કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (26) સૂરહ: અશ્ શૂરા
وَیَسْتَجِیْبُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ وَیَزِیْدُهُمْ مِّنْ فَضْلِهٖ ؕ— وَالْكٰفِرُوْنَ لَهُمْ عَذَابٌ شَدِیْدٌ ۟
और वह उन लोगों की दुआ क़बूल करता है, जो अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान लाए और सत्कर्म किए। और अपने अनुग्रह से उन्हें वे सारी चीज़ें भी प्रदान करता है, जो उन्होंने नहीं माँगी थीं। जबकि अल्लाह और उसके रसूलों का इनकार करने वालों के लिए कठोर यातना है, जो क़ियामत के दिन उनकी प्रतीक्षा कर रही है।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• الداعي إلى الله لا يبتغي الأجر عند الناس.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाला, लोगों से प्रतिफल नहीं माँगता।

• التوسيع في الرزق والتضييق فيه خاضع لحكمة إلهية قد تخفى على كثير من الناس.
• आजीविका में विस्तार और संकीर्णता अल्लाह की हिकमत के अधीन है, जो बहुत-से लोगों के लिए रहस्य हो सकता है।

• الذنوب والمعاصي من أسباب المصائب.
• पाप और अवज्ञा विपत्तियों के कारणों में से हैं।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (26) સૂરહ: અશ્ શૂરા
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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