કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (141) સૂરહ: અન્ નિસા
١لَّذِیْنَ یَتَرَبَّصُوْنَ بِكُمْ ۚ— فَاِنْ كَانَ لَكُمْ فَتْحٌ مِّنَ اللّٰهِ قَالُوْۤا اَلَمْ نَكُنْ مَّعَكُمْ ۖؗ— وَاِنْ كَانَ لِلْكٰفِرِیْنَ نَصِیْبٌ ۙ— قَالُوْۤا اَلَمْ نَسْتَحْوِذْ عَلَیْكُمْ وَنَمْنَعْكُمْ مِّنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ؕ— فَاللّٰهُ یَحْكُمُ بَیْنَكُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— وَلَنْ یَّجْعَلَ اللّٰهُ لِلْكٰفِرِیْنَ عَلَی الْمُؤْمِنِیْنَ سَبِیْلًا ۟۠
जो तुम्हें पहुँचने वाली अच्छाई या बुराई की प्रतीक्षा में रहते हैं। यदि अल्लाह की ओर से तुम्हें विजय प्राप्त होता है और तुम्हें ग़नीमत का धन मिलता है, तो वे तुमसे कहते हैं : क्या हम तुम्हारे साथ नहीं थे, जिस युद्ध में तुम उपस्थित हुए हम भी उपस्थित हुए?! ताकि वे ग़नीमत से हिस्सा पा सकें। और यदि काफ़िरों को कुछ हिस्सा मिल जाए, तो उनसे कहते हैं : क्या हमने तुम्हारे मामलों का ध्यान नहीं रखा, तुम्हारी देखभाल और समर्थन नहीं किया, तथा तुम्हारी मदद करके और उनका अत्साह भंग करके, मोमिनों से तुम्हारा बचाव नहीं किया?! अतः अल्लाह तुम सब के बीच क़ियामत के दिन निर्णय कर देगा। चुनाँचे मोमिनों को जन्नत में दाख़िल करेगा और मुनाफिक़ों को जहन्नम के सबसे निचले क्षेत्र में दाख़िल करेगा। तथा अल्लाह, अपनी कृपा से, क़ियामत के दिन काफ़िरों को मोमिनों के ख़िलाफ तर्क (हुज्जत) प्रदान नहीं करेगा, बल्कि वह अंतिम परिणाम ईमान वालों ही का बनाएगा जब तक वे सच्चे ईमान वाले, शरीयत के अनुसार कार्य करने वाले होंगे।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• بيان صفات المنافقين، ومنها: حرصهم على حظ أنفسهم سواء كان مع المؤمنين أو مع الكافرين.
• पाखंडियों की विशेषताओं का वर्णन, जिनमें से एक यह है किः वे अपने स्वार्थ के लालायित होते हैं, चाहे विश्वासियों के साथ हो या अविश्वासियों के साथ।

• أعظم صفات المنافقين تَذَبْذُبُهم وحيرتهم واضطرابهم، فلا هم مع المؤمنين حقًّا ولا مع الكافرين.
• पाखंडी लोगों की सबसे बड़ी विशेषता उनका असमंजस, संकोच और विकलता है। वे वास्तव में न तो विश्वासियों के साथ होते हैं और न ही अविश्वासियों के साथ।

• النهي الشديد عن اتخاذ الكافرين أولياء من دون المؤمنين.
• विश्वासियों के बजाय अविश्वासियों को मित्र बनाना सख़्त मना है।

• أعظم ما يتقي به المرء عذاب الله تعالى في الآخرة هو الإيمان والعمل الصالح.
• सबसे बड़ी चीज़ जिसके द्वारा मनुष्य आख़िरत में अल्लाह तआला के अज़ाब से बच सकता है वह ईमान और अच्छा कर्म है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (141) સૂરહ: અન્ નિસા
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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