કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (18) સૂરહ: અશ્ શૂરા
یَسْتَعْجِلُ بِهَا الَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ بِهَا ۚ— وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مُشْفِقُوْنَ مِنْهَا ۙ— وَیَعْلَمُوْنَ اَنَّهَا الْحَقُّ ؕ— اَلَاۤ اِنَّ الَّذِیْنَ یُمَارُوْنَ فِی السَّاعَةِ لَفِیْ ضَلٰلٍۢ بَعِیْدٍ ۟
जो लोग क़ियामत के दिन पर विश्वास नहीं रखते, वे लोग उसकी जल्दी मचाते हैं। क्योंकि वे हिसाब, इनाम और सज़ा पर यक़ीन नहीं रखते। किंतु जो लोग अल्लाह पर ईमान रखते हैं, वे उससे भयभीत रहते हैं; क्योंकि वे उसमें अपने परिणाम से डरते हैं। तथा वे निश्चित रूप से जानते हैं कि वह ऐसा सत्य है जिसमें कोई संदेह नहीं। सुन लो, निश्चय जो लोग क़ियामत के बारे में बहस और झगड़ा करते हैं, तथा उसके आने के बारे में संदेह पैदा करते हैं, वे सच्चाई से बहुत दूर हैं।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• خوف المؤمن من أهوال يوم القيامة يعين على الاستعداد لها.
• क़ियामत की भयावहता से मोमिन का भय, उसके लिए तैयारी करने में मदद करता है।

• لطف الله بعباده حيث يوسع الرزق على من يكون خيرًا له، ويضيّق على من يكون التضييق خيرًا له.
• अल्लाह की अपने बंदों पर दया कि वह उस व्यक्ति की रोज़ी को विस्तृत कर देता है, जिसके हक़ में रोज़ी का विस्तार अच्छा होता है, तथा उस व्यक्ति की रोज़ी तंग कर देता है, जिसके हक़ में रोज़ी तंग करना अच्छा होता है।

• خطر إيثار الدنيا على الآخرة.
• दुनिया को आख़िरत पर तरजीह देने का खतरा।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (18) સૂરહ: અશ્ શૂરા
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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