કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (36) સૂરહ: અશ્ શૂરા
فَمَاۤ اُوْتِیْتُمْ مِّنْ شَیْءٍ فَمَتَاعُ الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ۚ— وَمَا عِنْدَ اللّٰهِ خَیْرٌ وَّاَبْقٰی لِلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَلٰی رَبِّهِمْ یَتَوَكَّلُوْنَ ۟ۚ
तुम्हें (ऐ लोगो!) जो भी धन, या पद, या संतान आदि दिया गया है, वह सांसारिक जीवन की सुख-सामग्री है, जो अस्थायी एवं समाप्त होने वाली है। हमेशा रहने वाली नेमत तो जन्नत की नेमत है, जिसे अल्लाह ने उन लोगों के लिए तैयार किया है, जो अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान लाए, तथा वे अपने सभी मामलों में केवल अपने पालनहार ही पर भरोसा रखते हैं।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• الصبر والشكر سببان للتوفيق للاعتبار بآيات الله.
• धैर्य और धन्यवाद (सब्र एवं शुक्र), अल्लाह की निशानियों से शिक्षा ग्रहण करने की तौफ़ीक़ के दो कारण हैं।

• مكانة الشورى في الإسلام عظيمة.
• इस्लाम में शूरा (परस्पर परामर्श) का स्थान बहुत महान है।

• جواز مؤاخذة الظالم بمثل ظلمه، والعفو خير من ذلك.
• ज़ालिम को उसके ज़ुल्म के समान सज़ा देना जायज़ है, परंतु क्षमा कर देना उससे बेहतर है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (36) સૂરહ: અશ્ શૂરા
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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