फ़े) से पैदा किया। फिर उसने तुम्हारी बचपन की कमज़ोरी के बाद जवानी की शक्ति बनाई, फिर जवानी की शक्ति के बाद पुढ़ापे की कमज़ोरी बनाई। अल्लाह जो भी कमज़ोरी और शक्ति चाहता है, पैदा करता है। और वह हर चीज़ को जानता है, उससे कोई चीज़ छिपी नहीं है। वह सर्वशक्तिमान है, जिसे कोई चीज़ विवश नहीं कर सकती।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• يأس الكافرين من رحمة الله عند نزول البلاء.
• जब विपत्ति आती है, तो काफ़िरों को अल्लाह की दया से निराशा होती है।

• هداية التوفيق بيد الله، وليست بيد الرسول صلى الله عليه وسلم.
• सुपथ पर चलने का सामर्थ्य प्रदान करना अल्लाह के हाथ में है, रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के हाथ में नहीं हैl

• مراحل العمر عبرة لمن يعتبر.
• मनुष्य की आयु के चरण उन लोगों के लिए एक सबक़ हैं, जो सबक़ लेना चाहें।

• الختم على القلوب سببه الذنوب.
• दिलों पर मुहर लगने का कारण, गुनाह हैं।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (54) સૂરહ: અર્ રુમ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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