કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (31) સૂરહ: ફુસ્સિલત
نَحْنُ اَوْلِیٰٓؤُكُمْ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا وَفِی الْاٰخِرَةِ ۚ— وَلَكُمْ فِیْهَا مَا تَشْتَهِیْۤ اَنْفُسُكُمْ وَلَكُمْ فِیْهَا مَا تَدَّعُوْنَ ۟ؕ
हम सांसारिक जीवन में तुम्हारे सहायक थे। यही कारण है कि तुम्हें सही रास्ता दिखाते थे और तुम्हारी सुरक्षा करते थे। तथा आख़िरत में भी तुम्हारे सहायक हैं। इस तरह तुम्हें हमारा सहयोग हमेशा प्राप्त रहेगा। तुम्हें जन्नत में मज़े और आनंद की वह सारी चीज़ें मिलेंगी, जो तुम्हारे दिल चाहें और वहाँ तुम्हारी पसंद की वह सारी चीज़ें उपस्थित होंगी, जिनकी तुम इच्छा व्यक्त करो।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• منزلة الاستقامة عند الله عظيمة.
• इस्लाम पर दृढ़तापूर्वक डटे रहने का अल्लाह के यहाँ बड़ा ऊँचा स्थान है।

• كرامة الله لعباده المؤمنين وتولِّيه شؤونهم وشؤون مَن خلفهم.
• अल्लाह ने मोमिनों को बड़ा सम्मान दिया है तथा उनके और उनके पश्चात आने लोगों के मामलों की देख-रेख खुद अपने ऊपर ले रखी है।

• مكانة الدعوة إلى الله، وأنها أفضل الأعمال.
• अल्लाह की ओर बुलाने का महत्व और यह कि यह सबसे अच्छे कामों में से है।

• الصبر على الإيذاء والدفع بالتي هي أحسن خُلُقان لا غنى للداعي إلى الله عنهما.
• अत्याचार पर सब्र करना तथा बुरे व्यवहार के मुक़ाबले में अच्छा व्यवहार करना, दो ऐसे गुण हैं, जिनसे अल्लाह की ओर बुलाने वाला व्यक्ति बेनियाज़ नहीं हो सकता।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (31) સૂરહ: ફુસ્સિલત
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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