કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (37) સૂરહ: અન્ નિસા
١لَّذِیْنَ یَبْخَلُوْنَ وَیَاْمُرُوْنَ النَّاسَ بِالْبُخْلِ وَیَكْتُمُوْنَ مَاۤ اٰتٰىهُمُ اللّٰهُ مِنْ فَضْلِهٖ ؕ— وَاَعْتَدْنَا لِلْكٰفِرِیْنَ عَذَابًا مُّهِیْنًا ۟ۚ
अल्लाह उन लोगों से प्रेम नहीं करता, जो अल्लाह के दिए हुए धन को खर्च नहीं करते, जो अल्लाह ने उन पर ज़रूरी कर दिया है तथा वे अपने कथन एवं कर्म से दूसरों को भी ऐसा करने का आदेश देते हैं। वे अल्लाह की दी हुई जीविका तथा ज्ञान आदि को छिपाते हैं। अतः वे लोगों के सामने सत्य को बयान नहीं करते हैं, बल्जाकि उसे छिपाकर रखते हैं और असत्य को ज़ाहिर करते हैं। ये दरअसल काफ़िरों की विशेषताएँ हैं और हमने काफ़िरों के लिए अपमानकारी यातना तैयार कर रखी है।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• ثبوت قِوَامة الرجال على النساء بسبب تفضيل الله لهم باختصاصهم بالولايات، وبسبب ما يجب عليهم من الحقوق، وأبرزها النفقة على الزوجة.
• पुरुषों का स्त्रियों के संरक्षक होने का सबूत। इसका कारण यह है कि अल्लाह ने पुरुषों को अभिभावक बनने की विशिष्टता प्रदान की है और इसलिए भी कि पुरुषों के ऊपर स्त्रियों के कई अधिकार वाजिब हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण अधिकार पत्नी के भरण-पोषण का दायित्व है।

• التحذير من البغي وظلم المرأة في التأديب بتذكير العبد بقدرة الله عليه وعلوه سبحانه.
• बंदे को यह याद दिलाकर कि अल्लाह उसपर शक्ति रखता है और वह सर्वोच्च है, अनुशासन करने में स्त्री पर ज़ुल्म एवं अत्याचार करने से सावधान करना।

• التحذير من ذميم الأخلاق، كالكبر والتفاخر والبخل وكتم العلم وعدم تبيينه للناس.
• बुरे व्यवहार से सावधान करना, जैसे घमंड, अभिमान, कृपणता, ज्ञान को छिपाना और उसे लोगों के सामने बयान न करना।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (37) સૂરહ: અન્ નિસા
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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